इस कविता के बारे में :
इस काव्य ‘हमारे बिहार में दिल टूटने पर UPSC क्लियर होता है’ को The Realistic Dice के लेबल के तहत अभिनव प्रताप ने लिखा और प्रस्तुत किया है।*****
राहें मंजिल मे चलते हुए अब ग़म चुनता हू
खुशियो को चुन्ना छोड़ दिया मैंने
मेरी नाकामयाबी पर कल आसमान
हस रहा था ज़मीन प़र आईना बिछाया ठोकर
मारकर तोड़ दिया मेंने
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हमरे यहा वीकएंड फ्राइडे स्ट्रडे और
संडे नहीं होता है हमरे लिए हफ्ता शुक्र
शनिचर और इतवार होता है और यह बर्गर
कोक फ्राय राइस ये सब ईन शहर वालों
के नखरे हैं हमरे लिए खाना लिटि चोखा
और आचार होता है
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और यह शहर वाले
प्यार करके टूट जाते हैं और जब हमारा दिल
टूटता है ना तो सिर पर सीधे यूपीएससी
सवार होता है आना मेरे गाव मे दिखाएंगे
तुमको की केसे सूरज को जमीन से प्यार
होता है और इतनी खूबियां है मेरे गाँव की तब
जाकर बिहार बिहार होता है
***
कि मैं गाँव का लड़का हू ये सड़के
इमारते शहर वहर तुम जानो
मैं तो वो लिखता हू जो दिल में आता है ये
काफिया रजिश वहर तुम जानो
***
रकीवो की कहानी में भी हो जाता है कुछ ऐसा
चला था दिल्लगी को जो वो आशिक बनके है लौटा
जिसे भेजा था उड़ने को परिंदों की सवारी प़र
परिंदे आ गए सारे मगर एक वो नहीं लौटा