इस कविता के बारे में :
इस काव्य ‘मेरी शादी में जरूर आना’ को G Talks के लेबल के तहत ‘गूँज चाँद’ ने लिखा और प्रस्तुत किया है।*****
हमारी प्यार के हर निशानी को
कहीं दफन कर आना
और कुछ घंटों के लिए ही सही
अपने दिल मे थोड़ा मन रख लाना
और वैसे तो अब हमारा कोई
रिश्ता नहीं यह जानती हूं मैं
***
पर अगले महिने मेरी शादी है
मेरी शादी में जरूर आना
हो सके तो अपना यह वादा तो
निभाना और मेरा हाथ पकड़कर
मुझे मंडप तक ले जाना
और अगर मंडप में बैठने की
हिम्मत ना कर पाउ मैं
***
तो मुझे अपनी की गयी बेवफ़ाई
याद दिलाना और सुनो
अगले महीने मेरी शादी है
मेरी शादी में जरूर आना
तुम्हारे जो दोस्त मुझे भाभी कहते थे
उन्हें भी अपने साथ ले आना
और अपनी बेवफ़ाई का
नतीज़ा उनको भी दिखाना
***
और सुना है कि तुम्हारे शहर
की मेहंदी बहुत गहरी रचती है
तो आते समय शगुन की मेहंदी
भी ले आना और सुनो
अगले महीने मेरी शादी है
मेरी शादी में जरूर आना
कि कुछ रिश्ते बनाए थे मैंने
तुम्हारे घरवालो के साथ
आते आते उन्हें भी मेरा सॉरी
***
बोल आना और बातों बातों में
काम की बात तो करना भूली गयी
तुम अपनी नयी गर्लफ्रेंड को
भी अपने साथ लेते आना
और सुनो
अगले महीने मेरी शादी है
मेरी शादी में जरूर आना