इस कविता के बारे में :
द रियलिस्टिक डाइस के लिए यह खूबसूरत कविता ‘वो पागल मेरा इंतजार करती है’कान्हा कंबोज द्वारा प्रस्तुत की गई है और यह भी उनके द्वारा लिखी गई है जो बहुत सुंदर है।*****
है बस वही एक जिम्मेदार
इस हालत का
चलो अब तो कर रहे हैं कारोबार
इस हालत का
गले लगकर कहा उसने कभी
देखना तुम्हें रहेगा मलाल
इस हालत का
हालात देख बदली थी
***
हालत अपनी
अब तो हो गया हूं तलबगार
इस हालत का
एक पागल बनना चाहता है
मुझ पागल सा
वो पागल भी कर रहा है इन्तजार
इस हालत का
बड़े शौक से सुनाते हो
किस्सा-ए-बर्बादी
तुम्हारे सर चढ़ गया है खुमार
इस हालत का
***
जानता हूं है यही हकीकत पर
भरोसा करना मुश्किल है
हकीकत पर
चल ना रख हमसे कोई
वास्ता यार
***
तू सुन तो ले एक बार हकीकत पर
हर हकीकत की हकीकत यही है
झूठ भारी रहा है हर हकीकत पर
किसी और की कहानी से नहीं
होती मुकम्मल गजलें
मियां लिखना पड़ता है
***
अपनी हकीकत पर
जुबां तो करती है लफ्जों
से फरेब साहब
आँखें बयां कर देती है हकीकत पर
सब तो झूठ लिख रहे हैं ‘कान्हा’
तुमने ये क्या लिख डाला हकीक़त पर।