इस्लाम धर्म में दिन भर में फिक्स्ड टाइम पर पांच बार नमाज पढ़ना फ़र्ज़ (अनिवार्य ) है। पांचों नमाजों का टाइम पहले से तय है। नमाज से कुछ समय पहले अज़ान दी जाती है। क्या आपने कभी सोचा कि ये जो अज़ान होती है उसका मतलब क्या होता है? नहीं न। कोई बात नहीं। बहुत से मुसलमान अज़ान का मतलब नहीं जानते। चलिए, आज मैं आपको अज़ान के एक-एक लाइन का मतलब बताता हूँ ।
नमाज़ का वक़्त होने और मस्ज़िद में नमाज़ के लिए आमंत्रित करने के संकेत के रूप में नमाज से लगभग 15 मिनट पहले अज़ान दी जाती है। मर्द लोग मस्जिद में ज़मात के साथ नमाज अदा करते हैं और औरतें घरों में नमाज़ पढ़ती हैं। मस्जिद से अज़ान होने के कारण सभी लोग ठीक टाइम पर नमाज अदा कर लेते हैं।
अज़ान और उसका मतलब
अज़ान अरबी भाषा में है। अज़ान के शब्द और उनके मतलब ये हैं –अल्लाहु अक़बर, अल्लाहु अक़बर, अल्लाहु अक़बर, अल्लाहु अक़बर
(अल्लाह सबसे बड़ा है, अल्लाह सबसे बड़ा है,अल्लाह सबसे बड़ा है,अल्लाह सबसे बड़ा है )
अशशहदु अल्लाह इलाह इल्लल्लाह
( मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है )
अशशहदु अल्लाह इलाह इल्लल्लाह
(मैं गवाही देता हूँ कि अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं है )
अशशहदु अन्ना मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह
(मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद स. अल्लाह के रसूल हैं )
अशशहदु अन्ना मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह
(मैं गवाही देता हूँ कि मुहम्मद स. अल्लाह के रसूल हैं )
हैया अलस्सला , हैया अलस्सला
(आओ नमाज की तरफ, आओ नमाज की तरफ )
हैया अलल फलाह, हैया अलल फलाह
(आओ कामयाबी की तरफ, आओ कामयाबी की तरफ )
अल्लाहु अक़बर, अल्लाहु अक़बर,
(अल्लाह सबसे बड़ा है,अल्लाह सबसे बड़ा है)
ला इलाह इल्लल्लाह
(अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक नहीं )
पांचों टाइम की अज़ान एक ही तरह की है। सिर्फ फज़िर की अज़ान (सूरज निकलने से पहले की नमाज के लिए अज़ान) में लास्ट में दो बार अल्लाहु अकबर कहने के बाद ये कहा जाता है –
अस्सलातु खैरूम मिनन नौम (नमाज नींद से बेहतर है )
अज़ान में बार बार लोगों को याद दिलाया जाता है कि अल्लाह ही सबसे बड़ा है। पहले अल्लाह, बाकि सभी चीजें उसके बाद। इसलिए जब अज़ान हो तो सारे काम छोड़ कर नमाज के लिए जाना चाहिए। मस्जिद से पुकार आती है कि आओ नमाज की तरफ, आओ कामयाबी की तरफ और लेकिन बहुत से लोग अपने कामों में या गप शप में लगे रह जाते हैं। क्या आप भी?
अल्लाह ने नमाज़ में ही दुनिया और दुनिया के बाद की जिंदगी की कामयाबी रखी है। लेकिन लोग सिर्फ अपने दम पर कामयाब होना चाहते हैं। जिंदगी भर कोशिशों में उलझे रह जाते हैं। जबकि अल्लाह को राज़ी रखें तो मुश्किल काम भी आसानी से हो जाएँ।
तो इस तरह से आज आपने अज़ान का पूरा मतलब समझ लिया। लेकिन सिर्फ जानने समझने से काम नहीं चलेगा। आज आप खुद से वादा कीजिये कि शैतान के बहकावे में नहीं आएंगे और अज़ान सुनते ही सारे काम रोक कर नमाज अदा करेंगे।
अल्लाह बहुत दयालु है। रहीम है, क़रीम है। हर छोटे बड़े दीनी कामों में हमें नेकी से नवाजता है। अगर आप ये अज़ान और नमाज की जानकारी दूसरे लोगों के साथ शेयर करेंगे तो उसमें भी आप को नेकी मिलेगी और यही छोटी छोटी नेकियां मौत के बाद हमें जहन्नम से बचने में बहुत मददगार होंगी।
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जज़ाकल्लाहु खैरन।
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