luti gaeni yari me prem ke bemari me लूटी गईनी यारी में प्रेम के बेमारी में

बिना तरईन के , चान न होला , बिना सूरज के धाम ना होला।

प्रेमी भलही पुराना हो जाला , बाकी प्रेम कबहु पुराना न होला।

लूटी गईनी यारी में , प्रेम के बेमारी में।

लूटी गईनी यारी में , लूटी गईनी यानी में ,

प्रेम के बेमारी में , लूटी गई नी यारी में , प्रेम के बेमारी में।

जब नैना चार हो गईल , अचके में प्यार हो गईल ,

नैन छुरी से कटारी हो गईल , नैन छुरी से कटारी हो गईल।

रुप के दुनिया पुजारी हो गईल , केहू जब नजरिया में बस जाला ,

तो जान जाई प्रेम के पुजारी हो गईल।

जब नैना चार हो गईल , अचके के में प्यार हो गईल।

वादा कईके बतावा टरीके तरे , वादा कईके बतावा टरीके तरे।

उनका नेकी के करजा भरी के तरे , बात उनसे बतौला में सरम लागेला

प्यार में उनके नाहीं करी के तरे

जब नैना चार हो गईल , अचके में प्यार हो गईल ,

जब नैना चार हो गईल , अचके में प्यार हो गईल ,

मिलेके ….. मिलेके , मिलेके करार हो गईल ,घर के पिछुवारी में।

मिलेके ….. मिलेके , मिलेके करार हो गईल ,घर के पिछुवारी में।

लुट गईनी यारी में प्रेम के बीमारी में।

बात गोरी उसुकाईके , धीरे से मुस्काईके ,

प्यार के बूंद जो बरस देत ,प्यार के बूंद जो बरस देत

रूप के बाह में जो कस देत , ईसब महफिल जवान होजाई

तनीको खुलके जो हंस देत

बात गोरी उसुकाईके , धीरे से मुस्काईके ,

बात गोरी उसुकाईके , धीरे से मुस्काईके ,

केस गोरी , केस गोरी केस गोरी बिखराईके

भगली उ अटारी में ,

केस गोरी , केस गोरी केस गोरी बिखराईके

बगले अटारी में लूट गईनी यारी में प्रेम के बीमारी में

भगली उ अटारी में ,

लुट गईनी यारी में प्रेम के बीमारी में।

मोनहा में बांध ली की पिटोरा में बांध ली ,मोनहा में बांध ली की पिटोरा में बांध ली ,

असमन करे रूप तोहारा सिन्होरा में बांध ली।

एक दिन अकेला में आँख चार जब होगईल

त मन कईल लपक के कोरा में बांध ली ,

वादा अनेर करेलु , रोजे अबेर करेलु , वादा अनेर करेलु , रोजे अबेर करेलु

आईल जब सुननी त धड़कन धधाई ,आईल जब सुननी त धड़कन धधाई

लौकी सुरतिया त मनवा अघाई , देखके चकोरी के चंदा लजा जाला।

कहिया ला केहू पिरितिया से छिपाई

वादा अनेर करेलु , रोजे अबेर करेलु ,

तू तकब्बु त के ना मर जाई ,तू तकब्बु त के ना मर जाई ,

आंख में जादूबा के ना हहरजाई , अभी जुड़ा खुल जन रहेद

नत नागिन के नाम बिसर जाई

वादा अनेर करेलु , रोजे अबेर करेलु , वादा अनेर करेलु , रोजे अबेर करेलु

आवे में , आवे में , आवे में देर करेलू, कवन तू लचारी में

आवे में , आवे में , आवे में देर करेलू, कवन तू लचारी में।

लुट गईनी यारी में प्रेम के बीमारी में।

मन के अड़ईब न त अडी न ,मन के अड़ईब न त अडी न ,

बिना इशारा के अखियां लड़ी न , अरे प्यार बरियारी न होला।

जबले सुरतिया दिल में गड़ी न ,

तनी घुंघटा उठाके देख , तनी घुंघटा उठाके देख

देख त लुकाके देख , दिल के बात दिले में रहे द

बड़ा आनंद आइ तनी सरमा के देख

सत्येंद्र से कहीद राजू का हां कही द ,

तिरछी नजरिया के बान जन मारअ ,तिरछी नजरिया के बान जन मारअ

जिए द जान जन मारअ , आंख गदके इन जन देखअ

लोग देखली सान जान मारअ ,

दिया बुताईदि अंजोर जन करि ,दिया बुताईदि अंजोर जन करि

मुँह से बोरी झकझोर करी

हम निहरी निहोरा करतानी , हमर बात मानी तनी सुतेदी बला जोर जान करी ,

सत्येंद्र से कहीद राजू का हां कही द ,

हमरा गीत के रवानी होउ ,हमरा गीत के रवानी होउ ,

एह किताब के कहानी हउ , हम दुनिया से साफ-साफ देलेबानी तू ही हमार जवानी हउ

सत्येंद्र से कहीद राजू का हां कही द ,सत्येंद्र से कहीद राजू का हां कही द ,

भरत , भरत , भारत जहां कहीद रहब इंतजारी में , भरत , भरत , भारत जहां कहीद रहब इंतजारी में ,

लूट गईनी यारी में , प्रेम की बीमारी में , प्रेम की बीमारी में , प्रेम की बीमारी में …………………
 

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