मेरे राम वन वन भटक रहे – गीत सिया के बिरह में श्रीराम ने जंगल में ढूंढ ढूंढ कर जब उनकी खोज की और उन्हें सिया का कहीं पता नहीं मिला तब वह बेसुध होकर पेड़ पौधे पशु पक्षियों आदि जितने भी वहां पर प्रकृति और वातावरण में उपस्थित चेतना थी उन सभी से सीता का पता श्री राम बड़ी व्याकुलता के साथ पूछ रहे थे यह गीत बड़ा ही मार्मिक और चेतना जगाने वाला है।
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई। ।
पेड़ और पौधों तुम ही बता दो ,
पेड़ और पौधों तुम ही बता दो
क्या फूलों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या फूलों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
गंगा – यमुना तुम ही बता दो ,
गंगा यमुना तुम ही बता दो
क्या लहरों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या लहरों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
ऋषि और मुनियों तुम ही बता दो
ऋषि और मुनियों तुम ही बता दो
क्या जोगन होकर निकल गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या जोगन होकर निकल गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन बन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन बन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
अंजनी के लाला तुम ही बता दो
अंजनी के लाला तुम ही बता दो
क्या पापी रावण ले गया , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या पापी रावण ले गया , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
सूरज चंदा तुम ही बता दो
सूरज चंदा तुम ही बता दो
क्या तारों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या तारों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
धरती अम्बर तुम ही बता दो ,धरती अम्बर तुम ही बता दो
क्या धरती में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या धरती में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरी सिया गई तो कहां गई। …………………………..
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गईमेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई। ।
पेड़ और पौधों तुम ही बता दो ,
पेड़ और पौधों तुम ही बता दो
क्या फूलों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या फूलों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
गंगा – यमुना तुम ही बता दो ,
गंगा यमुना तुम ही बता दो
क्या लहरों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या लहरों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
ऋषि और मुनियों तुम ही बता दो
ऋषि और मुनियों तुम ही बता दो
क्या जोगन होकर निकल गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या जोगन होकर निकल गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन बन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन बन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
अंजनी के लाला तुम ही बता दो
अंजनी के लाला तुम ही बता दो
क्या पापी रावण ले गया , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या पापी रावण ले गया , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
सूरज चंदा तुम ही बता दो
सूरज चंदा तुम ही बता दो
क्या तारों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या तारों में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे , मेरी सिया गई तो कहां गई
धरती अम्बर तुम ही बता दो ,धरती अम्बर तुम ही बता दो
क्या धरती में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
क्या धरती में वो समाए गई , मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरे राम वन वन भटक रहे मेरी सिया गई तो कहां गई
मेरी सिया गई तो कहां गई। …………………………..