अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि – इस गीत में कृष्ण के द्वारा धारण किए गए स्त्री रूप का बड़ा ही मनोरम और सुखकारी चित्रण किया गया है। श्री कृष्ण राधा से मिलने का कोई युक्ति खोजते हैं तो उन्हें इस्त्री वेश धारण करने का खयाल आता है और झटपट साड़ी , पहनकर बिंदी लगाकर , चूड़ियां पहन कर एक चूड़ी बेचने वाली स्त्री का वेश धारण करते हैं।
माथे पर टोकरी जिस में रंग – बिरंगी सुंदर चटकारे चूड़ियां लेकर गलियों में निकल जाते हैं , और चूड़ी खरीदने के लिए आवाज लगाते हैं। राधा को रंग – बिरंगी चूड़ियां देखकर मन भा जाता है और महिला के भेष में श्रीकृष्ण को अपने घर ले जाती है।
चूड़ियां पहनने के लिए हाथ बढ़ाती है , श्री कृष्ण के द्वारा पकड़े गए हाथ से , उनके स्पर्श से राधा उन्हें पहचान जाती है , फिर उस समय का जो प्रकृति छठा और पूरा वातावरण प्रेम से भर जाता है। इस दिव्य अनुभूति को कोई और महसूस नहीं कर सकता। यह बड़े ही दुर्लभ और मनोहारी चित्र इस गीत के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है।
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
राधा से मिलन का बहाना ढूंढ लिहले कृष्ण छलिया
ढूंढ लिहले कृष्ण छलिया
पउवा में पहने पायलिया माथे पर लगाए टिकुलिया
माथे पर लगाए टिकुलिया
अरे रमा सूरत लगे बड़ी प्यारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रमा सूरत लगे बड़ी प्यारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
माथे पे रंग – बिरंगी चूड़िया का भरल डलिया
चूड़िया का भरल डलिया
टेर लगावत घूमे गोकुला के गलियां – गलियां
गोकुला के गलियां गलियां
अरे रामा नैना लगे कजरारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
कान्हा का टेर सुनके घर में से अइली राधा
घर में से अइली राधा
चूड़ीहारिन कान्हा जी के घर में ले गईल कान्हा
घर में ले गईल कान्हा
अरे रामा चूड़ियां दिखाएं मनहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
चूड़िया पहनावे कन्हैया राधा का दवावे कलइया
राधा का दवावे कलैया
बुझ गइली राधा ई त हउवे मोरा कृष्ण कलइया
हउवे मोरा कृष्ण कन्हैया
अरे रामा लागे मिलन सुख कारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
माथे पर टोकरी जिस में रंग – बिरंगी सुंदर चटकारे चूड़ियां लेकर गलियों में निकल जाते हैं , और चूड़ी खरीदने के लिए आवाज लगाते हैं। राधा को रंग – बिरंगी चूड़ियां देखकर मन भा जाता है और महिला के भेष में श्रीकृष्ण को अपने घर ले जाती है।
चूड़ियां पहनने के लिए हाथ बढ़ाती है , श्री कृष्ण के द्वारा पकड़े गए हाथ से , उनके स्पर्श से राधा उन्हें पहचान जाती है , फिर उस समय का जो प्रकृति छठा और पूरा वातावरण प्रेम से भर जाता है। इस दिव्य अनुभूति को कोई और महसूस नहीं कर सकता। यह बड़े ही दुर्लभ और मनोहारी चित्र इस गीत के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयत्न किया गया है।
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि - krishan bane manihari bhajan lyrics
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरिअरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
राधा से मिलन का बहाना ढूंढ लिहले कृष्ण छलिया
ढूंढ लिहले कृष्ण छलिया
पउवा में पहने पायलिया माथे पर लगाए टिकुलिया
माथे पर लगाए टिकुलिया
अरे रमा सूरत लगे बड़ी प्यारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रमा सूरत लगे बड़ी प्यारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
माथे पे रंग – बिरंगी चूड़िया का भरल डलिया
चूड़िया का भरल डलिया
टेर लगावत घूमे गोकुला के गलियां – गलियां
गोकुला के गलियां गलियां
अरे रामा नैना लगे कजरारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
कान्हा का टेर सुनके घर में से अइली राधा
घर में से अइली राधा
चूड़ीहारिन कान्हा जी के घर में ले गईल कान्हा
घर में ले गईल कान्हा
अरे रामा चूड़ियां दिखाएं मनहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
चूड़िया पहनावे कन्हैया राधा का दवावे कलइया
राधा का दवावे कलैया
बुझ गइली राधा ई त हउवे मोरा कृष्ण कलइया
हउवे मोरा कृष्ण कन्हैया
अरे रामा लागे मिलन सुख कारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि
अरे रामा कृष्ण बने मनिहारी पहन लिये साड़ी ये हरि