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मत लगाओ बोली अपने अल्फ़ाज़ों की,हमने लिखना शुरू किया तो तुम नीलाम हो जाओगे।
एक उम्र कटी दो अलफ़ाज़ में,
एक आस में… एक काश… में।
वो कहते हैं कैसे बयां करे हम अपना हल-ए-दिल,
हमने कहा बस तीन अलफ़ाज़ काफी हैं प्यार का इज़हार करने के लिए।
शायद इश्क अब उतर रहा है सर से,
मुझे अलफ़ाज़ नहीं मिलते शायरी के लिए।
अलफ़ाज़ तो बहुत हैं मोहब्बत बयान करने के लिए,
पर जो खामोशी नहीं समझ सकते वो अलफ़ाज़ क्या समझेगे।
Alfaaz Shayari – Alfaaz Hindi Shayari | अल्फ़ाज शायरी :-
अल्फ़ाज़ चुराने की हमें जरुरत ही ना पड़ी कभी,तेरे बेहिसाब ख्यालों ने बेहतासा लफ्ज दिए।
मेरी शायरी का असर उन पर हो भी तो कैसे हो,
के मैं अहसास लिखता हूँ वो अल्फाज़ पढ़ते हैं।
सिमट गई मेरी गजल भी चंद अल्फ़ाज़ों में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।
सभी तारीफ करते हैं मेरे तहरीर की लेकिन,
कभी कोई नहीं सुनता मेरे अल्फ़ाज़ की सिसकियाँ।
अल्फ़ाज़ गिरा देते हैं जज्बात की कीमत,
हर बात को अल्फ़ाज़ में तोला न करो।
Alfaaz Shayari in Hindi Collection :-
आँसू मेरे देख के क्यों परेशान है ऐ दोस्त,ये तो वो अल्फ़ाज़ है जो जुबां तक ना आ सके।
दिल चीर जाते हैं… ये अल्फाज उनके
वो जब कहते हैं हम कभी एक नहीं हो सकते
बिखरे पड़े हैं हर्फ कई तू समेट कर इन्हे अल्फाज़ कर दे,
जोड़ दे बिखरे पन्ने को मेरी जिंदगी को तू किताब कर दे।
खत्म हो गयी कहानी बस कुछ अलफाज बाकी हैं,
एक अधूरे इश्क की एक मुक़्क़मल सी याद बाकी है।
हां…याद आया उसका आखरी अलफ़ाज़ यही था,
जी सको तो जी लेना, लेकिन मर जाओ तो बेहतर है।
Alfaz shayari | urdu alfaz shayari | alfaaz shayari in hindi :-
रुतबा तो खामोशियों का होता है मेरे दोस्त,अलफ़ाज़ तो बदल जाते है लोगों को देखकर।
कलम चलती है तो दिल की आवाज लिखता हूँ,
गम और जुदाई के अंदाज़-ए-बयां लिखता हूँ,
रुकते नहीं हैं मेरी आँखों से आंसू,
मैं जब भी उसकी याद में अल्फाज़ लिखता हूँ।
मेरे अल्फ़ाज ही है मेरे दर्द का मरहम…
गर मैं शायर ना होता तो पागल होता…!
जब सन्नाटा फ़ैल जाये तो समझ लेना,
कि अल्फ़ाज गहरे उतरे हैं दिल में।
जब तक अल्फाज मेरे महसूस ना होंगे,
मोहब्बत के परिंदे रूह कैसे छूं पाएंगे।
Alfaaz Shayari In Hindi | अल्फ़ाज शायरी हिंदी में :-
कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फ़ाज़ मेरे,मतलब मोहब्बत में बर्बाद और भी हुए हैं।
हम अल्फाजो से खेलते रह गए,
और वो दिल से खेल के चली गयी।
जब अलफ़ाज़ पन्नो पर शोर करने लगे,
समझ लेना सन्नाटे बढ़ गए हैं।
ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ लिखे है न,
पढ़ना कभी ध्यान से, चीखते कमाल है।
अल्फाज तय करते हैं फैसले किरदारों के,
उतरना दिल में है या दिल से उतरना है।
Alfaaz Shayari | अल्फ़ाज़ शायरी :-
दोस्तों से रिश्ता रखा करो जनाब तबियत मस्त रहेगी,ये वो हकीम हैं जो अल्फ़ाज़ से इलाज कर दिया करते हैं।
शायर है हम शराबी नहीं,
जब तक चाय नहीं पीते अल्फाज पन्नों पर नहीं बरसते।
क्या लिखूं और कितना लिखूं दिल के एहसासों को,
जिंदगी भरी पड़ी है सब अनकहें अल्फाज़ों से।
हर अल्फाज दिल का दर्द है मेरा पढ़ लिया करो,
कौन जाने कौन सी शायरी आखरी हो जाए।
अलफ़ाज़ चुराने की हमें जरुरत ही ना पड़ी कभी,
तेरे वे बेहिसाब ख्यालों ने वे हतासा लफ्ज दिए।
मेरी शायरी का असर उन पर हो भी तो कैसे हो?
के मैं अहसास लिखता हूँ वो अल्फाज़ पढ़ते हैं।
सिमट गई मेरी गजल भी चंद अलफ़ाजो में,
जब उसने कहा मोहब्बत तो है पर तुमसे नहीं।