फज़र की नमाज का तरीका

फज़र की नमाज का तरीका


फज़र की नमाज का तरीका जानने से पहले यह जानना भी जरूरी है की नमाज पढ़ने के लिए तैयार कैसे हुआ जाए. नमाज की तैयारी के लिए शरीर का पाक होना, कपड़ों का साफ होना , नमाज का टाइम होना और जिस जगह पर नमाज पढ़ने जा रहे हैं उस जगह का साफ सुथरा होना बहुत जरूरी है. शरीर के पाक होने के लिए ठीक तरीके से गुसल करना चाहिए यानी कि नहाना चाहिए. अगर शरीर पाक साफ है तो नमाज पढ़ने से पहले वजू करना बहुत जरूरी है. आइए जानते हैं, वजू कैसे किया जाता है.


वजू करने का तरीका

वजू करने के लिए साफ पानी लेकर बैठ जाए. बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम पढ़िए. पहले दोनों हाथों को गट्टों तक तीन बार धोएं. तीन बार मुंह में पानी लेकर कुल्ली करें. तीन बार नाक में पानी डालें. फिर तीन बार दोनों हाथों से पूरा मुंह धोए. दोनों हाथ कोहनी तक धोएं. हथेली से केहूनी तक तीन तीन बार पानी डालें. कानों में उंगली से मसह करें. उसके बाद चौथाई सर का मसह करें. इसका मतलब है भीगे हाथों से माथे के पास से शुरू करके पीछे की तरफ बालों में हाथ फेरें. इसके बाद पहले दाएं पैर को फिर बाएं पैर को धोएं.

फज़र की नमाज का तरीका

फजर की नमाज में पहले दो रकात सुन्नत पढ़ी जाती है. उसके बाद 2 रकात फ़र्ज़ पढ़ी जाती है.

2 रकात सुन्नत पढ़ने का तरीका

जैनमाज पर काबा की तरफ मुंह करके सीधा खड़े हो जाएं. नियत करें-

जैनमाज पर काबा की तरफ मुंह करके सीधा खड़े हो जाएं


बोलिये – “नियत करता हूं मैं 2 रकात सुन्नत नमाज फजर की वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ”, फिर “अल्लाहू अकबर” कहते हुए दोनों हाथ कानों तक ले जाए फिर वापस दोनों हाथ सामने की तरफ बांध ले.

नियत करने के बाद सना पढ़ें- “सुभान कल्लाहुम्मा, वबे हमदिका। वतबारा कस्मोका, वत आला जद्दोका। व लाइलाह गैरोका”।

आऊजोबिल्लाही मिनश्शैतानिर्रज़ीम, बिस्मिल्लाहिर्ररहमानिर्ररहीम।

“अल हमदुलिल्लाहि रब्बिल आलमीन। अर्ररहमानिर्रहीम, मालिके यौमिद्दीन। ईया काना बोदोवैय्या कनस्तईन। इह दिनस्सेरातल मुस्तकीम, सेरातल लज़ीना, अन् अमता अलैहिम, गैरील मग्दूबे अलैहिम व लद्वालीन”
। आमीन।

इसके बाद कोई सूरह पढ़े. ये सूरह भी पढ़ सकते हैं –

बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम

“इन्ना अतेना कल कौसर। फसलल्लेलेरब्बोका वनहर। इन्ना शाने अका होवल अबतर”।

सूरह पढ़ने के बाद , अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ (आगे की तरफ झुकें, दोनों हाँथ पैर के घुटने पर रखें – फोटो देखें)

रुकू


रुकू में ये पढ़ें – सुबहान रब्बियल अज़ीम ( पाकी बयां करता हूँ परवरदिगार की जो बड़ा बुज़ुर्गीवाला है ) -3 बार.

समीअल्लाहु लिमन हमीदह (अल्लाह ने उसकी सुन ली जिसने उसकी तारीफ की ) कहते हुए खड़े हो जाएँ। पढ़ें – रब्बना लक़ल हम्द (ऐ हमारे परवरदिगार ! तेरे ही वास्ते तमाम तारीफें हैं ) ।


फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएँ ( पंजे के बल बैठ कर माथा ज़मीन पर रखें , नक् ज़मीन से सटी रहे, दोनों हाथ की हथेली ज़मीन पर सटी रहें - फोटो देखें)

सजदा


सज़दे में ये पढ़ें – सुबहान रब्बियल आला – ( 3 बार )

सज़दे से उठ कर सीधा बैठें। दोनों हाथों की हथेली सामने जांघ पर रखें। कुछ सेकंड रुकें और फिर सजदे में जाएँ और 3 बार “सुभान रब्बियल आला” पढ़ कर , अल्लाहु अकबर कहते हुए सीधा खड़े होकर हाथ बांध लें।

नमाज की पहली रकात पूरी हो गई। इसी तरह दूसरी रकत पढ़ें

अल्हम्दो शरीफ पढ़ कर क़ुरान पाक का कोई सूरह पढ़ें – इस तरह पढ़ें-

बिस्मिल्लाहिर्ररहमानिर्ररहीम (शुरू करता हूँ मैं अल्लाह के नाम से जो बड़ा मेहरबान और निहायत रहम वाला है )

“अल हमदुलिल्लाहि रब्बिल आलमीन। अर्ररहमानिर्रहीम, मालिके यौमिद्दीन। ईया काना बोदोवैय्या कनस्तईन। इह दिनस्सेरातल मुस्तकीम, सेरातल लज़ीना , अन् अमता अलैहिम, गैरील मग्दूबे अलैहिम व लद्वालीन”। आमीन।

कोई सूरह पढ़ें – ये सूरह भी पढ़ सकते हैं।

बिस्मिल्लाह हिर्रहमानिर्रहीम

“क़ुल हो अल्लाहु अहद। अल्लाहुस्समद। लम यलिद। वलम यूलद। वलम यक़ुल्लहु कुफूअन अहद”।

(फिर पहली रकत की तरह ही रुकू , सजदा करें )

सूरह पढ़ने के बाद, अल्लाहु अकबर कहते हुए रुकू में जाएँ (आगे की तरफ झुकें, दोनों हाँथ पैर के घुटने पर रखें).

रुकू में ये पढ़ें – सुबहान रब्बियल अज़ीम – 3 बार.

समीअल्लाहु लिमन हमीदह कहते हुए खड़े हो जाएँ । पढ़ें – रब्बना लक़ल हम्द

फिर अल्लाहु अकबर कहते हुए सजदे में जाएँ ( पंजे के बल बैठ कर माथा ज़मीन पर रखें , नाक ज़मीन से सटी रहे, दोनों हाथ की हथेली ज़मीन पर सटी रहें )

सज़दे में ये पढ़ें – सुभान रब्बियल आला – ( 3 बार )

सज़दे से उठ कर सीधा बैठें। दोनों हाथों की हथेली सामने जांघ पर रखें। कुछ सेकंड रुकें और फिर सजदे में जाएँ और ३ बार सुभान रब्बियल आला पढ़ कर , अल्लाहु अकबर कहते हुए

वापस बैठ जाएँ।

नमाज में बैठना


दोनों हाथ की हथेली घुटने के पास जांघ पर रखें। उँगलियाँ सटी रहें। (फोटो देखें)

तहियात पढ़िए-

“अत्तहिय्यतो लिल्लाहि वस्सलवातो , वत्तैय्याबातो। अस्सलामो अलैका अइय्योहन्नबियो। वरहमतुल्लाहि व बराकातहु। अस्सलामो अलैना व आला ऐबादिस्सालेहींन। अश्हदु अल्ला इलाह इल्ललाहु (कहते हुए शहादत की उंगली इंडेक्स फिंगर ऊपर सीधा सामाने की तरह इशारा करते हुए उठायें )। व अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुह व रसूलुहु” .

फिर दरूद शरीफ पढ़ें

अल्ला हुम्मा सल्ले , आला मुहम्मदिव व आला आले मुहम्मदिन कमा सल्लैता अला इब्राहिम व आला आले इब्राहिम इन्नका हमीदुम्मजीद।

अल्ला हुम्मा बारीक, अला मुहम्मदीव व अल्ला आले मुहम्मदिन कमा बारकता अला इब्राहिम व आला आले इब्राहिम इन्नका हमीदुम्मजीद.


दरूद पढ़ने के बाद ये दुआ पढ़ें

अल्लाहुम्मा इन्नी जलमतो नफ्सी जुलमन कसिरौं व ला एगफिरुज़्ज़ुनूब इल्ला अंत फगफिरली मग्फ़िरतम्मिन इंदेका वरहमनी इन्नका अतल ग़फ़ूरुर्रहीम।

ये दुआ पढ़ने के बाद अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए दाहिने देखें, फिर अस्सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह कहते हुए बाएं देखें।

आपकी दो रकात सुन्नत नमाज पूरी हो गई।

2 रकत फ़र्ज़ नमाज कैसे पढ़ें ?

जिस तरह आपने दो रकात सुन्नत पढ़ा ठीक उसी तरह दो रकात फ़र्ज़ नमाज भी पढ़ेंगे। सिर्फ नियत करने में सुन्नत की जगह फ़र्ज़ कहेंगे. दो रकत सुन्नत ,फ़र्ज़ या नफिल नमाज पढ़ने का तरीका वही है , सिर्फ नियत में फर्क है। अगर फ़र्ज़ नामज पढ़ना है तो नियत में सुन्नत की जगह फ़र्ज़ कहेंगे


जैसे-

“नियत करता हूं मैं 2 रकात नमाज फ़र्ज़ वास्ते अल्लाह ताला के मुंह मेरा काबा शरीफ की तरफ ,अल्लाहू अकबर”

नियत करने के बाद फिर ठीक उसी तरह – सना , अल्हम्दो , सूरह , सूरह के बाद रुकू, सज़दा, तहियात, दरूद ,सलाम पढ़ेंगे.

फर्ज नमाज जमात के साथ पढ़ी जाती है। इमाम फर्ज नमाज पढ़ाते हैं। फर्ज नमाज अकेले पढ़ें या जमात में , फर्ज नमाज शुरू करने के पहले तकबीर कही जाती है। जमात में इमाम के ठीक पीछे पहली सफ में खड़ा कोई तकबीर पढ़ देता है उसके बाद इमाम नमाज शुरू करते हैं।

तक्बीर ये है –

अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

अशशहदु अल्लाह इलाह इल्लल्लाह, अशशहदु अल्लाह इलाह इल्लल्लाह

अशशहदु अन्ना मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह ,अशशहदु अन्ना मुह्म्मदुर्रसूलुल्लाह

हैया अलस्सला , हैया अलस्सला

हैया अलल फलाह, हैया अलल फलाह

क़दकामतिस्सला क़दकामतिस्सला

अल्लाहु अकबर, अल्लाहु अकबर

ला इलाह इल्लल्लाह .

अगर अकेले फर्ज पढ़ें तो खुद पहले तकबीर पढ़ें उसके बाद नमाज की नियत करके हाथ बांधे।

नमाज के बाद सलाम फेर कर दुआ पढ़ें।

दुआ के लिए दोनों हाथ उठा कर हथेलियों को सटा कर पुरे दिल से ये दुआ पढ़ें –

“रब्बना आतैना फ़िद्दुनीय हसनतउँ व बिल आख़िरते हसनतउँ व केना अजाबन्नार”

फिर इसके बाद आप अपने लिए जो भी दुआ अल्लाह से करना चाहते हैं करें. जो भी मांगना हो मांगें। मोमिन की दुआ कभी रद्द नहीं होती।

इस तरह आप ने फज़र की नमाज का तरीका समझ लिया कि किस तरह फज़र की नमाज में दो रकत सुन्नत और फिर दो रकत फ़र्ज़ नामज पढ़ी जाती है।

अगर आप 5 टाइम नमाज नहीं पढ़ते हैं तो आज से ही शुरू कर दीजिये। क्यों कि नमाज हर मोमिन पर फ़र्ज़ है। नमाज के फायदे जानकर आप दांग रह जायेंगे।

कहने सुनाने से ज्यादा अल्लाह त आला अमल की तौफीक अता फरमाए। आमीन।

अल्लाह रसूल की बातें दूसरों तक पहुँचाने से भी नेकी और सवाब मिलता है। इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा अल्लाह के दूसरे मोमिन बन्दों के साथ जरूर शेयर करें।
 
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