भारत के पूर्वी प्रदेश बिहार के पश्चिम भाग में गंगा नदी के तट पर स्थित एक ऐतिहासिक शहर है। यहाँ की अर्थ-व्यवस्था मुख्य रूप से खेतीबारी पर आधारित है। यह शहर मुख्यतः धर्मिक स्थल के नाम से जाना जाता है। प्राचीन काल में इसका नाम ‘व्याघ्रसर’ था। क्योंकि उस समय यहाँ पर बाघों का निवास हुआ करता था तथा एक बहुत बड़ा सरोवर भी था जिसके परिणामस्वरुप इस जगह का नाम व्याघ्रसर पड़ा।
बक्सर पटना से लगभग ७५ मील पश्चिम और मुगलसराय से ६० मील पूर्व में पूर्वी रेलवे लाइन के किनारे स्थित है। यह एक व्यापारिक नगर भी है। यहाँ बिहार का एक प्रमुख कारागृह हैं जिसमें अपराधी लोग कपड़ा आदि बुनते और अन्य उद्योगों में लगे रहते हैं। सुप्रसिद्ध बक्सर की लड़ाई शुजाउद्दौला और कासिम अली खाँ की तथा अंग्रेज मेजर मुनरो की सेनाओं के बीच यहाँ ही १७६४ ई॰ में लड़ी गई थी जिसमें अंग्रेजों की विजय हुई। इस युद्ध में शुजाउद्दौला और कासिम अली खाँ के लगभग २,००० सैनिक डूब गए या मारे थे। कार्तिक पूर्णिमा को यहाँ बड़ा मेला लगता है, जिसमें लाखों व्यक्ति इकट्ठे होते हैं।
इसका इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। बक्सर में गुरु विश्वामित्र का आश्रम था। यहीं पर राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध ताड़का राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पर किया गया था। 1764 ई॰ का ‘बक्सर का युद्ध’ भी इतिहास प्रसिद्ध है। इसी नाम का एक ज़िला शाहबाद (बिहार में) का अनुमंडल है। बक्सर के युद्ध (1764) के परिणामस्वरूप निचले बंगाल का अंतिम रूप से ब्रिटिश अधिग्रहण हो गया। मान्यता है कि एक महान पवित्र स्थल के रूप में पहले इसका मूल नाम ‘वेदगर्भ’ था। कहा जाता है कि वैदिक मंत्रों के बहुत से रचयिता इस नगर में रहते थे। इसका संबंध भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से भी जोड़ा जाता है।
बेशक मुस्कुराइए की आप बक्सर में हैं।
बक्सर अब बड़ा शहर हो गया हैं,
यहाँ का तहजीब और अदब खो गया हैं।
बड़ी मुश्किल से आते हैं समझ में बक्सर वाले
दिलों में फ़ासले लब पर मगर आदाब रहता है
बड़े तहजीब से उस बक्सर की
लड़की ने मेरा दिल तोड़ा था,
उसे भी यकीन नहीं हुआ
जब मैंने उसे छोड़ा था।
पूरी दुनिया में मशहूर हैं,
बक्सर के जवाब और सवाल।
दो शहर थे ये अपने दोनों तबाह निकले।
नए मिज़ाज के शहरों में जी नहीं लगता
पुराने वक़्तों का फिर से मैं बक्सर हो जाऊँ
अरे मियां होगी दिल्ली दिल वालों की,
हमारे ‘बक्सर’ में इश्क़ की तालीम दी जाती है।
अधूरा किस्सा लिख कर पन्ने मोड़ आया हूँ।
खुद का एक टुकड़ा बक्सर जिला छोड़ आया हूँ।
हम बक्सर के है जनाब,
तहज़ीब के साथ साथ नवाबी भी जानते हैं।
हमसे पूछो हमने इसे बहुत करीब से जाना है
जितनी प्यारी बोली है उतना ही कड़क स्वभाव है
मुस्कुराइए आप बक्सर में हैं,
यही हमारे स्वागत करने का अंदाज है।
धीरे धीरे हम तुम्हे अपनी मोहब्बत दिखाएंगे।
मिलना कभी हमसे, तुम्हे हम अपना बक्सर जिला घुमाएंगे।।
#br-44
मै जब भी तुझे देखू, बचपन की यादों में पड़ जाऊ…।
बस तेरे, एक नाम बस के दीदार से, बक्सर जिला हो जाऊ…।।
#बक्सर_जिला_जहां_मै_विचरता_हूं
अब गाँव को नहीं जा पाता हूं ‘राॅयल’
कि मेरे बक्सर में अब शहर आ गया हैं।
कहाँ ढूंढेंगे इस बक्सर में मेरे कातिल को,
एक काम कीजिए, ये इल्जाम भी मेरे ही सर डाल दीजिए।
उन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में।
इस बक्सर में कौन हमारे आँसू पोंछेगा,
जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है।
तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह,
अपनी शहर का सिकंदर भी तो हो सकता हैं।
कहानी तो छोटे लोगों की लिखी जाती हैं,
बक्सर वालों का तो इतिहास लिखा जाता हैं।
यहां सब मिलता हैं,
सिवाय नफरत के।
my city buxar.
मगर जीना कर्मभूमि ने सिखाया है।
किसी नशे की लत तो आम बात हैं साहब पर नशा जब किसी जिला का लगे तो समझ लेना वो बक्सर जिला हैं।
हमें शौक नही दुबई अमेरिका घुमने का
हम तो बक्सर जिला के दीवाने हैं।
बहुत खुबसूरत हैं मेरे ख्यालो की दुनिया
बस बक्सर से शुरू और बक्सर पर ही खत्म।
जरूरी नइखे कि आज जेल होई काल्ह बेल होई
इ बक्सर जिला हऽ ऐ बाबू एनकाउंटर भी होई और पोस्टमार्टम भी हो जाई

बक्सर से हैं..,
तो चर्चे हर जगह होंगे ही..।
बक्सर वाले हैं ना जनाब,
इसलिए दिल थोड़ा जल्दी लगा लेते हैं,
लेकिन जिस दिन दिमाग लगाएँगें,
उस दिन औकात दिखा देंगे।
#बक्सर जिला
सच्चे प्यार के लिए कुर्बान हैं बक्सर,
यारों के लिए यार हैं बक्सर,
दुश्मनों के लिए तुफान हैं बक्सर,
इसलिए तो लोग कहते हैं बाप रे खतरनाक हैं बक्सर।
इंकलाबी हमीं से हैं,
इंकलाब हम लायेंगे,
किसी भी कीमत पर,
स्वच्छ इसे बनायेंगे।
बक्सर जिला
अगर हुकूमत दिल्ली का ख्वाब हैं,
तो पटना भी लाजवाब हैं।
अगर वैशाली, छपरा नवाब हैं,
तो जिला बक्सर भी सबका बाप हैं।
वो देख वहाँ से शुरू होता हैं बक्सर जिला
भुल कर भी अकड मत दिखाना बहुत मारते हैं।
हसरते बनारस,
बसरते गोरखपुर,
सुरमयी है देवरिया,
और कातिलाना हैं बक्सर।
यमराज – मैं तुम्हारी जान लेने आया हूं
मैं – ले जाइए__ बिहार के बक्सर जिला में रहती है
बक्सर जिला की ताकत से पुरा ब्रह्मांड डोलता हैं,
ये हम नही हमारा इतिहास बोलता हैं।
तीन ही उसूल हैं हमारे जिले के,
आवेदन, निवेदन और फिर भी न माने तो दे दना दन।
अक्सर हम हमारा परिचय नहीं देते
लोग हमारी देशभक्ति देख कर ही कह देते है , बक्सर जिला से आएं है।
मान मर्यादा अनुशाशन, यही पहचान हमारी है।
बक्सर से हैं हम, ऊँची शान हमारी है।
फिर खुशी मिले या दुख ये मेरा नसीब हैं।
ज़िक्र ए चाय हो….और लब खामोश रहें??
क्या बात करते हो जनाब
बक्सर की पहचान है ये
हो गए मजबूर दाने दाने के लिए,
चार कंधे भी नहीं मिले अर्थी उठाने के लिए,
छोड़ कर आए थे जो बक्सर को पिछड़ा बोल कर
आज तड़प रहे हैं बक्सर जिला जाने के लिए।
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो बक्सर मेरा हैं।
बक्सर में, पैसे से जेब हल्की और दिल के लोग बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है।
मगर बक्सर में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है।
खुदा से ही इतनी ताकत पाते है,
बक्सर वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है।
जो लोग दिल्ली की दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर बक्सर की हवा से ठीक हो जाते है।
दिल खुश हो जाता है बक्सर के मेले में,
ख़ुशी का पता ही नही शहर के झमेले में।
जो कल तक टूटा सा था वो जुड़ रहा है,
अब जाकर विकास बक्सर की ओर मुड़ रहा है।
वो एक बक्सर सी है।
शांत, स्वच्छ और मासूम।
बक्सर और शहर के लोगों में
उतना ही अंतर होता है
जितना धरती और गमले में
उगे हुए पौधे में होता है।
यूँ तो समेट लाए हर चीज़ बक्सर से मगर,
धागे तुम्हारे नाम के बरगद पे ही रह गए
ये दौड़ता हुआ शहर है जनाब,
चलना हो तो बक्सर आओ कभी।
दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,

ये बक्सर जिला का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..!!
ये मेरे बक्सर जिला के बरगद की हवांए होंगी।
दिल्ली की दवा और बक्सर की हवा बराबर होती है।
हमारे लिए तो बक्सर
हमारी ज़िंदगी है साहब।
जहाँ गीत – गजलें साथ में सब को सुनाई दे,
बक्सर जिला मजहब से परे मुझको दिखाई दे।
सुगन्धित इत्र और बक्सर जिला से मित्र,
बड़े किस्मत वालों को ही मिलते हैं।
कुछ सीखा हो या ना सीखा हो पर संभलना जरूर सीख लिया।
बक्सर की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा हैं,
बड़े दिन से जमे हो तुम वहाँ, क्या हाल तुम्हारा हैं।
हम बक्सर के वासी हैं,
बदला नहीं लेते, बदल जाते हैं।
दूसरे शहरों में:- तू जानता है मेरा बाप कौन है…?
बक्सर में:- तोहू के मारब तोरे बापो के…
नही त भाग जा इहा से…
भाई साहब बक्सर के लोग, परिवार के लिए जान दे सकते है,
पर देहाती रसगुल्ला में हिस्सा बिलकुल नही

ये हर बक्सर जिला वालों के खून में पाया जाता है।
बक्सर जिला में रहकर अगर बन्दूक के साथ फोटो नहीं खिचाई,
तो बाबा तुम्हारा बक्सर में रहना व्यर्थ हो गया।
ये प्यार व्यार सब धोखा है,
आओ खाते लिट्टी चोखा है।
तुम हम, डाकबंगला का चौराहा
और दो प्लेट लिट्टी-चोखा।
इजहार ए मोहब्बत का हुनर भी सिखाएंगे तुम्हें,
आओ कभी बक्सर लिट्टी चोखा का स्वाद भी चखाएंगे तुम्हें।
अभी मेरे पास लिट्टी हैं, चोखा हैं, चटनी हैं,
मुरई हैं, मिर्चा हैं , तुम्हारे पास क्या हैं ???
वादा हैं इस बार तुम्हें लिट्टी-चोखा जरूर खिलाऐगे।
कुछ अलग ही सुकून मिलता है,
बक्सर की मिट्टी में..
और जनाब कुछ अलग ही स्वाद है
यहां की चोखा और लिट्टी में।
तारीफ़ करूँ तो भक्त कहलाऊँ, न करूँ तो चमचा
अपना अपना मफ़लर सबका, अपना अपना गमछा।
एक ही गमछा है पास मेरे
दिन भर पहनता हूँ, रात को ओढ़ता हूँ।
मैं अपनी जिंदगी में तुमसे कुछ ज्यादा नहीं चाहता हूँ…
तुम्हारी साड़ी में अपना गमछा बाँध के सत्य नारायण की कथा सुनना चाहता हूँ।
बक्सर पटना से लगभग ७५ मील पश्चिम और मुगलसराय से ६० मील पूर्व में पूर्वी रेलवे लाइन के किनारे स्थित है। यह एक व्यापारिक नगर भी है। यहाँ बिहार का एक प्रमुख कारागृह हैं जिसमें अपराधी लोग कपड़ा आदि बुनते और अन्य उद्योगों में लगे रहते हैं। सुप्रसिद्ध बक्सर की लड़ाई शुजाउद्दौला और कासिम अली खाँ की तथा अंग्रेज मेजर मुनरो की सेनाओं के बीच यहाँ ही १७६४ ई॰ में लड़ी गई थी जिसमें अंग्रेजों की विजय हुई। इस युद्ध में शुजाउद्दौला और कासिम अली खाँ के लगभग २,००० सैनिक डूब गए या मारे थे। कार्तिक पूर्णिमा को यहाँ बड़ा मेला लगता है, जिसमें लाखों व्यक्ति इकट्ठे होते हैं।
इसका इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। बक्सर में गुरु विश्वामित्र का आश्रम था। यहीं पर राम और लक्ष्मण का प्रारम्भिक शिक्षण-प्रशिक्षण हुआ। प्रसिद्ध ताड़का राक्षसी का वध राम द्वारा यहीं पर किया गया था। 1764 ई॰ का ‘बक्सर का युद्ध’ भी इतिहास प्रसिद्ध है। इसी नाम का एक ज़िला शाहबाद (बिहार में) का अनुमंडल है। बक्सर के युद्ध (1764) के परिणामस्वरूप निचले बंगाल का अंतिम रूप से ब्रिटिश अधिग्रहण हो गया। मान्यता है कि एक महान पवित्र स्थल के रूप में पहले इसका मूल नाम ‘वेदगर्भ’ था। कहा जाता है कि वैदिक मंत्रों के बहुत से रचयिता इस नगर में रहते थे। इसका संबंध भगवान राम के प्रारंभिक जीवन से भी जोड़ा जाता है।
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
अगर आप तहज़ीब और नज़ाकत से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं,बेशक मुस्कुराइए की आप बक्सर में हैं।
बक्सर अब बड़ा शहर हो गया हैं,
यहाँ का तहजीब और अदब खो गया हैं।
बड़ी मुश्किल से आते हैं समझ में बक्सर वाले
दिलों में फ़ासले लब पर मगर आदाब रहता है
बड़े तहजीब से उस बक्सर की
लड़की ने मेरा दिल तोड़ा था,
उसे भी यकीन नहीं हुआ
जब मैंने उसे छोड़ा था।
पूरी दुनिया में मशहूर हैं,
बक्सर के जवाब और सवाल।
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
पटना छुटी थी पहले अब बक्सर भी छोड़ेंदो शहर थे ये अपने दोनों तबाह निकले।
नए मिज़ाज के शहरों में जी नहीं लगता
पुराने वक़्तों का फिर से मैं बक्सर हो जाऊँ
अरे मियां होगी दिल्ली दिल वालों की,
हमारे ‘बक्सर’ में इश्क़ की तालीम दी जाती है।
अधूरा किस्सा लिख कर पन्ने मोड़ आया हूँ।
खुद का एक टुकड़ा बक्सर जिला छोड़ आया हूँ।
हम बक्सर के है जनाब,
तहज़ीब के साथ साथ नवाबी भी जानते हैं।
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
बक्सर की गलियों का कुछ इतिहास ही पुराना हैहमसे पूछो हमने इसे बहुत करीब से जाना है
जितनी प्यारी बोली है उतना ही कड़क स्वभाव है
मुस्कुराइए आप बक्सर में हैं,
यही हमारे स्वागत करने का अंदाज है।
धीरे धीरे हम तुम्हे अपनी मोहब्बत दिखाएंगे।
मिलना कभी हमसे, तुम्हे हम अपना बक्सर जिला घुमाएंगे।।
#br-44
मै जब भी तुझे देखू, बचपन की यादों में पड़ जाऊ…।
बस तेरे, एक नाम बस के दीदार से, बक्सर जिला हो जाऊ…।।


अब गाँव को नहीं जा पाता हूं ‘राॅयल’
कि मेरे बक्सर में अब शहर आ गया हैं।
कहाँ ढूंढेंगे इस बक्सर में मेरे कातिल को,
एक काम कीजिए, ये इल्जाम भी मेरे ही सर डाल दीजिए।
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
ये चंद लोग जो बक्सर में सबसे अच्छे हैं,उन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में।
इस बक्सर में कौन हमारे आँसू पोंछेगा,
जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है।
तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह,
अपनी शहर का सिकंदर भी तो हो सकता हैं।
कहानी तो छोटे लोगों की लिखी जाती हैं,
बक्सर वालों का तो इतिहास लिखा जाता हैं।
यहां सब मिलता हैं,
सिवाय नफरत के।
my city buxar.
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
जन्मभूमि ने भले ही ज़िन्दगी दी है,मगर जीना कर्मभूमि ने सिखाया है।
किसी नशे की लत तो आम बात हैं साहब पर नशा जब किसी जिला का लगे तो समझ लेना वो बक्सर जिला हैं।
हमें शौक नही दुबई अमेरिका घुमने का
हम तो बक्सर जिला के दीवाने हैं।
बहुत खुबसूरत हैं मेरे ख्यालो की दुनिया
बस बक्सर से शुरू और बक्सर पर ही खत्म।
जरूरी नइखे कि आज जेल होई काल्ह बेल होई
इ बक्सर जिला हऽ ऐ बाबू एनकाउंटर भी होई और पोस्टमार्टम भी हो जाई


br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
बक्सर जिला के हई घर में घुस के मार देब।बक्सर से हैं..,
तो चर्चे हर जगह होंगे ही..।
बक्सर वाले हैं ना जनाब,
इसलिए दिल थोड़ा जल्दी लगा लेते हैं,
लेकिन जिस दिन दिमाग लगाएँगें,
उस दिन औकात दिखा देंगे।
#बक्सर जिला
सच्चे प्यार के लिए कुर्बान हैं बक्सर,
यारों के लिए यार हैं बक्सर,
दुश्मनों के लिए तुफान हैं बक्सर,
इसलिए तो लोग कहते हैं बाप रे खतरनाक हैं बक्सर।
इंकलाबी हमीं से हैं,
इंकलाब हम लायेंगे,
किसी भी कीमत पर,
स्वच्छ इसे बनायेंगे।
बक्सर जिला
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
डर मत पगली बक्सर के हैं हम।अगर हुकूमत दिल्ली का ख्वाब हैं,
तो पटना भी लाजवाब हैं।
अगर वैशाली, छपरा नवाब हैं,
तो जिला बक्सर भी सबका बाप हैं।
वो देख वहाँ से शुरू होता हैं बक्सर जिला
भुल कर भी अकड मत दिखाना बहुत मारते हैं।
हसरते बनारस,
बसरते गोरखपुर,
सुरमयी है देवरिया,
और कातिलाना हैं बक्सर।
यमराज – मैं तुम्हारी जान लेने आया हूं

मैं – ले जाइए__ बिहार के बक्सर जिला में रहती है

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बक्सर जिला नाम ही काफी हैं।बक्सर जिला की ताकत से पुरा ब्रह्मांड डोलता हैं,
ये हम नही हमारा इतिहास बोलता हैं।
तीन ही उसूल हैं हमारे जिले के,
आवेदन, निवेदन और फिर भी न माने तो दे दना दन।
अक्सर हम हमारा परिचय नहीं देते
लोग हमारी देशभक्ति देख कर ही कह देते है , बक्सर जिला से आएं है।
मान मर्यादा अनुशाशन, यही पहचान हमारी है।
बक्सर से हैं हम, ऊँची शान हमारी है।
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तेरा हाथ थाम कर बक्सर की राहों पर चलना चाहता हूं?फिर खुशी मिले या दुख ये मेरा नसीब हैं।
ज़िक्र ए चाय हो….और लब खामोश रहें??
क्या बात करते हो जनाब


हो गए मजबूर दाने दाने के लिए,
चार कंधे भी नहीं मिले अर्थी उठाने के लिए,
छोड़ कर आए थे जो बक्सर को पिछड़ा बोल कर
आज तड़प रहे हैं बक्सर जिला जाने के लिए।
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो बक्सर मेरा हैं।
बक्सर में, पैसे से जेब हल्की और दिल के लोग बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है।
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
माना शहर में तुम्हारा वो तरक्की वाला मकान है,मगर बक्सर में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है।
खुदा से ही इतनी ताकत पाते है,
बक्सर वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है।
जो लोग दिल्ली की दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर बक्सर की हवा से ठीक हो जाते है।
दिल खुश हो जाता है बक्सर के मेले में,
ख़ुशी का पता ही नही शहर के झमेले में।
जो कल तक टूटा सा था वो जुड़ रहा है,
अब जाकर विकास बक्सर की ओर मुड़ रहा है।
br – 44 बक्सर जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on buxar district in hindi :-
मेरी शहर सी ज़िंदगी में,वो एक बक्सर सी है।
शांत, स्वच्छ और मासूम।
बक्सर और शहर के लोगों में
उतना ही अंतर होता है
जितना धरती और गमले में
उगे हुए पौधे में होता है।
यूँ तो समेट लाए हर चीज़ बक्सर से मगर,
धागे तुम्हारे नाम के बरगद पे ही रह गए

ये दौड़ता हुआ शहर है जनाब,
चलना हो तो बक्सर आओ कभी।
दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,


ये बक्सर जिला का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..!!
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बंद कमरों में कहाँ ऐसी सदाएं होंगीं,ये मेरे बक्सर जिला के बरगद की हवांए होंगी।
दिल्ली की दवा और बक्सर की हवा बराबर होती है।
हमारे लिए तो बक्सर
हमारी ज़िंदगी है साहब।
जहाँ गीत – गजलें साथ में सब को सुनाई दे,
बक्सर जिला मजहब से परे मुझको दिखाई दे।
सुगन्धित इत्र और बक्सर जिला से मित्र,
बड़े किस्मत वालों को ही मिलते हैं।
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चलो लाज्मी था तेरे शहर बक्सर आना,कुछ सीखा हो या ना सीखा हो पर संभलना जरूर सीख लिया।
बक्सर की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा हैं,
बड़े दिन से जमे हो तुम वहाँ, क्या हाल तुम्हारा हैं।
हम बक्सर के वासी हैं,
बदला नहीं लेते, बदल जाते हैं।
दूसरे शहरों में:- तू जानता है मेरा बाप कौन है…?
बक्सर में:- तोहू के मारब तोरे बापो के…
नही त भाग जा इहा से…

भाई साहब बक्सर के लोग, परिवार के लिए जान दे सकते है,
पर देहाती रसगुल्ला में हिस्सा बिलकुल नही


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दाल भात खा कर दोपहर में मगरमच्छ की तरह सोना,ये हर बक्सर जिला वालों के खून में पाया जाता है।
बक्सर जिला में रहकर अगर बन्दूक के साथ फोटो नहीं खिचाई,
तो बाबा तुम्हारा बक्सर में रहना व्यर्थ हो गया।
ये प्यार व्यार सब धोखा है,
आओ खाते लिट्टी चोखा है।
तुम हम, डाकबंगला का चौराहा
और दो प्लेट लिट्टी-चोखा।
इजहार ए मोहब्बत का हुनर भी सिखाएंगे तुम्हें,
आओ कभी बक्सर लिट्टी चोखा का स्वाद भी चखाएंगे तुम्हें।
अभी मेरे पास लिट्टी हैं, चोखा हैं, चटनी हैं,
मुरई हैं, मिर्चा हैं , तुम्हारे पास क्या हैं ???
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तुम एक बार बक्सर के गलियों मे दिखने का वादा तो करो,वादा हैं इस बार तुम्हें लिट्टी-चोखा जरूर खिलाऐगे।
कुछ अलग ही सुकून मिलता है,
बक्सर की मिट्टी में..
और जनाब कुछ अलग ही स्वाद है
यहां की चोखा और लिट्टी में।
तारीफ़ करूँ तो भक्त कहलाऊँ, न करूँ तो चमचा
अपना अपना मफ़लर सबका, अपना अपना गमछा।
एक ही गमछा है पास मेरे
दिन भर पहनता हूँ, रात को ओढ़ता हूँ।
मैं अपनी जिंदगी में तुमसे कुछ ज्यादा नहीं चाहता हूँ…
तुम्हारी साड़ी में अपना गमछा बाँध के सत्य नारायण की कथा सुनना चाहता हूँ।