सूरत जिला गुजरात के जिलों में एक जिला है, सूरत जिला, यह गुजरात के दक्षिणी क्षेत्र के अंतर्गत आता है, इसका मुख्यालय सूरत है, जिले में कुछ वित्त विभाग है 10 तालुका है, 5 नगरपालिकाएं है और 16 विधान सभा क्षेत्र जो की सूरत संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है, 729 ग्राम है और 572 ग्राम पंचायते भी है ।
सूरत जिले का क्षेत्रफल ४,040 वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार सूरत की जनसँख्या लगभग 12,32,109 है और जनसँख्या घनत्व 305 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, सूरत की साक्षरता 86.60% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 925 है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 42.19% रही है।
राज्य में है, सूरत जिला गुजरात के उत्तर पूर्वी भाग में है और इसकी सीमाएं अरबसागर और खम्भात की खाड़ी से मिलती है, और सूरत 20°55′ उत्तर 73°03′ पूर्व के बीच स्थित है, सूरत की समुद्रतल से ऊंचाई 13 मीटर है, सूरत गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 289 किलोमीटर दक्षिण की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है और भारत की राजधानी दिल्ली से 1161 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है।
सूरत का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, यहाँ पर भगवन श्री कृष्ण ने कुछ समय प्रवास किया था जब वह मथुरा [ये स्थान अब उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में है ] से द्वारका (इसको अब देवभूमि द्वारका जिला कहा जाता है) आ रहे थे।
इतिहासकारो की माने तो यहाँ पर ८वी शताब्दी से कुछ पारसी लोग आने लगे थे और १५वी शताब्दी के अंतिम वर्षो में इस नगर की स्थापना गोपी नामक ब्राह्मण ने की थी और इसका नाम सूर्यपुर रखा गया था।
१5१३ से १५३० तक सूरत पुर्तग़ालिओ के अधीन रहा क्युकी यह एक व्यवस्थित बंदरगाह था, इस प्रकार पुर्तग़ालिओ से यह ईस्ट इंडिया कंपनी के हांथो में चला गया और इसके बाद 1947 में भारत गणराज्य में जुड़ गया, 2007 में इसमें से तापी जिले को अलग कर दिया तब से अब तक सूरत उसी स्वरूप में है।
बेशक मुस्कुराइए की आप सूरत में हैं।
सूरत अब बड़ा शहर हो गया हैं,
यहाँ का तहजीब और अदब खो गया हैं।
बड़ी मुश्किल से आते हैं समझ में सूरत वाले
दिलों में फ़ासले लब पर मगर आदाब रहता है
बड़े तहजीब से उस सूरत की
लड़की ने मेरा दिल तोड़ा था,
उसे भी यकीन नहीं हुआ
जब मैंने उसे छोड़ा था।
पूरी दुनिया में मशहूर हैं,
सूरत के जवाब और सवाल।
दो शहर थे ये अपने दोनों तबाह निकले।
नए मिज़ाज के शहरों में जी नहीं लगता
पुराने वक़्तों का फिर से मैं सूरत हो जाऊँ
अरे मियां होगी दिल्ली दिल वालों की,
हमारे ‘सूरत’ में इश्क़ की तालीम दी जाती है।
अधूरा किस्सा लिख कर पन्ने मोड़ आया हूँ।
खुद का एक टुकड़ा सूरत जिला छोड़ आया हूँ।
हम सूरत के है जनाब,
तहज़ीब के साथ साथ नवाबी भी जानते हैं।
हमसे पूछो हमने इसे बहुत करीब से जाना है
जितनी प्यारी बोली है उतना ही कड़क स्वभाव है
मुस्कुराइए आप सूरत में हैं,
यही हमारे स्वागत करने का अंदाज है।
धीरे धीरे हम तुम्हे अपनी मोहब्बत दिखाएंगे।
मिलना कभी हमसे, तुम्हे हम अपना सूरत जिला घुमाएंगे।।
मै जब भी तुझे देखू, बचपन की यादों में पड़ जाऊ…।
बस तेरे, एक नाम बस के दीदार से, सूरत जिला हो जाऊ…।।
#सूरत_जिला_जहां_मै_विचरता_हूं
अब गाँव को नहीं जा पाता हूं ‘राॅयल’
कि मेरे सूरत में अब शहर आ गया हैं।
कहाँ ढूंढेंगे इस सूरत में मेरे कातिल को,
एक काम कीजिए, ये इल्जाम भी मेरे ही सर डाल दीजिए।
उन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में।
इस सूरत में कौन हमारे आँसू पोंछेगा,
जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है।
तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह,
अपनी शहर का सिकंदर भी तो हो सकता हैं।
कहानी तो छोटे लोगों की लिखी जाती हैं,
सूरत वालों का तो इतिहास लिखा जाता हैं।
यहां सब मिलता हैं,
सिवाय नफरत के।
my city surat.
मगर जीना कर्मभूमि ने सिखाया है।
किसी नशे की लत तो आम बात हैं साहब पर नशा जब किसी जिला का लगे तो समझ लेना वो सूरत जिला हैं।
हमें शौक नही दुबई अमेरिका घुमने का
हम तो सूरत जिला के दीवाने हैं।
बहुत खुबसूरत हैं मेरे ख्यालो की दुनिया
बस सूरत से शुरू और सूरत पर ही खत्म।
जरूरी नइखे कि आज जेल होई काल्ह बेल होई
इ सूरत जिला हऽ ऐ बाबू एनकाउंटर भी होई और पोस्टमार्टम भी हो जाई

सूरत से हैं..,
तो चर्चे हर जगह होंगे ही..।
सूरत वाले हैं ना जनाब,
इसलिए दिल थोड़ा जल्दी लगा लेते हैं,
लेकिन जिस दिन दिमाग लगाएँगें,
उस दिन औकात दिखा देंगे।
#सूरत जिला
सच्चे प्यार के लिए कुर्बान हैं सूरत,
यारों के लिए यार हैं सूरत,
दुश्मनों के लिए तुफान हैं सूरत,
इसलिए तो लोग कहते हैं बाप रे खतरनाक हैं सूरत।
इंकलाबी हमीं से हैं,
इंकलाब हम लायेंगे,
किसी भी कीमत पर,
स्वच्छ इसे बनायेंगे।
सूरत जिला
अगर हुकूमत दिल्ली का ख्वाब हैं,
तो पटना भी लाजवाब हैं।
अगर वैशाली, छपरा नवाब हैं,
तो जिला सूरत भी सबका बाप हैं।
वो देख वहाँ से शुरू होता हैं सूरत जिला
भुल कर भी अकड मत दिखाना बहुत मारते हैं।
हसरते बनारस,
बसरते गोरखपुर,
सुरमयी है देवरिया,
और कातिलाना हैं सूरत।
यमराज – मैं तुम्हारी जान लेने आया हूं
मैं – ले जाइए__ गुजरात के सूरत जिला में रहती है
सूरत जिला की ताकत से पुरा ब्रह्मांड डोलता हैं,
ये हम नही हमारा इतिहास बोलता हैं।
तीन ही उसूल हैं हमारे जिले के,
आवेदन, निवेदन और फिर भी न माने तो दे दना दन।
अक्सर हम हमारा परिचय नहीं देते
लोग हमारी देशभक्ति देख कर ही कह देते है , सूरत जिला से आएं है।
मान मर्यादा अनुशाशन, यही पहचान हमारी है।
सूरत से हैं हम, ऊँची शान हमारी है।
फिर खुशी मिले या दुख ये मेरा नसीब हैं।
ज़िक्र ए चाय हो….और लब खामोश रहें??
क्या बात करते हो जनाब
सूरत की पहचान है ये
हो गए मजबूर दाने दाने के लिए,
चार कंधे भी नहीं मिले अर्थी उठाने के लिए,
छोड़ कर आए थे जो सूरत को पिछड़ा बोल कर
आज तड़प रहे हैं सूरत जिला जाने के लिए।
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो सूरत मेरा हैं।
सूरत में, पैसे से जेब हल्की और दिल के लोग बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है।
मगर सूरत में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है।
खुदा से ही इतनी ताकत पाते है,
सूरत वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है।
जो लोग दिल्ली की दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर सूरत की हवा से ठीक हो जाते है।
दिल खुश हो जाता है सूरत के मेले में,
ख़ुशी का पता ही नही शहर के झमेले में।
जो कल तक टूटा सा था वो जुड़ रहा है,
अब जाकर विकास सूरत की ओर मुड़ रहा है।
वो एक सूरत सी है।
शांत, स्वच्छ और मासूम।
सूरत और शहर के लोगों में
उतना ही अंतर होता है
जितना धरती और गमले में
उगे हुए पौधे में होता है।
यूँ तो समेट लाए हर चीज़ सूरत से मगर,
धागे तुम्हारे नाम के बरगद पे ही रह गए
ये दौड़ता हुआ शहर है जनाब,
चलना हो तो सूरत आओ कभी।
दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,

ये सूरत जिला का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..!!
ये मेरे सूरत जिला के बरगद की हवांए होंगी।
दिल्ली की दवा और सूरत की हवा बराबर होती है।
हमारे लिए तो सूरत
हमारी ज़िंदगी है साहब।
जहाँ गीत – गजलें साथ में सब को सुनाई दे,
सूरत जिला मजहब से परे मुझको दिखाई दे।
सुगन्धित इत्र और सूरत जिला से मित्र,
बड़े किस्मत वालों को ही मिलते हैं।
कुछ सीखा हो या ना सीखा हो पर संभलना जरूर सीख लिया।
सूरत की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा हैं,
बड़े दिन से जमे हो तुम वहाँ, क्या हाल तुम्हारा हैं।
हम सूरत के वासी हैं,
बदला नहीं लेते, बदल जाते हैं।
दूसरे शहरों में:- तू जानता है मेरा बाप कौन है…?
सूरत में:- तोहू के मारब तोरे बापो के…
नही त भाग जा इहा से…
भाई साहब सूरत के लोग, परिवार के लिए जान दे सकते है,
पर देहाती रसगुल्ला में हिस्सा बिलकुल नही

ये हर सूरत जिला वालों के खून में पाया जाता है।
सूरत जिला में रहकर अगर बन्दूक के साथ फोटो नहीं खिचाई,
तो बाबा तुम्हारा सूरत में रहना व्यर्थ हो गया।
ये प्यार व्यार सब धोखा है,
आओ खाते लिट्टी चोखा है।
तुम हम, डाकबंगला का चौराहा
और दो प्लेट लिट्टी-चोखा।
इजहार ए मोहब्बत का हुनर भी सिखाएंगे तुम्हें,
आओ कभी सूरत लिट्टी चोखा का स्वाद भी चखाएंगे तुम्हें।
अभी मेरे पास लिट्टी हैं, चोखा हैं, चटनी हैं,
मुरई हैं, मिर्चा हैं , तुम्हारे पास क्या हैं ???
वादा हैं इस बार तुम्हें लिट्टी-चोखा जरूर खिलाऐगे।
कुछ अलग ही सुकून मिलता है,
सूरत की मिट्टी में..
और जनाब कुछ अलग ही स्वाद है
यहां की चोखा और लिट्टी में।
तारीफ़ करूँ तो भक्त कहलाऊँ, न करूँ तो चमचा
अपना अपना मफ़लर सबका, अपना अपना गमछा।
एक ही गमछा है पास मेरे
दिन भर पहनता हूँ, रात को ओढ़ता हूँ।
मैं अपनी जिंदगी में तुमसे कुछ ज्यादा नहीं चाहता हूँ…
तुम्हारी साड़ी में अपना गमछा बाँध के सत्य नारायण की कथा सुनना चाहता हूँ।
सूरत जिले का क्षेत्रफल ४,040 वर्ग किलोमीटर है और २०११ की जनगणना के अनुसार सूरत की जनसँख्या लगभग 12,32,109 है और जनसँख्या घनत्व 305 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है, सूरत की साक्षरता 86.60% है, महिला पुरुष अनुपात यहाँ पर 925 है, जिले की जनसँख्या विकासदर २००१ से २०११ के बीच 42.19% रही है।
राज्य में है, सूरत जिला गुजरात के उत्तर पूर्वी भाग में है और इसकी सीमाएं अरबसागर और खम्भात की खाड़ी से मिलती है, और सूरत 20°55′ उत्तर 73°03′ पूर्व के बीच स्थित है, सूरत की समुद्रतल से ऊंचाई 13 मीटर है, सूरत गुजरात की राजधानी गांधीनगर से 289 किलोमीटर दक्षिण की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है और भारत की राजधानी दिल्ली से 1161 किलोमीटर दक्षिण पश्चिम की तरफ राष्ट्रिय राजमार्ग 48 पर है।
सूरत का इतिहास महाभारत काल से जुड़ा हुआ है, यहाँ पर भगवन श्री कृष्ण ने कुछ समय प्रवास किया था जब वह मथुरा [ये स्थान अब उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले में है ] से द्वारका (इसको अब देवभूमि द्वारका जिला कहा जाता है) आ रहे थे।
इतिहासकारो की माने तो यहाँ पर ८वी शताब्दी से कुछ पारसी लोग आने लगे थे और १५वी शताब्दी के अंतिम वर्षो में इस नगर की स्थापना गोपी नामक ब्राह्मण ने की थी और इसका नाम सूर्यपुर रखा गया था।
१5१३ से १५३० तक सूरत पुर्तग़ालिओ के अधीन रहा क्युकी यह एक व्यवस्थित बंदरगाह था, इस प्रकार पुर्तग़ालिओ से यह ईस्ट इंडिया कंपनी के हांथो में चला गया और इसके बाद 1947 में भारत गणराज्य में जुड़ गया, 2007 में इसमें से तापी जिले को अलग कर दिया तब से अब तक सूरत उसी स्वरूप में है।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
अगर आप तहज़ीब और नज़ाकत से इत्तेफ़ाक़ रखते हैं,बेशक मुस्कुराइए की आप सूरत में हैं।
सूरत अब बड़ा शहर हो गया हैं,
यहाँ का तहजीब और अदब खो गया हैं।
बड़ी मुश्किल से आते हैं समझ में सूरत वाले
दिलों में फ़ासले लब पर मगर आदाब रहता है
बड़े तहजीब से उस सूरत की
लड़की ने मेरा दिल तोड़ा था,
उसे भी यकीन नहीं हुआ
जब मैंने उसे छोड़ा था।
पूरी दुनिया में मशहूर हैं,
सूरत के जवाब और सवाल।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
पटना छुटी थी पहले अब सूरत भी छोड़ेंदो शहर थे ये अपने दोनों तबाह निकले।
नए मिज़ाज के शहरों में जी नहीं लगता
पुराने वक़्तों का फिर से मैं सूरत हो जाऊँ
अरे मियां होगी दिल्ली दिल वालों की,
हमारे ‘सूरत’ में इश्क़ की तालीम दी जाती है।
अधूरा किस्सा लिख कर पन्ने मोड़ आया हूँ।
खुद का एक टुकड़ा सूरत जिला छोड़ आया हूँ।
हम सूरत के है जनाब,
तहज़ीब के साथ साथ नवाबी भी जानते हैं।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
सूरत की गलियों का कुछ इतिहास ही पुराना हैहमसे पूछो हमने इसे बहुत करीब से जाना है
जितनी प्यारी बोली है उतना ही कड़क स्वभाव है
मुस्कुराइए आप सूरत में हैं,
यही हमारे स्वागत करने का अंदाज है।
धीरे धीरे हम तुम्हे अपनी मोहब्बत दिखाएंगे।
मिलना कभी हमसे, तुम्हे हम अपना सूरत जिला घुमाएंगे।।
मै जब भी तुझे देखू, बचपन की यादों में पड़ जाऊ…।
बस तेरे, एक नाम बस के दीदार से, सूरत जिला हो जाऊ…।।


अब गाँव को नहीं जा पाता हूं ‘राॅयल’
कि मेरे सूरत में अब शहर आ गया हैं।
कहाँ ढूंढेंगे इस सूरत में मेरे कातिल को,
एक काम कीजिए, ये इल्जाम भी मेरे ही सर डाल दीजिए।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
ये चंद लोग जो सूरत में सबसे अच्छे हैं,उन्हीं का हाथ है मुझको बुरा बनाने में।
इस सूरत में कौन हमारे आँसू पोंछेगा,
जो मिलता है उसका दामन भीगा लगता है।
तेरे कूचे में जो आया है ग़ुलामों की तरह,
अपनी शहर का सिकंदर भी तो हो सकता हैं।
कहानी तो छोटे लोगों की लिखी जाती हैं,
सूरत वालों का तो इतिहास लिखा जाता हैं।
यहां सब मिलता हैं,
सिवाय नफरत के।
my city surat.
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
जन्मभूमि ने भले ही ज़िन्दगी दी है,मगर जीना कर्मभूमि ने सिखाया है।
किसी नशे की लत तो आम बात हैं साहब पर नशा जब किसी जिला का लगे तो समझ लेना वो सूरत जिला हैं।
हमें शौक नही दुबई अमेरिका घुमने का
हम तो सूरत जिला के दीवाने हैं।
बहुत खुबसूरत हैं मेरे ख्यालो की दुनिया
बस सूरत से शुरू और सूरत पर ही खत्म।
जरूरी नइखे कि आज जेल होई काल्ह बेल होई
इ सूरत जिला हऽ ऐ बाबू एनकाउंटर भी होई और पोस्टमार्टम भी हो जाई


gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
सूरत जिला के हई घर में घुस के मार देब।सूरत से हैं..,
तो चर्चे हर जगह होंगे ही..।
सूरत वाले हैं ना जनाब,
इसलिए दिल थोड़ा जल्दी लगा लेते हैं,
लेकिन जिस दिन दिमाग लगाएँगें,
उस दिन औकात दिखा देंगे।
#सूरत जिला
सच्चे प्यार के लिए कुर्बान हैं सूरत,
यारों के लिए यार हैं सूरत,
दुश्मनों के लिए तुफान हैं सूरत,
इसलिए तो लोग कहते हैं बाप रे खतरनाक हैं सूरत।
इंकलाबी हमीं से हैं,
इंकलाब हम लायेंगे,
किसी भी कीमत पर,
स्वच्छ इसे बनायेंगे।
सूरत जिला
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
डर मत पगली सूरत के हैं हम।अगर हुकूमत दिल्ली का ख्वाब हैं,
तो पटना भी लाजवाब हैं।
अगर वैशाली, छपरा नवाब हैं,
तो जिला सूरत भी सबका बाप हैं।
वो देख वहाँ से शुरू होता हैं सूरत जिला
भुल कर भी अकड मत दिखाना बहुत मारते हैं।
हसरते बनारस,
बसरते गोरखपुर,
सुरमयी है देवरिया,
और कातिलाना हैं सूरत।
यमराज – मैं तुम्हारी जान लेने आया हूं

मैं – ले जाइए__ गुजरात के सूरत जिला में रहती है

gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
सूरत जिला नाम ही काफी हैं।सूरत जिला की ताकत से पुरा ब्रह्मांड डोलता हैं,
ये हम नही हमारा इतिहास बोलता हैं।
तीन ही उसूल हैं हमारे जिले के,
आवेदन, निवेदन और फिर भी न माने तो दे दना दन।
अक्सर हम हमारा परिचय नहीं देते
लोग हमारी देशभक्ति देख कर ही कह देते है , सूरत जिला से आएं है।
मान मर्यादा अनुशाशन, यही पहचान हमारी है।
सूरत से हैं हम, ऊँची शान हमारी है।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
तेरा हाथ थाम कर सूरत की राहों पर चलना चाहता हूं?फिर खुशी मिले या दुख ये मेरा नसीब हैं।
ज़िक्र ए चाय हो….और लब खामोश रहें??
क्या बात करते हो जनाब


हो गए मजबूर दाने दाने के लिए,
चार कंधे भी नहीं मिले अर्थी उठाने के लिए,
छोड़ कर आए थे जो सूरत को पिछड़ा बोल कर
आज तड़प रहे हैं सूरत जिला जाने के लिए।
जहाँ सीधे-सादे लोगो का है डेरा,
खुशहाली से भरा वो सूरत मेरा हैं।
सूरत में, पैसे से जेब हल्की और दिल के लोग बड़े होते है,
गैरों के मुसीबत में भी अपनों की तरह खड़े होते है।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
माना शहर में तुम्हारा वो तरक्की वाला मकान है,मगर सूरत में गरीबों के जीवन में भी सुकून और शान है।
खुदा से ही इतनी ताकत पाते है,
सूरत वाले हर मुसीबत से लड़ जाते है।
जो लोग दिल्ली की दवा से ठीक नही हो पाते है,
वो लोग अक्सर सूरत की हवा से ठीक हो जाते है।
दिल खुश हो जाता है सूरत के मेले में,
ख़ुशी का पता ही नही शहर के झमेले में।
जो कल तक टूटा सा था वो जुड़ रहा है,
अब जाकर विकास सूरत की ओर मुड़ रहा है।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
मेरी शहर सी ज़िंदगी में,वो एक सूरत सी है।
शांत, स्वच्छ और मासूम।
सूरत और शहर के लोगों में
उतना ही अंतर होता है
जितना धरती और गमले में
उगे हुए पौधे में होता है।
यूँ तो समेट लाए हर चीज़ सूरत से मगर,
धागे तुम्हारे नाम के बरगद पे ही रह गए

ये दौड़ता हुआ शहर है जनाब,
चलना हो तो सूरत आओ कभी।
दरवाजे से छुपकर देखती है वो रोज मुझे,


ये सूरत जिला का इश्क है जनाब, शहर की नौटंकीयां नहीं..!!
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
बंद कमरों में कहाँ ऐसी सदाएं होंगीं,ये मेरे सूरत जिला के बरगद की हवांए होंगी।
दिल्ली की दवा और सूरत की हवा बराबर होती है।
हमारे लिए तो सूरत
हमारी ज़िंदगी है साहब।
जहाँ गीत – गजलें साथ में सब को सुनाई दे,
सूरत जिला मजहब से परे मुझको दिखाई दे।
सुगन्धित इत्र और सूरत जिला से मित्र,
बड़े किस्मत वालों को ही मिलते हैं।
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
चलो लाज्मी था तेरे शहर सूरत आना,कुछ सीखा हो या ना सीखा हो पर संभलना जरूर सीख लिया।
सूरत की गलियों में मैंने अपने जीवन को संवारा हैं,
बड़े दिन से जमे हो तुम वहाँ, क्या हाल तुम्हारा हैं।
हम सूरत के वासी हैं,
बदला नहीं लेते, बदल जाते हैं।
दूसरे शहरों में:- तू जानता है मेरा बाप कौन है…?
सूरत में:- तोहू के मारब तोरे बापो के…
नही त भाग जा इहा से…

भाई साहब सूरत के लोग, परिवार के लिए जान दे सकते है,
पर देहाती रसगुल्ला में हिस्सा बिलकुल नही


gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
दाल भात खा कर दोपहर में मगरमच्छ की तरह सोना,ये हर सूरत जिला वालों के खून में पाया जाता है।
सूरत जिला में रहकर अगर बन्दूक के साथ फोटो नहीं खिचाई,
तो बाबा तुम्हारा सूरत में रहना व्यर्थ हो गया।
ये प्यार व्यार सब धोखा है,
आओ खाते लिट्टी चोखा है।
तुम हम, डाकबंगला का चौराहा
और दो प्लेट लिट्टी-चोखा।
इजहार ए मोहब्बत का हुनर भी सिखाएंगे तुम्हें,
आओ कभी सूरत लिट्टी चोखा का स्वाद भी चखाएंगे तुम्हें।
अभी मेरे पास लिट्टी हैं, चोखा हैं, चटनी हैं,
मुरई हैं, मिर्चा हैं , तुम्हारे पास क्या हैं ???
gj – 05 सूरत जिला पर शायरी स्टेटस कोट्स कविता हिन्दी में | shayari status quotes & poem on surat district in hindi :-
तुम एक बार सूरत के गलियों मे दिखने का वादा तो करो,वादा हैं इस बार तुम्हें लिट्टी-चोखा जरूर खिलाऐगे।
कुछ अलग ही सुकून मिलता है,
सूरत की मिट्टी में..
और जनाब कुछ अलग ही स्वाद है
यहां की चोखा और लिट्टी में।
तारीफ़ करूँ तो भक्त कहलाऊँ, न करूँ तो चमचा
अपना अपना मफ़लर सबका, अपना अपना गमछा।
एक ही गमछा है पास मेरे
दिन भर पहनता हूँ, रात को ओढ़ता हूँ।
मैं अपनी जिंदगी में तुमसे कुछ ज्यादा नहीं चाहता हूँ…
तुम्हारी साड़ी में अपना गमछा बाँध के सत्य नारायण की कथा सुनना चाहता हूँ।