खुशनसीब.. Shayari

खुशनसीब.. Shayari


खुशनसीब होते हैं वो लोग,
जो अपने सीने में ईमान रखते हैं..।

खुशनसीब होते हैं
वो प्यार करनेवाले,
साथ हँसते और साथ रोते हैं
ज़िन्दगी के पल साथ जीते हैं..।

खुशनसीब था मैं
जो तुम से रब ने मिलाया,
तुम्हें ज़िंदगी का मेरी
प्यारा साथी बनाया..।

खुशनसीब मेरा दिल
खुशनसीब मेरी जान,
मेरी तुमसे है
तुम्हारी मुझसे है,
जानेमन हम दोनों की
एक दूसरे से है पहचान..।

दुआ मेरी काम आई
खुशनसीबी साथ लाई,
मेरे प्यार की कशिश
तुम्हें मेरी ओर लाई..।

शुक्र है मेरे प्यारे रब का
जो ये खुशनसीबी उसने अता किया,
मेरी ज़िंदगी में उसने
मुझे तुमको दे दिया..।

मेरा यार खुशनसीब है
वो मेरी और मैं उसकी तक़दीर हैं,
हमको अब दुनिया से क्या
वो मेरा और मैं उसका नसीब हैं..।

प्यार भी मिला और यार भी मिला,
खुशनसीबी से तुम जैसा प्यार मिला..।

हाथों की लकीरों में
शायद तेरा नाम था,
खुशनसीब हूँ बहुत मैं तो
मेरी किस्मत में तुम्हारा नाम था..।

खुशनसीब लोग प्यार में
वफा खजकल पाते हैं,
नहीं तो खेल खेल में
ना जाने कितने दिल टूट जाते हैं..।

हम नहीं जानते थे कि
हम इतने खुशनसीब हैं,
मेरी प्यारी जानेमन
आपके दिल के इतने करीब हैं..।

खुशनसीबियाँ उन्हें मुबारक
हमें तन्हाईयाँ मुबारक,
उसको अपना प्यार मुबारक
मुझको अपना दर्द ए दिल मुबारक..।

खुशनसीब हूँ जो तुम मिले
हर राह मेरी अब तो फूल खिले,
दुआ मेरी अब तो तुम मुझको
देखने को हर रोज़ मिले..।

खुशनसीबियाँ उनके कदम चूमती हैं,
जिनके आगे पीछे माँ बाप की दुआ घूमती हैं..।

खुशनसीब समझते हैं खुद को
तेरा प्यार मिला जो मुझको,
अब रहेंगे उमरभर
साथ तुम्हारे हम तो..।
 

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