क्या आपने कभी कामना की है कि आपके पास छठी इंद्री हो? यदि हाँ, तो कुछ लोगों के अनुसार आप अपनी दोनों आँखों के बीच में ही इसे प्राप्त कर सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि हमारे पूरे शरीर में कुछ ऊर्जा केंद्र (या बिंदु) होते हैं, जिन्हें चक्र कहा जाता है, वह हमारी सम्पूर्ण अनुभूति और सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
तीसरी आँख, जिसे ‘आज्ञा चक्र’ भी कहा जाता है, हमारे शरीर का छठा चक्र होता है।
माना जाता है कि यह चक्र हमारे माथे के बीच में, हमारी भौहों के मध्य के समानांतर स्थित होता है। इसे हमारी धारणा, जागरूकता और आध्यात्मिक संचार से जुड़ा हुआ माना जाता है।
कुछ लोग कहते हैं कि जब आपका आज्ञा चक्र यानी तीसरी आँख खुली होती है, तो यह आपको असीम ज्ञान, बुद्धि और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है। साथ ही यह आपके आध्यात्मिक संबंध (ईश्वर से लगाव) को भी गहरा कर सकती है।
हालांकि इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है, लेकिन हमारी परंपराएं और संस्कृति तीसरी आंख के महत्व पर काफी जोर देती हैं।
आइए इस बात पर गहराई से प्रकाश डालते हैं कि तीसरी आंख क्या है, यह क्या कर सकती है और इसे कैसे खोला जाए।
“पीनियल ग्रंथि एक मटर के आकार की ग्रंथि है, जो मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथि के पास स्थित होती है।” कोविंगटन कहती हैं “यह ऋषियों और मुनियों का ध्यान लगाने का सबसे अच्छा उपकरण है और इसे सर्वोच्च सार्वभौमिक संबंध स्थापित करने का अंग माना जाता है।”
कोविंगटन ने यह भी नोट किया कि दुनिया भर में अधिकांश संस्कृतियों में पीनियल ग्रंथि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
“उदाहरण के लिए, आयुर्वेदिक दर्शन में, तीसरी आँख को आज्ञा चक्र द्वारा दर्शाया गया है,” वह कहती हैं। “प्राचीन मिस्र में, होरस की आँख का प्रतीक मानव सिर की पीनियल ग्रंथि को दर्शाता है।”
कोविंगटन के अनुसार, पीनियल ग्रंथि ऊर्जावान तीसरी ऑंख चक्र का जैविक प्रस्तुतीकरण है।
यह छोटी ग्रंथि मेलाटोनिन हॉर्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर की प्राकृतिक लय (जैसे सोने जागने के टाइम टेबल) और प्रजनन हार्मोन को प्रभावित करता है।
2019 की एक शोध समीक्षा के अनुसार, पीनियल ग्रंथि और एन-डाइमिथाइलट्रिप्टामाइन, जिसे डीएमटी के रूप में भी जाना जाता है, के बीच सम्बन्ध होता है।
डीएमटी का चेतना के साथ कथित संबंध होने के कारण, इस रसायन को कभी-कभी “आत्मा अणु” या “आत्मा का आसन” भी कहा जाता है।
इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि पीनियल ग्रंथि और तीसरी आँख के आध्यात्मिक अनुभव के बीच की कड़ी मौजूद है।
“तीसरी आंख का खुलना हमारी सभी मानसिक स्थितियों को समझने का द्वार है,” वह कहती हैं “तीसरी आँख खुलने पर आपका स्वयं और आत्मा के बीच अलगाव का भ्रम दूर हो जाता है।”
इसके अलावा, कोविंगटन का कहना है कि अगर आपकी तीसरी आँख में कोई अवरुद्ध है तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे:
वह कहती हैं कि आपकी तीसरी आँख खुलने से आपको निम्न लाभ हो सकते हैं:
कई संतों व योग वैज्ञानिकों द्वारा शरीर के चक्रों और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक कड़ी होना बताया गया है।
परामनोविज्ञान (parapsychology), जिसमें अस्पष्ट मानसिक घटनाओं के बारे अध्ययन किया जाता है, उसमें भी तीसरी आँख की भूमिका पर भी चर्चा की गई है। कुछ लोगों का मानना है कि जब व्यक्ति की तीसरी आँख खुली होती है, तो यह उसमें आध्यात्मिक संचार के द्वार के रूप में कार्य करती है।
कहा जाता है कि व्यक्ति तीसरी आँख खुलने पर निम्न कार्यों में सक्षम होता हैं:
ऐसा इसलिए है क्योंकि तीसरी आँख खुलने की उच्च अंतर्दृष्टि को संभालने के लिए आवश्यक आधार और क्षमता की आवश्यकता होती है। नहीं तो कुछ लोगों का मानना है कि तीसरी आँख खुलना व्यक्ति को अस्थिर करने वाला हो सकता है।
यदि आप अपनी तीसरी खोलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, तो कोविंगटन निम्नलिखित विधियों का सुझाव देती हैं:
शुरुआत में अपनी तीसरी आँख को अपनी सहज क्षमताओं के बारे में बतलायें और स्पंदन लय के माध्यम से प्रकृति से अपने सम्बन्ध को स्थापित करें। स्पंदन लय हमारे शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक परिवर्तन हैं जो 24 घंटे के चक्र का पालन करते हैं। इसको पीनियल ग्रंथि नियंत्रित करती है।
अपनी स्पंदन लय को सुधारने, जैसे एक निश्चित समय सारणी पर सोने-जागने, खाने, नहाने, ध्यान लगाने आदि से आपकी तीसरी आँख को शुरुआती सक्रियता मिल सकती है।
वह निम्न तेलों की सलाह देती हैं:
कुछ आवश्यक तेल, विशेष रूप से नींबू जैसे खट्टे तेल, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता पैदा कर सकते हैं। इसलिए अपनी त्वचा पर यह आवश्यक तेल लगाने के बाद धूप में निकलने से बचें।
यह आपके आध्यात्मिक संबंध में सुधार लाने, स्पष्टता बढ़ाने और ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए फायदेमंद जाता है।
कोविंगटन का मानना है कि यह तीसरी आंख खोलने में भी मदद कर सकता है।
“सूर्य शक्ति का एक बड़ा स्रोत है,” वह कहती हैं। “अपनी पीनियल ग्रंथि को बढ़ावा देने के लिए सूर्योदय के तुरंत बाद कुछ मिनटों और सूर्यास्त के अंतिम कुछ मिनटों के दौरान धीरे से सूर्य की ओर देखें।”
“जीवन स्रोत” से, कोविंगटन एक उच्च शक्ति या सभी चीजों की आवश्यक प्रकृति की बात कर रही हैं।
आप अपने ध्यान में जप को भी शामिल कर सकते हैं।
“जप करने से नाक में टेट्राहेड्रोन हड्डी गूंजती है, जो पीनियल ग्रंथि को उत्तेजित करती है,” कोविंगटन का दावा है।
वह कहती हैं कि मंत्रों का जाप करने से प्रशंसा और कृतज्ञता की भावना पैदा करने में मदद मिल सकती है।
“तीसरी आँख को जगाने की चाहत में क्रिस्टल प्रभावशाली सहयोगी हैं,” वह कहती हैं। “नीले और बैंगनी रंग के क्रिस्टल और रत्न का प्रयोग करें। यह रंग तीसरी आंख को जगाने, संतुलित करने, संरेखित करने और पोषित करने का काम करते हैं।”
तीसरी आँख को खोलने के लिए कोविंगटन निम्नलिखित क्रिस्टल की देती हैं:
कोविंगटन की राय में, अपनी तीसरी आंख खोलना एक अभ्यास है जिसे आपको प्रतिदिन समय देना चाहिए।
“हर दिन 10 मिनट ध्यान, जप, प्रार्थना, नृत्य, योग, आवश्यक तेल और फूलों की सुगंध के उपयोग के माध्यम से अपनी तीसरी आंख को सचेत रूप से सक्रिय करने का प्रयास करें,” वह कहती हैं।
हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि जल्दबाजी न करें। किसी भी प्रकार की समय सीमा को बनाए रखने की कोशिश करने के बजाय अभ्यास का आनंद लेने और जो आपके लिए सही लगता है उसे करने पर ध्यान दें।
“एक बार जब आप अपनी तीसरी आंख खोलने का प्रयास शुरू कर देते हैं, तो आपको खुद से मार्गदर्शक संकेत और दृश्य दिखना शुरू हो जाएंगे,” वह कहती हैं। “अपने अंतर्ज्ञान के संकेतों का करें और आप देखेंगे कि तीसरी आंख की ताकत बढ़ती जाएगी।”
ऐसा माना जाता है कि तीसरी आँख खुलने से आपके ज्ञान, दिव्य अनुभव, सहजता और आध्यात्मिक क्षमताओं में वृद्धि हो सकती है।
कुछ लोगों का मानना है कि ध्यान, जप, सूर्य की ओर देखना और क्रिस्टल हीलिंग जैसे अभ्यास तीसरी आंख को खोलने में मदद करते हैं, लेकिन इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई शोध नहीं हुए हैं।
ऐसा माना जाता है कि हमारे पूरे शरीर में कुछ ऊर्जा केंद्र (या बिंदु) होते हैं, जिन्हें चक्र कहा जाता है, वह हमारी सम्पूर्ण अनुभूति और सेहत को बेहतर बनाने में मदद कर सकते हैं।
तीसरी आँख, जिसे ‘आज्ञा चक्र’ भी कहा जाता है, हमारे शरीर का छठा चक्र होता है।
माना जाता है कि यह चक्र हमारे माथे के बीच में, हमारी भौहों के मध्य के समानांतर स्थित होता है। इसे हमारी धारणा, जागरूकता और आध्यात्मिक संचार से जुड़ा हुआ माना जाता है।
कुछ लोग कहते हैं कि जब आपका आज्ञा चक्र यानी तीसरी आँख खुली होती है, तो यह आपको असीम ज्ञान, बुद्धि और अंतर्दृष्टि प्रदान कर सकती है। साथ ही यह आपके आध्यात्मिक संबंध (ईश्वर से लगाव) को भी गहरा कर सकती है।
हालांकि इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है, लेकिन हमारी परंपराएं और संस्कृति तीसरी आंख के महत्व पर काफी जोर देती हैं।
आइए इस बात पर गहराई से प्रकाश डालते हैं कि तीसरी आंख क्या है, यह क्या कर सकती है और इसे कैसे खोला जाए।
तीसरी आँख चक्र क्या है?
माना जाता है कि तीसरी आँख का चक्र निम्न से संबंधित है:- स्पष्टता
- ध्यान
- कल्पना
- अंतर्ज्ञान
- आध्यात्मिकता
- सार्वभौमिक एकता
“पीनियल ग्रंथि एक मटर के आकार की ग्रंथि है, जो मस्तिष्क में हाइपोथैलेमस और पिट्यूटरी ग्रंथि के पास स्थित होती है।” कोविंगटन कहती हैं “यह ऋषियों और मुनियों का ध्यान लगाने का सबसे अच्छा उपकरण है और इसे सर्वोच्च सार्वभौमिक संबंध स्थापित करने का अंग माना जाता है।”
कोविंगटन ने यह भी नोट किया कि दुनिया भर में अधिकांश संस्कृतियों में पीनियल ग्रंथि एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
“उदाहरण के लिए, आयुर्वेदिक दर्शन में, तीसरी आँख को आज्ञा चक्र द्वारा दर्शाया गया है,” वह कहती हैं। “प्राचीन मिस्र में, होरस की आँख का प्रतीक मानव सिर की पीनियल ग्रंथि को दर्शाता है।”
कोविंगटन के अनुसार, पीनियल ग्रंथि ऊर्जावान तीसरी ऑंख चक्र का जैविक प्रस्तुतीकरण है।
यह छोटी ग्रंथि मेलाटोनिन हॉर्मोन का उत्पादन करती है, जो शरीर की प्राकृतिक लय (जैसे सोने जागने के टाइम टेबल) और प्रजनन हार्मोन को प्रभावित करता है।
2019 की एक शोध समीक्षा के अनुसार, पीनियल ग्रंथि और एन-डाइमिथाइलट्रिप्टामाइन, जिसे डीएमटी के रूप में भी जाना जाता है, के बीच सम्बन्ध होता है।
डीएमटी का चेतना के साथ कथित संबंध होने के कारण, इस रसायन को कभी-कभी “आत्मा अणु” या “आत्मा का आसन” भी कहा जाता है।
इसलिए ऐसा माना जा सकता है कि पीनियल ग्रंथि और तीसरी आँख के आध्यात्मिक अनुभव के बीच की कड़ी मौजूद है।
तीसरी आँख क्या-क्या कर सकती है?
हालांकि इसे साबित करने के लिए कोई वैज्ञानिक प्रमाण तो नहीं है, कोविंगटन का मानना है कि तीसरी आँख आध्यात्मिक दुनिया से जुड़ने की एक खिड़की हो सकती है।“तीसरी आंख का खुलना हमारी सभी मानसिक स्थितियों को समझने का द्वार है,” वह कहती हैं “तीसरी आँख खुलने पर आपका स्वयं और आत्मा के बीच अलगाव का भ्रम दूर हो जाता है।”
इसके अलावा, कोविंगटन का कहना है कि अगर आपकी तीसरी आँख में कोई अवरुद्ध है तो आपको कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। जैसे:
- विभ्रान्ति (कन्फ्यूजन)
- अनिश्चितता
- कुटिलता (उदासीनता)
- उद्देश्य और आत्मविश्वास में कमी
- निराशावाद
वह कहती हैं कि आपकी तीसरी आँख खुलने से आपको निम्न लाभ हो सकते हैं:
- मानसिक स्पष्टता
- बेहतर एकाग्रता
- स्पष्ट आत्म अभिव्यक्ति
- मजबूत अंतर्ज्ञान
- आनंद की भावना
- निश्चितता – जल्दी और प्रभावी ढंग से निर्णय लेने की क्षमता
- अंतर्दृष्टि – खुद के बारे में सटीक और गहरी समझ हासिल करने की क्षमता।
तीसरी आँख और मानसिक स्वास्थ्य
हालाँकि तीसरी आँख हमें आध्यात्मिक और भावनात्मक रूप से कैसे प्रभावित कर सकती है, इस बारे में अधिक शोधों की आवश्यकता है, लेकिन 2016 के एक शोध से पता चलता है कि पीनियल ग्रंथि का सिज़ोफ्रेनिया जैसे मूड बदलने वाले विकारों से सम्बन्ध होता है।कई संतों व योग वैज्ञानिकों द्वारा शरीर के चक्रों और मानसिक स्वास्थ्य के बीच एक कड़ी होना बताया गया है।
परामनोविज्ञान (parapsychology), जिसमें अस्पष्ट मानसिक घटनाओं के बारे अध्ययन किया जाता है, उसमें भी तीसरी आँख की भूमिका पर भी चर्चा की गई है। कुछ लोगों का मानना है कि जब व्यक्ति की तीसरी आँख खुली होती है, तो यह उसमें आध्यात्मिक संचार के द्वार के रूप में कार्य करती है।
कहा जाता है कि व्यक्ति तीसरी आँख खुलने पर निम्न कार्यों में सक्षम होता हैं:
- मानसिक दूरसंचार (टेलीपैथी) – ज्ञात इंद्रियों के अलावा अन्य माध्यमों से विचारों का संचार।
- दिव्य दृष्टि – सामान्य संवेदी संपर्क से परे या भविष्य में चीजों या घटनाओं को समझने की कथित क्षमता।
- स्पष्ट सपने देखना – जिसमें आपको सपना देखने के दौरान ही पता होता है कि आप सपना देख रहे हैं। इस दौरान आप सपने के पात्रों, कथा, या पर्यावरण पर कुछ हद तक नियंत्रण प्राप्त कर सकते हैं।
- सूक्ष्म शरीर प्रक्षेपण – इच्छानुसार खुद का शरीर से बाहर निकलने का अनुभव, जिसके माध्यम से आपकी चेतना भौतिक शरीर से अलग हो सकती है और ब्रम्हांड में कहीं भी यात्रा कर सकती है।
- औरा का अनुभव – एक औरा किसी भी जीवित जीव के आसपास मौजूद ऊर्जा क्षेत्र का एक रंगीन उत्सर्जन होता है। कुछ संतों के अनुसार यह व्यक्ति की आत्मा होती है। तीसरी आँख खुलने पर व्यक्ति द्वारा अपने और अन्य जीवों के औरा का अनुभव करने का दावा किया जाता है।
अपनी तीसरी आँख कैसे खोलें?
कुछ तांत्रिक परंपराएं व्यक्ति को तीसरी आँख खोलने से पहले अपने अन्य सभी चक्रों को खोलने और उनमें सामंजस्य स्थापित करने की आवश्यकता पर जोर देती हैं।ऐसा इसलिए है क्योंकि तीसरी आँख खुलने की उच्च अंतर्दृष्टि को संभालने के लिए आवश्यक आधार और क्षमता की आवश्यकता होती है। नहीं तो कुछ लोगों का मानना है कि तीसरी आँख खुलना व्यक्ति को अस्थिर करने वाला हो सकता है।
यदि आप अपनी तीसरी खोलने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, तो कोविंगटन निम्नलिखित विधियों का सुझाव देती हैं:
- अपनी तीसरी आँख को सक्रिय करें।
- अपने आहार में सुधार लाएं।
- माथे पर आवश्यक तेल लगाएं।
- सूर्य को सीधा देखने का प्रयास करें।
- ध्यान और जप का अभ्यास करें।
- अतिरिक्त मदद के लिए कुछ आध्यात्मिक क्रिस्टल्स (पत्थरों) का प्रयोग करें।
अपनी तीसरी आँख के चक्र को सक्रिय करें
कोविंगटन के अनुसार, जब आप अपनी तीसरी आँख खोलने का प्रयास करते हैं, तो सबसे पहले इसे सक्रिय करने का अभ्यास करना बेहतर है।शुरुआत में अपनी तीसरी आँख को अपनी सहज क्षमताओं के बारे में बतलायें और स्पंदन लय के माध्यम से प्रकृति से अपने सम्बन्ध को स्थापित करें। स्पंदन लय हमारे शारीरिक, मानसिक और व्यवहारिक परिवर्तन हैं जो 24 घंटे के चक्र का पालन करते हैं। इसको पीनियल ग्रंथि नियंत्रित करती है।
अपनी स्पंदन लय को सुधारने, जैसे एक निश्चित समय सारणी पर सोने-जागने, खाने, नहाने, ध्यान लगाने आदि से आपकी तीसरी आँख को शुरुआती सक्रियता मिल सकती है।
अपने आहार में सुधार लाएं
कोविंगटन का मानना है कि आहार आपकी तीसरी आँख को खोलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। वह सलाह देती हैं कि कई खाद्य पदार्थ तीसरी आंख का समर्थन और शुद्धिकरण कर सकते हैं, जिनमें शामिल निम्न हैं:- कोको पाउडर
- गोजी बेरी
- लहसुन
- नींबू
- तरबूज
- चक्र फूल
- शहद
- नारियल तेल
- भांग के बीज
- धनिया
- जिनसेंग
- विटामिन डी3
माथे पर आवश्यक तेल लगाएं
“आवश्यक तेल पीनियल ग्रंथि को ठीक करने और खोलने के लिए गतिशील उपकरण हैं, और यह आध्यात्मिक जागरूकता की स्थिति को सुविधाजनक भी बनाते हैं,” कोविंगटन कहती हैं।वह निम्न तेलों की सलाह देती हैं:
- चमेली
- नींबू
- चन्दन
- ऊपर दिए गए एक या अधिक तेल को लें और साथ ही अपनी पसंद का वाहक तेल (जिसमें मिलकर आवश्यक तेल को पतला किया जा सकता है, जैसे नारियल तेल) लें। चूंकि आवश्यक तेल अरोमाथेरेपी में उपयोग के लिए बहुत मजबूत सांद्रता में आते हैं, इसलिए उन्हें सीधे आपकी त्वचा पर उपयोग करने के बजाय हमेशा वाहक तेल के साथ मिलाएं। (और आवश्यक तेलों का कभी भी सेवन नहीं करना चाहिए!)
- आवश्यक तेलों को वाहक तेल के साथ मिलाएं। आवश्यक तेल की प्रत्येक 6 बूंदों के लिए, 1 चम्मच वाहक तेल का उपयोग करें।
- मिश्रण को सीधे अपने माथे पर लगाएं।
कुछ आवश्यक तेल, विशेष रूप से नींबू जैसे खट्टे तेल, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता पैदा कर सकते हैं। इसलिए अपनी त्वचा पर यह आवश्यक तेल लगाने के बाद धूप में निकलने से बचें।
सूर्य को सीधा देखने का प्रयास करें
सूर्य को सीधा देखना भी ध्यान का ही एक रूप है। आमतौर पर इसे सूर्योदय और सूर्यास्त के समय किया जाता है।यह आपके आध्यात्मिक संबंध में सुधार लाने, स्पष्टता बढ़ाने और ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए फायदेमंद जाता है।
कोविंगटन का मानना है कि यह तीसरी आंख खोलने में भी मदद कर सकता है।
“सूर्य शक्ति का एक बड़ा स्रोत है,” वह कहती हैं। “अपनी पीनियल ग्रंथि को बढ़ावा देने के लिए सूर्योदय के तुरंत बाद कुछ मिनटों और सूर्यास्त के अंतिम कुछ मिनटों के दौरान धीरे से सूर्य की ओर देखें।”
ध्यान लगाएं और जप करें
“ध्यान कंपन और दिमाग को केंद्रित करने के माध्यम से पीनियल ग्रंथि को सक्रिय करता है,” कोविंगटन कहती हैं। “इससे पीनियल ग्रंथि के शुद्धिकरण में मदद मिलती है, क्योंकि इसकी पवित्र प्रकृति प्रकाशित है और सीधे जीवन स्रोत से जुड़ी हुई है।”“जीवन स्रोत” से, कोविंगटन एक उच्च शक्ति या सभी चीजों की आवश्यक प्रकृति की बात कर रही हैं।
आप अपने ध्यान में जप को भी शामिल कर सकते हैं।
“जप करने से नाक में टेट्राहेड्रोन हड्डी गूंजती है, जो पीनियल ग्रंथि को उत्तेजित करती है,” कोविंगटन का दावा है।
वह कहती हैं कि मंत्रों का जाप करने से प्रशंसा और कृतज्ञता की भावना पैदा करने में मदद मिल सकती है।
आध्यात्मिक क्रिस्टल्स (पत्थरों) का प्रयोग करें
कुछ लोगों का मानना है कि क्रिस्टल में हीलिंग एनर्जी होती है। कोविंगटन का मानना है कि जब आपकी तीसरी आँख खोलने की बात आती है तब भी वह फायदेमंद हो सकते हैं।“तीसरी आँख को जगाने की चाहत में क्रिस्टल प्रभावशाली सहयोगी हैं,” वह कहती हैं। “नीले और बैंगनी रंग के क्रिस्टल और रत्न का प्रयोग करें। यह रंग तीसरी आंख को जगाने, संतुलित करने, संरेखित करने और पोषित करने का काम करते हैं।”
तीसरी आँख को खोलने के लिए कोविंगटन निम्नलिखित क्रिस्टल की देती हैं:
- जमुनिया रत्न (अमेथिस्ट)
- बैंगनी पुखराज
- तुरमली रत्न
- रोडोनाइट
- लाजवर्त रत्न
तीसरी आँख खोलने में कितना समय लगता है?
आपकी तीसरी आंख को खोलने में कितना समय लगेगा, इसकी कोई विशेष समय सीमा नहीं है। कुछ लोगों का मानना है कि इसमें कुछ दिन, एक सप्ताह, एक महीना या इससे अधिक समय लग सकता है। दूसरों का कहना है कि इसमें वर्षों या जीवन भर का अभ्यास भी लग सकता है।कोविंगटन की राय में, अपनी तीसरी आंख खोलना एक अभ्यास है जिसे आपको प्रतिदिन समय देना चाहिए।
“हर दिन 10 मिनट ध्यान, जप, प्रार्थना, नृत्य, योग, आवश्यक तेल और फूलों की सुगंध के उपयोग के माध्यम से अपनी तीसरी आंख को सचेत रूप से सक्रिय करने का प्रयास करें,” वह कहती हैं।
हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि जल्दबाजी न करें। किसी भी प्रकार की समय सीमा को बनाए रखने की कोशिश करने के बजाय अभ्यास का आनंद लेने और जो आपके लिए सही लगता है उसे करने पर ध्यान दें।
कैसे जानें कि आपकी तीसरी आंख खुल चुकी है
कोविंगटन का कहना है कि इसका उत्तर बहुत ही सरल है।“एक बार जब आप अपनी तीसरी आंख खोलने का प्रयास शुरू कर देते हैं, तो आपको खुद से मार्गदर्शक संकेत और दृश्य दिखना शुरू हो जाएंगे,” वह कहती हैं। “अपने अंतर्ज्ञान के संकेतों का करें और आप देखेंगे कि तीसरी आंख की ताकत बढ़ती जाएगी।”
निष्कर्ष
तीसरी आँख को कभी-कभी हमारी छठी इंद्रिय के रूप में संदर्भित किया जाता है और कुछ लोगों द्वारा इसे पीनियल ग्रंथि से जुड़ा माना जाता है। हालाँकि, ऐसा कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है जो तीसरी आँख के अस्तित्व को साबित करता हो।ऐसा माना जाता है कि तीसरी आँख खुलने से आपके ज्ञान, दिव्य अनुभव, सहजता और आध्यात्मिक क्षमताओं में वृद्धि हो सकती है।
कुछ लोगों का मानना है कि ध्यान, जप, सूर्य की ओर देखना और क्रिस्टल हीलिंग जैसे अभ्यास तीसरी आंख को खोलने में मदद करते हैं, लेकिन इन दावों का समर्थन करने के लिए कोई शोध नहीं हुए हैं।
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