जानते है संस्कृत में भारत माता गीत के बारे में हिंदी अनुवाद सहित
जिसके सिर पर हिमगिरी का मुकुट विराजमान है, चरणों में हिन्दुमहासागर का जल है, सस्य लता और वृक्ष जिसके वस्त्र हैं,भारतमाता बुधजनगीता
निर्मलगङ्गाजलपूता ।।
शिरसि विराजित-हिमगिरिमुकुटम्
चरणे हिन्दु-महोदधि-सलिलम्
जघने सस्य-लता-तरु-वसनम् जय भारतजननी, जय भारतजननी ।। १ ।।
ऋषिवर-घोषित-मन्त्र-पुलकिता
कविवर-गुम्फित-पावन-चरिता
धीर-वीर-नृप-शौर्य-पालिता
जय भारतजननी ,जय भारतजननी ।। २ ।।
मम मनसि सदा तव पदयुगलम् संस्कृत-संस्कृति-सतत-चिन्तनम्
भाव-राग-लय-ताल-मेलनम्
जय भारतजननी ,जय भारतजननी ।। ३ ।।
भारतमाता बुधजनगीता
निर्मलगङ्गाजलपूता ।।
शिरसि विराजित-हिमगिरिमुकुटम्
चरणे हिन्दु-महोदधि-सलिलम्
जघने सस्य-लता-तरु-वसनम् जय भारतजननी, जय भारतजननी ।। १ ।।
ऋषिवर-घोषित-मन्त्र-पुलकिता
कविवर-गुम्फित-पावन-चरिता
धीर-वीर-नृप-शौर्य-पालिता
जय भारतजननी ,जय भारतजननी ।। २ ।।
मम मनसि सदा तव पदयुगलम् संस्कृत-संस्कृति-सतत-चिन्तनम्
भाव-राग-लय-ताल-मेलनम्
जय भारतजननी ,जय भारतजननी ।। ३ ।।
हिंदी में अनुवाद
ऐसी भारतमाता की जय हो।भारतामाता की जय हो।। १ ।।
ऋषियों के मन्त्रघोष ने जिसे पुलकित किया, कवियों ने जिसके पावन चरित्रों का गान किया, धीर वीर राजाओं ने शौर्य से जिसका पालन किया,
ऐसी भारतमाता की जय हो।
भारतमाता की जय हो।। २ ।।
मेरे मन में सदा तेरे युगल चरण बसें, संस्कृत और संस्कृति का सतत चिन्तन चले, भाव, राग, लय और ताल के मिलन से
भारतमाता की जय हो।
भारतमाता की जय हो।। ३ ।।