मां सरस्वती वंदना से संबधित श्लोक

मां सरस्वती वंदना से संबधित श्लोक


सुभप्रभात मित्रों तो कैसे हो आप सभी , तो आज हम आपके लिए मां सरस्वती वंदना से संबधित श्लोक लेके आए है तो आईए देखते हैं।

मां सरस्वती वंदना से संबधित श्लोक​

1. सरस्वति नमस्तुभ्यम्, वरदे कामरूपिणि विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा ।।1।।​

अर्थ- समस्त मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली है देवी सरस्वती आपको नमस्कार करके में विद्या का आरंभ करूंगा। मैं हमेशा सफलता को प्राप्त करूँ।

2. कृपया यस्य सिध्यन्ति, सत्कार्याणि सुखानि च। तं नमामि सदा देवम्, सद्ज्ञानस्य प्रदायकम्।।2।।​

अर्थ- जिसकी कृपा से हमें सभी कार्यों में सफलता प्राप्त होती है तथा हमें अनेक अच्छे कार्य करने का अवसर मिलता है और हम सभी सुखों को प्राप्त करते हैं। सच्चे ज्ञान को प्रदान करने वाले उस देवता को में हमेशा प्रणाम करता हूँ।

3. नमामि ईश्वरं पूर्वम्, ततः श्रेष्ठान् नमाम्यहम्।
काले करोमि कार्याणि, पठनं क्रीडनं तथा ।।3।।​

अर्थ- सर्वप्रथम में ईश्वर को प्रणाम करता हूँ, तत्पश्चात श्रेष्ठ (बड़ों को) जनों को प्रणाम करता हूँ, पढ़ने तथा खेलने आदि के कार्य समय पर करता हूँ।

4. ओऽम् भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यम्।
भर्गो देवस्य धीमहि, धियो यो नः प्रचोदयात् ।।4।।​

अर्थ- जो सभी जीवों को प्राण देता है, सम्पूर्ण कष्टों को दूर करता है तथा अनेक प्रकार के सुखों को देता है। हम सब उस श्रेष्ठ दीप्तिमान सूर्य देव का ध्यान करें, जिससे वह हमारी बुद्धि को प्रेरित करें।

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