हैलो फ्रेंड्स कैसे हो आप सब आज हम बात करेंगे Ambe Tu Hai Jagdambe Kali के विषय में जगदम्बे माता भगवान शिव की पत्नी का ही एक रूप थी। उन्होने महिषासुर नामक असुर का वध किया था। नवरात्रि के नो दिनों में माँ जगदम्बे के नो रूपों की पूजा की जाती है। शुक्रवार के दिन माँ जगदम्बे की पूजा करना अच्छा माना जाता है तो चलिए बढ़ते है जगदम्बे माता की आरती की ओर जिसमे जगदम्बे माता के महत्व का वर्णन है। Ambe Tu Hai Jagdambe Kali –
जगदम्बे माता जी की आरती इन हिंदी
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खपर वाली।तेरे ही गुण गए भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खपर वाली।
तेरे भक्त जनों पर माता भीड़ पड़ी है भारी,
दानव दल पर टूट पड़ो माँ करके सिंह सवारी।
सौ-सौ सिंघो से भी बलशाली, है अष्ट भुजाओ वाली,
दुष्टों को तुही संहारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खपर वाली।
तेरे ही गुण गए भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।
माँ बेटे का है इस जग में बड़ा ही निर्मल नाता,
पूत-कपूत सुने है पर न माता सुनी कुमाता।
सब पे करुणा दर्शाने वाली, अमृत बरसाने वाली,
दुखियों के दुखड़े निवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खपर वाली।
तेरे ही गुण गए भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
नहीं मांगते धन और दौलत, न चांदी न सोना,
हम तो मांगे बस तेरे मन मैं इक छोटा सा कोना।
सबकी बिगड़ी बनाने वाली, लाज बचने वाली,
सतियों के सात को संवारती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खपर वाली।
तेरे ही गुण गए भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
चरण शरण में खड़े तुम्हारी, ले पूजा की थाली,
वरद हस्त सर पर रख दो माँ संकट हरने वाली।
माँ भरदो भक्ति रास प्याली, अष्ट भुजाओं वाली,
भाटों के कारज को सरती।
ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।।
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खपर वाली।
तेरे ही गुण गए भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती।
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