माँ पर 100+ शायरी, जो दिल छू लेंगी

जब हम जन्म लेकर इस धरती पर आते हैं तो सबसे पहले माँ को ही ढूंढते हैं। और ऐसा होना स्वाभाविक हैं क्योंकि कोई भी बच्चा जब जन्म लेता है तो अपनी माँ के बिना नहीं रह सकता हैं। पर जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते हैं हम धीरे-धीरे बदलते जाते हैं। और धीरे-धीरे मां से दूर जाने लगते हैं। लेकिन माँ हमारे जीवन में कितना अधिक महत्वपूर्ण स्थान रखती है हमें बाद में पता चलता हैं। पर यदि आप चाहें तो छोटे-छोटे प्रयासों से आप अपने माँ को खुश कर सकते हैं। जिनमें से एक हैं माँ को शायरी भेजकर, तो आप हम आपके सामने लेकर आये हैं माँ पर शायरी (Maa Par Shayari) जिसे यदि आप आपनी माँ को भेजेंगे तो वे बहुत ही ज्यादा खुश हो जायेंगी और ये सभी शायरी माँ की ममता पर शायरी ही लिखी गई हैं।

माँ पर शायरी​

माँ की आवाज़ चाहे फोन पर क्यों न हो, लकिन सकून बहोत देती है


माँ की आवाज़ चाहे फोन पर क्यों न हो,
लकिन सकून बहोत देती है

तेरे डिब्बे की वो रोटियां कहीं बिकती नहीं,
इन मेहंगे होटलों में माँ आज भी भूख मीटती नहीं

मुसीबते कहती है खुदखुशी करले,
लेकिन दिल केहता है माँ बहोत रोयेगी

इस दुनिया में माँ के सिवा ऐसा कोई नहीं,
जो दिल की बात बिना कहे पहचान ले

हज़ारों हो गम चाहे फिर भी खुशी से फूल जाता हुँ,
जब भी हस्ती है मेरी माँ मैं हर गम को भूल जाता हुँ

कुछ तो जादू जरूर है माँ के प्यार में,
वरना फूंक मरने से कहाँ कोई ज़ख्म ठीक होता है



माँ का साथ होना भी,
किसी ख़ज़ाने से कम थोड़ी है

जिंदगी में मेरी एक भी गम न होता,
किस्मत लिखने का हक अगर मेरी को माँ होता

नहीं पड़ता फर्क की दुनिया मुझे क्या कहती है,
मैं बहोत अच्छा हुँ ऐसा सिर्फ मेरी माँ केहती है

लबों पर जिसकी कभी कोई बदुआ नहीं होती,
बस वो एक माँ ही है जो कभी ख़फा नहीं होती


इस दुनिया में मां के सिवा कोई नहीं, जो दिल की बात बिना कहे पहचान लें।


इस दुनिया में मां के सिवा कोई नहीं,
जो दिल की बात बिना कहे पहचान लें।

जन्नत का हर लम्हा दीदार किया है,
माँ जब -जब तूने गले लगाकर प्यार किया है

बिन बताये जो हर गम को पहचान लेती है,
एक माँ ही है जो चेहरे से गम पहचान लेती है

जिंदगी में मुश्किलें जब – जब आने लगी,
तब – तब याद माँ कि आने लगी

जितना डर मुझे मौत से नहीं लगता,
जितना माँ के बिना जीने से लगता है

तसली देने के लिये सारा ज़माना,
ओर साथ देने के लिये सिर्फ माँ

घर कितना भी अच्छा क्यों न हो,
माँ के बिना अधूरा सा ही लगता है

मैं तकलीफो से कैसे हार जाऊ,
मेरी माँ आज भी मेरी तरक्की कि आस लगाये बैठी है



मुस्कुराहट तेरी जरूरी है माँ,
फिर कीमत चाहे जो भी हो

दवा अगर काम न आये,
तो नज़र भी उतारती है,
वो माँ ही है,
जो हार कहाँ मानती है

नहीं चाहिए मुझे किसी का साथ,
बस रखदे तू माँ मेरे सर पर एक हाथ


हजारों गम हो चाहे फिर भी खुशी से फूल जाता हूँ, जब भी हंसती है मेरी मां मैं हर गम भूल जाता हूँ।


हजारों गम हो चाहे फिर भी खुशी से फूल जाता हूँ,
जब भी हंसती है मेरी मां मैं हर गम भूल जाता हूँ।
एक बार मंज़िल तक पहुंच जाऊ,
सबसे पहले माँ की खावहिशे पूरी करूँगा

“माँ” बस तेरी मोहब्बत सच्ची है,
बाकियों के तो नखरे बहोत है

माँ न हो तो वफ़ा कौन करेगा,
ममता का हक भी कौन पूरा करेगा,
भगवान हर माँ को रखना सलामत,
वरना हर बच्चे के लिये दुआ कौन करेगा

सच्ची मोहब्बत करनी है तो माँ से करो,
इस मोहब्बत में कभी बेवफाई नहीं मिलती

जिंदगी तूने तो रुला कर रख दिया,
जाकर पूछ मेरी माँ से की उसके कितने लाडले थे हम

माँ एक ऐसी औरत,
जिसको कभी खुदकी फिकर नहीं होती

किस्मत की लकीरें भी,
माँ की दुआओ से बनती है

मेरी आवाज़ से ही जिसने,
हर तकलीफ को पहचाना है,
एक माँ ही है जिसने,
मुझे मुझसे बेहतर जाना है

माँ सबकी कमी को पूरा कर सकती है,
लेकिन माँ की कमी को कोई पूरा नहीं कर सकता

वक्त चाहे कितना भी क्यों न बदल जाये,
एक माँ की मोहब्बत ही है जो कभी नहीं बदलती


कुछ तो जादू है मेरी मां के प्यार में, वरना फूंक मारने से कहाँ कोई जख्म ठीक होता है।


कुछ तो जादू है मेरी मां के प्यार में,
वरना फूंक मारने से कहाँ कोई जख्म ठीक होता है।
छूट गया साथ माँ का खाली हो गया घर का हर कोना,
दुआओँ में रहना माँ साथ मेरे पर मुझसे दूर कभी मत होना

माँ का कर्ज़ ऐसा कर्ज है दुनिया में जो,
इंसान मरते दम तक नहीं उतार सकता

माँ के लिये सब कुछ छोड़ देना,
लेकिन किसी के लिए माँ को कभी मत छोड़ना,
क्यूंकि जब रोती है माँ तो फरिश्ते भी रो पड़ते है

जब न रखी माँ ने कमी कोई बच्चों को पालने में,
तब क्यों रखी कसर बच्चों ने माँ को बुढ़ापे में सँभालने में

दुनिया में सब कुछ बदल सकता है,
सिवाये माँ के प्यार के

इस गजब के रिश्ते की कुछ ये गहराई है,
अगर लगे चोट मुझे तो तड़पे मेरी माई (माँ) है



एक माँ ही है जिसके होते,
जिंदगी में कभी कोई गम नहीं होता,
दुनिया साथ दे या न दे पर,
माँ का प्यार कभी कम नहीं होता

है दुआ अब हर रोज़ रब से वो शाम कभी न आये,
मेरी माँ न मुझसे दूर हो जाये

मेरी माँ ने मुझे समझया है,
जब तक तुम डरते रहोगे,
तब तक तुम्हारी जिन्दगी के फैसले,
कोई और ही करेगा


नहीं पड़ता फर्क कि दुनिया मुझे क्या कहती है, मैं बहुत अच्छा हूँ ऐसा सिर्फ मेरी मां कहती है।


नहीं पड़ता फर्क कि दुनिया मुझे क्या कहती है,
मैं बहुत अच्छा हूँ ऐसा सिर्फ मेरी मां कहती है।

सारी दुनिया में सिर्फ एक माँ ही ऐसी होती है,
जो पहचान लेती है आँखे सोने से लाल है या रोने से

माँ तेरे हाथों से मैं फिर से खाना चाहता हूँ,
जिंदगी फिर एक बार वही दौहराना चाहता हूँ

दुनिया की सारी छांवो में ममता की छांव निराली है,
तभी तो मुँह से माँ निकले जब पड़ती मुसीबत भारी है

ये दुनिया है माँ बहुत उलझनों की,
इक तेरी गोद में है सुकून सारी दुनिया की

घुटनों से रेंगते-रेंगते कब पैरों पर खड़ा हो गया,
माँ तेरी ममता की छाँव न जाने कब मैं बड़ा हो गया

उसके होते जीवन में मेरे कभी कोई गम न होता
दुनिया साथ दे या न दे लेकिन माँ का प्यार कभी कम नहीं होता

माँ – से बढ़कर इस दुनिया में मेरा कोई भगवान नहीं,
चुका पाऊ उनका ये ऋण मैं इतनी मेरी औकात नहीं
 
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