श्वसन तंत्र किसे कहते हैं? । Respiratory System In Hindi

हेलो दोस्तों, हमारे इस Blog में आपका स्वागत है, हमारे इस ब्लॉग में आज हम आपको श्वसन तंत्र किसे कहते हैं? । Respiratory System In Hindi के बारे में बताएंगे और इसके साथ-साथ मनुष्य के श्वसन तंत्र के अंग के बारे में भी बताएंगे। तो चलिए दोस्तों सुरु करते है।

श्वसन तंत्र किसे कहते हैं? । Respiratory System In Hindi

प्रत्येक जीव को जीवित रहने हेतु ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है क्योंकि ऑक्सीजन ही कार्बनिक भोज पदार्थों का ऑक्सीकरण या विघटन करके उर्जा प्रदान करते हैं, भोज्य पदार्थों के ऑक्सीकरण की यही प्रक्रिया श्वसन कहलाती है।

दूसरे शब्दों में यह कहा जा जा सकता है की जीवो में संपन्न होने वाले वाली वह ऑक्सीकरण क्रिया जिसमें ऑक्सीजन की उपस्थिति या अनुपस्थिति में जटिल भोज्य पदार्थों का सामान्य शरीर तापमान पर विभिन्न एंजाइमों के नियंत्रण में क्रमिक अपघटन होता है, जिसके फलस्वरूप सरल भोज्य पदार्थ अथवा जल एवं CO2 का निर्माण होता है तथा ऊर्जा मुक्त होती है श्वसन कहलाती है।


ऑक्सीजन के अंतर्ग्रहण करने का कार्य श्वसन तंत्र करता है, श्वसन तंत्र के द्वारा शरीर की प्रत्येक कोशिका ऑक्सीजन की संपूर्ति प्राप्त करती है साथ ही साथ ऑक्सीजन उत्पादन से मुक्त हो जाती है श्वसन की संपूर्ण प्रक्रिया को निम्नलिखित भागों में विभाजित किया गया है।
  • A – वाह्य श्वसन
  • B – गैसों का परिवहन
  • C – आंतरिक श्वसन

A. वाह्य श्वसन । External Respiration In Hindi

प्राणी और वातावरण के बीच श्वसन गैसों के आदान प्रदान अर्थात ऑक्सीजन का शरीर में आना और कार्बन डाइऑक्साइड का शरीर से बाहर जाना वाह्य श्वसन कहलाता है। इस प्रकार की श्वसन क्रिया फुफ्फुस कहते हैं इसलिए इसे श्वसन भी कहते हैं। इसमें ऑक्सीजन का रुधिर में मिलना तथा CO2 का शरीर से बाहर निकलना सम्मिलित होता है इसे गैसीय विनिमय कहते हैं।

स्तनधारियों में वाह्य श्वसन 2 पदों में होता है।

1 – श्वासोच्छवास

2 – गैसों का विनिमय


1. श्वासोच्छवास । Breathing In Hindi

स्तनधारी में एक जोड़े लचीले स्पंजी फेफड़े होते हैं जो वक्ष गुहा में स्थित एक जोड़ा गुहाओ के भीतर सुरक्षित बंद रहते हैं फेफड़ों में निश्चित दर से वायु भरी तथा निकाली जाती है जैसे सांस लेना या श्वासोच्छवास कहते हैं श्वास लेने की प्रक्रिया दो भागों में संपन्न होती है

(a) नि: श्वसन।

जब वायु वातावरण से शरीर के भीतर श्वासोच्छवास अंगों में प्रवेश करती है तब उस अवस्था को कहते हैं पसलियां तथा स्टर्म स्टंट नरम ऊपर था बाहर की ओर खींचते हैं जिससे व चूहा का आयतन बढ़ जाता है डायफ्रॉम कि रेडियल पेशिया सिकुड़ती हैं जिससे डायफ्रॉम चिपटा हो जाता है जिससे वक्ष गुहा का आयतन अग्रपश्च दिशा में बढ़ जाता है वक्ष गुहा का आयतन बढ़ने से दबाव कम हो जाता है फेफड़े फैलते हैं वायु नासा , नासावेश्मो, ट्रेकिया ब्रोक्स एवं ब्रोकियोल्स आदि से होती हुई फेफड़ों में पहुंचती है गैसों का आदान प्रदान एलव्योली मैं होता है एलव्योली से ऑक्सीजन विसरित होकर रुधिर में तथा कार्बन डाइऑक्साइड रुधिर से विसरित होकर फेफड़ों की एलव्योली में पहुंचती है।

(b) उच्छवास।

जब श्वसन के पश्चात CO2 युक्त वायु श्वासोच्छवास अंगों से बाहर वातावरण में निकलती है तब उस अवस्था उच्छवास को कहते हैं उच्छवास मैं आंतरिक इंटरकास्टल पेशियों के सिकुड़ने के कारण पसलियां फिर अपने स्थान पर वापस आ जाती हैं इसके फलस्वरूप फ्लूरल गुहा का आयतन घट जाता है एवं फेफड़े पर दबाव पड़ने के कारण वह सिकुड़ता रहता है तथा फेफड़े की हवा उसी पथ से जिस पथ से प्रवेश करती है बाहर निकल कर वातावरण में वापस चली जाती है आंतरिक इंटरकास्टल पेशियों को उच्छवास भी कहते हैं क्योंकि इन्हीं के द्वारा उच्छवास संपन्न होता है।

2. गैसों का विनिमय। Exchange Of Gases In Hindi

गैसों का विनिमय फेफड़े के अंदर होता है फेफड़े मैं ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड गैसों का विनिमय उनके दाब के अंतर के कारण होता है।

B. गैसों का परिवहन

गैसों अर्थात ऑक्सीजन ऑन कार्बन डाइऑक्साइड का फेफड़े से शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचना तथा पुनः फेफड़े तक वापस आने की क्रिया को गैसों का परिवहन कहते हैं श्वसन गैसों का परिवहन रुधिर परिसंचरण तंत्र के सहायता से होता है।

1. ऑक्सीजन का परिवहन । Transportation Of Oxygen In Hindi

ऑक्सीजन का परिवहन मुख्यत: रुधिर में पाए जाने वाले लाल वर्णक हीमोग्लोबिन के द्वारा होता है हीमोग्लोबिन ऑक्सीजन से संयुक्त होकर एक स्थाई योगिक ऑक्सीहीमोग्लोबिन बनाता है जो एक भौतिक परिवर्तन है।

यह ऑक्सीहीमोग्लोबिन रुधिर परिसंचरण के द्वारा शरीर की विभिन्न कोशिकाओं में पहुंचता है कोशिकाओं में ऑक्सीजन का आंशिक दाब कम रहता है जिसके कारण ऑक्सीहीमोग्लोबिन का विखंडन ऑक्सीजन एवं हीमोग्लोबिन में हो जाता है इस प्रक्रिया में आयोजन मुक्त होकर उतको में प्रवेश कर जाता है।

2. कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन । Carbon dioxide Transport In Hindi

कार्बन डाइऑक्साइड का परिवहन कोशिकाओं से फेफड़े तक हीमोग्लोबिन के द्वारा केबल 10 से 20% तक ही हो पाता है CO2 परिवहन रुधिर परिसंचरण द्वारा अन्य प्रकार से भी होता है जो निम्नलिखित है ।

a. प्लाज्मा मे घुलकर

  • कार्बन डाइऑक्साइड रुधिर प्लाज्मा में घुलकर कार्बनिक अम्ल बनाती है कार्बनिक अम्ल के रूप में CO2 का लगभग 7% परिवहन होता है।

b. बाइकार्बोनेट के रूप में

  • बाइकार्बोनेट के रूप में कार्बन डाइऑक्साइड के अधिकांश भाग का परिवहन होता है यार उधर के पोटैशियम तथा प्लाज्मा के सोडियम से मिलकर क्रमशः पोटेशियम बाइकार्बोनेट एवं सोडियम बाईकार्बोनेट बनाता है।

c. कार्बोमिनो यौगिकों के रूप में

  • कार्बन डाइऑक्साइड हीमोग्लोबिन के अमीनो समूह से सहयोग कर कार्बोक्सी हीमोग्लोबिन तथा प्लाज्मा प्रोटीन से सहयोग कर कार्बोमिनो हीमोग्लोबिन बनाता है इस प्रकार यह लगभग 23% CO2 का परिवहन करता है।

C. आंतरिक श्वसन । Internal Respiration In Hindi

शरीर के अंदर रुधिर एवं उत्तक द्रव्य के बीच होने वाले गैसीय विनिमय को आंतरिक श्वसन कहते हैं
फेफड़े में होने वाले गैसीय विनिमय को वाह्य श्वसन कहते हैं। क्योंकि आंतरिक श्वसन कोशिकाओं के अंदर होता है अतः इसे कोशिकीय श्वसन भी कहते हैं आंतरिक श्वसन से कोशिकीय श्वसन में निम्नलिखित प्रक्रिया सम्मिलित होती है।

1. ऑक्सीहीमोग्लोबिन का विघटन

रक्त परिसंचरण के परिमाण स्वरूप ऑक्सीहीमोग्लोबिन कोशिकाओं में पहुंचता है जहां पर ऑक्सीजन का दाब कम होता हैं अतः ऑक्सीहीमोग्लोबिन का ऑक्सीजन में विघटन हो जाता है इस प्रकार से लगभग 25% ऑक्सीजन ऊतको में पहुंच जाते हैं।

2. खाद्य पदार्थों ऑक्सीकरण

कोशिका द्रव्य में ऑक्सीजन उपस्थित में विभिन्न खाद्य पदार्थों का विभिन्न एंजाइमों की उपस्थिति में ऑक्सीकरण होता है जिसके फलस्वरुप ऊर्जा मुक्त होती है। आंतरिक श्वसन दो प्रकार के होते हैं।

A. अनाक्सी श्वसन । Anaerobic respiration In Hindi

B. ऑक्सी श्वसन । Aerobic respiration In Hindi


A. अनाक्सी श्वसन । Anaerobic Respiration In Hindi

वह श्वसन जो ऑक्सीजन के अनुपस्थित में होता है अनाक्सीश्वसन के लाता है इसमें जटिल रासायनिक प्रतिक्रियाओं की श्रृंखला द्वारा ग्लूकोज का आंशिक विखंडन होता है ग्लूकोज का यह आंशिक विखंडन 12 एंजाइमों की सहायता से कोशिका द्रव्य में संपन्न होता है इसके अंतर्गत होने वाले संपूर्ण प्रक्रम को ग्लाइकोलिसिस होते हैं संपूर्ण प्रक्रम में 4 अणु ATP ऊर्जा का निर्माण होता है जिसमें से 2 अणु ATP उर्जा इस प्रकार के संपन्न होने में खर्च हो जाती है इस प्रकार 2 अणु ATP का शुद्ध लाभ होता है इसमें ग्लूकोज अणु के आंशिक विखंडन के कारण उनसे लगभग 7% ऊर्जा मुक्त हो पाती है यह बची हुई ऊर्जा आण्विक ऑक्सीजन की उपस्थिति में पाइरुविक अम्ल के पूर्ण विखंडन के फलस्वरुप मुक्त होती है

C6 H12 O6 — 2C2H5OH + 2CO2 + 210 kj

C6 H12 O6 — 2C3H6O3 + 150 kj

अनाक्सीश्वसन प्राय : जीवी में गहराई पर स्थित ऊतकों मैं अंकुरित होते बीजों में फलों में अल्प समय के लिए होता है।

अनाक्सीश्वसन को शर्करा किण्वन भी कहा जाता है।


B. ऑक्सी श्वसन। Aerobic Respiration In Hindi

कोशिकीय श्वसन का यह चरण कोशिका के अंदर माइटोकांड्रिया में संपन्न होता है इस चरण में विभिन्न रासायनिक प्रतिक्रियाओं की एक श्रृंखला और अनेक एंजाइमों की सहायता से पाइरुविक अम्ल पूर्ण ऑक्सीकरण होता है तथा अन्य में CO2 एवं जल के रूप में बनते हैं और ढेर सारी रासायनिक ऊर्जा मुक्त होती है जो ATP अणुओं में संचित हो जाती है इस प्रकार ग्लूकोज के पूर्ण विखंडन या पूर्ण ऑक्सीकरण के फलस्वरूप कुल ऊर्जा का लगभग 55 से 60% तक ही जीवों को उपलब्ध होता हैं।

C6 H12 + O6 — 6Co2 + 6H2o + 2830kj

श्वसन की क्रियाविधि । Mechanism Of Respiration In Hindi

श्वसन की प्रक्रिया सामान्य 2 पदों में संपन्न होते हैं।

1. ग्लाइकोलिसिस। Glycolysis In Hindi

इस प्रक्रिया में ग्लूकोज के एक अणु से पाइरुविक अम्ल के दो अणुओं का निर्माण होता है इस प्रक्रिया में ऑक्सीजन की आवश्यकता नहीं होती है अतः यह प्रक्रिया अनाक्सीश्वसन तथा ऑक्सीश्वसन मैं एक जैसी ही होती है यह संपूर्ण प्रक्रिया कोशिका द्रव्य में पूर्ण होती है ग्लाइकोलिसिस के पूरे चरण में ATP के 4 अणु बनते हैं जबकि ATP के 2 अणु खर्च हो जाते हैं इस प्रकार इस प्रक्रिया में ATP के दो अणुओं का शुद्ध लाभ होता है इस प्रक्रिया में हाइड्रोजन के चार परमाणु बनते हैं जो NAD को 2NADH2 मैं बदलने में काम आते हैं

2. क्रेब्स चक्र। Krebs cycle In Hindi

इस प्रक्रिया की खोज 1937 मैं ब्रिटिश वैज्ञानिक हैंन्स क्रेब्स ने की थी क्रेब्स चक्र की संपूर्ण अभिक्रियाएं यूकेरियोटिक जीवो में माइटोकांड्रिया में तथा प्रोकैरियोटिक जीवो में कोशिका कला पर होती है इसमें ग्लाइकोलिसिस से प्राप्त पाइरुविक अम्ल के दोनों अणुओं का ऑक्सीजन की उपस्थिति में पूर्ण ऑक्सीकरण होता है इस चरण में होने वाले प्रमुख परिवर्तन इस प्रकार हैं।

Read Moreमनुष्य का श्वसन तंत्र । Human Respiratory System In Hindi

दोस्तों आज हमने आपको श्वसन तंत्र किसे कहते हैं? । Respiratory System In Hindi के बारे में और इसके साथ-साथ मनुष्य के श्वसन तंत्र के अंग के बारे मे बताया, आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा और आपको इससे बहुत कुछ सिखने को भी मिला होगा। तो दोस्तों मुझे अपनी राय कमेंट करके बताया ताकि मुझे और अच्छे अच्छे आर्टिकल लिखने का सौभग्य प्राप्त हो।मुझे आपके कमेंट का इंतजार रहेगा। धन्यवाद्।
 
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