हेलो दोस्तों, हमारे इस ब्लॉग में आपका स्वागत है, हमारे इस ब्लॉग में आज हम आपको अग्नाशय किसे कहते हैं? । Pancreas in Hindi, अग्न्याशय की स्थिति, अग्न्याशय की संरचना, अग्न्याशय के हॉर्मोन आदि के बारे में जानेंगे, तो चलिए दोस्तों इन सबके बारे में जानते है।
उत्पत्ति – इसकी उत्पत्ति भ्रूण के एण्डोडर्म स्तर से होती है।
उदर गुहा में आमाशय के पीछे लगभग 20 सेमी लम्बी हल्के गुलाबी रंग की एक चपटी पन्थि पायी जाती हैं जो मिश्रित ग्रन्थि अग्नाशय है। अग्नाशय की गुहा में प्रकिण्वों को स्त्रावित करने वालो कोशिकाओं के बने पिण्ड पाये जाते हैं जो पूरे अग्नाशय का 99% भाग बनते हैं। ये पिण्ड विविध प्रकिण्वों कालवण करते हैं। इसी गुहा के संयोजी ऊतकों में अनेक छोटे छोटे कोशिकाओं के गुच्छे पाये जाते हैं। ये सूक्ष्म अन्त:सावी राशियाँ लेंगरहैन्स की द्वापिकाएं हैं। मनुष्य में इनकी संख्या लगभग 10 लाख होती है। इनकी खोज लँगरलैन्स ने सन् 1869 में की। इसी कारण इन्हें यह नाम दिया गया।
अन्तःस्रावी ग्रन्थि लेंगरहैन्स की दीपिकाएँ छोटे-छोटे अन्तःस्रावो कोशिकाओं के अण्डाकार समूह है। प्रत्येक समूह सैकड़ों कोशिकाओं, रक्त केशिकाओं और रक्त पात्रों को बनी होती हैं।
यह निम्न कार्यों को करता है।
(A) अल्पत्रावण
इसके अल्प स्त्रावण से रुधिर के ग्लूकोज को यकृत में ग्लाइकोजन में बदलकर संचित करने की क्रिया कम हो जाती है, फलतः रुधिर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है और वृक्क इस शर्करा को रुधिर से छानकर मूत्र के साथ बाहर कर देता है। इस रोग को मधुमेह कहते हैं। इसमें रोगी का वजन घटने लगता है। वह कमजोर हो जाता है और अन्तिम अवस्था में उसकी मृत्यु भी हो सकती है। कनाडावासी वैज्ञानिक बैंटिंग एवं बेस्ट ने 1922 में कई जन्तुओं को मारकर उनके अग्नाशय से इन्सुलिन प्राप्त करने की विधि बतायों जिसके इन्जेक्शन को मधुमेह के रोगी को देकर उसका उपचार किया जाता है। मधुमेह के कारण मुनष्य में निम्न समस्याएँ और पैदा होती हैं।
(अ) पॉलीयूरिया – मूत्र में जल को मात्रा बढ़ जाती है और बहुमूत्रता की स्थिति पैदा हो जाती है।
(ब) पॉलीडिप्सिया – अधिक मूत्र निकलने से प्यास बहुत लगती है।
(स) कीटोसिस – वसा का अधूरा विखण्डन होने लगता है जिससे कीटोनकाय बनती है जो मूत्र के साथ बाहर आती है। कीटोनकाय मोठे, अम्लीय व विषैले होते हैं। धीरे-धीरे शरीर में इनकी मात्रा व अम्लीयता बढ़ जाने से रोगों को बेहोशी आने लगती है और उसको मृत्यु भी हो सकती है।
(द) एसीडोसिस – कोटोनकाय अम्लीय हल्के तथा विषैले होते हैं जिसके कारण शरीर को अम्लीयता बढ़ती है तथा रोगी बेहोशी में आकर मर जाता है।
(B) अतिस्रावण
इन्सुलिन के अतिस्त्रावण से हाइपोग्लाइसीमिया रोग होता है जिसमें मस्तिष्क की उत्तेजना बढ़ जाती है, थकावट आती है, पूछ आती है, शरीर में ऐंठन होती है और अन्त में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। हाइपोग्लाइसीमिया में रोगी के रुधिर में शर्करा की कमी हो जाती है। यदि समय से ऐसे व्यक्ति को ग्लूकोज न दिया जाये तो दृष्टि ज्ञान एवं जनन क्षमता कम हो जाती है तथा मस्तिष्क की कोशिकाओं में अत्यधिक उत्तेजना से थकावट, मूर्छा, ऐंठन एवं अन्त में मृत्यु हो जाती है। शारीरिक श्रम, भूख या उपवास के समय इन्सुलिन का इन्जेक्शन देने से भी ऐसी अवस्था हो सकती है, इसे इन्सुलिन आघात (Insulin shock) कहते हैं।
दोस्तों, आज हमने आपको अग्नाशय किसे कहते हैं? । Pancreas in Hindi, अग्न्याशय की स्थिति, अग्न्याशय की संरचना, अग्न्याशय के हॉर्मोन आदि के बारे मे बताया, आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा, तो दोस्तों मुझे अपनी राय कमेंट करके अवश्य बताये, ताकि मुझे और अच्छे आर्टिकल लिखने का अवसर प्राप्त हो, धन्यवाद्.
अग्नाशय किसे कहते हैं? । Pancreas in Hindi
अग्नाशय । Pancreas in Hindiउत्पत्ति – इसकी उत्पत्ति भ्रूण के एण्डोडर्म स्तर से होती है।
अग्न्याशय की स्थिति । Pancreas Status in Hindi
अग्न्याशय की स्थितिउदर गुहा में आमाशय के पीछे लगभग 20 सेमी लम्बी हल्के गुलाबी रंग की एक चपटी पन्थि पायी जाती हैं जो मिश्रित ग्रन्थि अग्नाशय है। अग्नाशय की गुहा में प्रकिण्वों को स्त्रावित करने वालो कोशिकाओं के बने पिण्ड पाये जाते हैं जो पूरे अग्नाशय का 99% भाग बनते हैं। ये पिण्ड विविध प्रकिण्वों कालवण करते हैं। इसी गुहा के संयोजी ऊतकों में अनेक छोटे छोटे कोशिकाओं के गुच्छे पाये जाते हैं। ये सूक्ष्म अन्त:सावी राशियाँ लेंगरहैन्स की द्वापिकाएं हैं। मनुष्य में इनकी संख्या लगभग 10 लाख होती है। इनकी खोज लँगरलैन्स ने सन् 1869 में की। इसी कारण इन्हें यह नाम दिया गया।
अग्न्याशय की संरचना । Structure of Pancreas in Hindi
अग्न्याशय की संरचनाअन्तःस्रावी ग्रन्थि लेंगरहैन्स की दीपिकाएँ छोटे-छोटे अन्तःस्रावो कोशिकाओं के अण्डाकार समूह है। प्रत्येक समूह सैकड़ों कोशिकाओं, रक्त केशिकाओं और रक्त पात्रों को बनी होती हैं।
अग्न्याशय हॉर्मोन । Pancreas Hormones In Hindi
इसकी कोशिकाएँ निम्नलिखित हार्मोनों का लावण करती हैं।(1) इन्सुलिन हार्मोन Insulin Hormone In Hindi
इन्सुलिन एक सरल प्रोटीन है जो 51 अमीनो अम्लों की दो श्रृंखलाओं का बना होता है यह लेंगरहँन्स द्वीप की बीटा कोशिकाओं द्वारा स्रावित होता है।यह निम्न कार्यों को करता है।
- यह ग्लूकोज उपापचय का नियन्त्रण करता है।
- यह ग्लूकोज को ग्लाइकोजन में बदलकर यकृत की कोशिकाओं तथा पेशियों में संचय, ग्लूकोज का ऑक्सीकरण तथा रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा को नियन्त्रित करता है।
- यह ऊतकों में बसा एवं RNA के संश्लेषण को प्रेरित करता है।
- कोशिकाओं के आधारीय उपापचयी दर को प्रभावित करता है।
(A) अल्पत्रावण
इसके अल्प स्त्रावण से रुधिर के ग्लूकोज को यकृत में ग्लाइकोजन में बदलकर संचित करने की क्रिया कम हो जाती है, फलतः रुधिर में शर्करा की मात्रा बढ़ जाती है और वृक्क इस शर्करा को रुधिर से छानकर मूत्र के साथ बाहर कर देता है। इस रोग को मधुमेह कहते हैं। इसमें रोगी का वजन घटने लगता है। वह कमजोर हो जाता है और अन्तिम अवस्था में उसकी मृत्यु भी हो सकती है। कनाडावासी वैज्ञानिक बैंटिंग एवं बेस्ट ने 1922 में कई जन्तुओं को मारकर उनके अग्नाशय से इन्सुलिन प्राप्त करने की विधि बतायों जिसके इन्जेक्शन को मधुमेह के रोगी को देकर उसका उपचार किया जाता है। मधुमेह के कारण मुनष्य में निम्न समस्याएँ और पैदा होती हैं।
(अ) पॉलीयूरिया – मूत्र में जल को मात्रा बढ़ जाती है और बहुमूत्रता की स्थिति पैदा हो जाती है।
(ब) पॉलीडिप्सिया – अधिक मूत्र निकलने से प्यास बहुत लगती है।
(स) कीटोसिस – वसा का अधूरा विखण्डन होने लगता है जिससे कीटोनकाय बनती है जो मूत्र के साथ बाहर आती है। कीटोनकाय मोठे, अम्लीय व विषैले होते हैं। धीरे-धीरे शरीर में इनकी मात्रा व अम्लीयता बढ़ जाने से रोगों को बेहोशी आने लगती है और उसको मृत्यु भी हो सकती है।
(द) एसीडोसिस – कोटोनकाय अम्लीय हल्के तथा विषैले होते हैं जिसके कारण शरीर को अम्लीयता बढ़ती है तथा रोगी बेहोशी में आकर मर जाता है।
(B) अतिस्रावण
इन्सुलिन के अतिस्त्रावण से हाइपोग्लाइसीमिया रोग होता है जिसमें मस्तिष्क की उत्तेजना बढ़ जाती है, थकावट आती है, पूछ आती है, शरीर में ऐंठन होती है और अन्त में व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। हाइपोग्लाइसीमिया में रोगी के रुधिर में शर्करा की कमी हो जाती है। यदि समय से ऐसे व्यक्ति को ग्लूकोज न दिया जाये तो दृष्टि ज्ञान एवं जनन क्षमता कम हो जाती है तथा मस्तिष्क की कोशिकाओं में अत्यधिक उत्तेजना से थकावट, मूर्छा, ऐंठन एवं अन्त में मृत्यु हो जाती है। शारीरिक श्रम, भूख या उपवास के समय इन्सुलिन का इन्जेक्शन देने से भी ऐसी अवस्था हो सकती है, इसे इन्सुलिन आघात (Insulin shock) कहते हैं।
(2) ग्लूकैगॉन हार्मोन । Glucagon Hormones In Hindi
यह इन्सुलिन के विपरीत कार्य करता है और ग्लाइकोजन को ग्लूकोज में परिवर्तित होने को उत्तेजित करता है, जिससे रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है या सामान्य हो जाती है। यह अल्फा कोशिकाओं द्वारा स्रावित होता है। रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा कम हो जाने पर इसका स्रावण बढ़ जाता है। इसकी खोज किमबाल एवं मर्लिन ने सन् 1923 में की। इसके कार्यों को निम्न प्रकार से सूचीबद्ध कर सकते हैं।- यह ग्लाइकोजिनोलिसिस – डी एमिनेशन आदि क्रियाओं की दर को तेज करता है।
- यह यकृत में ग्लाइकोजिनेसिस क्रिया को रोकता है
- यह वसीय ऊतकों में लिपोजिनेसिस की क्रिया को तेज करता है।
- यह रुधिर में ग्लूकोज की मात्रा कम होने पर उसकी सामान्य मात्रा बनाये रखने में मदद करता है।
(3) सोमैटोस्टैटिन हार्मोन । Somatostatin Hormones In Hindi
इसका पता अभी हाल में ही लगा है। यह एक पॉलीपेप्टाइड है जो पचे हुये भोजन के स्वांगीकरण की अवधि को बढ़ाता है जिससे भोजन की उपयोगिता अधिक समय तक बनी रहती है। यह हॉर्मोन लैंगरहैन्स की द्वीपिकाओं की डेल्टा कोशिकाओं द्वारा स्त्रावित होता है। कुछ वैज्ञानिकों ने हाल ही में पता लगाया है कि आइसलेट्स ऑफ लैंगरहैन्स की PP कोशिकाएँ भी अग्नाशयी पॉलीपेप्टाइड नामक एक हॉर्मोन का स्रावण करती हैं जिसका कार्य अभी निश्चित नहीं है।दोस्तों, आज हमने आपको अग्नाशय किसे कहते हैं? । Pancreas in Hindi, अग्न्याशय की स्थिति, अग्न्याशय की संरचना, अग्न्याशय के हॉर्मोन आदि के बारे मे बताया, आशा करता हूँ आपको यह आर्टिकल बहुत पसंद आया होगा, तो दोस्तों मुझे अपनी राय कमेंट करके अवश्य बताये, ताकि मुझे और अच्छे आर्टिकल लिखने का अवसर प्राप्त हो, धन्यवाद्.
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