भारतीय संविधान का निर्माण (हिंदी में)। Making Of Indian Constitution in Hindi

हेलो दोस्तों, हमारा इस ब्लॉक में आपका स्वागत है, आज हम आपको बताएंगे की भारतीय संविधान का निर्माण (हिंदी में)। Making Of Indian Constitution in Hindi और भारतीय संविधान क्या है? । what is indian constitution in hindi तथा उनकी विशेषताएं और मौलिक अधिकार (Fundamental Rights in Hindi) और महत्व के बारे में में सीखेंगे।

संविधान क्या है? । What is Constitution in Hindi

संविधान एक आधारभूत कानूनी प्रलेख होता है, जिसके अनुसार प्रत्येक देश की शासन प्रणाली क्रियावंचित होती है। यह आधार भूत विधि है, जो सरकार के प्रमुख अंगो उनके कार्य क्षेत्रों एवं नागरिकों के अधिकारों को सुनिश्चित करता है। तथा उनकी सेवाएं भी निर्धारित करता है। संविधान राज्य का सर्वोच्च कानून होता है, ऐसा कोई भी कानून नहीं बनाया जा सकता, जो संविधान के अनुकूल ना हो राज्य की राजनीतिक संस्थाएं संविधान के अभाव में सफलतापूर्वक कार्य नहीं कर सकती। यह लिखित तथा अलिखित रूप में राजनीतिक व्यवस्था को संचालित मर्यादित व्यवस्थित एवं निर्देशित करता है। विश्व का कोई भी राज्य ऐसा नहीं है जहां संविधान का अस्तित्व ना हो। संविधान ऐसा प्रकाश स्तंभ है जो सरकार था जनता दोनों का मार्गदर्शन करता है। इसलिए संविधान को बहुत ही सम्मान तथा श्रद्धा की भावना से देखा जाता है। लोकतांत्रिक सरकार में संविधान का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है। संविधान को सरकार की शक्ति एवं सत्ता का स्रोत भी कहा जाता है।


संविधान की परिभाषा । Constitution definition in Hindi

संविधान शब्द अंग्रेजी के Construction शब्द का हिंदी रूपांतरण है, जिनके अनुसार ही सरकार देश में शासन का कार्य चलाती है। इन नियमों को ही कानूनी भाषा में राज्य का संविधान Construction कहा जाता है।

भारतीय संविधान । Indian Constitution in Hindi

भारत को 15 अगस्त 1947 को हमारे देश को स्वतंत्रता मिली आता राष्ट्रीय पर्व के रूप में हम प्रतिवर्ष इसको स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। 26 जनवरी 1950 का दिन भारतीयों के लिए अत्यंत गौरवपूर्ण है क्योंकि इस दिन स्वतंत्र भारत में स्वयं भारत वासियों द्वारा निर्मित संविधान लागू हुआ और भारत वासियों ने पूर्ण स्वतंत्रता का अनुभव किया इसी दिन भारत को एक गणराज्य भी घोषित किया गया। अतः राष्ट्रीय पर्व के रूप में प्रतिवर्ष 26 जनवरी को भारतवासी गणतंत्र दिवस मनाते हैं।

संविधान सभा का गठन । Constituent Assembly in Hindi

ऐसे चुने गए जन प्रतिनिधियों का एक समूह जो संविधान नाम विशाल दस्तावेज लिखने का कार्य संपन्न करती है। संविधान सभा कहलाती है। भारत के स्वतंत्र होने से पूर्व ही भारतीय नेताओं ने 1939 में अंग्रेजी से संविधान सभा के द्वारा संविधान का निर्माण करने की मांग की थी परंतु उस समय भारतीयों की इस मांग को स्वीकार नहीं किया। कालांतर में परिस्थितियों को 16 मई 1946 को कैबिनेट मिशन की योजना में इस बात पर अंग्रेजो ने अवश्य विचार किया की भारतीयों को भारतीय संविधान के निर्माण की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, क्योंकि वह भी अपने देश की परिस्थितियों और संस्थाओं के अनुसार संविधान का निर्माण कर सकें।

संविधान सभा के कार्य । Constituent Assembly Function in Hindi

संविधान सभा का प्रथम अधिवेशन 9 दिसंबर 1946 को हुआ। इस अधिवेशन का मुस्लिम लीग ने बहिष्कार किया तथा संविधान सभा की मांग की, परंतु राष्ट्रभक्त मुसलमानों ने इसमें भाग लिया। इसी दिन डॉक्टर सच्चिदानंद सिन्हा को सभा का अस्थाई अध्यक्ष नियुक्त किया गया। बाद में 11 दिसंबर 1946 को डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा का स्थाई अध्यक्ष चुना गया तथा बी एन राव को संविधान सभा का संवैधानिक सलाहकार नियुक्त किया गया। 13 दिसंबर 1946 को जवाहरलाल नेहरू ने उद्देश्य प्रस्ताव प्रस्तुत किया जो कि 22 जनवरी 1948 को पारित किया गया। डॉक्टर अंबेडकर ने सभा द्वारा निर्मित संविधान को पारित करने का प्रस्ताव रखा और यह प्रस्ताव 26 नवंबर 1949 को पारित किया सभा के अंतिम अधिवेशन में 24 जनवरी 1950 को संविधान पर 284 सदस्यों ने हस्ताक्षर किए संविधान के कुछ प्रावधान 26 नवंबर 1949 से तथा संविधान कोच 26 जनवरी 1950 में लागू किया गया।


भारत के संविधान की विशेषताएं । Features of The Indian Constitution in Hindi

भारत का संविधान 26 नवंबर 1949 को बनकर तैयार हुआ और 26 जनवरी 1950 को इसे समस्त देश में लागू कर दिया गया। इसकी मूलभूत विशेषताएं निम्नलिखित है।

1. विशाल संविधान

  • भारत का संविधान विश्व के अन्य सभी देशों के संविधान उसे बड़ा है। इसमें 395 अनुच्छेद 12 अनुसूचियां तथा 9 परिशिष्ट है। जबकि कनाडा के संविधान में 147 ऑस्ट्रेलिया के संविधान में 128 था अमेरिकी के संविधान में केवल 7 अनुच्छेद हैं।

2. लिखित तथा निर्मित संविधान

  • इसका निर्माण भारत की संविधान सभा ने किया है। तथा यह पूर्ण रूप से लिखित संविधान है। इसके विपरीत इंग्लैंड का संविधान अलिखित है।

3. धर्मनिरपेक्ष राज्य

  • संविधान द्वारा देश में धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना की गई है। राज धर्म के आधार पर नागरिकों में कोई भेदभाव नहीं करेगा उसका दृष्टिकोण सर्वधर्म समभाव होगा तथा राष्ट्र की दृष्टि में सभी धर्म समान है।

मौलिक अधिकारों का अर्थ । Fundamental Rights in Hindi

जो अधिकार मानव के विकास कल्याण तथा उन्नत के लिए नितांत आवश्यक होते हैं। वह मौलिक अधिकार कहलाते हैं। दूसरे शब्दों में प्रजातंत्र में नागरिकों का उनके सर्वागीण विकास के लिए कुछ महत्वपूर्ण सुविधाएं तथा स्वतंत्रता प्रदान की जाती है। इन सुविधाओं तथा सूचनाओं का मौलिक अधिकार कहते हैं। क्योंकि यह अधिकार नागरिकों के सर्वागीण विकास का अधिकार होते हैं। मौलिक अधिकार किसी भी सरकार की निरंकुशता के विरुद्ध प्रतिरोध का कार्य करते हैं जिससे सरकार आसानी से इन्हें संशोधित या समाप्त न कर सके।

मौलिक अधिकारों का महत्व । Importance of Fundamental Rights in Hindi

  • 1. मौलिक अधिकार प्रजातंत्र के आधार स्तंभ है। यह व्यक्ति के सामाजिक आर्थिक तथा नागरिक जीवन के उपयोग की एकमात्र साधन है। मौलिक अधिकारों द्वारा उन आधारभूत स्वतंत्रताओ तथा स्थितियों की व्यवस्था की गई है जिन के अभाव में व्यक्ति उचित रूप से अपना जीवन यापन नहीं कर सकता है।
  • 2. मौलिक अधिकार व्यक्तिगत सफलता तथा सामाजिक नियंत्रण के मध्य उचित सामंजस्य स्थापित करने का प्रयास करते हैं।
  • 3. मौलिक अधिकार नागरिकों को न्याय तथा उचित व्यवहार की सुरक्षा प्रदान करते हैं यह राज्य के बढ़ते हुए हस्तक्षेप तथा व्यक्ति के स्वतंत्रता के मध्य उचित संतुलन स्थापित करते हैं।
यह भी पढ़ें – भारतीय संविधान के स्रोत

हेलो दोस्तों, आज हमने इस ब्लॉक में भारतीय संविधान का निर्माण (हिंदी में)। Making Of Indian Constitution in Hindi और भारतीय संविधान क्या है? । what is indian constitution in hindi तथा उनकी विशेषताएं और मौलिक अधिकार (Fundamental Rights in Hindi) और महत्व भी सीखा है।
 
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