हेलो दोस्तों, हमारे ब्लॉक में आपका स्वागत है, आज हम काल किसे कहते है?। Kal kise kahate hain, काल की परिभाषा, काल के प्रकार आदि के बारे में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है।
(क) कल हम प्रदर्शनी देखने गए थे।
(ख) अजय बैठक में बैठा है।
(ग) रोशनी हो रही है।
इन वाक्यों में क्रिया के विभिन्न रूप, कार्य के समय को अलग-अलग रूप में व्यक्त कर रहे हैं।
(ख) भविष्य काल
(ग) वर्तमान काल
जैसे – महेश खेलता है। वकील आता है। तुम क्यों बोल रहे हो?
काल किसे कहते है?। Kal kise kahate hain
निम्नलिखित वाक्यों को ध्यानपूर्वक पढ़िए और समझिए –(क) कल हम प्रदर्शनी देखने गए थे।
(ख) अजय बैठक में बैठा है।
(ग) रोशनी हो रही है।
इन वाक्यों में क्रिया के विभिन्न रूप, कार्य के समय को अलग-अलग रूप में व्यक्त कर रहे हैं।
काल की परिभाषा । Kaal ki paribhasha
क्रिया के रूप से किसी कार्य के करने, होने या न होने के समय का बोध होता है। इस समय को ही व्याकरण में काल कहा जाता है।काल के प्रकार । Kaal Ke Prakar in Hindi
(क) भूतकाल(ख) भविष्य काल
(ग) वर्तमान काल
(क) भूतकाल (Past Tense)
क्रिया के जिस रूप से किसी कार्य का बीते समय में होना या करना प्रकट होता है, उसे भूतकाल कहते हैं; जैसे – श्री जेलसिंह भारत के राष्ट्रपति थे। जब शोर मचा, मैं लिख रहा था।भूतकाल के भेद
- सामान्य भूत (Past Indefinite) – क्रिया के जिस रूप से साधारणतः क्रिया का बीते समय में होना प्रकट होता है, उसे सामान्य भूत कहते हैं; जैसे – नौकर चला गया। मालिक ने सबको चाय पिलाई।
- आसन्न भूत (Present Perfect) – क्रिया के जिस रूप से कार्य के अभी-अभी समाप्त होने का बोध होता है, उसे आसन्न भूत कहते हैं; जैसे – शिवम अभी आया है। नौकर छत पर गया है। मैंने चाय पी ली है।
- अपूर्ण भूत (Past Imperfect) – क्रिया का वह रूप, जिससे यह पता चलता है कि कार्य भूतकाल में आरंभ हुआ था परन्तु उसकी समाप्ति का पता न चले, अपूर्ण भूत कहलाता है; जैसे – वृक्षों पर बन्दर कूद रहे थे। दिन निकल रहा था।
- पूर्ण भूत (Past Perfect) – क्रिया के जिस रूप से कार्य के भूतकाल में पूरा होने का बोध हो, उसे पूर्ण भूत कहते हैं; जैसे – किसान फसल को काट चुका था। मैंने आपको सन्देश भेज दिया था।
- संदिग्ध भूत (Doubtful Past) – क्रिया के जिस रूप से कार्य का भूतकाल में होने का बोध तो हो किंतु कार्य के होने में संदेह हो, वहाँ संदिग्ध भूत होता है; जैसे – मोहन दिल्ली गया होगा। आँधी आई होगी। उसने शोर मचाया होगा।
- हेतु-हेतुमद् भूत (Conditional Past) – जब भूतकाल में एक क्रिया के होने या न होने पर दूसरी क्रिया का होना या न होना निर्भर होता है तो उसे हेतु-हेतुमद् भूत कहते हैं। इस काल के वाक्यों में शर्त का बोध होता है; जैसे – यदि तुम जल्दी जाते. तो काम हो जाता। यदि सिपाही आता तो चोर पकड़ा जाता।
(ख) वर्तमान काल (Present Tense)
क्रिया के जिस रूप यह ज्ञात होता है कि क्रिया हो रही है, या अभ चल रही है, उसे वर्तमान काल कहते हैं। इस काल की क्रियाओं में प्रायः ‘है, हैं, हूँ, हो’ आदि शब्द पाए जाते हैं।जैसे – महेश खेलता है। वकील आता है। तुम क्यों बोल रहे हो?
वर्तमान काल के भेद
- सामान्य वर्तमान (Present Indefinite) – क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल में कार्य का सामान्य रूप से होना या करना प्रकट होता है, उसे सामान्य वर्तमान काल कहते हैं; जैसे – श्याम नहाता है। बन्दर कूदते हैं। विद्या गाती है।
- अपूर्ण वर्तमान (Present Continuous) – क्रिया के जिस रूप से कार्य का वर्तमान काल में निरंतर चलते रहने का भाव प्रकट होता है। उसे अपूर्ण वर्तमान काल कहते हैं; जैसे – श्याम नहा रहा है। बन्दर कूद रहे हैं। विद्या गा रही है।
- संदिग्ध वर्तमान (Doubtful Present) – क्रिया के जिस रूप से वर्तमान काल में कार्य के होने में संदेह प्रकट हो, उसे संदिग्ध वर्तमान काल कहते हैं; जैसे – अब वह खेल रहा होगा। अब वह नहा रहा होगा।
(ग) भविष्यत् काल (Future Tense)
क्रिया के जिस रूप से यह ज्ञात हो कि कार्य आने वाले समय में होगा, वह भविष्यत् काल कहलाता है; जैसे – नरेन्द्र चंचल जागरण में भजन गाएँगे। अनिल खाना खायेगा। बस पाँच बजे जाएगी। मैं घूमने जाऊँगा।भविष्यत् काल के भेद
- सामान्य भविष्यत् (Future Indefinite) – क्रिया के जिस रूप से आने वाले समय में कार्य का सामान्य रूप से होना पाया जाता है, उसे सामान्य भविष्यत् कहते हैं; जैसे – कल हम जयपुर जाएँगे। अमित सुमित को लिफाफा देगा। राधा शादी में साड़ी पहनेगी।
- संभाव्य भविष्यत् (Doubtful Future) – जब क्रिया की आने वाले समय में होने या करने की संभावना पाई जाती है, तब संभाव्य भविष्यत् काल होता है; जैसे – शायद कल रिजल्ट मिले। हो सकता है बिजली कल आए।
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