हेलो दोस्तों, हमारे ब्लॉक में आपका स्वागत है, आज हम आपको हमारे इस ब्लॉग में पद-परिचय क्या होता है?। Pad Parichay Kya Hota Hai, पद किसे कहते हैं, वाक्य किसे कहते हैं वाक्य की परिभाषा, वाक्य के अंग, वाक्य के प्रकार, वाक्य के भेद, आदि के बारे में जानेंगे। तो चलिए शुरू करते है।पद-परिचय । Pad Parichay Kya Hota Hai
समझिए –
वर्णों के मेल से शब्द बनते हैं और प्रत्येक शब्द का अपना अर्थ होता है। जब हम शुद्ध भाषा का प्रयोग बोलकर या लिखकर करते हैं तो यही शब्द व्याकरण के नियमों में बँधकर एक व्यवस्थित समूह का निर्माण करते हैं, जो ‘वाक्य’ कहलाता है। जैसे- यदि हम कहें कि ‘बाग आम पेड़, तो इसका कोई अर्थ नहीं निकलता। अगर हम इसे एक वाक्य के रूप में बोलें कि ‘बाग में आम का पेड़ है’ तो इनका अर्थ स्पष्ट हो जाता है।
वाक्य की परिभाषा । Vakya Ki Paribhasha
सार्थक शब्दों का वह समूह जो हमारे विचारों एवं भावों को पूर्ण रूप से व्यक्त करता है, वाक्य कहलाता है।
वाक्य की विशेषताएँ
2. विशेष – उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाए, वह विधेय कहलाता है।
उदाहरण-
(क) मेरा देश महान है।
(ख) सोहन गाना गाता है।
इन वाक्यों में ‘मेरा’ और ‘सोहन’ उद्देश्य है और ‘देश महान है’ और ‘गाना गाता है’ विधेय है।
रचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं
पद-परिचय क्या होता है?। Pad Parichay Kya Hota Hai
जब कोई शब्द वाक्य में प्रयुक्त होता है, तो उसका पूर्ण व्याकरणिक परिचय ही पद-परिचय कहलाता है।पद किसे कहते हैं?। Pad Kise Kahate Hain
वाक्य में अनेक पद होते हैं। प्रत्येक पद का अपना अलग-अलग व्यक्तिगत एवं व्याकरणिक स्वरूप होता है। उदाहरण के रूप में ‘लड़का’ एक शब्द है। जब इसे हम इस तरह ‘वह एक लड़का है’ वाक्य के रूप में लिखते हैं सो वाक्य का प्रत्येक शब्द पद कहलाने लगता है।समझिए –
- धोबी घाट पर कपड़े धोता है।
- वाह! क्या चाल चली है।
- रोहन दिल्ली जाता है।
- मैं स्कूल जा रहा हूँ, तुम खेल रहे हो।।
- मुनि वन में रहते हैं।
वाक्य किसे कहते हैं?। Vakya Kise Kahate Hain
वाक्य किसे कहते हैं?। Vakya Kise Kahate Hainवर्णों के मेल से शब्द बनते हैं और प्रत्येक शब्द का अपना अर्थ होता है। जब हम शुद्ध भाषा का प्रयोग बोलकर या लिखकर करते हैं तो यही शब्द व्याकरण के नियमों में बँधकर एक व्यवस्थित समूह का निर्माण करते हैं, जो ‘वाक्य’ कहलाता है। जैसे- यदि हम कहें कि ‘बाग आम पेड़, तो इसका कोई अर्थ नहीं निकलता। अगर हम इसे एक वाक्य के रूप में बोलें कि ‘बाग में आम का पेड़ है’ तो इनका अर्थ स्पष्ट हो जाता है।
वाक्य की परिभाषा । Vakya Ki Paribhasha
सार्थक शब्दों का वह समूह जो हमारे विचारों एवं भावों को पूर्ण रूप से व्यक्त करता है, वाक्य कहलाता है।
वाक्य की विशेषताएँ
- वह सार्थक इकाई, जो हमारे मनोभावों को पूर्ण रूप से प्रकट करने में समर्थ होती है, वाक्य कहलाती है।
- वाक्य के प्रमुख अंग कर्ता और क्रिया होते हैं। अगर इसमें से एक भी न हो तो वाक्य अधूरा रहता है।
- सामान्य वाक्य में कर्ता, कर्म और क्रिया एक निश्चित क्रम से आते हैं जैसे- राम कार चला रहा था।
- वाक्य में विशेषण क्रियाविशेषण आदि पदों का प्रयोग होने से वाक्य का विस्तार हो जाता है।
वाक्य के अंग । Vakya Ke Ang
वाक्य के मुख्य रूप से दो अंग होते हैं- उद्देश्य
- विधेय
2. विशेष – उद्देश्य के बारे में जो कुछ भी कहा जाए, वह विधेय कहलाता है।
उदाहरण-
(क) मेरा देश महान है।
(ख) सोहन गाना गाता है।
इन वाक्यों में ‘मेरा’ और ‘सोहन’ उद्देश्य है और ‘देश महान है’ और ‘गाना गाता है’ विधेय है।
वाक्य के प्रकार । Vakya Ke Prakar
अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद अर्थ के आधार पर वाक्य आठ प्रकार के होते हैं—- विधानवाचक – जिन वाक्यों में क्रिया के होने या करने का सामान्य कथन हो, उन्हें विधानवाचक वाक्य कहते हैं,
जैसे-
(क) मैं स्कूल जाता हूँ। (ख) वह दूध पीता है। - निषेधवाचक वाक्य – जिन वाक्यों में क्रिया के न होने अथवा न करने प्रकट हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) अजय नहीं हँसता है। (ख) मुझसे मत कहना। - प्रश्नवाचक वाक्य – जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है, उन्हें प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं
जैसे– (क) तुम कब जाओगे ? (ख) अजय कहाँ गया है ? - संदेहवाचक वाक्य -जिन वाक्यों में क्रिया के होने में संदेह प्रकट किया जाए, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) शायद, आज बिजली आएगी।
(ख) शायद, कल हमारा भी दुःख दूर जाए। - प्रतिबंधसूचक वाक्य – जिन वाक्यों में एक क्रिया का होना या न होना दूसरीक्रिया पर निर्भर करता हो, उन्हें प्रतिबंधसूचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) यदि बिजली आती तो किताब छप जाती।
(ख) यदि तुम आते तो अच्छा लगता। - आज्ञावाचक वाक्य – जिन वाक्यों में आज्ञा, अनुरोध और अनुमति का बोध हो, उन्हें आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) कृपया बैठ जाओ।
(ख) विजय, कुर्सी लाओ। - इच्छावाचक वाक्य – जिन वाक्यों से कहने वाले की इच्छा, आशा, कामना, आदि का बोध हो, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।
जैसे-
(क) तुम्हारा कल्याण हो
(ख) आज तो मैं सर्कस देखूँगा। - विस्मयादिबोधक वाक्य -जिन वाक्यों में विस्मय, शोक, हर्ष,घृणा आदि का बोध हो, उन्हें विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं, जैसे –
(क) हे प्रभु! यह क्या कर डाला।
(ख) वाह! इतनी अच्छी खुशबू
वाक्य के भेद । Vakya Ke Bhed
रचना के आधार पर वाक्य के भेदरचना के आधार पर वाक्य तीन प्रकार के होते हैं
- सरल वाक्य – जिन वाक्यों में केवल एक उद्देश्य और एक विधेय हो, उसे सरल वाक्य कहते हैं
जैसे –
(क) राम खाता है।
(ख) रेखा पत्नी है। - संयुक्त वाक्य – इन वाक्यों में दो या दो से अधिक उपवाक्य होते आपस मे समुच्चयबोधक अव्यय (और, किंतु, परंतु, तथा, या) द्वारा जुड़े होते हैं
जैसे–
(क) माँ चाय बना रही हैं और पूनम नाश्ता लगा रही है।
(ख) तुम बाजार तो जाते हो परन्तु खरीदारी नहीं करते। - मिश्रित वाक्य – इन वाक्यों में एक मुख्य उपवाक्य होता है और एक या एक से अधिक उपवाक्य उस पर आश्रित होते हैं।
जैसे-
(क) विजय ने विज्ञान के पेपर की तैयारी नहीं की।
बाद रखिए
(ख) शिवम ने आज घर का कुछ काम बताया था।
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