उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर
बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर चूर होता है!
भुला देंगे हम अपना गम सारा!
मिला दे रब जो हमको तुमसे दोबारा।
बहुत दिनों बाद उसे देखा, दिल नहीं भरा पर आँखें भर आईं….

सिखा दिया वक्त ने मुझे अपनों पे भी शक करना,
वरना फितरत थी गैरों पे भी भरोसा करना..
बस यही सबूत है मोहब्बत हमारी वफ़ा का,
जब भी किया उसने कोई वादा हमने ऐतबार कर लिया.

जिनके दिल बहोत अच्छे होते हैं,
अकसर किस्मत उनकी ही खराब होती है.

जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगाए.
हमारे वास्ते फिर उसने नए खंज़र मंगाए.
हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है
ऐ बेखबर
तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!
तेरे रोज के वादों पे मर जायेंगे हम,
यूं ही गुजरी तो गुजर जायेंगे हम।
रोज़ आता है मेरे
दिल को तस्सली देने
ख़याल ऐ यार को
मेरा खयाल कितना है.

हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने.
वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन,
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले,
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था,
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले.

तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ

इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही,
फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है.
मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था;
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था;
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी;
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।

तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत;
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है;
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना;
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है।
उनकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत
समझ बैठे यारो….
वो मुहब्बत से बात करते थे, तो हम मुहब्बत
समझ बैठे ….!
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू
!
क्या अजीब सी ज़िद है..
हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की..
और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की..
तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना,
की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे

कोई हुनर, कोई राज,
कोई रविश, कोई तो तरीका बताओ
दिल टूटे भी ना, साथ छूटे भी ना,
कोई रुठे भी ना और जिदंगी गुजर जाए..
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना..

ख्वाहिश तो ना थी किसी दे दिल लगाने की,
मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था,
तो मोहब्बत कैसे न होती।
अपनी खुशीयां लुटा कर उसपर कुर्बान हो जाऊ,
काश कुछ दिन उसके शहर का मेहमान हो जाऊ,
वो अपना नायाब दिल मुझको देदे,
और फिर वापस मांगे, मैं मुकर जाऊ और बेईमान हो जाऊ..

मेरे खवाबो मे आना आपका कसूर था,
आपसे दिल लगाना हमारा कसूर था,
आप आए थे जिन्दगी मे पल दो पल के लिए,
आपको जिन्दगी समझ लेना हमारा कसूर था..

ताज्जुब है तेरी गहरी मुहब्बत पर,
तू हमारी रूह में, और हम तेरे वहम ओ गुमान में भी नही.
समजने समजाने मे ही गुजर गई तू,
ए जिन्दगी तूजे एकबार भी जी न पाए हम.

उसे लगता था कि उसकी चालाकियां हमें समझ नहीं आतीं
हम बड़ी खामोशी से देखते थे उसे अपनी नजरों से गिरते हुए।
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है।
दर्द
है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता;
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…
मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी
कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा.

हमने भी किसी से प्यार किया था,
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,
क्यों की उन्हो ने नही, हमने उनसे प्यार किया था..!!
तेरी खूबसूरती की तारीफ़ में क्या लिखूं,
कुछ खूबसूरत शब्दों की अभी तलाश है मुझे।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी…
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए…
!
वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं,
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं,
जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को,
कि हर कोई कहता है कि इस दर्द
की कोई मरहम नहीं।
आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!

उसके चले जाने के बाद..
हम महोबत नहीं करते किसी से..
छोटी सी जिन्दगी है..
किस किस को अजमाते रहेंगे
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता

आ जाओ लहराती इठलाती हुई,
तुम इन हवाओं की तरह!
मौसम ये बहुत बेदर्द है,
तुझे मेरे दिल पुकारा है!!
मुझे फिर तबाह कर मुझे फिर रुला जा,
सितम करने वाले कहीं से तू आजा,
आँखों में तेरी ही सूरत बसी है,
तेरी ही तरह तेरा ग़म भी हंसीं है..
आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो ,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए..
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी..

हम ने सीने से लगाया,
दिल न अपना बन सका,
मुस्कुरा कर तुम ने देखा,
दिल तुम्हारा हो गया…
अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशाँ को,
वो भी अधूरे लगते हैं तेरे साथ के बिना।
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत,
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है,
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना,
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है..
हर भूल तेरी माफ़ की..
हर खता को तेरी भुला दिया..
गम है कि, मेरे प्यार का..
तूने बेवफा बनके सिला दिया

रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई

समेट कर ले जाओ..
अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..
इनकी ज़रूरत पड़ेगी
अभी कमसिन हैं जिदें भी हैं निराली उनकी,
इस्पे मचले हैं हम कि दर्द-ए-जिगर देखेंगे।
तू तो हँस हँसकर जी रही है,
जुदा होकर भी..
कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं..
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता ।।

देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे,
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे.
माना की नही आता मुझे किसी का दिल जीतना,
मगर ये तो बताओ की यहाँ दिल है किसके पास.
हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !!!!

तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ,
ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जायेंगे.

कुछ इस अदा से तोड़े हैं ताल्लुक उसने,
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ कसूर अपना.
तेरी आँखों में जब से मैंने अपना अक्स देखा है,
मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता।
मिलने को तो दुनिया मे कई चेहरे मिले,
पर तुम सी # मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाये..!!
किसीके अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ,
की वो बुरा बनने के लिये मजबुर बन जाये.

क्यू उस को मनाने के लिये मन्नते करू मैं,
मुझे उस से मौहब्बत है कोई मतलब तो नही.

ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं.
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें,
जब से फर्क समझा, जिंदगी आसान हो गई.
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम,
कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ??

मर्जी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने,
और वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम.

जरा सी बात पे भिगो देते हो पलकें.
तुम्हे तो अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है.
तेरे ख्वाब का भी शोख है तेरी यादो में भी है मज़ा
समज में नहीं आता तुजे याद करे या सो जाये.

तुम्हे ना आ सकी निभानी मोहब्बत,
हमे पड़ रही है अब भुलानी मोहब्बत.
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर

जैसे कोई कांच का खिलौना चूर चूर होता है!
भुला देंगे हम अपना गम सारा!
मिला दे रब जो हमको तुमसे दोबारा।
बहुत दिनों बाद उसे देखा, दिल नहीं भरा पर आँखें भर आईं….


सिखा दिया वक्त ने मुझे अपनों पे भी शक करना,
वरना फितरत थी गैरों पे भी भरोसा करना..
बस यही सबूत है मोहब्बत हमारी वफ़ा का,
जब भी किया उसने कोई वादा हमने ऐतबार कर लिया.



जिनके दिल बहोत अच्छे होते हैं,
अकसर किस्मत उनकी ही खराब होती है.




जिसकी चोट पर हमने सदा मरहम लगाए.
हमारे वास्ते फिर उसने नए खंज़र मंगाए.
हमें तो कब से पता था के तू बेवफा है

ऐ बेखबर
तुझे चाहा ही इस लिए की शायद तेरी फितरत बदल जाये…!!
तेरे रोज के वादों पे मर जायेंगे हम,
यूं ही गुजरी तो गुजर जायेंगे हम।
रोज़ आता है मेरे
दिल को तस्सली देने
ख़याल ऐ यार को
मेरा खयाल कितना है.



हर सितम सह कर कितने ग़म छिपाये हमने,
तेरी खातिर हर दिन आँसू बहाये हमने,
तू छोड़ गया जहाँ हमें राहों में अकेला,
बस तेरे दिए ज़ख्म हर एक से छिपाए हमने.
वफ़ा पर हमने घर लुटाना था लेकिन,
वफ़ा लौट गयी लुटाने से पहले,
चिराग तमन्ना का जला तो दिया था,
मगर बुझ गया जगमगाने से पहले.




तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आया,
कितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँ,
कितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया है,
कितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ



इस दिल को किसी की आहट की आस रहती है,
निगाह को किसी सूरत की प्यास रहती है,
तेरे बिना जिन्दगी में कोई कमी तो नही,
फिर भी तेरे बिना जिन्दगी उदास रहती है.
मेरा इल्ज़ाम है तुझ पर कि तू बेवफा था;
दोष तो तेरा था मगर तू हमेशा ही खफा था;
ज़िन्दगी की इस किताब में बयान है तेरी मेरी कहानी;
यादों से सराबोर उसका एक एक सफा था।


तेरे प्यार का सिला हर हाल में देंगे,
खुदा भी मांगे ये दिल तो टाल देंगे,
अगर दिल ने कहा तुम बेवफा हो,
तो इस दिल को भी सीने से निकाल देंगे।
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत;
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है;
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना;
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है।
उनकी ना थी खता, हम ही कुछ गलत
समझ बैठे यारो….
वो मुहब्बत से बात करते थे, तो हम मुहब्बत
समझ बैठे ….!
तेरी मुहब्बत पर मेरा हक तो नही पर दिल चाहता है,
आखरी सास तक तेरा इंतजार करू



क्या अजीब सी ज़िद है..
हम दोनों की,
तेरी मर्ज़ी हमसे जुदा होने की..
और मेरी तेरे पीछे तबाह होने की..
तेरी दोस्ती ने दिया सकूं इतना,
की तेरे बाद कोई अच्छा न लगे,
तुझे करनी है बेवफ़ाई तो इस अदा से कर,
कि तेरे बाद कोई भी बेवफ़ा न लगे



कोई हुनर, कोई राज,
कोई रविश, कोई तो तरीका बताओ

कोई रुठे भी ना और जिदंगी गुजर जाए..
दुनिया में किसी से कभी प्यार मत करना,
अपने अनमोल आँसू इस तरह बेकार मत करना,
कांटे तो फिर भी दामन थाम लेते हैं,
फूलों पर कभी इस तरह तुम ऐतबार मत करना..




ख्वाहिश तो ना थी किसी दे दिल लगाने की,
मगर जब किस्मत में ही दर्द लिखा था,
तो मोहब्बत कैसे न होती।
अपनी खुशीयां लुटा कर उसपर कुर्बान हो जाऊ,
काश कुछ दिन उसके शहर का मेहमान हो जाऊ,
वो अपना नायाब दिल मुझको देदे,
और फिर वापस मांगे, मैं मुकर जाऊ और बेईमान हो जाऊ..


मेरे खवाबो मे आना आपका कसूर था,
आपसे दिल लगाना हमारा कसूर था,
आप आए थे जिन्दगी मे पल दो पल के लिए,
आपको जिन्दगी समझ लेना हमारा कसूर था..




ताज्जुब है तेरी गहरी मुहब्बत पर,
तू हमारी रूह में, और हम तेरे वहम ओ गुमान में भी नही.
समजने समजाने मे ही गुजर गई तू,
ए जिन्दगी तूजे एकबार भी जी न पाए हम.



उसे लगता था कि उसकी चालाकियां हमें समझ नहीं आतीं
हम बड़ी खामोशी से देखते थे उसे अपनी नजरों से गिरते हुए।
उल्फत का अक्सर यही दस्तूर होता है,
जिसे चाहो वही अपने से दूर होता है,
दिल टूटकर बिखरता है इस कदर,
जैसे कोई कांच का खिलौना चूर-चूर होता है।
दर्द

रोता है दिल जब वो पास नहीं होता;
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में;
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता
वो बेवफा हमारा इम्तेहा क्या लेगी…

मिलेगी नज़रो से नज़रे तो अपनी नज़रे ज़ुका लेगी…
उसे मेरी कबर पर दीया मत जलाने देना…
वो नादान है यारो… अपना हाथ जला लेगी
कदम कदम पर बहारो ने साथ छोडा,
जरुरत पडने पर यारो ने साथ छोडा,
बादा किया सितारोँ ने साथ निभाने का,
सुबह होने सितारो ने साथ छोडा.



हमने भी किसी से प्यार किया था,
हाथो मे फूल लेकर इंतेज़ार किया था,
भूल उनकी नही भूल तो हमारी थी,
क्यों की उन्हो ने नही, हमने उनसे प्यार किया था..!!
तेरी खूबसूरती की तारीफ़ में क्या लिखूं,
कुछ खूबसूरत शब्दों की अभी तलाश है मुझे।
तुम बदले तो मजबूरियाँ थी…
हम बदले तो बेवफ़ा हो गए…



वो हमें भूल भी जायें तो कोई गम नहीं,
जाना उनका जान जाने से भी कम नहीं,
जाने कैसे ज़ख़्म दिए हैं उसने इस दिल को,
कि हर कोई कहता है कि इस दर्द

आग दिल में लगी जब वो खफ़ा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
करके वफ़ा कुछ दे ना सके वो,
पर बहुत कुछ दे गए जब वो बेवफ़ा हुए!


उसके चले जाने के बाद..
हम महोबत नहीं करते किसी से..
छोटी सी जिन्दगी है..
किस किस को अजमाते रहेंगे
टूटे हुए प्याले में जाम नहीं आता
इश्क़ में मरीज को आराम नहीं आता
ये बेवफा दिल तोड़ने से पहले ये सोच तो लिया होता
के टुटा हुआ दिल किसी के काम नहीं आता



आ जाओ लहराती इठलाती हुई,
तुम इन हवाओं की तरह!
मौसम ये बहुत बेदर्द है,
तुझे मेरे दिल पुकारा है!!
मुझे फिर तबाह कर मुझे फिर रुला जा,
सितम करने वाले कहीं से तू आजा,
आँखों में तेरी ही सूरत बसी है,
तेरी ही तरह तेरा ग़म भी हंसीं है..
आग दिल मे लगी जब वो खफा हुए,
महसूस हुआ तब, जब वो जुदा हुए,
कर के वफ़ा कुछ दे ना सके वो ,
पर बहुत कुछ दे गये जब वो बेवफा हुए..
कभी ग़म तो कभी तन्हाई मार गयी,
कभी याद आ कर उनकी जुदाई मार गयी,
बहुत टूट कर चाहा जिसको हमने,
आखिर में उनकी ही बेवफाई मार गयी..



हम ने सीने से लगाया,
दिल न अपना बन सका,
मुस्कुरा कर तुम ने देखा,
दिल तुम्हारा हो गया…
अक्सर ठहर कर देखता हूँ अपने पैरों के निशाँ को,
वो भी अधूरे लगते हैं तेरे साथ के बिना।
भुला के मुझको अगर तुम भी हो सलामत,
तो भुला के तुझको संभलना मुझे भी आता है,
नहीं है मेरी फितरत में ये आदत वरना,
तेरी तरह बदलना मुझे भी आता है..
हर भूल तेरी माफ़ की..
हर खता को तेरी भुला दिया..
गम है कि, मेरे प्यार का..
तूने बेवफा बनके सिला दिया


रात की गहराई आँखों में उतर आई,
कुछ ख्वाब थे और कुछ मेरी तन्हाई,
ये जो पलकों से बह रहे हैं हल्के हल्के,
कुछ तो मजबूरी थी कुछ तेरी बेवफाई



समेट कर ले जाओ..
अपने झूठे वादों के अधूरे क़िस्से..
अगली मोहब्बत में तुम्हें फिर..
इनकी ज़रूरत पड़ेगी
अभी कमसिन हैं जिदें भी हैं निराली उनकी,
इस्पे मचले हैं हम कि दर्द-ए-जिगर देखेंगे।
तू तो हँस हँसकर जी रही है,
जुदा होकर भी..
कैसे जी पाया होगा वो,
जिसने तेरे सिवा जिन्दगी कभी सोची ही नहीं..
ना जाने क्या कमी है मुझमें, ना जाने क्या खूबी है उसमें,
वो मुझे याद नहीं करती, मैं उसको भूल नहीं पाता ।।



देख जिँदगी तू हमे रुलाना छोड दे,
अगर हम खफा हूऐ तो तूझे छोड देँगे.

माना की नही आता मुझे किसी का दिल जीतना,
मगर ये तो बताओ की यहाँ दिल है किसके पास.
हजारो बार ली हैं तलाशियाँ तुमने मेरे दिल की,
बताओ कभी कुछ मिला है तुम्हारे सिवा !!!!



तुम मुझ पर लगाओ मैं तुम पर लगाता हूँ,
ये ज़ख्म मरहम से नही इल्ज़ामों से भर जायेंगे.




कुछ इस अदा से तोड़े हैं ताल्लुक उसने,
एक मुद्दत से ढूंढ़ रहा हूँ कसूर अपना.

तेरी आँखों में जब से मैंने अपना अक्स देखा है,
मेरे चेहरे को कोई आइना अच्छा नहीं लगता।
मिलने को तो दुनिया मे कई चेहरे मिले,
पर तुम सी # मोहब्बत हम खुद से भी न कर पाये..!!
किसीके अच्छाई का इतना भी फायदा मत उठाओ,
की वो बुरा बनने के लिये मजबुर बन जाये.



क्यू उस को मनाने के लिये मन्नते करू मैं,
मुझे उस से मौहब्बत है कोई मतलब तो नही.




ज़िन्दगी तुझसे हर कदम पर समझौता क्यों करूँ,
शौक जीने का है मगर इतना भी नहीं.
कुछ बातों के मतलब हैं और कुछ मतलब की बातें,
जब से फर्क समझा, जिंदगी आसान हो गई.
क्या इतने दूर निकल आये हैं हम,
कि तेरे ख्यालों में भी नही आते ??




मर्जी से जीने की बस ख्वाहिश की थी मैंने,
और वो कहते हैं कि खुदगर्ज़ बन गए हो तुम.



जरा सी बात पे भिगो देते हो पलकें.
तुम्हे तो अपने दिल का हाल बताना भी मुश्किल है.
तेरे ख्वाब का भी शोख है तेरी यादो में भी है मज़ा
समज में नहीं आता तुजे याद करे या सो जाये.



तुम्हे ना आ सकी निभानी मोहब्बत,
हमे पड़ रही है अब भुलानी मोहब्बत.
मॉडरेटर द्वारा पिछला संपादन: