तुम्हारे पास हूँ शायद, शायद दूर भी हूँ…
मुहब्बत हो गई तुमसे बस इतनी ख़ता है मेरी,
माना के मुजरिम हूँ मगर बेकसूर भी हूँ ।
कहानी हमारी सिर्फ तीन लफ्ज़ों की है…
दो लफ्ज़ “तुम” और एक लफ्ज़ “मैं”
सुनो मत पूछो कि कैसे हैं हम,
ज़िंदगी में कभी भूल ना पाओगे ऐसे है हम ।
जमाना साथ हो या खिलाफ हमे कोई फर्क नही पङता,
हम तो जिंदगी कल भी अपने अंदाज मे जीते थे,
आज भी….
बड़ा ही फर्क था तेरी और मेरी मोहब्बत में,
तूने सिर्फ आजमाया हमने सिर्फ यकीन किया।
भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद,
यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है।
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी,
उसमें एक हलकी सी लकीर मेरी भी थी।
बेस्ट दो लाइन शायरी इन हिंदी
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज,
हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
तुम मिल गए तो मुझ से नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है।
“गजब है उनका हंसकर नजरें झुका लेना,
पुछो तो कहते है कुछ नहीं बस युँ ही !!”
उसकी वफ़ा न मेरी वफ़ा का सवाल था,
दोनों ही चुप थे सिर्फ #Ego का सवाल था ।
दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है,
अपने ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है !!
दो लाइन मोहब्बत शायरी
अगर निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो,
तो कोई भी रिश्ता नाकाम नहीं होता।
जब कोई आपकी क़दर ना करे तो…..
उसकी life से दूर चले जाना better होगा
मोहब्बत की दास्ता …लिख़ने का हुनर तो आ गया मुझमें…
पर महबूब को मनाने मे…आज भी नाकाम हूँ…….
छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना, हमेशा के लिए दोस्त’
जिसको प्यार की कदर ना हो उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना…
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा…!!
साल बदलेगा मगर दिल का हाल नही बदलेगा…!!!
एक
वो है जो हमारी बात को समझती नहीं,
और यहाँ जमाना हमारे
स्टेटस पढ़कर,
❤
दीवाना हुआ जा रहा है.
मुझको चाहते होंगे और भी बहुत लोग,
मगर मुझे मोहब्बत सिर्फ अपनी मोहब्बत से है.…!!!
तुम मस्त बहारा हो… मै भी मस्त मलंगा से कम नही…
तुम जिस्म से काबा हो…. मेरी रुह भी गंगा से कम नही…
मेरी ख़ामोशी में…सन्नाटा भी है शोर भी है………….!!
तूने देखा ही नहीं…मेरे दिल में कुछ और भी है…….!!
मुसीबत है तेरा ये झुमका जो गालों पे झूल गया…
कहने आया था मै दिल की बात और भुल गया …!!!.
कोई भी रिश्ता ना होने पर भी जो रिश्ता निभाता हैं,
वो रिश्ता एक दिन दिल की गहराइयों को छू जाता हैं.
जिक्र तेरा हुआ तो हम महफ़िल छोड़ आये,,,
हमें गैरों के लबों पे तेरा नाम अच्छा नहीं लगता….
उन्होंने अचानक ही पूछ लिया, कितना प्यार करते हो..??
मैंने कहा करना आता है बस___बताना नहीं आता..!!!
कोई भी गम मेरी फितरत नहीं बदल सकता,
क्या करूँ मुझे आदत है मुस्कुराने की..
जी भर के जुल्म कर लो मुझ पर,
क्या पता मेरे जैसा कोई बेजुबान तुम्हें फिर मिले ना मिले
मोहब्बत का कानून अलग है,
इसकी अदालत में वफादार सजा पाते है !!
लाख शिकायतें है…मगर कैसे करू बयां…
इधर दिल अपना….उधर तुम अपने…!!
कुछ ज्यादा नहीं जानते मोहब्बत के बारे में…
बस उन्हें सामने देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है।
अगर निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो,
तो कोई भी रिश्ता नाकाम नहीं होता
तलाश दिल को सिर्फ सुकून की होती है,
नाम रिश्तों का चाहे जो भी हो..
याद से उसकी खाली नही कोई लम्हा…
फिर भी डरते हैं कि भूल ना जाएं उसको…..
कहां से तलाश करोगे तुम मुझ जैसा शख्स ..
जो तुमसे जुदा भी रहे और तुमसे मोहब्ब्त भी करे..!!
मुझे तेरी आवाज से इतना प्यार है ..
तो सोच तुझसे कितना होगा।
किसी को न पाने से ज़िंदगी ख़त्म नहीं होती..
पर किसी को पाकर खो देने से कुछ भी बाकी नहीं रहता…!!
वो मुझे नहीं चाहता तो क्या हुआ …
क्या इतनी सी बात से मैं उसे चाहना छोड़ दूँ …
मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नज़र आएंगी,
तुम्हें देखकर तो हम मुस्कुराने लगते हैं !!
मुहब्बत हो गई तुमसे बस इतनी ख़ता है मेरी,
माना के मुजरिम हूँ मगर बेकसूर भी हूँ ।
कहानी हमारी सिर्फ तीन लफ्ज़ों की है…
दो लफ्ज़ “तुम” और एक लफ्ज़ “मैं”
सुनो मत पूछो कि कैसे हैं हम,
ज़िंदगी में कभी भूल ना पाओगे ऐसे है हम ।
जमाना साथ हो या खिलाफ हमे कोई फर्क नही पङता,
हम तो जिंदगी कल भी अपने अंदाज मे जीते थे,
आज भी….
बड़ा ही फर्क था तेरी और मेरी मोहब्बत में,
तूने सिर्फ आजमाया हमने सिर्फ यकीन किया।
भूल न जाऊं माँगना उसे हर नमाज़ के बाद,
यही सोच कर हमने नाम उसका दुआ रक्खा है।
उसने देखा ही नहीं अपनी हथेली को कभी,
उसमें एक हलकी सी लकीर मेरी भी थी।
बेस्ट दो लाइन शायरी इन हिंदी
आईना फैला रहा है खुदफरेबी का ये मर्ज,
हर किसी से कह रहा है आप सा कोई नहीं।
तुम मिल गए तो मुझ से नाराज है खुदा,
कहता है कि तू अब कुछ माँगता नहीं है।
“गजब है उनका हंसकर नजरें झुका लेना,
पुछो तो कहते है कुछ नहीं बस युँ ही !!”
उसकी वफ़ा न मेरी वफ़ा का सवाल था,
दोनों ही चुप थे सिर्फ #Ego का सवाल था ।
दुश्मन भी दुआ देते हैं मेरी फितरत ऐसी है,
अपने ही दगा देते हैं मेरी किस्मत ऐसी है !!
दो लाइन मोहब्बत शायरी
अगर निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो,
तो कोई भी रिश्ता नाकाम नहीं होता।
जब कोई आपकी क़दर ना करे तो…..
उसकी life से दूर चले जाना better होगा
मोहब्बत की दास्ता …लिख़ने का हुनर तो आ गया मुझमें…
पर महबूब को मनाने मे…आज भी नाकाम हूँ…….
छोड़ दिया हमने उसका दीदार करना, हमेशा के लिए दोस्त’
जिसको प्यार की कदर ना हो उसे मुड़ मुड़ के क्या देखना…
तुझको लेकर मेरा ख्याल नहीं बदलेगा…!!
साल बदलेगा मगर दिल का हाल नही बदलेगा…!!!
एक

और यहाँ जमाना हमारे




मुझको चाहते होंगे और भी बहुत लोग,
मगर मुझे मोहब्बत सिर्फ अपनी मोहब्बत से है.…!!!
तुम मस्त बहारा हो… मै भी मस्त मलंगा से कम नही…
तुम जिस्म से काबा हो…. मेरी रुह भी गंगा से कम नही…
मेरी ख़ामोशी में…सन्नाटा भी है शोर भी है………….!!
तूने देखा ही नहीं…मेरे दिल में कुछ और भी है…….!!
मुसीबत है तेरा ये झुमका जो गालों पे झूल गया…
कहने आया था मै दिल की बात और भुल गया …!!!.
कोई भी रिश्ता ना होने पर भी जो रिश्ता निभाता हैं,
वो रिश्ता एक दिन दिल की गहराइयों को छू जाता हैं.
जिक्र तेरा हुआ तो हम महफ़िल छोड़ आये,,,
हमें गैरों के लबों पे तेरा नाम अच्छा नहीं लगता….
उन्होंने अचानक ही पूछ लिया, कितना प्यार करते हो..??
मैंने कहा करना आता है बस___बताना नहीं आता..!!!
कोई भी गम मेरी फितरत नहीं बदल सकता,
क्या करूँ मुझे आदत है मुस्कुराने की..
जी भर के जुल्म कर लो मुझ पर,
क्या पता मेरे जैसा कोई बेजुबान तुम्हें फिर मिले ना मिले
मोहब्बत का कानून अलग है,
इसकी अदालत में वफादार सजा पाते है !!
लाख शिकायतें है…मगर कैसे करू बयां…
इधर दिल अपना….उधर तुम अपने…!!
कुछ ज्यादा नहीं जानते मोहब्बत के बारे में…
बस उन्हें सामने देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है।

अगर निभाने की चाहत दोनों तरफ से हो,
तो कोई भी रिश्ता नाकाम नहीं होता
तलाश दिल को सिर्फ सुकून की होती है,
नाम रिश्तों का चाहे जो भी हो..
याद से उसकी खाली नही कोई लम्हा…
फिर भी डरते हैं कि भूल ना जाएं उसको…..
कहां से तलाश करोगे तुम मुझ जैसा शख्स ..
जो तुमसे जुदा भी रहे और तुमसे मोहब्ब्त भी करे..!!
मुझे तेरी आवाज से इतना प्यार है ..
तो सोच तुझसे कितना होगा।
किसी को न पाने से ज़िंदगी ख़त्म नहीं होती..
पर किसी को पाकर खो देने से कुछ भी बाकी नहीं रहता…!!
वो मुझे नहीं चाहता तो क्या हुआ …
क्या इतनी सी बात से मैं उसे चाहना छोड़ दूँ …
मेरी उदासियां तुम्हें कैसे नज़र आएंगी,
तुम्हें देखकर तो हम मुस्कुराने लगते हैं !!
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