इमोशनल दिल टूटने की शायरी

अगर दोस्तों आप अपने आप को कुछ ज्यादा ही अकेला महसूस कर रहे है तो heartbreak वाला शायरी का New Collection पढ़े शायरी हमे अपने आप और हमारा मन शान्त करने में बहुत मदद करता है।

नशा सिर्फ शराब 🍺 में नहीं हैं, तुमको पता है?
इश्क करके देखो, तोते 🕊️🕊️ उड़ जायेंगे।।।

तु ना निभा सकी तो क्या,,
मै अपनी मोहब्बत को अंजाम दूंगा।
तुमसे मिलना ना हो नसीब में तो क्या?
मैं अपनी औलाद को तेरा नाम दूंगा।।

तुम्हारी याद के डर से अपना शहर नहीं बदलूंगा,
तन्हाई से घिरा हुआ वो घर नहीं बदलूंगा।
जिंदगी के किसी भी मोड़ पर तुम्हारा फोन आ सकता है?
इसी आस में मै अपना नबर नहीं बदलूंगा।।


सिर्फ मै ही रोया हु उसकी मोहब्बत में, ये सच नहीं है यारो,
आंसू तो उसने भी बहाए होंगे।
बड़ी मुश्किल से डिलीट किया है मैंने नंबर उसका,,
मेरे तस्वीर जलाते समय हाथ तो उसके भी कापे होंगे।

तन्हाई में रोता हु मगर 😔
सिख लिया हूं महफ़िल में मुस्कुराना।😊
और अब नहीं मुझे तेरी जरूरत🙏🙏
अब तू लौट कर कभी मत आना😌😌🙌

तुझसे इश्क करना गलती है मेरी तो , माफ कर दे मुझे,
अब बस भगवान से यही दुआ करता हूं🤲🤲
मेरी जिंदगी से साफ कर दे तुझे

एक वक़्त अाएगा जब मुझसे मिलने आओगे तुम.
पर सायद मै कफ़न ओढ़ कर सो जाऊंगा।
तु डर मत , तेरे बिना जीना सिख जाऊंगा.

दूर कहीं कोई खत जलता रहा जाएगा🔥🔥
फिर से कोई तनहा रह जायेगा👨👨😭
और ये चेहरे चाहे लाख सामने से गुजरे,,
याद तुम्हे पहला वाला ही रह जायेगा

तुझसे इश्क करना मेरी सबसे बड़ी भूल थीं💔
मैंने तुझसे इश्क किया ।
और वही इश्क तेरी क़दमों की धूल थी👨‍❤️‍💋‍👨

तेरा दिल नहीं दिखाया मैंने ,
फिर भी दर्द सहे जा रहे है।।
ये कैसी मोहाबत की मैंने!!
हर बात पे खुद को बेवफा कहे जा रहे है 😔😔


टूटा हुआ हु पर अभी हारा नहीं हूं।।
माना कि अकेला हूं , लेकिन बेसहारा नहीं हूं।।

अभी हारा नहीं हूं मैं,
अभी गेम बाकी है!
फोटो जला 🔥 दी है उसने मेरा🖼️
लेकिन फ्रेम अभी भी बाकी है।।

कुछ इस तरह हम खुद को समझते रहे,
मीठा पान समझ कर, नीम की पत्तियों को चबाते रहे।।।

आज भी हमे वजह पता ना चली ,
लेकिन जिंदगी से उसका दूर जाना याद है
हम नींद में भी याद करते है उसको।
उसका जागते हुए भी मुझे भुलाना याद है।।

आंख बंद करके भी चेहरा बना सकता हूं उसका,
जानेमन आशिक हूं तेरा, आवारा नहीं हूं मै।।

यकीन था कि मुझे भूल जाओगे तुम,
खुशी इस बात की है कि !!
तुम उम्मीद पर खरे उतरे।।

बारिश की बूंदे मुझ पर जब पढ़ती है,
येसा लगता है, तुम मुझे छू कर गए।।

आहिस्ता – आहिस्ता न जाने कब फ़िसल गयी हाथ से….
वो ज़िन्दगी जिसमें ,
तुम थे तुम थे और सिर्फ़ तुम थे….
 
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