जिंदगी का दर्द शायरी

मत पूछा कीजिये बार-बार शराब पीने की वज़ह,
जिस दिन बता दिया…. कहीं आप भी शराबी न हो जाएं..!!

बदल गए बो तो कोई ऐतराज नहीं किसी को ,
जरा सा बदल गए हम तो तकलीफ है सब को ।।

जिंदगी कुछ अजीब से फासले लिए जा रहे है,
मैं रोऊ की मुस्कुराऊं हम समझ नहीं पा रहे है।।

छांव हमेशा के लिए नहीं रहती….
जीवन की धूप का मज़ा लेना सीखो..


कल तक इश्क़ में शायरी खोज रहा था,
आज शायरी से इश्क़ हो गया…!!*👫

नादान से भी दोस्ती कर लेनी चाहिए जनाब,
सुना है मुसीबत में कोई समझदार काम नही आता।।

मुश्किले दिल के इरादे आजमाती है,
ख्वाबों के परदे निगाहों से हटाती है।।

अग़र फ़ुर्सत में याद करना हो तो मत करना
मैं तन्हा जरुर हु मग़र फ़िज़ूल क़भी नहीं

अपनी तारीफ खुद ही कर लिया करें,
बुराई करने के लिए तो पूरे रिश्तेदार बैठे है ।।

कुछ ख्वाहिशों का अधूरा रहना ही ठीक है,
जिन्दगी जीने की चाहत तो बनी रहती है।।

मुझे खौफ कहां मौत का।
मैं तो ज़िंदगी से डर गया हूं।

उस लड़के का दुख तुम क्या समझोगे,
जिसे मोहब्बत हो जाए और वो बेरोजगार हो।

ये जो तुम दिल के साफ़ हो ना,
देख लेना दिमाग़ वालों से हार जाओगे।

मरने तक धैर्य रखें,
फिर सब ठीक हो जाएगा।

नसीब ने पूछा बोल क्या चाहिए,
ख़ुशी क्या मांग ली, खामोश हो गया.

हूं तो बहुत बुरा मैं,
लेकिन दो चेहरे नहीं रखता।

मतलबी जमाना है नफरतों का कहर है,
ये दुनिया दिखाती शहद है पिलाती जहर है।

ज़मीं की गोद में इतना सुकून था कि,
जो गया वो सफ़र की थकान भूल गया।

सादगी मशहूर है हमारी,
खुशमिजाजी भी कमाल है।
हम शरारती भी इंतेहा के है,
तनहा भी बेमिसाल है।।

कदम यूं ही डगमगा गए रास्ते में
वैसे सम्भलना हम भी जानते थे
ठोकर भी लगी तो उसी पत्थर से
जिसे हम अपना मानते थे

“रिश्तों के किनारे ढूंढ़ने में,
रिश्ते किनारे हो लिए,
रह गये महज कुछ सवाल,
तुम हमारे ना हुए, ना हम तुम्हारे हो लिए l “

ये प्यार व्यार क्या है पता नहीं
मैं तो फितना का भेजा काफ़िर हूँ
मुझे ज़हम नहीं तेरे दुनिया की
मैं तो कल का आया मुसाफ़िर हूँ।

वो अक्सर मेरी झूठी खबर तक पहुंच जाते हैं,
ना कर सके हम उस सबर तक पहुंच जाते हैं,
कुछ गलत लोगों को दिल से निकाल ही देना चाहिए,
बुरे लोगों को दिल में रखने वाले लोग अक्सर कब्र तक पहुंच जाते हैं।।

हम तो बस अब चुप रहते हैं,
अब कहां हम कुछ कहते हैं,
किसी और का क्या भरोसा है,
हम तो खुद से ही खुश रहते हैं।।

तेरी याद बहुत अब आने लगी,,
इक जान है अब वो जाने लगी!!
तन्हा तन्हा हम रहने लगे,,
तन्हाई बड़ा तड़पाने लगी!!

सब कुछ मिला है हमको ,
फिर भी सबर नहीं है.
बरसों की सोचते है ,
पल की ख़बर नहीं है..!!

उम्मीद न कर वापस आने की..
अब दीवाने तू उसकी….
जब तेरे साथ था,तब तेरा ना हुआ…
तो अब क्या होगा….।

ज़रा सा पैर जो फिसला ,
इल्ज़ाम उसी चप्पल पे लगाया सबने,
महीनों तपती ज़मीन और
काटों से बचाया जिसने!!

भरोसा प्यार दोनो किया था,
इसमें कोई खता तो नहीं,
वो मेरे कुछ अपने ही थे,
जो आग लगाकर देखने आए,
कहीं कुछ बचा तो नहीं।।

ज़िन्दगी भर के इम्तिहान के बाद,
तू नतीजे में किसी और का निकला!!

मत लो मेरी चाहतों का इम्तिहान,
गर हार गया तो दर्द तुम्हें भी होगा।

जो महसूस करते हैं बयाँ कर देते हैं,
हमसे लफ़्ज़ों की दगाबाज़ी नहीं होती।


नब्ज जाँच लेना साहेब, दफ़न से पेहले,
कलाकार उम्दा है, किरदार में न हो।

“वक़्त के एक दौर में इतना भूखा था मैं की,
कुछ न मिला तो धोखा ही खा गया !!”

हंसकर जीना दस्तूर है जिंदगी का,
एक यही किस्सा मशूर है जिंदगी का,
बीते हुए पल कभी लौट कर नहीं आते,
यही सबसे बड़ा कसूर हैं ज़िंदगी का ।।

ज़िंदगी का मुक़द्दर सफ़र दर सफ़र,
आखिरी सांस तक बेक़रार आदमी ,
हर तरफ हर जगह बेशुमार आदमी,
फिर भी तनहाइयों का शिकार आदमी…

जाने बाला कमियां देखता हैं,
निभाने बाला काबलियत.!!

मेरे अल्फाजो को समझने वाले,
लगता है तेरे ज़ख्म भी गहरे है !!

दुनिया को कुछ सही लगे और तुम्हे गलत,
तो खुदको गलत नही अलग समझना।।

दिल की आवाज़ से नगमे बदल जाते है,
वक्त ना साथ दे तो अपने बदल जाते है,
पलको को आप समहाल कर झपकाना,
क्योंकि पलके झपकाने से अक्सर सपने बदल जाते है।।

बेवजह ही नहीं होती मुलाकात अनजानों से,
कोई तो अधूरा रिश्ता पूरा होता होगा।

चेहरे याद हैं उन सबके अच्छे से….
हिसाब भी उनको अच्छा वाला ही देंगे,
जिस वक्त जरूरत होगी उनको हमारी,
उनको उनका ही दिन दिखला देंगे।

राहों का ख़्याल है मुझे,
मंज़िल का हिसाब नहीं रखता,,
अल्फ़ाज़ दिल से निकलते है,
मैं कोई किताब नहीं रखता….

झांकने की सब से बेहतरीन जगह गिरेबान है,
रहने की बेहतरीन जगह अपनी औकात है।

एक छुपी हुई पहचान रखता हूँ,
बाहर शांत हूँ, अंदर तूफान. रखता हूँ,

दिल वहीं लौटना चाहता है,
जहां दुबारा जाना मुमकिन नहीं होता,
बचपन, मासूमियत ,पुराना घर, पुराने दोस्त..।

अपने मां बाप की तरह हो तुम,
किसी और के लिए टूटा ना करो।।

किसी ने यू ही पुछ लिया मुझसे,
इस दर्द की कीमत क्या है,
मैने हस्ते हुए कहा ,
पता नही कुछ अपने मुफ़्त में दे गए।।।।

दुश्मन भी मेरे मुरीद है शायद,
क्वत बे क्वत मेरा नाम लिया करते है!
मेरे गली से गुजरते है छुपा के खन्जर?
रू-ब-रू होने पर सलाम किया करते हैं।

मुस्कुराने के मकसद न ढूंढ वर्ना,
जिन्दगी यूँही कट जायेगी,
कभी बेवजह भी मुस्कुरा के देख,
तेरे साथ जिन्दगी भी मुस्कुरायेगी।

उदास होने के लिए उम्र पड़ी है,_
नज़र उठाओ सामने ज़िंदगी खड़ी है,
अपनी हँसी को होंठों से न जाने देना!
क्योंकि हमारी मुस्कुराहट के पीछे दुनिया पडी है।

सम्मान केवल समय का होता है.!
लेकिन व्यक्ति उसे अपना समझ लेता है।।

बस इतना चाहिए तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
की जमीं पे बैठु तो लोग उसे बड़प्पन कहे औकात नहीं।

लोग वाकिफ़ है मेरी आदतो से ,
रुतबा कम पर लाजवाब रखता हु ।।

जो लोग तन्हाई पसंद करते हैं,
उन्हें समझना आसान नही होता।

अपने ही अपनो को गिराने की बात करते है,
झूठ को सच बताने की बात करते है,
कहते है साथ रहेंगे आपकी परछाई बनके,
और पीठ पीछे छोड़ कर जाने की बात करते है।।।

अगर बेवफा होता तो भीड़ में होता,
वफादार हु इसलिए अकेला हु।।।।।

“सोचता हूँ धोखे से जहर दे दूँ,
सभी ख्वाहिशों को दावत पर बुला के !!”

खामोसिया बयान कर दे तो अलग बात है,
कुछ दर्द एसे भी है जो लफ्जो में उतारा नही जाता।।

काश कोई अपना हो तो आईने जैसा हो,
जो हसे भी साथ और रोए भी साथ।।

ये जो खामोश से अल्फ़ाज़ है ना,
पढ़ना कभी ध्यान से चीखते कमाल हैं

कदम-कदम पे नया इम्तहान रखती है*….
जिंदगी तू भी मेरा कितना ध्यान रखती है,

वक्त का इंतजार कीजिए जनाब ,
इस बार हम नहीं आप हमसे मिलने आयेंगे।


तहे दिल से शुक्रिया अदा करता हूँ इस कलम का जनाब,
जिसने मेरे हर एक अहसासा को बेमिशाल लफ्जों में पिरोया है

कुछ हार गई तकदीर कुछ टूट गये सपने,
कुछ गैरों ने लूटा कुछ भूल गये अपन।।

बुढ़ापे में आपको रोटी आपकी औलाद नहीं ,
आपके दिए हुए संस्कार ही खिलाएंगे

मेहमान की तरह, घर से आते-जाते;
बेघर हो गए हैं हम, कमाते-कमाते!

शिकवा करे भी तो किस से करे साहब
आग लगाने वाले भी अपने थे,
और आग बुझाने वाले भी अपने थे ।

वो लौट कर आया है मुझे मनाने को ,
शायद आजमा चुका है जमाने को

कश्ती है पुरानी मगर दरिया बदल गया,
मेरी तलाश का भी तो जरिया बदल गया,
न शक्ल बदली न ही बदला मेरा किरदार,
बस लोगों के देखने का नजरिया बदल गया।।

ऐसा लगा ग्रहण मुक्कदर पर,
ये नफा नुकसान तो खेल है नसीबों के,
वो भर के झोली चले गए,
खाली रह गये हाथ गरीबों के।।

कल न हम होंगे न गिला होगा।
सिर्फ सिमटी हुई यादों का सिललिसा होगा।
जो लम्हे हैं चलो हंसकर बिता लें।
जाने कल जिंदगी का क्या फैसला होगा।

दुखी जिंदगी शायरी इन हिंदी
अगर दुरियो से फर्क न पड़े,
तो समझ लेना बहुत करीब हो तुम।।।

जिसे निभा ना सको ऐसा वादा ना करो,
बाते अपनी हद से ज्यादा ना करो।।

वक्त सब कुछ सिखा देता है,
लोगो के साथ रहना भी और लोगो के बिना रहना भी।।

इंसान को कभी भी पूरी तरह समझा नही जा सकता,
क्योंकि बदलते रहना रहना इंसान की फितरत है।।

जब डुबाने वाले ही अपने ही हो तो हाथ नहीं देते,
कहने है बहुत कुछ लेकिन नफ्ज साथ नहीं देते।।

ज़िंदगी सागर है दोस्त लहरे और दिल किनारा,
ये importent नहीं सागर में लहरे कितनी है,
जरूरी बात तो ये है कि कौन सी लहर किनारे को छू पाती है..

जो जख्म शरीर पर लगता है वो सबको दिखता है,
जो रूह को घायल कर दे वो सिर्फ महसूस किया जाता है।

छोटे शहर के अखबार जैसा हूँ जनाब..!
दिल से लिखता हूँ, इसलिए कम बिकता हूँ..!

मैने कुछ वक्त चुप रह कर भी देख लिया,
किसी को कोई फर्क नही पढ़ता।।

जिन पत्थरों को हमने सिखाई थी गुफ़्तगू…….
जब बोलने लगे तो हमीं पर बरस पड़े….!!🤔

मतलब से मिलने वाले,
मिलने का मतलब क्या जाने !!!!

अब अल्फाजों का कोई जोर नहीं हमपर..
अब तो समंदर बनना चाहते है हम
ठीकाने तो बोहोत होंगे आपके..
पर मंजिल हम बनना चाहते हैं l

हर उलझन के अंदर ही
उस उलझन का हल मिलता है,
कोशिश करने वालों को ही
एक दिन “सुंदर कल“ मिलता है।

अज़ीब शौक पाला है मैने भी लिखने का…
लिखूँ तो दूनियाँ परेशान…..
ना लिखूँ तो…..दिल परेशान !!!

जो लोग तन्हाई पसंद करते हैं,
उन्हें समझना आसान नही होता।
 
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