पता नहीं आसमा से क्या रिस्ता है मेरा 🛉
दुःखी मै होता हु रोता वो है 🌧🌧
हम जिनके अफ़साने पढ़कर रो देते हैं, 🕮🕮
हाय उन किरदारों पर क्या गुज़री होगी

वो समन्दर की लहर है,

मै उसका किनारा हु ..
हर बार मुझे छू कर जाती है ,
मै उसके इंतजार में रहता हु

फिर नहीं वसते, वो दिल जो एक बार टूट जाते है
क़ब्र कितना ही सवारों कोई ज़िंदा नहीं होता…!!
हम ना कहते थे,जान लुटा देंगे,
देखो, कर ली ना खुदकुशी हमने.!
कागज का ये लिबास बदन से उतार दो,

पानी बरस गया तो किसे मुंह दिखाओगे.🌧🌧
जल्द ही लौटेगी खुसिया अभी कुछ गमो का शोर है,

जरा संभलकर रहे दोस्तो इम्तिहानो का दौर है.
समझते थे मगर फिर न रखी दूरियां हमने,
चिरागो को जलाने में जला ली उंगलियां हमने।
ग़लत फहमी का अहसास तो तब हुआ …!!
जब हमने कहा “रुको, मत जाओ🛊🛊
और वो समझे
“रुको मत, जाओ” ..
लोग अच्छे हों फिर भी फासले रखना
मीठा भी हो सकता है ज़हर कोई……..!!

कदर करना सीख जाओ अपने पास की चीजों की….,
वरना एक बार जब खो तो
दोबारा पाने के लिए हमेशा पछताते ही रहोगे।
ये कैसी जिंदगी दिया है तुमने ये खुदा
जो मुझे खुश देखना ही नहीं चाहता
क्या बताऊ तुझपे कितना भरोसा जताया था ,
शादी करूँगा तुझसे एसा माँ को बताया था ..
डूबा रहता हु ,ई अब इश मायूसी की समंद में ,
हाथ जलने लगा तो याद आया सिगरेट जलाया था

दीवारें सुन लेती हैं चीखें मेरी,

बस कुछ अपने बहरे बन बैठे हैं!!
सरहदे जमीं की होती होगी,
दिल की कोई सरहद नही होती।
खून फिर भी बहता हैं जनाब,
मुहोब्बत की जंग इतनी भी आसान नही होती।
लोगों की निगाहों में कीमत घट जाएगी,

ग़र ज्यादा खींचोगे चादर फट जाएगी।
परेशान जिंदगी शायरी
वो दौर भरोसे का कुछ और ही था,
अब शीश झुकाया तो गर्दन कट जाएगी!!
खंजर लिए खड़े थे मेरे इंतज़ार में,

वो दोस्त जिनके साथ बचपन गुजर गया.!!
क्या देख पाते कोई बरहना हकीक़त हम,

ख्वाब आँखों में धूल झौंकते रहे हरदम.!!
सिवा तेरे कहीं खोया नहीं मैं
घनी जुल्फों तले सोया नहीं मैं
कोई चुभती हुई तू बात तो कह
बहुत दिन हो गए रोया नहीं मैं .!!
जिंदगी हमारी भी खुशाल हुआ करती थी

जब से किसी अपने ने मुझे अपना कहा
जिंदगी बेजान सी हो गई है

रियल लाइफ शायरी इन हिंदी
मत मिलाया कर तू उन्हें कभी ऐ! खुदा,

जिन्हें तू कभी मिला ही नहीं सकता।
यूँ जो अब भी तेरे झूठे वादों को दिल से लगाये बैठे है,
हम ख़ुद ही अपने गले में फंदा लगाए बैठे है।
तुझे शिकायत है कि मुझे बदल दिया वक्त ने,
कभी खुद से भी सवाल कर क्या तू वही है।

बहुत वक्त दिया, बहुत मौके दिए
कि अपनी कमियों, गलतियों पर सुधार करो,
पर सुधार करना तो दूर…
मैं तुम्हें जितना वक्त देता गया..
तुम उतनी ही गलतियां करती गई।
लड़ झगड़ कर ही सही….
तुझसे उलझे रहना भी तो इश्क़ है।
वो सफ़र में थी…
मैं महफ़िल में था
वो किरदार थी….मैं किस्सा था ।
मुझे इश्क देखना है ..आओगे ना,
एक ख्वाहिश है मेरी भी
रूठ जाने की ..मनाओगे ना ।
जिंदगी जिना आसान नहीं रहा अब ,
लोग
साथ नहीं नसीहत देते है अब 

इतना खौफ काफ़ी है तेरा ए मौत,
बस भी कर अब,ज़िंदगी सबक सीख चुकी हैं.!!
पहले भी नजरे चुराते थे वो हमसे,

दावा मुहोब्बत का करते थे,
खैर वो बात ही अलग है।
आज के बाद फिर किसी के बातो पर एतबार न करेंगे हम ,
मोहबत पर सौतेला व्यवहार न करेंगे हम ,
इतने जख्म दिए है मुझे पहली मोहबत ने मुझे ,
सारे सितम करेंगे लेकिन प्यार न करेंगे हम

सुई सी चुभन और दर्द खंज़र सा है,
चारो तरफ़ बस मौत का मंज़र सा है।
जब मुझे अहसास हुआ

कितनी खुशहाल जिंदगी है मेरी

एक छोटा सा आसुओ का शैलाब आया

और मेरा सब कुछ बहा ले गया मुझसे
झूठी कसम से इंसान तो नही मरता
मगर भरोसा जरूर मर जाता है ।
हस्ते हैं मुस्कुराते हैं,
कुछ इस तरह हम अपना गम छुपाते है।
वो मुझसे लिपट कर किसी गैर के लिए रोटी रही मै देखता रहा
साथ मेरे बैठ कर किसी और के ख्यालो में खोती रही मै देखता रहा,
गैर मौजूदगी में होता ये सब तो कोई और बात थी
वो मेरे सामने किसी और की होती रही
कभी सोचता हूँ कि मुझे सोचता होगा वो,
फिर सोचता हूँ कि ये क्या सोचता हूँ मैं।
अकेले बैठो कभी साथ मेरे
जिंदगी के सभी सवालो का जवाब मिल जायेंगे
इस तरह वो रुठ गई मुझसे,
जैसे मुझसे बुरा कोई नही।
महरम बन के मिलना मुझे,
वरना कभी न मिलना मुझे।
चली जाओगी जब, मुझे छोड़ कर तुम,
तुम्हें याद क्या……मेरी आया करेगी.!
जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है,
जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये,
जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये।
किसी के अंदर प्रेम जगाकर उसे छोड़ देना,

उसकी हत्या करने के बराबर होता है..!!
हम भी तंग आकर हिज़्र से एक रोज़,


ज़हर खाएंगे या पंखे से लटक जाएंगे!!

हर तमन्ना जब दिल से रुखसत हो गयी,

यक़ीन मानिए फुर्सत ही फुर्सत हो गयी।

मत मिलाया कर तू उन्हें कभी ऐ! खुदा,

जिन्हें तू कभी मिला ही नहीं सकता।
पलको पर रुका है , समंदर खुमार का🌧🌧🌦⛆
कितना अजब नसा है तेरे इंतजार का।
पाने की चाह था तुझे लेकिन पा ना सका,

खोने का डर था तुम्हे लेकिन बचा ना सका।।
अधूरी रह गई उसकी और मेरी कहानी
मुझे जो दर्द मिला वो उसकी निशानी है
उसने सोचा कि याददाश्त मिटा दी मेरी
पर ये दर्द ही उसकी निशानी है।
दुःखी मै होता हु रोता वो है 🌧🌧
हम जिनके अफ़साने पढ़कर रो देते हैं, 🕮🕮
हाय उन किरदारों पर क्या गुज़री होगी


वो समन्दर की लहर है,


मै उसका किनारा हु ..
हर बार मुझे छू कर जाती है ,
मै उसके इंतजार में रहता हु


फिर नहीं वसते, वो दिल जो एक बार टूट जाते है

क़ब्र कितना ही सवारों कोई ज़िंदा नहीं होता…!!
हम ना कहते थे,जान लुटा देंगे,

देखो, कर ली ना खुदकुशी हमने.!
कागज का ये लिबास बदन से उतार दो,


पानी बरस गया तो किसे मुंह दिखाओगे.🌧🌧
जल्द ही लौटेगी खुसिया अभी कुछ गमो का शोर है,


जरा संभलकर रहे दोस्तो इम्तिहानो का दौर है.

समझते थे मगर फिर न रखी दूरियां हमने,

चिरागो को जलाने में जला ली उंगलियां हमने।
ग़लत फहमी का अहसास तो तब हुआ …!!
जब हमने कहा “रुको, मत जाओ🛊🛊
और वो समझे

लोग अच्छे हों फिर भी फासले रखना
मीठा भी हो सकता है ज़हर कोई……..!!


कदर करना सीख जाओ अपने पास की चीजों की….,

वरना एक बार जब खो तो
दोबारा पाने के लिए हमेशा पछताते ही रहोगे।

ये कैसी जिंदगी दिया है तुमने ये खुदा

जो मुझे खुश देखना ही नहीं चाहता
क्या बताऊ तुझपे कितना भरोसा जताया था ,

शादी करूँगा तुझसे एसा माँ को बताया था ..
डूबा रहता हु ,ई अब इश मायूसी की समंद में ,
हाथ जलने लगा तो याद आया सिगरेट जलाया था


दीवारें सुन लेती हैं चीखें मेरी,


बस कुछ अपने बहरे बन बैठे हैं!!
सरहदे जमीं की होती होगी,
दिल की कोई सरहद नही होती।

खून फिर भी बहता हैं जनाब,
मुहोब्बत की जंग इतनी भी आसान नही होती।
लोगों की निगाहों में कीमत घट जाएगी,


ग़र ज्यादा खींचोगे चादर फट जाएगी।
परेशान जिंदगी शायरी
वो दौर भरोसे का कुछ और ही था,

अब शीश झुकाया तो गर्दन कट जाएगी!!
खंजर लिए खड़े थे मेरे इंतज़ार में,


वो दोस्त जिनके साथ बचपन गुजर गया.!!
क्या देख पाते कोई बरहना हकीक़त हम,


ख्वाब आँखों में धूल झौंकते रहे हरदम.!!
सिवा तेरे कहीं खोया नहीं मैं

घनी जुल्फों तले सोया नहीं मैं
कोई चुभती हुई तू बात तो कह
बहुत दिन हो गए रोया नहीं मैं .!!
जिंदगी हमारी भी खुशाल हुआ करती थी


जब से किसी अपने ने मुझे अपना कहा

जिंदगी बेजान सी हो गई है


रियल लाइफ शायरी इन हिंदी
मत मिलाया कर तू उन्हें कभी ऐ! खुदा,


जिन्हें तू कभी मिला ही नहीं सकता।
यूँ जो अब भी तेरे झूठे वादों को दिल से लगाये बैठे है,

हम ख़ुद ही अपने गले में फंदा लगाए बैठे है।
तुझे शिकायत है कि मुझे बदल दिया वक्त ने,
कभी खुद से भी सवाल कर क्या तू वही है।


बहुत वक्त दिया, बहुत मौके दिए
कि अपनी कमियों, गलतियों पर सुधार करो,
पर सुधार करना तो दूर…
मैं तुम्हें जितना वक्त देता गया..
तुम उतनी ही गलतियां करती गई।
लड़ झगड़ कर ही सही….

तुझसे उलझे रहना भी तो इश्क़ है।

वो सफ़र में थी…


वो किरदार थी….मैं किस्सा था ।
मुझे इश्क देखना है ..आओगे ना,

एक ख्वाहिश है मेरी भी

रूठ जाने की ..मनाओगे ना ।
जिंदगी जिना आसान नहीं रहा अब ,
लोग



इतना खौफ काफ़ी है तेरा ए मौत,

बस भी कर अब,ज़िंदगी सबक सीख चुकी हैं.!!
पहले भी नजरे चुराते थे वो हमसे,


दावा मुहोब्बत का करते थे,
खैर वो बात ही अलग है।
आज के बाद फिर किसी के बातो पर एतबार न करेंगे हम ,
मोहबत पर सौतेला व्यवहार न करेंगे हम ,
इतने जख्म दिए है मुझे पहली मोहबत ने मुझे ,
सारे सितम करेंगे लेकिन प्यार न करेंगे हम


सुई सी चुभन और दर्द खंज़र सा है,

चारो तरफ़ बस मौत का मंज़र सा है।
जब मुझे अहसास हुआ


कितनी खुशहाल जिंदगी है मेरी


एक छोटा सा आसुओ का शैलाब आया


और मेरा सब कुछ बहा ले गया मुझसे
झूठी कसम से इंसान तो नही मरता

मगर भरोसा जरूर मर जाता है ।
हस्ते हैं मुस्कुराते हैं,

कुछ इस तरह हम अपना गम छुपाते है।

वो मुझसे लिपट कर किसी गैर के लिए रोटी रही मै देखता रहा
साथ मेरे बैठ कर किसी और के ख्यालो में खोती रही मै देखता रहा,
गैर मौजूदगी में होता ये सब तो कोई और बात थी

वो मेरे सामने किसी और की होती रही

कभी सोचता हूँ कि मुझे सोचता होगा वो,

फिर सोचता हूँ कि ये क्या सोचता हूँ मैं।
अकेले बैठो कभी साथ मेरे

जिंदगी के सभी सवालो का जवाब मिल जायेंगे
इस तरह वो रुठ गई मुझसे,
जैसे मुझसे बुरा कोई नही।
महरम बन के मिलना मुझे,
वरना कभी न मिलना मुझे।
चली जाओगी जब, मुझे छोड़ कर तुम,

तुम्हें याद क्या……मेरी आया करेगी.!
जिंदगी बड़ी अजीब सी हो गयी है,
जो मुसाफिर थे वो रास नहीं आये,
जिन्हें चाहा वो साथ नहीं आये।
किसी के अंदर प्रेम जगाकर उसे छोड़ देना,


उसकी हत्या करने के बराबर होता है..!!
हम भी तंग आकर हिज़्र से एक रोज़,



ज़हर खाएंगे या पंखे से लटक जाएंगे!!


हर तमन्ना जब दिल से रुखसत हो गयी,


यक़ीन मानिए फुर्सत ही फुर्सत हो गयी।


मत मिलाया कर तू उन्हें कभी ऐ! खुदा,


जिन्हें तू कभी मिला ही नहीं सकता।

पलको पर रुका है , समंदर खुमार का🌧🌧🌦⛆
कितना अजब नसा है तेरे इंतजार का।

पाने की चाह था तुझे लेकिन पा ना सका,


खोने का डर था तुम्हे लेकिन बचा ना सका।।
अधूरी रह गई उसकी और मेरी कहानी
मुझे जो दर्द मिला वो उसकी निशानी है
उसने सोचा कि याददाश्त मिटा दी मेरी
पर ये दर्द ही उसकी निशानी है।