ब्रेकअप के बाद की शायरी

सियासतों की तरह है मुहब्बतों का मिज़ाज़..
जिसे भी सौंपी हुकूमत उसी ने लूट लिया…!!

और क्या देखने को बाक़ी है ..
आप से दिल लगा के देख लिया ..!

हल्की सी हो चुकी है नाजुक पलके मेरी,
मुद्दतो बाद इन नजरो से गिरा है कोई..!!

कह दूंगा हुई थी मोहब्बत,
और जिस से हुई थी वो,
मोहब्बत के काबिल नही थी.


हक़ उतना ही जताइये, जितना जायज़ लगे…!!
रिश्ता फेरों का हो! या मोहब्बत का, घुटन न लगे…।।

सादगी मशहूर है हमारी,
खुशमिजाजी भी कमाल है,
हम शरारती भी इंतेहा के है,
तनहा भी बेमिसाल है।।

मैंने दिल को मना लिया है.
अब ये तेरे बिना भी धड़केगा ..!!

दूर निगाहों से यूं बार-बार ना जाया करो,
दिल को इस कदर ना तड़पाया करो,
तुम बिन जी ना सकते हम एक पल,
ये एहसास बार-बार ना दिलाया करो।

खामोश चेहरे पर हजारों पहरे होते हैं,
हँसती आँखों में भी जख्म गहरें होते हैं,

पत्थर हूँ मैं चलो मान लिया…
तुम हुनरमंद थे तो मुझे तराशा क्यों नहीं..!!

अगर मोहब्बत करनी हो तो ..
जरा संभालकर किजीए..
मझाक नहीं इस तुफान मे टिक पाना..
आजकल बेवफाई की हवा चल रही है..

इश्क़ खुदकुशी का धंधा है,
अपनी ही लाश अपना ही कंधा है.!

“हज़ारों अधूरी हसरतों के बोझ तले,
ऐ दिल तू गज़ब है…जो धङकता भी है।”

नादान है दिल मेरा कैसे समझाऊँ की
तु जिसे खोना नहीं चाहता …
वो तेरा होना नहीं चाहता.

पीने पिलाने की क्या बात करते हो,
कभी हम भी पिया करते थे,
जितनी तुम जाम में लिए बैठे हो,
उतनी हम पैमाने में छोड़ दिया करते थे!!

एक हसीन खूबसूरत सा वो पल था,
खैर क्या याद करे अब उसे वो हमारा कल था😔

कहा खो गई है वो रंगीन शाम,🌇
जब मैं किया करता था हसीन काम🙆‍♂️
अब तो सुबह के बाद यूं खो जाता hu😔
जुबान पर सिर्फ रह जाता है रात का नाम💔

“मत” किया कीजिये.
“दिन” के उजालों की ख्वाहिशें..
ये जो “आशिक़ों” की बस्तियाँ हैं.
यहाँ “चाँद” से दिन निकलता है।।

हम बेक़सूर लोग भी बड़े दिलचस्प होते हैं.
शर्मिंदा हो जाते हैं ख़ता के बग़ैर भी।।

रोज़ रोज़ जलते हैं फिर भी खाक़ न हुए ,
अजीब हैं कुछ ख़्वाब भी बुझ कर भी राख़ न हुए।

प्यार सिखा कर वो जुदा हो गये
ना सोचा ना समझा खफा हो गये
अब किस को हम अपना कहेंगे
वो भी औरों की तरह बेवफा हो गये

उदास हूं लेकिन तुझसे नाराज नहीं …
अफसोस ये है की तेरे दिल में हूं
लेकिन तेरे साथ नहीं…

नजरे नहीं हैं मेरी गलत 👁️
पर मैं सहम सा गया हु अब 😶
तु हो गई किसी और की👩‍❤️‍💋‍👩
फिर भी खुश हु अब मैं भी भी 🙂

दो ही गवाह थी मेरी मोहब्बत के,
*वक़्त और वो*
एक गुजर गया, दूसरा मुकर गया।

मुहब्बत का इम्तिहान आसान नहीं,
प्यार सिर्फ पाने का नाम नहीं.
मुद्दते बीत जाती है, किसी के इंतजार में,
ये सिर्फ पल दो पल का काम नहीं.!!

बड़ी बदमाश हो गई हैअब महबूबा मेरी..
आंखें मिला के अब आंखें दिखाती है।

तहज़ीब में भी उसकी,क्या खूब अदा थी.!
‘नमक’ भी अदा किया,तो ज़ख्मों पे छिड़क कर.!!

एकतर्फी मोहब्बत मे खुश थे हम l
आपने हमारा हाल पूछकर गलती कर दी l

जो कभी अंधेरा में भी बैठ कर मुस्कुराता था,
आज उजाले में भी बैठकर रोने पर मजबूर है😭
और मैं जिसे मानता था अपनी जिंदगी ,
आज वो ही मेरी जिंदगी से दूर हो गई।💔💔

तेरे IGNORE किए हुए का जवाब मैं जरूर दुंगा 😔
प्यार में बदला नहीं होते लेकिन मैं बदला जरूर लूंगा,
तु रोया करेगी पर मैं नहीं आऊंगा,
तु ढूंढेगी पर मैं नहीं मिलूंगा,तेरी हाथ थक जायेगी Call करते – करते,
BLOCK नही करूंगा लेकिन Call नही उठाऊंगा 💔

ज़िंदगी है नादान, इसलिए चुप हूँ,
दर्द ही दर्द सुबह शाम ,इसलिए चुप हूँ,
कह दूँ ज़माने से दास्तान अपनी,
उसमें आएगा तेरा नाम इसलिए चुप हूँ!!!

रों रहा हूं एक मुद्दत से…
हो गया था जो इश्क़ सिद्दात से,
तजुर्बा है तभी तो कहता हूं यारों
मौत अच्छी है इस मोहब्बत से !!

तेरी आंखे बेवफा क्या कह रही एक बार पढ़ने तो दे,
प्यार में चला जितना एक बार नफरत में कदम रखने दे,
कोई ना दिखाएगा तुझे भी शरीफों की शराफत,
एक बार तेरे शहर की शराब को छोड़ तो लेने दे।।

सच्चे दिल से चाहा था तुझको ,
बता तुझे ढूंढना बंद कैसे कर दू ,
दिल में बसी है तेरी तस्वीर ,
आंखों से बाहर कैसे कर दू।।।

क्यू देखू उस बेवफा का राह अकेला चलना गुनाह नही है,
बची है मोहब्बत उसके लिए पर बेपनाह नही है।।

इश्क की हदें ना पूछो जनाब,
मोहब्बतें तो हवा में भी घुल जाती हैं।

दिल्लगी यूं भी अच्छी नहीं साहब,
इंतजार हम करे बेखबर तुम रहो…!!!

तजा निकाले दूध में अकेला दूध नहीं साथ में झाग भी होते हैं,
तेरा चाँद सा चेहरा देख के प्यार कर बैठे ,
लेकिन भूल गए की चाँद पे भी दाग होते हैं।।

अब क्या उखाड़ लोगे तुम हमसे बगावत करके,
अरे हम तो पहले ही बर्बाद हो गए तुमसे प्यार करके,

कौन पढ़ता है यू बेवजह इन शायरियो को,
लोग तो अपना दर्द ढूंढते है इन शायरियो में।।

बिखरा वजूद, टूटे ख़्वाब, सुलगती तन्हाईयाँ,
कितने हसीन तोहफे दे जाती है ये मोहब्बत।


इतनी भी देर मत कर अब लौट आने में,
चाबियां भी बेअसर हो जाए इन तालों में।।

हम अल्फाजों से खेलते रह गए,
और वो हमारे दिल खेल के चली गयी

क्यू मैं ना देखू मुझे ये बता,
कहा जाऊ अब मैं उसके बिना।।

तुम कितनी ही खू़बसूरत हो मगर,
मैं मोहब्बत से थक गया हूं!!

कुछ लोग पसंद करने लगे हैं अल्फाज मेरे,
मतलब मोहब्बत में बरबाद और भी हुए हैं

अदालत इश्क की होंगी ,
मुकदमा मोह्ब्बत पे चलेंगा,
गवाहि मेरा दिल ❤️ देंगा !
और मुजरिम तेरा प्यार होगा 😔

शिकायत नही करनी,
बस इतना सुन लो..!
मैं खामोश हूँ, और वजह तुम हो..!!

कभी बेपनाह बरसी, तो कभी गुम सी हैं…
ये बारिशें भी कुछ कुछ तुम सी हैं…!!!

इतना बेवफा नही हु की तुमको भूल जाए,
अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते है।।

मिलेगा तेरा प्यार तो संवर जायेंगे हम
नहीं तो इस दुनिया में बिखर जायेंगे हम
तुम रहते हो जिस्म में जान बन कर
छोड़ के ऐसे जाओगे तो मर जायेंगे हम

अरे पागल मोहब्बत येसी होती है,
झूठे इंसान पर भरोसा करती है।।

कोई तो मिलेगा समझने वाला.
हम तो चल पड़े थे इसी आस में,
पढ़ कर 8वी क्लास की कविता मन में आये विश्वाश में,
पर हमारे सर्वे ने नए आंकड़े सामने रख दिए
और ये दुनिया झूठी साबित कर दी,
एक इस सच्चे प्यार की तलाश ने

ये तो पता नहीं कितना लंबा सफर होगा,
पर जो इश्क में टूटे हुए है उनका एक शहर होगा,
उस शहर में अपना भी एक घर होगा,
जिसमे तेरी बेवफाई का ना कोई डर होगा।।

मोहबत को जो निभाते हैं
उनको मेरा सलाम है,
और जो बीच रास्ते में छोड़ जाते हैं
उनको हमारा ये पैगाम हैं,
“वादा-ए-वफ़ा करो तो
फिर खुद को फ़ना करो,
वरना खुदा के लिए
किसी की ज़िंदगी ना तबाह करो

”अगर प्यार है तो शक कैसा ,
अगर प्यार नहीं है तो हक कैसा।।

मेरा दिल कहता है मुझसे 💞
मत याद किया कर उसे 🥴
कमवक्त ये तेरी बेवफ़ा आखें 👀
साथ नहीं देती है मेरा 🤝🤝
और मुझे अकेला पाकर 🙇🏻‍♀️🙇🏻‍♀️
उसकी यादें जान निकल लेती है मेरा ✨💫

लोग कहते है की लड़किया जिंदगी होती है मौत नहीं,
मगर वो क्या जाने धोका जिंदगी देती है मौत नहीं।।

वादे पे वो हमारे ऐतबार नही करते,
हम मोहब्बत का जिक्र सरेआम नही करते,
डरते हैं हम ड्यूटी के बुलावे से,
और वो समझते हैं की हम उनसे प्यार नहीं करते.

तुम मेरी मंजिल भी ना बनो तो गम नहीं,
लेकिन सफर में तोह साथ रहो।।

दुनिया में मोहब्बत आज भी बरकरार है,
क्योंकि एक तरफा प्यार आज भी वफादार है।।।

सुकून भी पास है अपने,
ग़मों का काफिला भी है,
लबों से कुछ नहीं कैहते,
मगर दिल में गिला भी है,
सुनायें किसको अपना दर्द,
कोई राज़दाँ तो हो..
ख़ुशी आँखों में है पर..
छुपा हआ आँसूओं का सिलसिला भी है

प्यार मे जुदाई भी होती है
प्यार मे बेवफाई भी होतीं है
थाम के देख किसी का हाथ
पता चलेगा प्यार मे सचाई भी होती है.

आज कल सब एक जैसे ही होती है,
सबके सब बेवफ़ा, बेरहम , बेदर्द।💔

मोहब्बत को बुरा क्यों कहूं ,
जब किस्मत ही मेरी खराब है,
वो जा रही है तो जाने दो,
मेरे पास मेरी शराब है🍺🍺

इश्क़ खुदकुशी का धंधा है,
अपनी ही लाश अपना ही कंधा है.😇

पढ़ रहा हु तुमको किताब की तरह,
लिख रहा हु तुमको अल्फाज की तरह,
इंतजार है तुम्हारा बरसात की तरह,
जिंदगी के जिद्दी सपनो की तरह।।

जिंदगी की राह में उसने दो कदम साथ चलके छोड़ दिए,
दिल मेरा लेकर चंद रोज के बाद,
बेवफा तुमने मरने के लिए छोड़ दिए।।

बिना मांगे मुझे सब मिल जाए कोई,
ऐसा भी कभी हो सकता है क्या!
मैं उसकी यादों में रोता रहता हूं,
मेरे लिए भी कोई रो सकता है क्या!!

बस तुम्हे पाने की तमन्ना ना रहीं अब,
वरना मोहब्बत तो आज भी तुमसे बेशुमार है।।

वो साथ रहती तो बदल भी जाता मैं,
छोड़ कर उसने मुझे..और आवारा कर दिया !!!!!

पूछ लेते वो बस मिजाज़ मेरा,
कितना आसान था इलाज मेरा…!!!

बहुत हुए इम्तेहां अब तो फैसला सुना दे…
मुझे कुर्बतें बख़्श दे या ख़ामियाँ गिना दे…..

कोई ढूँढ लाओ इश्क़ की वैक्सीन,
मरीज इसके भी बहुत हैं जमाने में…!!!

तमन्ना इश्क़ की कर,
किसी को हमसफर बनाने की चाहत,
हमेशा अधूरी रह जाती है..!!

मेरे मरने के बाद मेरी एक कहानी लिखना,
बर्बाद हुई मेरी जवानी लिखना,
कैसे बरसे मेरे आंखों से पानी लिखना,
मेरी आखरी सांसों में वो हिचकी की रवानी लिखना,
की मरते वक्त देता था उसको दुआ ,
हाथ बाहर था कफन से यही निशानी लिखना।।

प्यार सिखा कर वो जुदा हो गये
ना सोचा ना समझा खफा हो गये
अब किस को हम अपना कहेंगे
वो भी औरों की तरह बेवफा हो गये

उदास हूं लेकिन तुझसे नाराज नहीं ..
अफसोस ये है की तेरे दिल में हूं!
लेकिन तेरे साथ नहीं..!

जिस दिल में तेरा नाम लिखा,
उस दिल को तूने शिसे की था तोड़ दिया,
ना होने दिया बदनाम तुझे,
तेरा नाम ही लेना छोड़ दिया!!

हाय ये मेरा पागल दिल मानता ही नहीं,
एक हो है जो इश्का दर्द जनता ही नहीं।।

सब एक चरग के परवाने होना चाहते हैं।
अजीब लोग है दीवाना होना चाहते हैं।

कुछ उमर की पहली मंजिल थी,
कुछ रास्ते थे अंजान बहुत,
कुछ हम भी पागल थे,
कुछ वो भी थे नादान बहुत,
कुछ उसने भी नहीं समझा ,
ये प्यार नहीं था आसान बहुत,
आखिर हमने भीं खेल लिया वो खेल,
जिस खेल में नुकसान थे बहुत,
जब बिखर गया तब ये जाना,
आते है यहां तूफ़ान बहुत,
अब कोई नहीं जो अपना हो,
मिलने को तो है इंसान बहुत,
काश वो वापस आ जाए,
ये दिल है अब सुनसान बहुत।।।

क्या खवीश है मेरी तुमको बताऊं क्या,
कितने जख्म है मेरे दिल में दिखाऊं क्या,
कहती फिरती हो जमाने में बेवफा मुझको,
क्या है हकीकत ये जमाने को बताऊं क्या,
अब तो तुमने इंकार कर दिया है मोहब्बत से मेरी,
मैं अब भी तुम पर दिल और जान लुटाऊ क्या,
नहीं हो सकता तु मेरा तो बता क्या करू मैं,
अपनी इन खाविसो का गला दबाऊ क्या,
तूने तो कभी प्यार दिखाया ही नही ,
और तू चाहती है मैं अब भी प्यार निभाऊं क्य

तुझे खोने के डर से तुझे पाया नही,
जिंदगी भर तड़पता रहा तुझे बताया नही।।


गलतफहमी की गुंजाईश नहीं सच्ची मोहब्बत में
जहाँ किरदार हल्का हो कहानी डूब जाती है

सियासतों की तरह है मुहब्बतों का मिज़ाज़..
जिसे भी सौंपी हुकूमत उसी ने लूट लिया…..!!

कैसे कहूं कि बेवफ़ा नहीं है बो
भरी महफिल में मेरे सामने ही सिर्फ मेरा नहीं है बो

मोहब्बत भी बड़ी सलीके से करिए
देखिये चारो तरफ कही जंजीर मे ना फसीए

मोहब्बत मे फना होने का मतलब
खुद को बर्बाद करने की हसरत

किसी को पसंद ही नहीं ये इश्क़ का तोहफा
आखो मे आसू और लबो पर खुसी ऐसी है ये तोहफा

में खफा नहीं हूँ जरा उसे बता देना
आता जाता रहे यहाँ इतना समझा देना !
में उसके गम में शरीक हूँ
पर मेरा गम न उसे बता देना,
जिन्दगी कागज की किश्ती सही,
शक में न बहा देना !

गहराइयाँ दिल की किसे पता है ,
जो डूबा सो लापता है..

मिलने का अफसोस रहा ताउम्र
उस शख़्स से बिछड़ जाने के बाद.!!

वो बस सूरत ही हसीन लेकर पैदा हुई,
दिल तो उस का किसी मुनाफिक़ से कम नहीं..

जुनून इश्क था तो कट जाती थी रात बातों में,
सज़ा इश्क है तो हर लम्हा अज़ाब लगता है।

लड़खड़ाती है कलम, लिखूं कि न लिखूं
कतराता है मन, कुछ कहूं कि रहने दू!!

जैसे आसान नहीं है भरे हुए पन्ने पर लिखना,
बस एसे ही समझो प्रदीप के दिल में मोहब्बत भरना।।

मेरी उलझी हुई जिंदगी को अब हम खुद सुलझा नहीं सकते
जो शक्स बेवजह छोड़ कर चले गए उसे बुला नही सकते।
हा मुस्कुराने को तो कोई भी मुस्कुरा सकता है,
पर क्या वो सच में खुश है कोई ये अंदाजा लगा नही सकते।

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ये आंखे गवाह है मेरी,
मैने राते तबाह की है,
वो जो बिछड़ी भी तो क्या हो गया,
वो कोई आखरी है क्या,
तु एक बेवफा लड़की के लिए रो रहा है,
तु इतना सस्ता मर्द हैं क्या।।।

नजरो से तुमने क्या कहर ढहाया,
उसने मुझे मिलने बुलाया है!!!

वो बात जो तुम्हे कहनी थी दबा ली ना,
महबूबा तुमने अपनी कोई और बना ली ना,
और तुमने क्या कहा छोड़ के चली गई तुझे,
बेजत्ती अपनी मोहबब्त में करवा ली ना।।

क़ैद मंजूर है तेरे इश्क़ की मुझको,
आज़ाद तन्हाई मग़र सहा नहीँ जाती..!!

मिलने का इरदा भी रखते हो,
और बहाने भी हजार करते हो,
मोहब्बत नहीं है तो पहले ही बोल देते,
इतना अफवाह क्यू फेलाते हो !!!!

जीतने. के लिये हार जाया करो।
ऐसी बाज़ी भी अक्सर लगाया करो।
ऐसे इक टक न देखा करो तुम मुझे।
अपनी मख़मूर आँखें झुकाया करो।
गर छुपाना हो इस दिल की बेताबिया़
बे वफ़ाओं के क़िस्से सुनाया करो।
याद माज़ी की तुमको सताए अगर
जा के ख़िलवत में तुम गुनगुनाया करो
मुड़ के देखो न उसकी तरफ़ तुम कभी
भूल जाए जो, उसको भुलाया करो।
ज़िन्दगी भर कोई साथ देता नहीं
ऐसी बातें हमें मत बताया करो।
मिल ही जायेगा राहों में इक दिन कहीं
उसके कूचे में तुम आया जाया करो,

क्या नज़ाकत है इन बूंदों की,
मन करे इसमें शूमार हो जाऊ…
डूब लू इस मौसम के नूर में,
और इसकी तलबगार हो जाऊ…!!!

बारिशों की बूंदों ने तेरे आने की खबर सुनाई है,
ये खुशी है बस दो पल की फिर बाद उसके तन्हाई है,
सोचा था हमसफर बनेंगे हम दोनों एक दूसरे के,
मगर दरवाज़े पर सनम तुम्हारे किसी और कि बारात आई है

💔धोखेबाज लड़की शायरी हिंदी🙍
ख़ाक उड़ती है रात भर मुझमें…
कौन फिरता है दर-ब-दर मुझमें,
मुझ को मुझमें जगह नहीं मिलती…
कोई मौजूद है इस क़दर मुझमें ।

दिल से रोए मगर होंठो से मुस्कुरा बैठे,
यूंही हम किसी से वफा निभा बैठे,
वो हमे एक लम्हा ना दे पाए अपने प्यार के,
और हमने उनके लिए अपनी जिंदगी गवा बैठे।।

इस खेल में अग़र मोहरे तुम्हारे भी होते,
हमे अफसोस भीं नहीं होता अगर हम हार जाते ,
हमनें सीखी नहीं बेवफ़ाई करना इश्क़ में,
वरना हम भी किसी और के होते तुम्हारी तरह।।

बताओ क्यों तुम पर एतबार करें
बताओ क्यों तुम्हारा इंतजार करें
तुम तो अक्सर तड़पता हुआ छोड़ देते हो
जब तुम्हारा कोई और भी है
तो बताओ हम तुमसे क्यों प्यार करें

खुदा के हाथ में हमने अपनी तकदीर रखी है
मुझे पता नहीं तुम मुझे मिलेगी या नहीं
मगर हमने खुदा के बराबर तेरी तस्वीर रखी है

उम्मीद न कर वापस आने की.
अब दीवाने तू उसकी.
जब तेरे साथ था,
तब तेरा ना हुआ.
तो अब क्या होगा….।

उस लड़के का दुख तुम क्या समझोगे,
जिसे मोहब्बत हो जाए और वो बेरोजगार हो।

अगर बेवफा होता तो भीड़ में होता,
वफादार हु इसलिए अकेला हु।।

अगर दुरियो से फर्क न पड़े,
तो समझ लेना बहुत करीब हो तुम।।।

सांसों की डोर छूटती जा रही है,
किस्मत भी हमे दर्द देती जा रही है,
मौत की तरफ हैं कदम हमारे,
मोहब्बत भी हम से छूटती जा रही है

हमारे चेहरे पर इतना गुरुर ही अच्छा है
नशा तुम करो हमारे नशे का तो सुरूर ही अच्छा है
और अगर तुम ही मेरे मर्ज की दवा हो यार
तो जख्म क्या नासूर ही अच्छा है

दिल का क्या है लगा लो,,,
दर्द तो उम्मीदें देती हैं ….

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फिर से हो रही थी मोहब्बत उन्हें मुझसे….
ना खुलती आँख तो,बस वो मेरे हो ही चुकी थी

ना जाने कितना अमृत,
पी के पैदा हुई यह मोहब्बत .
कितने मर गए हीर रांझे ,
फिर भी जिंदा है यह मोहब्बत…!!

में रो दिया की मुझे तु याद आई शिद्दत से,
कभी – कभी तेरी मजबूरियां कभी – कभी तू ।।

मेरी”शायरियो” का बस इतना “उसूल” है ,,
तेरी “वाह” से “मुकम्मल” वर्ना “फ़िज़ूल” है.!!

शुक्र है साहब मैसेज का जमाना है ,
वरना वो तो मेरे भेजे हुए कबूतर भी मार देती है.

हमने उनको बडे गुरूर से
कहा कि आप हमारी जिंदगी है
और,वो मुस्करा कर बोले
जिंदगी का कोई भरोसा नहीं होता !!

अपना हिस्सा मांगा था तूने प्यार में,
बस मैंने अकेले दिल दिया था तुझे।

हमने भी बहुत दिल ठुकराए थे लेकिन,
उसे क्या मालूम हम उस पर दिल हारे थे।

जारी है मेरी कलम से स्याही का रिसना…!
बस तुम दर्द का सिलसिला बरकरार रखना…!

इश्क किसका मुकम्मल हुआ हैं ग़ालिब ,
जिसे तुम चाहते हो वो किसी और को चाहता हैं।।

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वक्त मुझको भीख में देने वाली तु सुन,
अब ये प्रदीप फुर्सत तेरे मूह पे मार देगा।।

फिर भी तू ना समझ सकी मेरे लफ्जों की गहराई को,
इस प्रदीप ने हर वो लफ्ज़ लिख दिया ,
जिसका मतलब सिर्फ मोहबब्त था।।

सोचते सोचते खुद को खो रहा हूँ,
वो भुल गई हैं एक अरसे से हमें..
तड़प ज्यादा इसी बात की है….।।

कुछ दिल की मजबूरियां थी।
कुछ किस्मत के मारे थे,
साथ वह भी छोड़ गए ,
जो जान से प्यारे थे।।

खुशमिजाजी मशहूर हैं हमारी,
सादगी भी कमाल हैं,
हम शरारती भी इंतेहा के हैं,
तन्हा भी बेमिसाल है..

ये इश्क की अफरा तफ़री में ,
कितनो के जिंदगी खाक हो गए,
जो समझ गया वो मौन रह गया,
जो ना समझे वो राख हो गए।।।

सुनो नज़र अंदाज़ तो कर रहे हो,
अंदाजा उस दिन का भी कर लो ,
जब हम नज़र नहीं आएंगे,,,,,!!!!

मेरे इश्क़ की सज़ा का ऐलान क्या हुआ
अपनों ने सब से पहले पत्थर उठा लिए…!!

👦Boyfriend ब्रेकअप शायरी💔
वो तुमने मुझसे क्या कहा आपका जुर्म बताऊं,
देखो मैं मुस्कुराता नही हूं ।।

शौक का वार उतार आया हूं,
आज मैं उसको हार आया हूँ.!!

दर्द ए दिल की दवा दीजिए ,
गले लगा लो या गला दवा दीजिए।

माहौल बनाये रखनें में हमनें कोई कमीं न रखी,
वो खंज़र मारता रहा महफ़िल में,
फिर भी हमनें मुस्कुराना नहीं छोड़ा ।।

मैने कहा जा रहे हो तुम बहुत याद आओगे,
उसने कहा ओय प्रदीप रो लिया करना।।

ना चाहत , ना मोहबब्त , ना इश्क और ना वफा,
कुछ भीं नहीं उस शक्स में एक हुस्न के सिवाह।।

बिगाड़ कर रख देती है जिंदगी का चेहरा,
कमबख्त ये मोहबब्त बड़ी तेज़ाब चीज़ है।।।

बर्बाद बस्तियों में किसे ढूंढते हो तुम,
हम उझड़े हुए लोगों का कोई ठिकाना नहीं होता।।

यूँ तो लिखने के लिए
क्या नहीं लिखा “अली” ने
फिर भी, जितना तुझे चाहा
कभी नहीं लिखा “अली” ने..

मैंने उसका हर अनकहा शब्द सुना है ,
और उसने मेरे कहे हर शब्दो को अनसुना किया है.!!

दो लफ्ज़ तुम्हें सुनाने के लिए,
मैंने हजारों लफ्ज़ लिखे जमाने के लिए…!!

था दर्द का तकाजा के रोने ना दे इस प्रदीप को,
मेरा सबर का था कमाल का मुझे रोने ना दिया।।

हमारी बात न छेड़ो हम इसे लोग हैं जिनका,
मोहबब्त कुछ नही करती मोहबब्त मार देती है।।

तेरी वफ़ा के तकाजे बदल गये वरना,
मुझे तो आज भी तुझसे अजीज कोई नहीं!!

वफा करूंगी , निभाऊंगी , बात मानुगी,
क्या तुझे याद है ये बाते किस की थी।।

दर्द से दोस्ती हो गई यारों;
जिंदगी बे दर्द हो गई यारों;
क्या हुआ जो जल गया आशियाना हमारा;
दूर तक रोशनी तो हो गई यारो।

देखे हुए किसी को,
बहुत दिन गुजर गये,,
फरियाद कर रही हैं,
ये तरसी हुई निगाह..!!

तेरे गम को अपनी रूह में उतार लूँ..
जिन्दगी तेरी चाहत में सवार लूँ..
मुलाकात हो तुझ से कुछ इस तरह..
तमाम उमर बस इक मुलाकात में गुजार लूँ

तनहा जब दिल होगा, आपको आवाज दिया करेंगे..
रात को सितारों से आपका ज़िकर किया करेंगें…
आप आऐं या ना आऐं हमारे ख्वाबो में…
हम बस आपका इंतज़ार किया करेंगे..

एक सपने की तरह तुझे सजा के रखूंगा,
चांदनी रात की नजरों से छुपा के रखूंगा,
मेरी तकदीर में तुम्हारा साथ नही,
वरना सारी उमर तुझे अपना बना के रखूंगा।।

मै पल पल हर पल उसे याद करता हु,
कितना बेवकूफ हु यार में,
उस बेवफा से सच्चा प्यार करता हु..

तुमने कहा था कल सब ठीक होगा,
मगर मेरा आज..उसका क्या होगा..!!

जो ढिंढोरा पीटते थे मोहब्बत का,
वही आजकल इंतजार करते हैं किसी और का।

अगर तुम मेरी मौत भी बन जाओगे,
फिर भी मैं तुमसे मिलने की दुआ करुंगा..!!

मेरी अधूरी सी कहानी का खूबसूरत सा हिस्सा हो तुम,
जिसके बिना मेरी कहानी अधूरी है वहीं किस्सा हो तुम!

दिल भी गुस्ताख हो चला था बहुत,
शुक्र है की यार ही बेवफा निकला।

मेरे प्यार की गहराई में डूबकर देखना ,
तुम्हे अगर किनारा मिले तो बताना ।

तेरी आंखें ख़ुदा महफूज़ रखे ,
तेरी आंखों में हैरानी बहुत है !!

क्या कहा तुझे याद आई है मेरी,
लगता है तुझे भी छोड़ दिया किसी ने।।।

मुझ से इश्क का तुम ऐलान उस दिन करना
जिस दिन मेरी सारी खराबियों से प्यार कर सको।

ना इश्क , ना प्यार आया,
ना कोई गम ख्वार आया,
मैं मोहब्बत में इस तरह लूटा की,
मेरे हिस्से में ना वो आई ना उसका प्यार आया।।

तुम्हारे पास मैं लौट आऊँ ,
कोई ऐसी वजह छोड़ी कहाँ है ,
तुम अपने आप से इतना भरे हो,
मेरी खातिर जगह छोड़ी कहा है..

धोखे का तजुर्बा मिले
उस बेवफा को…
काश उसको भी पता लगे
कैसे सहते हैं दर्द को….

न रहा कर उदास ऐ दिल
किसी बेवफा की याद में,
वो खुश है अपनी दुनिया में!
तेरा सब कुछ उजाड़ के ।

कभी जो हम से प्यार बेशुमार करते थे,
कभी जो हम पर जान निसार करते थे,
भरी महफ़िल में हमको बेवफा कहते हैं,
जो खुद से ज़्यादा हमपर ऐतबार करते थे।

शाम का इंतजार करने वाले इतनी जल्दी कहाँ चला गया…
इंतजार हम भी करते है तेरा मगर हमसे बयां नही किया गया.

हमारी चीख ने एक भीड़ इक्ट्ठा कर दी,
मगर अफसोस पुकारा हुआ शख़्स नहीं आया!!

जिस जगह जाकर,
कोई वापिस नहीं आता।
जाने क्यों आज वहां,
जाने को जी चाहता है।

अजनबी बन कर अब मैं मिलूंगा तुझे महफिल में,
तूने जो छेड़ी मेरी बात तो मैं बात बदल जाऊंगा।।

डूबने वाले तो आंखों में भी डूब जाते है,
डूबने के लिए लाज़िम नही के गहराई हो।।

कभी मिले फुर्सत तो बस इतना बता देना,
वो कोन सी मोहब्बत है जो तुमको प्रदीप नही दे पाया।।

मुझको मंजूर है गलियों में तमाशा होना,
शर्त इतनी है की गलियां मेरे महबूब की हो।।

जिस खाव्हिश में तेरा ज़िक्र ना हो
मैं हर उस ख्वाहिश को खाक कर दूंगा ||

शिकायत भी होती तो करते किससे जाके,
तुम तो बदल गए थे किसी और के प्यार मे आके..!!

वो ढूंढ रहे थे हमें,
शायद उन्हें हमारी तलाश थी,
पर जहां वो खड़े थे,
वहां दफन हमारी लाश थी..

ग़म मुफ्त में नहीं मिलता किसीको
तेरे जैसा हमसफ़र होना ज़रूरी है..!!

अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा एहसास
कितना दुश्वार है ख़ुद को कोई चेहरा देना

किसने कहा आपसे की हैं आवाद हम
तेरे इश्क में पूरी तरह हो गए हैं बर्बाद हम
वो तो हमारी नज्में जो इंसान के अंधेरे दिल में रोशनी का काम करती हैं
बस इसी एक वजह से रहेंगे जमाने को याद हम

निगार-ए-सुबह की उम्मीद में पिघलते हुए
चराग़ ख़ुद को नहीं देखता है जलते हुए

जिस सफर में तुम्हारी मंजिल नहीं सफर से क्यों गुजरते हो
जब इश्क कर ही नहीं सकते तो झूठे वादे क्यों करते हो

हर फूल को रात की रानी नही कहते,
हर किसी से दिल की कहानी नही कहते.
मेरी आँखों की नमी से समझ लेना,
हर बात को हम जुबानी नही कहते.

धोखा देती है अक्सर मासूम चेहरे की चमक,
हर काँच के टुकड़े को हीरा नहीं कहते…..

मेरी हर आह को वाह मिली है यहा
कौन कहता है दर्द बिकता नहीं है

बारिशे हो ही जाती है मेरे शहर में,
कभी बादलो से तो कभी आँखों से.

अब हमसे लड़ने वाले नहीं बचे
लिखने लगे तो पढ़ने वाले नहीं बचे

प्रदीप को अजीब सा दर्द है इन दिनों यारों,
न बताऊं तो ‘कायर’, बताऊँ तो ‘शायर’!!

ज़लज़ले यूं ही बेसबब नहीं आते,
कोई दीवाना तह-ए-खाक तड़पता होगा।।

किसने कहा तेरे जाने के बाद हम किसी और के हो रहे हैं,
मेरी रातों से पूछ कभी हम रोज दर्दों को लिखते लिखते सो रहे हैं ।।

हम जब लिखने बैठे तब शायरों का काफिला भागा है,
इतना खींचने पर भी टूटा नहीं बड़ा मजबूत तेरी यादों का धागा है,
कितने दिन गुजारे तेरे बगैर ठीक से याद नहीं मुझे,
मेरी रातों का हिसाब लेना है तो चांद से ले चांद सारी रात मेरे साथ जागा है ।।

यार सुन भी ले ए मेरे नादान दिल,
तु मुझे सीने से बाहर कभी मिल,
तेरे दर्द मुझे ही नहीं तुझे भी तकलीफ देते हैं,
तेरे जख्म है तू खुद अपने हाथ से सिल।।।

हमें मोहब्बत जिससे थी वह तो यार कबकी सो गई,
उजालों पर नजर तब गई जब एक किताब खो गई,
सिर्फ पढ़ने वालों को लगता है शायरियां आसान होती हैं,
कई पन्ने भर डाले हमने दर्दों में रात गुजरी और सुबह हो गई

वो कहती रही के तुम मेरे हो,
मगर मैं सुनना चाहता था,
कि मैं तुम्हारी हूं..!!

वो हमारा दिल कहां पड़ेंगे यार,
उन्हें तो सिर्फ लिखने की आदत है।।

कभी किसी ने कहा था हमसे मोहब्बत अच्छी होती है,
अब उससे हमें कहना है मोहब्बत से मौत अच्छी होती है।।

बस एक दिक्कत है भूलने में उसे ,
मै अभी मरना नही चाहता।।

मोहबब्त हमने भी की थी,
हम भी रातों को रोए थे,
पुछ कभी ताकियो से उसका हाल,
रातों में उसको खूब भिगोए थे।।

इश्क- ए -महफ़िल में हम भी एक साज सुनने आए थे,
आज उनकी यादों को दिल की दीवारों से मिटाने आए थे,
खेल के चला गया दिल की वफाओं को खिलौना समझ कर
इस लिए बेवफ़ा उन्हें हम आज सरेआम कहते है।।

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम,
मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता…

वादों की तरह इश्क भी आधा रहा,
मुलाकातें कम रही इंतजार ज्यादा रहा !!

साद लव शायरी इन हिंदी फॉर बॉयफ्रेंड
वो चंद लम्हे जो गुज़रे है तेरे साथ,
ना जाने कितने बरस मेरे काम आएंगे..!!

बार बार नजरे चुराना याद है ,
वो देख कर तेरा मुस्कुराना याद है..
उस दिन का इंतज़ार है मुझे,
जब तुम्हें एहसास होगा मेरे प्यार का!!

जख्म बन जाने की आदत है आपको,
रुला के मुस्कुराने की आदत है आपको,
मिलोगे कभी मुझे तो बहुत रुलाएंगे,
सुना है रोते हुए लिपट जाने की आदत है आपको।।।

ज़िंदगी को तन्हा विरानो में रहने दो,
ये वफा की बाते खयालों में रहने दो,
हकीकत में अजमाने से टूट जाते है दिल अक्सर,
ये इश्क, दोस्ती और मोहबब्त किताबो में रहने दो।।।

वो चंद लम्हे जो गुज़रे है तेरे साथ,
ना जाने कितने बरस मेरे काम आएंगे..!!

महफ़िल भले ही प्यार करने वालो की हो,
याद रखना उसमे रौनक तो एक दिल टूटा शायर ही लाते हैं।

तेरी जुदाई की चोट मुझे अंदर से खा गई वरना,
हादसे तो मेरे साथ पहले भी हुवे थे।।।

लाख़ परिश्रम करने के बाद,
वो आई मेरी ज़िंदगी में,
पर करोड़ों गुज़ारिश करने के बाद भी,
वो मेरी ना हो सकी!!

कहीं मरने के कहीं मारने के,
तो कहीं सजदा करने के मनसूबे मिलेंगे।।
दरिया ए इश्क़ में उतर कर तो देखो,
अच्छे अच्छे तैराक यहाँ डूबे मिलेंगे।।

कैसे गुजारोगी यह ज़िन्दगी इन फिजाओं मे ,
एक दर्द जरूर रहेगा फूलो के बहारो मे..

लौट आना उमर के किसी भी हिस्से में तु,
प्रदीप को तुझसे गर्ज है तेरी जवानी से नही।।

भरोसा तो देख खुद की सांसों का भी नही,
हाय अफसोस के मैं तुझ पर कर बैठा।।

शाइर तू तो एक मुसाफ़िर हैं
तेरा दिल भटकने में माहिर हैं
कौन करेगा इश्क़ तुझसे यहाँ
तू तो काफ़िर हैं तू काफ़िर हैं

आओ बदल लो अपना दिल मेरे दिल से,
हम सिखाएंगे कि दूसरे का दिल रखते कैसे है।

किसी और से दिल लगाओगे तो मुझे बताओगे ना,
मिलने को तरसू तो मिलने आओगे ना।।।।।

होंठों की भी क्या मजबूरी रहती है,
सबकुछ कहकर बात अधूरी रहती है।।

तेरे शहर मे आने का ,
मुझे इक बहाना चाहिए,
थक गया हूँ चलते-चलते ,
रात भर का ढिकाना चाहिए।।

बेवफाई की सब किताबों में,
तेरे जैसी कोई मिसाल नहीं।

वो अब हमसे क़तराने लगी हैं,
वो अब हमसे घबराने लगी हैं ,
मैं सच कहता हूँ उसे बुरा लगता हैं ,
इसलिए वो पत्थर बरसाने लगी हैं ,
वो झूठी हैं फ़रेबी हैं मक्कार हैं ,
सितम वो बेगुनाहों पे ढाने लगी हैं,
बुराई इस क़दर हैं उसके अंदर,
वो लोगो को अब धोखे देने लगी हैं,
प्रदीप उसकी तरफ़ तो देख ,
उसे अब तू याद आने लगा हैं,
गुजरे हुए पलो को याद कर रही हैं,
अपने किए पर पछताने लगी हैं ।।

कभी तुम्हारी याद आती है …
कभी तुम्हारे ख्वाब आते हैं …
मुझे सताने के तरीके तुम्हे बेहिसाब आते हैं!!!!!
 
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