आइये आज हम आपको चींटियों के बारे में कुछ रोचक बात बताते है चींटियों को करीब से आपने भी देखा होगा और इस नन्ही जीव की कड़ी मेहनत से भी आप हैरान हुए बिना नहीं रह पाए होंगे क्योंकि चींटी एक ऐसी जीव है जो हमेशा व्यस्त ही दिखाई देती है और कई बार तो बहुत सारी चीटियाँ लाइन में चलती हुयी भी नज़र आती है।
चीटियांइस वजह से एक ही लाइन पर चलती। चींटियों में कुछ ग्रंथियाँ होती हैं जिनसे फ़ैरोमोंस नामक रसायन निकलते हैं. इन्हीं के ज़रिए वो एक दूसरे के संपर्क में रहती हैं.भले ही हम केवल लाल और काली चींटी के बारे में ही जानते हों लेकिन दुनियाभर में चींटियों की करीब 12,000 प्रजातियां मौजूद हैं।
चलिए हम आपको पुरे बिस्तार से बताते है की चीटियां एक ही लाइन में क्यूँ चलती है|
चीटियों की सूंघने की शक्ति बहुत प्रवल होती है जब चीटीयॉ खाने की खोज में निकलती हैं तो सबसे आगे चलने वाली चीटी चलते समय फेरोमोंस (Pheromones) नामक रसायन छोडती हैं जिससे उनके पीछे चलने वाली चीटियॉ उसी रसायन को सूॅघ कर आगे बढती है और उनकी एक कतार या लाइन बन जाती है यही कारण है कि हमें चीटियॉ हमेशा लाइन में ही चलती हुई दिखाई देती हैं
चीटियों के कुछ रोचक तथ्या..
- छोटी सी दिखने वाली चींटी अपने वजन से 20 गुना ज्यादा वजन भी उठा सकती है।
- चींटियों के कान नहीं होते हैं, वो जमीन के कम्पन से ही शोर का अनुभव करती हैं।
- रानी और मेल चींटी के पंख होते हैं जबकि वर्कर चींटियों के पंख नहीं होते हैं।
- चींटियों के कान नहीं होते हैं, वो जमीन के कम्पन से ही शोर का अनुभव करती हैं।
- चींटी के शरीर में फेफड़े नहीं होते हैं। ऑक्सीजन और कार्बन डाई ऑक्साइड के आवागमन के लिए चींटी के शरीर पर छोटे-छोटे छिद्र होते हैं।
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