कैसे बने भारत के राष्ट्रपति? क्या क्या होनी चाहिए योग्यता? यहाँ पढ़े पूरी प्रक्रिया

कैसे बने भारत के राष्ट्रपति? क्या क्या होनी चाहिए योग्यता? यहाँ पढ़े पूरी प्रक्रिया


भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए निम्न सारी योग्यताएं होनी चाहिए जो इस पोस्ट में विस्तार से बताया गया है।

1 – भारत का राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिए योग्यताएं​

भारत का राष्ट्रपति बनने के लिए निम्न योग्यता होनी चाहिए।
  • भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • 35 वर्ष की आयु पूरी कर चुका हो।
  • लोकसभा में निर्वाचित होने की योग्यता रखता हो। नोट → राष्ट्रपति पद का प्रत्याशी अपना परिचय संसद भवन में दायर करता हैँ।
  • राष्ट्रपति के चुनाव में विप का प्रयोग नहीं होता है।

2 – निर्वाचक मंडल​

  • संसद के निर्वाचित सदस्य। (राष्ट्रपति के सिवाय)
  • विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य। (विधान परिषद से नहीं)
  • संसद में कुछ स्थान रिक्त होने पर भी चुनाव संभव है।
नोट→ 70 वां संविधान संशोधन द्वारा दिल्ली व पांडिचेरी के विधानसभाओं को भी सम्मिलित कर लिया गया है।

विधानसभा भंग की स्थिति में चुनाव पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है किंतु निर्वाचक मंडल पर अत्यधिक प्रभाव पड़ता है तो चुनाव टाला भी जा सकता है।
  • लोकसभा भंग के स्थिति में चुनाव टाल दिया जाएगा।
  • गुप्त मतदान
आनुपातिक प्रतिनिधित्व एकल संक्रमणीय मत पद्धति।

नोट→
एक ही होता है किंतु प्रभावी होता है।
  • एकल संक्रमणीय मत पद्धति का प्रतिपादन सर्वप्रथम थामस हेयर ने किया था।
  • प्रस्तावक जिसके लिए प्रस्ताव किया है कोई आवश्यक नहीं है कि उसी के पक्ष में मतदान करें।
  • राष्ट्रपति उपराष्ट्रपति के निर्वाचन की अधिसूचना निर्वाचन आयोग जारी करता है।
  • राष्ट्रपति के निर्वाचन के लिए विधानसभा के सदस्यों का मत मूल्य निकालने के लिए 42वां संविधान संशोधन 1976 द्वारा जनसंख्या का आधार 1971 रखा गया था किंतु अब 84 संविधान संशोधन अधिनियम 2001 द्वारा जनसंख्या का आधार 2001 रखा गया है इसे 2026 तक के लिए निर्धारित किया गया है इससे लोकसभा के सीटों की संख्या भी 2026 तक स्थिर बनी रहेगी सीटों की संख्या का आधार वर्ष अभी 1971 का ही रखा गया है राष्ट्रपति के चुनाव का आधार 1971 की जनगणना तक बनी रहेगी।

यह भी जाने​

राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन में अनुपातिक प्रतिनिधित्व का एकल संक्रमणीय मत पद्धति भारतीय संविधान में जो उल्लेख किया गया है वह गलत है क्योंकि यह बहुत सदस्य कम से कम 3 सदस्य के लिए होती है जबकि भारत में राष्ट्रपति केवल एक और उपराष्ट्रपति केवल एक ही व्यक्ति बनता है ना कि कई कई बनते हैं यहां पर वैकल्पिक मत प्रणाली होनी चाहिए थी जो केवल 1 सदस्य निर्वाचन में प्रयुक्त होती है किंतु आज तक व्यवधान ना आने के कारण प्रणाली बदली नहीं गई जो आज तक मान्य है।

नोट → अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव में यदि कोई भी प्रत्याशी आवश्यक बहुमत प्राप्त नहीं करता है तब इसे प्रतिनिधि सभा (लोकप्रिय हाउस) को लेने के लिए निर्देशित किया जाता है।

4 – जमानत राशि

  • जमानत राशि ₹15000 व 50 प्रस्तावक और 50 अनुमोदक (सदस्यों का)
  • इसके पूर्व प्रस्तावक व अनुमोदक 10-10 की व्यवस्था थी प्रस्तावक एवं अनुमोदक के रूप में वही व्यक्ति हो सकता है जो राष्ट्रपति के चुनाव में मतदाता हो।
  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की जमानत राशि में अभिवृद्धि नहीं किया गया है जबकि सांसदों और विधायकों के निर्वाचन के लिए जमानत राशि में वृद्धि की जा चुकी है।
  • राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव केंद्र के निर्वाचन आयोग द्वारा कराया जाता है।

5 – शपथ​

शपथ सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश द्वारा। ” मैं……. अमुक……. ईश्वर की शपथ लेता हूंँ। सत्य निष्ठा से प्रतिज्ञा करता हूं कि मैं श्रद्धा पूर्वक भारत के राष्ट्रपति का कार्यपालन करूंगा या अपनी पूरी योग्यता से संविधान और विधि का परीक्षण संरक्षण और प्रतिरक्षण करूंगा और भारत की जनता की सेवा और कल्याण में निरत रहूंगा।”

जब संसद अथवा राज्य विधानमंडल का कोई सदस्य राष्ट्रपति निर्वाचित हो जाता है तो उसकी उस सदन की सदस्यता पद ग्रहण करने पर उस तारीख से स्वता समाप्त हो जाती है।

नोट – अनुच्छेद 60 के तहत राष्ट्रपति संविधान के संरक्षण की शपथ लेता है

6 – वेतन​

भारत के राष्ट्रपति का वेतन ₹500000 प्रतिमाह है। और राष्ट्रपति का वेतन आयकर से मुक्त होता है।

7 – राष्ट्रपति की पद अवधि​

अनुच्छेद 56 के अनुसार राष्ट्रपति के पद ग्रहण करने की तारीख से 5 वर्ष की होती है लेकिन वह पुनर निर्वाचित (अनुच्छेद 57) का पात्र है।

5 वर्ष से पूर्व राष्ट्रपति की पदावधी तीन प्रकार से समाप्त हो सकती है।
  1. मृत्यु हो जाने पर या
  2. उपराष्ट्रपति को संबोधित अपने हस्ताक्षर सहित लेख द्वारा अपना पद त्याग करके (उपराष्ट्रपति तत्काल इसकी सूचना लोकसभा अध्यक्ष को देता है) या
  3. संविधान के अतिक्रमण करने पर महाभियोग द्वारा (अनुच्छेद 61)
राष्ट्रपति का पद जब पदावधि समाप्त होने के कारण रिक्त हुआ है तो नए राष्ट्रपति का निर्वाचन पदाधिकारी होने से पहले ही कर लिया जाता है लेकिन यदि ऐसा किसी वजह से नहीं हो सका तो किसी तरह का संवैधानिक संकट ना आए इसीलिए या बंद है कि राष्ट्रपति अपने पद की अवधि समाप्त हो जाने पर भी तब तक बना रहेगा जब तक उसका उत्तराधिकारी पद ग्रहण नहीं कर लेता है।

जैसा कि हमने बताया था कि हम इस पोस्ट में आपको राष्ट्रपति के बारे में संपूर्ण जानकारी देंगे जैसे उनका निर्वाचन वेतन कार्यकाल आदि की जानकारी विस्तृत रूप से हमने इस पोस्ट में दी है अगर आपको अच्छा लगा तो कमेंट बॉक्स में हमें बताएं और भी जानकारी के लिए कमेंट करें
 
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