दूध की नदी : बुढ़ापा का महत्त्व | Hindi Kahaniya | Hindi Moral Stories

दूध की नदी : बुढ़ापा का महत्त्व | Hindi Kahaniya | Hindi Moral Stories


आजकल बहुत लोग सोचते है की अगर कोई बूढ़ा इंसान है तो उसका कोई महत्त्व नहीं है। लेकिन आज आपलोगों को एक कहानी के माद्यम से बताना चाहता हूँ की बुढ़ापा का महत्त्व क्या है। तो चलिए दोस्तों शुरू करते है आज का कहानी “दूध की नदी“।

एक बार की बात है, एक लड़का था जिसका नाम “रवि” था और वो एक सहर में नौकरी करता था। उसके साथ एक लड़की भी काम करती थी जिसका नाम “कोमल” था। काम करते करते ये दोनों एकदूसरे को पसंद करने लगे और शादी करने का सोचा।

फिर ये दोनों अपने अपने घर में बताया, लड़के के घर वाले बहुत खुले विचार के थे तो वो बहुत जल्दी मान गए और जब लड़के के घरवाले लड़की के घर गए, लड़की का हाथ मांगने तो कोमल के पिता ने एक शर्त रख दिया। तो सबने वो शर्त मान लिया और दोनों परिवार शादी का तयारी करने लगे। और वो शर्त ये था के “शादी में कोई भी बूढ़ा व्यक्ति नहीं आएगा”।

सब बहुत खुश थे क्योंकी आज वो दिन था जब रवि और कोमल का विवाह होना है। तो सब तैयार था, अब बरात निकलने वाला था तभी रवि के नाना ने ज़िद लगा दी की वो शादी में जायेंगे। सब लोगों ने माना किया लेकिन वो अपने ज़िद में ही रहे, उन्होंने कहा – “मुझे कार के डिकी में डाल के ले जाओ, लेकिन मई जाऊंगा “। फिर सबलोगो को उनकी बात माननी पड़ी, उन्हें कार के डिकी में डाल दिया गया और बारात निकल पड़ी।


सब नाचते गाते जा रहे थे, (कोमल के घर से थोड़े दूर में एक नदी थी जिससे पार करने के बाद एक पहाड़ आता था उसके बाद कोमल का घर), जब बारात पूल पार करने वाली थी उन्होंने देखा लड़की के मामा वहा खड़े है। बारात रुक गई, रवि के दोस्त ने कोमल के मामा से पूछा की “क्या हुआ? आप यहाँ क्या कर रहे है?”, कोमल के मामा ने कहा की “मैं यहाँ बस तुमलोगों को यह बताने के लिए हूँ

की अगर तुमलोग ये शादी करना हो तो हमलोगों की एक और शर्त है। और वो यह है की – ये जो नदी है इससे तुमलोगों को दूध बहाना होगा“। ये बोलने के बाद वो वहाँ से चले गए।

तब रवि के दोस्तों ने कहा की अब ये शादी नहीं हो सकती और बारात वापस जनि लगी और दूर से कोमल के मामा ये देख के हसने लगे। तभी नाना को ऐसा लगा जैसे कार अब वापस क्यों जा रही है ? तब वो चिलाने लगे “मुझे निकालो यहाँ से” फिर उन्हें निकाला गया क्योंकी अब बारात वापस जा रही थी। फिर उन्होंने पूछा “क्या हुआ? हमलोग वापस क्यों जा रहे है?”, रवि ने उतर दिया “क्योंकि नाना वो लोग चाहते है की इस नदी में पानी के जगह दूध बहे, जो की असंभव है “।

“बस इतनी से बात है ?”, नाना ने कहा। सब उनकी ये बाते सुन के सोचने लगे क्या ये इतनी सी बात है? फिर नाना ने कहा “जाओ और कोमल के पिता को बोलो की पहले इस नदी के पानी को हटाया जाये, हमलोग के पास दूध है। ” जो की असंभव थी। जब ये बात कोमल के पिता को पता चली उन्हें पता चल गया की उनके साथ पक्का कोई न कोई बूढ़ा व्यक्ति जरूर है।

उसके बाद कोमल के पिता सारे शर्तो के बिना शादी के लिए मान जाते है। इसके बाद रवि और कोमल की एक अच्छे भविष्य की शुरूवात होती है।

कहानी का नैतिक – ‘आप कितना भी कुछ बन जाएं या कितना भी बड़े हो जाये जो बूढ़ो के पास जिंदगी के अनुभव है वो आपके पास नहीं। उनका आदर करे।’

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धन्यवाद।
 
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