बोका मुरारी | Moral Stories in Hindi

बोका (मुर्ख़) मुरारी की कहानी :​

एक समय की बात हैं, एक गांव में एक लड़का जो बहुत ही मुर्ख था – उसका नाम मुरारी था। लेकिन सब उसे बोका मुरारी के नाम से बुलाते थे और वो बहुत गरीब भी था। उसके घर में खाने के लिए भी कुछ न था इसलिए उसकी माँ ने उसे काम करने को कहा ताकि वो कुछ खाने को ला सके।

तो उसने कुछ काम करने का सोचा और एक किसान के पास गया और उसने उस किसान से कहा वो उसकी खेत में काम करना चाहता हैं। किसान दयालु था उसने उसे काम दे दिया। उसने पूरा दिन भर बहुत मेहनत से काम किया। इसके लिए शाम को किसान ने उसे पैसे दिए। तो बोका मुरारी बहुत ख़ुश हुआ और वो पैसे से खेलते खेलते घर आ रहा था और जब वह घर पहुँचा उसकी माँ बोली बेटे कुछ खाने को लाये ? उसने कहा दिन भर किसान के खेत में काम करने के बाद उसने पैसे दिए थे लेकिन जब मैं रस्ते में पैसे से खेलते खेलते घर आ रहा था तो पैसे इधर उधर गिर गए और गुम हो गएँ। तो उसकी माँ ने उसे कुछ न कहा और एक उसे एक थैला दिया। और कहा की कल से इसमें पैसे लाना ताकि वह गुम न हो।


अगली सुबह वह फिर से किसान के खेत में काम करने को गया। फिर से उसने दिन भर बहुत मेहनत से काम किया और यह देख किसान उसकी मेहनत से बहुत खुश हुआ और उसने उसे शाम में पैसे की जगह एक मुर्गी दिया। तो वो बहुत खुश हुआ और उसने उस मुर्गी को थैले में डाल कर ला रहा था। फिर जब वह घर पहुँचा उसकी माँ बोली बेटे पैसे लाये ? उसने कहा दिन भर किसान के खेत में काम करने के बाद उसने पैसे की जगह आज मुर्गी दिया। उसकी माँ पूछी की मुर्गी कहा है ? उसने जवाब में कहा की मुर्गी तो रस्ते में उड़ गयी। तो उसकी माँ ने उसे फिर से कुछ न कहा और इस बार उन्होंने एक रस्सी दिया। और कहा की अगले बार से पैर बाँध कर लाना।

अगली सुबह वह फिर से किसान के खेत में काम करने को गया। फिर से उसने दिन भर बहुत मेहनत से काम किया और यह देख किसान उसकी मेहनत से बहुत खुश हुआ और उसने उसे शाम में मुर्गी की जगह एक बछड़ा दिया। तो वो बहुत खुश हुआ और उसने उस बछड़े के चारों पैर रस्सी से बाँध दिया और उसे अपने कंधे में उठा कर ला रहा था। यह सब एक राजकुमारी देख रही थी, जो कभी नहीं हस्ती थी। उसे हँसाने के लिए कितने सरे कलाकार दूर दूर से आते थे लेकिन किसी ने उसे हँसा न पाया। और यह सब देख राजकुमारी जोर जोर से हसने लगी। जब राजा ने यह देखा तो वो बहुत ख़ुश हूऐ। उसके बाद राजा जी ने बोका मुरारी को बहुत सारा फल, पैसे, तौफे और राज दरबार में काम दिया। और यहाँ से उसकी जिंदगी बदल गयी।

कथा नैतिक : “जब कोई आपको सलाह दे तो उसमें कुछ अपना भी दिमाग़ इस्तेमाल करें। क्योंकि सबकी अवस्था अलग होती हैं और उसके लिए अलग समाधान जरुरी हैं। मुर्ख़ और बुद्धिमान में बस इतना का ही फ़र्क हैं”।
 
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