लड़की को छेड़ने पर कितने साल की सजा होगी | छेड़छाड़ पर कानून की धारा 354/354a/354b/354c/354d IPC 1860

लड़की को छेड़ने पर कितने साल की सजा होगी | छेड़छाड़ पर कानून की धारा 354/354a/354b/354c/354d IPC 1860


महिलाओं के साथ होने वाली छेड़छाड़ या उत्पीड़न के मामले जब भी कानूनी तौर पर दर्ज होते हैं. तो पुलिस अक्सर ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ धारा 354 के तहत मुकदमा दर्ज करती है. आइए जानते हैं आईपीसी की धारा 354 के बारे में।


क्या है आईपीसी की धारा 354​

भारतीय दंड संहिता की धारा 354 का इस्तेमाल ऐसे मामलों में किया जाता है. जहां स्त्री की मर्यादा और मान सम्मान को क्षति पहुंचाने के लिए उस पर हमला किया गया हो या उसके साथ गलत मंशा के साथ जोर जबरदस्ती की गई हो.

धारा 354 किसी भी स्त्री की लज्जा या उसकी इज्जत को भंग या नष्ट करने के उद्देश्य से उस स्त्री पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग करने से सम्बन्धित है। इस धार के अनुसार अगर कोई भी व्यक्ति किसी भी स्त्री के मान सम्मान को भंग करता है, या किसी भी गलत नियत के साथ जोर जबरदस्ती करता है, जो कि एक गलत इरादे के साथ हो एवं वह यह सब जानते हुए करता है और वह व्यक्ति किसी प्रकार की छेड़छाड़ करता है, या उसे गलत नजरों से देखता है, या फिर गलत तरीके से स्पर्श करता है, तो ऐसे व्यक्ति के यह कार्य भारतीय दंड संहिता की धारा 354 के अनुसार अपराध माना जाएगा।

क्या होती है सजा​

धारा 354 किसी महिला के साथ उसकी लज्जा भंग करने के उद्देश्य से उस के साथ आपराधिक बल का प्रयोग करने या उस पर हमला करने से सम्बन्धित है, और जो व्यक्ति यह अपराध करता है तो ऐसे व्यक्ति को इस धार के प्रावधान के अनुसार दंड दिया जाता है। ऐसे व्यक्ति को साधारण कारावास की सजा हो सकती है, जिसकी समय सीमा को 5 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और इस अपराध में आर्थिक दंड का प्रावधान किया गया है, जो कि न्यायालय आरोप की गंभीरता और आरोपी के इतिहास के अनुसार निर्धारित करता है। एक अजमानतीय अपराध है और पुलिस बिना किसी वारएंट के गिरफ्तार कर सकती है। भारतीय दंड संहिता 1860 में, आपराधिक विधि संशोधन, अधिनियम, २०१३ द्वारा; तीन नई धाराएं 354A, 354B, 354C & 354D ‘आपराधिक बल और हमले के विषय में’ खंड में जोड़ी गई जो निम्न हैं।

धारा 354 A – यौन उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए दंड​

धारा 354A के अनुसार जो कोई व्यक्ति किसी महिला को गलत निगाह रखते हुए उसे छूता है, उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए कहता है या उसे उसकी इच्छा के बिना या फिर उसके विरूद्ध अश्लील साहित्य/पुस्तकें (Pornography) दिखाता है या फिर उस महिला पर अश्लील कॉमेंट/छीटाकशी करता है यानी कि अश्लील शब्दों का प्रयोग करता है तो वह यौन उत्पीड़न का दोषी होगा और उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दंड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।


धारा 354 B – निर्वस्त्र करने के आशय से स्त्री पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग​

कोई भी व्यक्ति किसी भी स्त्री को किसी भी सार्वजनिक स्थान पर उसके वस्त्र उतारने की कोशिश करता है, बलपूर्वक उतारता है, या उस स्त्री को निर्वस्त्र कर देता है या फिर उसे निर्वस्त्र होने के लिए बाध्य (जबरदस्ती) करता है। तो वह व्यक्ति भारतीय दंड संहिता की धारा 354B के तहत अपराधी ठहराया जाएगा। ऐसे व्यक्ति को दोनों में से किसी भांति के कारावास से दंडित किया जाएगा, जिसकी अवधि तीन वर्ष से कम नहीं होगी, किन्तु जो सात वर्ष तक की हो सकेगी, उससे दंडित किया जाएगा और जुर्माने से भी दण्डनीय होगा। ये एक अजमानतीय अपराध है।

धारा 354 C – छिपकर महिला के निजी क्षेत्रों की तस्वीर खींचना/या देखना​

अगर कोई व्यक्ति किसी स्त्री को जानबुझ कर नहाते समय, या शौच करते समय या फिर उसके निजी क्षणों को छिप कर देखना या उसकी तस्वीर लेना, या किसी अन्य व्यक्ति को दिखाना, या फिर उस तस्वीर को शेयर करना अपराध के दायरे में आता है। ऐसे व्यक्ति पर आईपीसी की धारा 354-cके तहत मुकदमा दर्ज होगा।

धारा 354 C में सजा का प्रावधान​

अगर कोई व्यक्ति किसी भी स्त्री की ताक झांक करता है छुप छुप कर देखता है तो इस स्थिति में उस व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर अधिकतम 3 वर्ष तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। एवं जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है। यह अजमानती अपराध है। अगर कोई व्यक्ति किसी भी स्त्री की निजी क्षणों की तस्वीर खींचता है और वह जोकि निर्वस्त्र थी एवं उन निजी तस्वीरों को कहीं शेयर करता है तो उस व्यक्ति को दोषी पाए जाने पर 3 साल से लेकर के 7 साल तक के कारावास की सजा का प्रावधान है। एवं जुर्माने से भी दंडित किया जा सकता है। ये एक अजमानतीय अपराध है।

धारा 354 D – पीछा करना​

यदि कोई पुरुष किसी गलत इरादे के साथ किसी महिला का पीछा करता है, या उसके स्कूल, कॉलेज या फिर उसको ऑफिस जाते-आते समय उसके यातायात वाहन का पीछा करता है तो यह ये एक अपराध की श्रेणी में आएगा। आज के युग में अगर कोई व्यक्ति किसी युवती/महिला को किसी भी सोशल मीडिया/इलेक्ट्रॉनिक संसूचना का प्रयोग करके उसको इंटरनेट के माध्यम से फेसबुक, इंस्टाग्राम, जैसे सोशल मीडिया का प्रयोग करके बार-बार किसी युवती या महिला को मॉनिटर करता है, एवं संपर्क करता या फिर करने की कोशिश करता है। तो धारा 354D के तहत दोषी ठहराया जाएगा। लेकिन कोई व्यक्ति जो पुलिस, सीबीआई, रॉ या फिर किसी डिफेंस में हो और वह व्यक्ति किसी केस से संबंधित जाँच के दौरान किसी स्त्री को फॉलो करता है तो वह इस धारा के अंतर्गत नहीं आएगा। क्योंकि ऐसे व्यक्ति सरकार के दिए गए निर्देश द्वारा अपने कार्य को कर रहा होगा।

धारा 354 D में सजा का प्रावधान​

धारा 354D के तहत दोषी व्यक्ति पहली बार ऐसा करते हुए पाये जाने पर 3 साल की सजा या जुर्माना अथवा दोनों से दंडित किया जा सकता है तथा ये जमानतीय अपराध है। यदि दूसरी बार उसी व्यक्ति द्वारा ऐसा करता पाया जाता है तो उसे 5 का कारावास व जुर्माने दोनों से दंडनीय होगा और ये एक गैर जमानतीय अपराध होगा।

 
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