HUM YUN HI TO NA MILE HONGE | GOONJ CHAND | POETRY

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इस कविता के बारे में​

इस काव्य ‘हम यू ही तो ना मिले होंगे’ को GTalks के लेबल के तहत ‘गूँज चाँद’ ने लिखा और प्रस्तुत किया है।

*****

‘मेरे बिना तुझे भी अपनी जिन्दगी

से कुछ गिले होंगे ‘

‘हम यू ही तो ना मिले होंगे ‘


***

‘तूफ़ा आया हैं घर मे मेरे ‘

‘तो कुछ हवा के झोंके तेरे घर

पर भी पहुचें होंगे ‘

‘बिखर गया है पूरा घर मेरा ‘

‘कुछ पर्दे तो तेरी खडकी के भी उड़े होंगे ‘

‘हम यू ही तो ना मिले होंगे ‘


***

‘इतना आसान नहीं मुझे भुला पाना ‘

‘पूरे ना सही पर कुछ लम्हे तुझे

भी याद होंगे ‘

‘अश्क तो नहीं निकले होंगे तेरी आँखों

से ये जानती हूँ मैं ‘

‘पर बातों बातों मे कुछ किस्से

मेरे भी निकले होंगे ‘

‘हम यू ही तो ना मिले होंगे ‘


***

‘अब सावन से भी ऐतराज़ होगा तुझे शायद ‘

‘पर हम ना ही सही पर चाय पकोडे

तो तेरे साथ होंगे ‘

‘ओर दोबारा नहीं मिल पाए तो गम कैसा ‘

‘हम ख्वाबों मे तो अक्सर मिले होंगे ‘

‘हम यू ही तो ना मिले होंगे ‘


***

‘यादें ही काफी हैं एक दूसरे मे

ज़िंदा रहने के लिए ‘

‘जरूरी तो नहीं हर प्यार करने

वाले साथ रहे होंगे ‘

‘मेरी खामोशी को मेरी बेवफ़ाई

मत समझना ‘

‘हो सकता है तेरी ही मजबूरी के आगे

मैंने अपने होठ सिले होंगे ‘

‘हम यू ही तो ना मिले होंगे ‘


***

‘मेरे बिना तुझे भी अपनी जिन्दगी

से कुछ गिले होंगे ‘

‘हम यू ही तो ना मिले होंगे ‘


*****
 

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