शायरी
आपके कंधो से कंधे मिलाउ उतनी उचाई नहीं है मेरीपर कोशिश जरूर करुँगी उस उचाई तक जाने की
जहा आपके कंधे न पोहोंच पाए***
पोएट्री
ज़िम्मेदारिया तो इनके सर पे भी बोहोत होती हैपर ये कभी बताते नहीं
रोते तो ये भी बोहोत है
पर ये कभी जताते नहीं***
सपने तो इनकी आखों में भी बोहोत होते है
पर घर की ख्वाईशो के सामने अपने इन सपनो को
बस सपनो तक ही सीमित रखना
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना***
मुश्किलें तो इन्हे भी दस्तक देती है
कठनाईया तो इनकी रह पे भी आती है
पर कठनाईयो का निडर होकर सामना करना
मुश्किलों को अपनी मुस्कान के पीछे छुपाना
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना***
माँ की जरूरते , बहन की नादानियाँ , पापा की वो डाट
और ढेर सरे नखरो के साथ गर्लफ्रेंड ढेर सरे खर्चे उठाना
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना***
छोड़ जाये बीच रस्ते पे अगर कोई लड़की
तो तू खुश रहना यह कहकर उसे अलविदा कहना
दिल मे लगी ठोकर को भुला कर फिर एक नयी शुरुवात करना
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना***
बुरा भला तोह इन्हे भी लोग बहोत कहते है
सिर्फ एक लड़की के कारन पूरी मर्द ज़ात को
लोग बदनाम करते है इस बदनामी ईमानदारी से सहना
इतना आसान होता है क्या एक लड़का होना