“बिना सोचे लिख देता हूँ मैं
मुफ़्त तारीफ़ पा लेता हूँ मैं.
ज्यादा सोच कर गर लिखूँ
तो गणित के सवाल सा दिखें”
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“Tum is sheher ki riwayat
se anjaan ho dost.
Yahaan yaad rehne ke liye
yaad dilaana padta hai.”
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ayushmann khurrana shayari
—————————————“Zikr tera har lafz mein karoonga.
Fikr na kar, Tera naam na loonga.
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“ज़िंदगी ने बहुत समझदार बना रखा है,
मुझे आज बस ज़िद करने का मन है।”
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“बात बात पे मुस्कुराता है यह आदमी.
किसी छोटे शहर से आया हुआ लगता है।”
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“Zamaane mein tanhaaiyon
ka aalam to dekhiye,
Hum khud ko taakte hain,
le le ke selfiyaan.”
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“Yeh kaunsa andaaz mohabbat
sikha gayi usko.
Woh rooth kar bhi mujhse
muskura kar milta hai.”
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“कितना आसान था बचपन में सुलाना हम को..
नींद आ जाती थी परियों की कहानी सुन कर “
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“Pehle dost baney,
Dost se jaan baney,
Jaan se anjaan baney,
Aur bas zindagi aagey badh gayi.
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“बचपन में पापा की लगायी बंदिशो
को तोड़ने में बहुत मज़ा आता था,
अब बड़े होकर खुद पर लगायी
बंदिशें तोड़ी नहीं जाती.
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ayushman shayari
—————————————“Kya hai sukoon?
– Ghar ke aangan ki mitti
mein pehli baarish ki boond.”
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“अजीब लुत्फ़ था नादानियों के आलम में,
समझ में आई तो बातों का वो मज़ा भी गया.”
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“रात भर चलती रहती है उँगलियाँ मोबाइल पर.
किताब सीने पर रख कर सोये
हुए एक जमाना हो गया।”
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“जिस सादगी ने मुझे कहीं का नहीं रखा,
वो आज कह रही है कुछ तो गुनाह कर.”
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“कुछ नही मिलता
दुनिया में मेहनत के बगैर,
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मेरा अपना साया
मुझे धुप मे आने के बाद मिला.”
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“Bahut dino baad tumhari almari kholi.
Aur mila tumhari Khushbu se. Jise main
jaanta hoon tumse bhi behtar. Kyunki woh
rehti thi mere saath tumhaare jaane ke
baad bhi. Agli dafa ek chote bache mein
woh Khushbu bandh karke le jaaoonga
apne saath. Aur roz miloonga tumhe
thoda thoda.”
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“कपड़े सफ़ेद धो के जो पहने तो क्या हुआ,
धोना वही जो दिल की सियाही को धोइए .”
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“मंज़िलें पाँव पकड़ती हैं ठहरने के लिए,
शौक़ कहता है कि दो चार क़दम और सही।”
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“मैं गया था सोच के, बातें बचपन की होंगी,
दोस्त मुझे अपनी तरक़्क़ी सुनाने
लगे।”
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“Koi gair yaar baney,
Koi yaar baney gair.
Aisi hee hai zindagi,
Kisi mantra ke bagair.”
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ये तो परिन्दों की मासूमियत है वर्ना
दूसरों के घरों में अब आता जाता कौन है.”
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“कितना जानता होगा वो शख्स मेरे बारे में,
मेरे मुस्कुराने पर जिसने पूछ लिया तुम उदास क्यूँ हो.”
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Ek azeem soorat jo gayi,
Sheher ki sabhi sooratein saamne aa gayi.
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“हँसना चाहूँ भी तो हँसने नहीं देता मुझको,
ऐसा लगता है कोई मुझसे ख़फ़ा है मुझमें “
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“दिखाने लगता है वो ख़्वाब आसमानों के.
ज़मीं से जब भी मैं माणूस होने लगता हूँ.”
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ayushmann khurrana shayari in hindi
—————————————“Khuda jaane ke taghaful
hai ya nadani uski,
woh mera haal samajhta hai,
Aur samajhta bhi nahi.”
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रौशन रहता है यह शहर
कुछ ख़ास तरीके से
यहाँ चिरागों से ज्यादा
दिल जलते हैं
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बताओ कौन सी बहार ले कर आया है जनवरी
मुझे तो दिसम्बर में भी साल नया सा लगता था
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इकरार करने से पहले वाला प्यार
और पहली लड़ाई के बाद वाला प्यार
कभी वापस नहीं आता
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एक हसरत थी की कभी वो भी हमें मनाये
एक हसरत थी की कभी वो भी हमें मनाये
पर ये कम्ब्ख़त दिल कभी उनसे रूठा ही नहीं
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आईने से ज़्यादा तुझे देखूं
तुझे देखूं तो लगे जैसे आईना देखूं
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अभी भी मुट्ठी बंद करके मैं सोता हूँ
अभी भी मुट्ठी बंद करके मैं सोता हूँ
हाथों की लकीरें ख़ुद ही बनाता पिरोता हूँ
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जिस अख़बार में आज मेरा नाम है
कल उसमें वड़ा पाओ परोसा जाएगा
एक बार फिर वक़्त की बदलती
आदत को भरपूर कोसा जाएगा।
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तुम्हारी आँखों की ज़ुबान उर्दू ही है शायद
तुम्हारी आँखों की ज़ुबान उर्दू ही है शायद
पढ़ने में मुझे दिक़्क़त है
और बयान ना करना तुम्हारी फ़ितरत है
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तुम्हें देने के लिए हैं सिर्फ़ अल्फ़ाज़ मेरे पास
जो लिखे हैं मैंने कई ज़िंदगियां जी कर
तुम्हें भी अगर जी लूँ तो यह किताब मुकम्मल हो
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ayushmann khurrana best shayari
—————————————सब उम्मीदों का भार है बस्ते में
सब उम्मीदों का भार है बस्ते में
मंज़िलों से बेहतर खुमार है रस्ते में
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तेरी फ़ितरत है सूरज की
ना जाना तूने कभी मेरे अंधेरे को
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रौशन रहता है यह शहर कुछ ख़ास तरीक़े से
रौशन रहता है यह शहर कुछ ख़ास तरीक़े से
यहाँ चिराग़ों से ज़्यादा दिल जलते हैं