गोदरेज एयरोस्पेस ने हासिल की हाई-टेम्परेचर ब्रेज़िंग तकनीक, बढ़ेगी भारत की एयरो इंजन क्षमता

गोदरेज एयरोस्पेस ने हासिल की हाई-टेम्परेचर ब्रेज़िंग तकनीक, बढ़ेगी भारत की एयरो इंजन क्षमता

देशी इनोवेशन का धमाका!

भारतीय उद्योग जगत की दिग्गज कंपनी गोदरेज एंड बॉयस के अंतरिक्ष प्रभाग, गोदरेज एयरोस्पेस ने एक ऐसी उपलब्धि हासिल की है, जिससे पूरे देश में खुशी की लहर दौड़ पड़ेगी! उन्होंने हाई-टेम्परेचर ब्रेज़िंग नाम की एक खास तकनीक विकसित कर ली है। ये तकनीक एडवांस एयरो इंजन बनाने के लिए बेहद ज़रूरी है।

क्या है ये कमाल की तकनीक?

आसान शब्दों में कहें तो, हाई-टेम्परेचर ब्रेज़िंग धातु के दो टुकड़ों को जोड़ने का एक तरीका है। खास बात ये है कि ये तरीका बहुत ज़्यादा गर्मी सह सकता है। एयरो इंजन तो आप जानते ही हैं, वो ज़बरदस्त गर्मी और दबाव में काम करते हैं। ऐसे में उनके टरबाइन रोटर ब्लेड को भी उसी हिसाब से मज़बूत बनाना होता है।

गोदरेज एयरोस्पेस की ये नई तकनीक इन्हीं ब्लेड्स को जोड़ने में काम आएगी। साथ ही, ये ब्लेड्स के अंदर ठंडी हवा का रास्ता बनाने में भी मदद करेगी, ताकि इंजन ज़्यादा गर्म न हो पाए।

विदेशी मदद से छुटकारा!

इस तकनीक के विकसित हो जाने से भारत को दोहरा फ़ायदा होगा। पहला, अब हमें एयरो इंजन बनाने के लिए विदेशी मदद की ज़रूरत कम पड़ेगी। आत्मनिर्भरता की तरफ ये एक बड़ा कदम है! दूसरा, इस नई तकनीक से भारत की एयरोस्पेस टेक्नोलॉजी और मज़बूत होगी, जिससे हम भविष्य में और भी ज़्यादा ताकतवर इंजन बना सकेंगे।

गोदरेज एयरोस्पेस को सलाम!

गोदरेज एयरोस्पेस की ये उपलब्धि वाकई गर्व करने वाली है। ये इस बात का सबूत है कि भारत अब एडवांस टेक्नोलॉजी बनाने में दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहा है। उम्मीद है कि इसी तरह के इनोवेशन से भारत एयरोस्पेस इंडस्ट्री में भी एक अग्रणी देश बनकर उभरेगा!