BPO Full Form In Hindi, बीपीओ का फुल फॉर्म क्या है

BPO Full Form In Hindi, बीपीओ का फुल फॉर्म क्या है


बीपीओ का फुल फॉर्म क्या है आपको पता है बीपीओ क्या है आपने कभी BPO शब्द को नहीं सुना होगा तो जाहिर सी बात है आपको इसके बारे में कोई जानकारी नहीं होगी आप जानना चाहते हैं बीपीओ का क्या अर्थ है.

आज की इस पोस्ट में आपको काफी मजेदार जानकारियां मिलने वाली है और आप इस पोस्ट को पढ़ने के बाद BPO शब्द को अच्छे से समझ लेंगे और आपको BPO Full Form In Hindi क्या होता है इसके बारे में भी पता चल जाएगा.

BPO एक शार्ट शब्द है जिसका पूरा नाम होता है जिसके बारे में हम आपको इस पोस्ट में बताने वाले हैं आपको इस पोस्ट में बी.पी.ओ का पूरा नाम हिंदी में क्या होता है और इंग्लिश में इसका पूरा नाम क्या होता है इसके बारे में बताएंगे.

इस पोस्ट में हम आगे बढ़े और बात करें की बी पी ओ का मतलब क्या होता है इससे पहले हम बात कर लेते हैं कि बीपीओ का फुल फॉर्म क्या होता है ताकि आप इस पोस्ट में अच्छे से BPO का मतलब समझ पाए.

बीपीओ का फुल फॉर्म क्या है​

आपको इस पोस्ट में बीपीओ का फुल फॉर्म अच्छे से समझ में आए इसके लिए हम आपके साथ BPO Full Form In Hindi और BPO Full Form In English दोनो डिटेल के साथ बताने वाले हैं.

BPO Full Form In English: Business Process Outsourcing

B – Business

P – Process

O – Outsourcing

BPO Full Form In Hindi: बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग

B – Business (बिजनेस)

P – Process (प्रोसेस)

O – Outsourcing (आउटसोर्सिंग)

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग का हिन्दी नाम

आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग का हिंदी में पूरा नाम क्या होता है तो चलिए हम आपको इसका पूरा नाम डिटेल के साथ बताने का प्रयास करते हैं.
  1. बिजनेस – व्यापार
  2. प्रोसेस – प्रक्रिया
  3. आउटसोर्सिंग – बाहरी स्रोत
आप बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग को हिंदी में व्यापार प्रक्रिया बाहरी स्रोत से ली जाने वाली सेवाएँ बोल सकते हैं.

बीपीओ का हिंदी नाम जानने के बाद आपको इतना तो पता चल ही चुका होगा कि इस शब्द का संबंध व्यापार से होता है तो चलिए अब हम बात कर लेते हैं बीपीओ का मतलब क्या है.

बीपीओ का मतलब क्या है

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग का मतलब होता है जब कोई कंपनी अपना पूरा काम खुद नहीं कर पाती है तब वह दूसरी कंपनियों से अपना काम कराती है उसे हम बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कह सकते हैं.

आप ऐसा समझ सकते हैं कि जब किसी कंपनी के पास इतना ज्यादा काम हो जाता है और वह खुद से अपना पूरा काम नहीं कर सकती है तब वह आउटसोर्सिंग का सहारा लेती है.

हमने आपको आउटसोर्सिंग का अर्थ पहले ही बता दिया है कि इसका अर्थ होता है बाहरी स्त्रोत से ली जाने वाली सेवाएं और इसे हम जब बिजनेस प्रोसेस में बात करते हैं तो आप यह समझ सकते हैं की व्यापार प्रक्रिया बाहरी स्त्रोत से ली जाने वाली सेवाएं को हम शार्ट में BPO कह सकते हैं.

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग क्या है और कैसे काम करता है

बीपीओ क्या है और यह कैसे काम करता है यह सवाल अब आपके मन में आ रहा है तो आपको अब इस पोस्ट के आगे के हिस्से में हम इसी पर बात करने वाले हैं.

जैसा कि आपको हमने बताया कि BPO का हिंदी में नाम है व्यापार प्रक्रिया बाहरी स्त्रोत तो आप अब समझ सकते हैं की एक ऐसी प्रक्रिया जो व्यापार में होती है और बाहरी स्त्रोत की सेवाओं से उस प्रक्रिया को पूरा किया जाता है.

तो इस प्रक्रिया को हम बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग कह सकते हैं ज्यादातर कंपनियां अपना काम दूसरों से कराती है यानी कि वह आउटसोर्सिंग प्रक्रिया का सहारा लेती है.

इस प्रक्रिया को करने के लिए कंपनियों के बीच में जिम्मेदारियों का करार होता है और तय समय के मुताबिक उस प्रक्रिया को पूरा किया जाता है.

बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग के फायदे

आपको हमने इस पोस्ट में बीपीओ का फुल फॉर्म क्या है इसके बारे में BPO Full Form In Hindi और BPO Full Form In English बताया है अब आपको हम बताने जा रहे हैं बीपीओ के फायदे क्या है.
  1. कंपनी में स्टाफ का इस्तेमाल कम होता है इससे कंपनी को फायदा होता है.
  2. बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग से कंपनी अपने कोर बिजनेस पर पूरा फोकस कर सकती है.
  3. कंपनी की आमदनी में बढ़ोतरी होती है क्योंकि आउटसोर्सिंग से कंपनी अपना काम जल्दी पूरा कर लेती है.
  4. आउटसोर्सिंग से कंपनी के रेवेन्यू में बढ़ोतरी होती है.
बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग के नुकसान

आपको पता ही होगा कि किसी वस्तु का फायदा होता है तो उसका नुकसान भी कुछ हद तक हो सकता है और इसी तरह से बीपीओ के कुछ नुकसान भी है जिसके बारे में अब हम बात करने वाले हैं.
  1. इससे कंपनी की डाटा प्राइवेसी भंग होने की संभावना ज्यादा होती है.
  2. इस प्रक्रिया से कंपनी ज्यादातर फिर बाहर की सर्विस पर ही निर्भर रह जाती है.
  3. कंपनी के पास यदि ज्यादा काम है और वह काम जल्दी आउटसोर्सिंग से कराना चाहती है तो वहां पर उससे ज्यादा पैसे भी लगने का खतरा रहता है.

बीपीओ कितने प्रकार के होते हैं

दुनिया में बीपीओ कंपनियां अपनी सेवाएं अलग-अलग संगठनों को देती है जिसे प्रोवाइडर लोकेशन के अनुसार अलग-अलग भागों में विभाजित किया गया है जिसे हम कुछ इस प्रकार जानते हैं.
  • ऑफ सोर्स आउटसोर्सिंग
  • निकटवर्ती आउटसोर्सिंग
  • तटवर्ती आउटसोर्सिंग
  • ज्ञान प्रक्रिया आउटसोर्सिंग
  • कानूनी प्रक्रिया आउटसोर्सिंग
  • अनुसंधान प्रक्रिया आउटसोर्सिंग

बीपीओ में जॉब कैसे करें

आप सोच रहे होंगे कि इसमें जॉब मिलना काफी मुश्किल काम होगा लेकिन में आपको बता देना चाहता हूं कि आपको बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग में जॉब प्राप्त करना आसान है.

चलिए हम देख लेते हैं कि आप बीपीओ में कैसे नौकरी कर पाएंगे तो सबसे पहले हम आपको बताएंगे कि बीपीओ में नौकरी के प्रकार कितने हैं.

BPO में मुख्य तौर पर दो कैटेगरी होती हैं
  1. फ्रंट ऑफिस कस्टमर सर्विस
  2. कार्यालय व्यापार कार्य
इन दो केटेगरी में दो प्रकार के जॉब बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग में उपलब्ध है.
  1. पहला जॉब है 12वीं कक्षा पास के लिए
  2. दूसरा जॉब है ग्रेजुएशन लोगों के लिए
12वीं कक्षा पास लोगों को इसमें नौकरी मिलना काफी आसान है लेकिन 12वीं कक्षा पास वाले लोगों को इसमें वेतन कम मिलता है वही ग्रेजुएशन लोगों के लिए इसमें वेतन काफी अच्छा मिलता है.

अब आपको पता चल चुका होगा कि इसमें जॉब किन प्रकार के हैं अब आप इसमें जॉब करने के बारे में सोच रहे हैं तो आपको इन वेबसाइटों पर अपनी प्रोफाइल अपडेट करनी होगी.
  • naukri.com
  • shine.com
  • Monsterjobs.com
 

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