इंटरनेट क्या है इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ है

इंटरनेट क्या है इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ है


इंटरनेट क्या है में आपसे यह सवाल करूं की क्या आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो आपका जवाब होगा हां हम हर दिन इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं.

लेकिन आपसे यह सवाल करू कि इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ है और इंटरनेट क्या है तो शायद आपको इसका जवाब ना आए.

क्या आप यह जानना चाहते हैं कि इंटरनेट क्या है तो फिर बने रहिए इस पोस्ट के साथ हम इस पोस्ट में इंटरनेट से रिलेटेड सारी जानकारियां शेयर करने वाले हैं.

इंटरनेट संबंधित इतना कुछ है कि यह पोस्ट काफी लंबा जाने वाला है और में आपको विस्तार के साथ इंटरनेट से रिलेटेड सारी जानकारियां शेयर करने वाला हूं.

लेकिन में आपको इस पोस्ट के शुरुआती दौर में ही यहां पर इस पोस्ट में हम इंटरनेट से रिलेटेड क्या-क्या बताने वाले हैं उसकी एक लिस्ट आपके साथ शेयर कर रहा हूं.

Internet संबंधित इस पोस्ट में हम क्या जानने वाले हैं इसकी लिस्ट कुछ इस प्रकार है.
  1. इंटरनेट क्या होता है
  2. इंटरनेट की परिभाषा क्या है
  3. हिस्ट्री ऑफ़ इंटरनेट इन हिंदी
  4. कंप्यूटर इंटरनेट इन हिंदी
  5. इंटरनेट के फायदे और नुकसान
  6. इंटरनेट का अविष्कार किसने किया
  7. IP एड्रेस क्या होता है
  8. इंटरनेट का अर्थ क्या है
  9. इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है
  10. Internet और Intranet में क्या अंतर है
  11. इंटरनेट का पुराना नाम क्या है
इस लिस्ट के अलावा हम बहुत कुछ इंटरनेट पर बात करने वाले हैं तो चलिए अब शुरू करते हैं आज के पोस्ट के टॉपिक पर विस्तार से बात तो सबसे पहले हम बात करेंगे इंटरनेट क्या है.

इंटरनेट क्या है और इसका मालिक कौन है​

इंटरनेट क्या है इंटरनेट नेटवर्क के महाजाल को कहा जाता है इंटरनेट में बहुत सारे नेटवर्क आपस में जुड़े हुए होते है आप अभी यह पोस्ट जो पढ़ रहे हैं हिंदी में सेवा ब्लॉग पर यह भी आप इंटरनेट की मदद से पढ़ रहे हैं.

आज के समय में इंटरनेट बहुत ही आवश्यक हो चुका है इंटरनेट का उपयोग हर क्षेत्र में अब हो रहा है में यहां तक कह सकता हूं कि इंटरनेट आज के समय में हमारे जीवन का एक अहम हिस्सा बन चुका है.

इंटरनेट की मदद से हमारे बहुत सारे काम सरल और जल्दी हो जाते हैं में आपको यहां पर एक उदाहरण देना चाहता हूं आज से 30 साल पहले यदि हमें किसी को कुछ खबर पहुंचा नी होती थी तो हम क्या करते थे उसे पत्र लिखते थे.

लेकिन उस समय पत्र पहुंचने में भी 15 से 20 दिन लग जाते थे लेकिन आज के समय में ऐसा नहीं है आपको दुनिया के किसी भी कोने में कोई भी खबर पहुंचा नहीं है तो आप कुछ ही सेकेंड के अंदर इंटरनेट की मदद से पहुंचा सकते हैं.

इंटरनेट की जानकारी

आप यदि यह सोच रहे हैं कि इंटरनेट का सिर्फ उपयोग खबर के आदान-प्रदान के लिए होता है तो फिर आप गलत है यहां तो मैंने सिर्फ एक उदाहरण देकर आपको समझाने का प्रयास किया है कि इंटरनेट की मदद से हमारे काम जो 20 से 25 दिन में होते थे वह अब कुछ ही मिनटों के अंदर हो जाते हैं.

यहां पर में यह जानता हूं कि आपके मन में इंटरनेट से रिलेटेड कई सवाल उठ रहे होंगे आप यह सोच रहे होंगे कि इंटरनेट का मालिक कौन है इसके क्या फायदे हैं इसके क्या नुकसान हो सकते हैं और यहां तक कि आप इंटरनेट की मदद से क्या कर सकते हैं.

आज की इस पोस्ट में इंटरनेट संबंधित सारी जानकारी आपके साथ शेयर करने वाले हैं लेकिन पोस्ट में आगे बढ़े उससे पहले हम यह जान लेंगे कि इंटरनेट का उपयोग किस क्षेत्र में होता है.

इंटरनेट का उपयोग किस क्षेत्र में होता है और इंटरनेट की कौन सी सेवाएं है

जैसा कि आपको हमने बताया कि इंटरनेट नेटवर्क का महाजाल है इसमें कई नेटवर्क आपस में जुड़े हुए रहते हैं अब सवाल आता है कि यह नेटवर्क कहां पर जुड़े हुए होते हैं तो यहां पर में आपको बता देना चाहता हूं दुनियाभर के लाखों कंप्यूटर से इनका जुड़ाव होता है.

कहने का मतलब यह है कि किसी नेटवर्क का कोई सिस्टम किसी अन्य नेटवर्क के सिस्टम से जुड़ कर कम्यूनिकेट कर सकता है अर्थात सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकता है.

सूचनाओं के आदान प्रदान के लिए जिस नियम का प्रयोग किया जाता है उसे ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल या इंटरनेट प्रोटोकॉल (टीसीपी/आईपी) कहा जाता है.

इंटरनेट की सेवाएं

इंटरनेट क्या है हम बात कर रहे हैं कि इंटरनेट का उपयोग कहा पर होता है और उसकी कौन सी सेवाएं हैं तो चलिए विस्तार के साथ इस पर रोशनी डाल लेते हैं.

फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल – इंटरनेट में फाइल ट्रांसफर प्रोटोकोल क्या है और इसका क्या उपयोग है.

फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल का उपयोग एक कंप्यूटर नेटवर्क से दूसरे कंप्यूटर नेटवर्क में फाइलों को ट्रांसफर करने के लिए किया जाता है यानी कि इंटरनेट की मदद से एक फाइल को दूसरे कंप्यूटर में भेजा जा सकता है.

गोफर – इंटरनेट में गोफर क्या है और इसका क्या उपयोग है.

आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि इंटरनेट में गोफर क्या है तो चलिए हम आपको बता देते हैं यह एक यूजर फ्रेंडली इंटरफेज है.

गोफर के जरिए यूजर इंटरनेट प्रोग्राम व सूचनाओं का आदान-प्रदान कर सकता है गोफर के द्वारा इंटरनेट की कई सेवाएं आपस में जुड़ी होती है.

इलेक्ट्रॉनिक मेल – इंटरनेट में इलेक्ट्रॉनिक मेल क्या है और इसका क्या उपयोग है.

इलेक्ट्रॉनिक मेल को संक्षिप्त रूप से ई-मेल कहा जाता है इस माध्यम के द्वारा बड़ी से बड़ी सूचनाओं व संदेशों को इलेक्ट्रॅनिक प्रणाली द्वारा तेज गति से भेजा या प्राप्त किया जा सकता है इसके द्वारा पत्र, ग्रीटिंग या सिस्टम प्रोग्राम को दुनिया के किसी भी हिस्से में भेज सकते है.

वल्र्ड वाइड वेब (222) – इंटरनेट में वल्र्ड वाइड वेब (222) क्या है और इसका क्या उपयोग है.

वल्र्ड वाइड वेब (222) इसके द्वारा यूजर अपने या अपनी संस्था आदि से सम्बंधित सूचनाएं दुनिया में कही भी भेज सकता है.

इंटरनेट की सभी सेवाएं

टेलनेट – इंटरनेट में टेलनेट क्या है और इसका क्या उपयोग है.

टेलनेट को डाटा के हस्तांतरण के लिए टेलनेट का प्रयोग किया जाता है इसके द्वारा यूजर को रिमोट कम्प्यूटर से जोड़ा जाता है इसके बाद यूजर अपने डाटा का हस्तांतरण कर सकता है टेलनेट पर कार्य करने के लिए यूजर नेम व पासवर्ड की जरूरत होती है.

यूजनेट – इंटरनेट में यूजनेट क्या है और इसका क्या उपयोग है.

यूजनेट अनेक प्रकार की सूचनाओं को एकत्र करने के लिए इंटरनेट के नेटवर्क, यूजनेट का प्रयोग किया जाता है इसके माध्यम से कोई भी यूजर विभिन्न समूहों से अपने लिए जरूरी सूचनाएं एकत्र कर सकता है.

वेरोनिका – इंटरनेट में वेरोनिका क्या है और इसका क्या उपयोग है.

वेरोनिका प्रोटोकॉल गोफर के माध्यम से काम करता है यूजर गोफर व वेरोनिका का प्रयोग एक साथ करके किसी भी डाटा बेस पर आसानी से पहुंच सकता है इनके प्रयोग से जरूरी सूचनाएं तेजी से प्राप्त की जा सकती हैं.

आर्ची – इंटरनेट में आर्ची क्या है और इसका क्या उपयोग है.

आर्ची का फाइल ट्रांसफर प्रोटोकॉल (एफटीपी) में स्टोर फाइलों को खोजने के लिए आर्ची का प्रयोग किया जाता है.

इंटरनेट से संबंधित शब्दावली और उनका उपयोग क्या है

ब्राउज़र – आपको इंटरनेट पर कोई भी काम करना है तो सबसे पहले आपको ब्राउज़र का उपयोग लेना होगा यह एक ऐसा सॉफ्टवेयर है जिसकी मदद से आप सूचनाओं को प्राप्त करने के लिए इंटरनेट में प्रवेश कर सकते हैं.

वेब सर्वर – आप यदि वेबसाइट या ब्लॉग बनाया है तो आपने सर्वर नाम जरूर सुना होगा अब बात आती है कि इंटरनेट में वेब सर्वर क्या है और इसका क्या उपयोग क्या है तो चलिए हम आपको बता देते हैं.

वेब सर्वर एक प्रोग्राम है जो ब्राउज़र के द्वारा संसाधनों को प्राप्त करने के लिए यूजर द्वारा दिए गए अनुरोध को पूरा करता है.

नेटवर्क – जैसा कि हमने आपको बताया कि नेटवर्क में कई नेटवर्क आपस में जुड़े हुए होते हैं जिसको नेटवर्क को का महाजाल भी कहा जाता है.

नेटवर्क की मदद से आप कई जगह पर सूचनाओं का आदान प्रदान कर सकते हैं और यह नेटवर्क के द्वारा ही संभव हो पाया है.

होम पेज – आप यदि इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं तो जाहिर सी बात है कि आप अलग-अलग साइटों पर भी विजिट जरुर करते होंगे जब कोई यूजर किसी साइट पर जाता है तो उसे शुरुआती जो पेज प्रदर्शित होता है उसे ही होमपेज कहा जाता है.

ऑनलाइन – जब आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं मान लीजिए कि आप अभी हमारे इस ब्लॉग पर यह पोस्ट पढ़ रहे हैं तो जाहिर सी बात है कि आप अभी इंटरनेट पर ऑनलाइन है तभी यह संभव हो पाया है कि आप इंटरनेट पर कोई पोस्ट पढ़ रहे हैं.

ऑफलाइन – आपको कोई जानकारी पसंद है और उसे आप अपने मोबाइल में सेव कर लेते हैं और उसके बाद जब आप इंटरनेट कनेक्शन को बंद कर देते हैं और उन जानकारी पर आप अध्ययन करते हैं तब आप इंटरनेट पर ऑफलाइन होते हैं.

इंटरनेट पर आप इन सेवाओं का भी प्रयोग कर सकते हैं​

हाइपर टेक्स्ट मार्कअप लैग्वेंज – इसका प्रयोग वेब पेज बनाने में किया जाता है शुरूआत में इसका प्रयोग वेब पेज डिजाइन करने में किया जाता था.

हाइपर टेक्स्ट ट्रॉसंफर प्रोटोकॉल – इसका प्रयोग एचटीएमएल में संगृहित दस्तावेजों व दूसरे वेब संसाधनों कों स्थानांतरित करने में किया जाता है.

यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर(यूआरएल) – इसका प्रयोग वेब पर किसी विशेष सूचना को संचालित करने में किया जाता है.

वेबसाइट – वेब पेजों के समूहों को वेबसाइट कहते हैं। जिसमें ओडिओ, वीडियों, इमेज का समावेश होता है.

डाउनलोड – इंटरनेट या किसी अन्य कंम्प्यूटर से प्राप्त सूचनाओं को अपने कम्प्यूटर में एकत्रित करना डाउनलोड कहलाता है.

अपलोड – अपने कम्प्यूटर से किसी अन्य कम्प्यूटर में सूचनाएं भेजना अपलोड कहलाता है.

सर्फिंग – इंटरनेट के नेटवर्कों में अहम सूनचाओं को खोजने का काम सर्फिंग कहलाता है.

इंटरनेट एड्रेस – इंटरनेट में प्रयुक्त एड्रेस के मूलभूत हिस्से को डोमेन कहा जाता है इंटरनेट से जुड़े हर कम्प्यूटर का एक अलग डोमेन होता है जिसे डोमेन नेम सिस्टम कहते हैं जिसे 3 भागों में बांटा जा सकता है.

अभी तो सिर्फ इस पोस्ट में इंटरनेट का उपयोग किस क्षेत्र में होता है और इसकी कौन सी सेवाएं हैं इस पर ही बात की है लेकिन अब हम इस पोस्ट के अहम हिस्से में आने वाले हैं.

अब हम इंटरनेट से संबंधित कुछ और जानकारियां प्राप्त करने वाले हैं तो सबसे पहले हम बात करेंगे कि इंटरनेट की खोज कब हुई है और इंटरनेट की खोज किसने की है.

इंटरनेट की खोज कब हुई है और किसने की है

आपके मन में यह सवाल जरूर होगा कि इंटरनेट का आविष्कार कब हुआ है क्या कोई इंटरनेट का मालिक भी है तो इन सारे सवालों के जवाब आपको इस पोस्ट में देने वाले हैं तो सबसे पहले हम बात करेंगे कि इंटरनेट की खोज कब हुई है.

इंटरनेट का आविष्कार कर पाना किसी एक व्यक्ति के बस का काम नहीं है इसे बनाने के लिए कई इंजीनियर और कई Scientist का दिमाग लगा हुआ है.

वर्ष 1957 में Cold War के समय अमेरिका ने Advanced Research Projects Agency की स्थापना की जिसका उद्देश्य एक ऐसी टेक्नोलॉजी बनाना था जिससे एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर के साथ जोड़ा जा सके.

और इसी कड़ी में वर्ष 1969 में Agency और Arpanet की स्थापना की गई जिसका मुख्य उद्देश्य यही रहा की एक कंप्यूटर को दूसरे कंप्यूटर के साथ कनेक्ट किया जा सके और यह संभव भी तब हो पाया था.

आपकी जानकारी के लिए हम एक बात बता देना चाहते हैं कि वर्ष 1980 तक आते-आते फिर इस पूरी प्रक्रिया का नाम इंटरनेट हो गया था.

हम आपको यह भी बता देना चाहते हैं कि Vinton Cerf और Robert Kahn ने TCL/IP Protocol को वर्ष 1970 और 1972 में Invent किया था और वही Ray Tomlinson ने सबसे पहले ईमेल नेटवर्क को Introduce किया था.

इंटरनेट की शुरुआत कब हुई है

1 जनवरी 1983 को इंटरनेट की शुरुआत हुई है तब इंटरनेट को Network of Network कहां जाता था लेकिन अब आधुनिक दुनिया में इसे इंटरनेट के नाम से जाना जाता है.

इंटरनेट की शुरुआत भारत में कब हुई है

भारत में इंटरनेट को 14 अगस्त 1995 के दिन शुरू किया गया था सबसे पहले भारत में State-owned Videsh Sanchar Nigam Limited के द्वारा इसकी शुरुआत की गई थी.

भारत में इंटरनेट का इतिहास

इंटरनेट की शुरुआत हमारे देश भारत में 14 अगस्त 1995 के दिन हुई है उस वक्त सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी विदेश संचार निगम लिमिटेड ने यह सेवा दी थी.

वर्ष 1996 तक भारत के बड़े-बड़े शहरों में इंटरनेट को पहुंचाने का काम हुआ उसके बाद वर्ष 1996 में ही पहली बार भारत में ईमेल साइट की शुरुआत हुई थी.

आपकी जानकारी के लिए बता दे वर्ष 1996 में ही भारत में पहला साइबर कैफे मुंबई में खुला था.

इंटरनेट का फुल फॉर्म क्या है

Internet का फुल फॉर्म होता है Interconnected Network जो असल में एक बहुत ही बड़ा नेटवर्क है इंटरनेट को Web Servers Worldwide के साथ Simply the Web भी कहा जाता है.

इंटरनेट का हिंदी नाम क्या है

Internet आज हमारी जिंदगी की मूलभूत आवश्यकता बन चुका है लेकिन क्या आपने कभी गौर किया है कि आपके द्वारा रोज इस्तेमाल किए जा रहे हैं इस इंटरनेट शब्द का हिंदी अर्थ क्या है.

आपके पास इंटरनेट शब्द का हिंदी अर्थ क्या है इसकी कोई जानकारी नहीं है तो फिर कोई बात नहीं हम इस पोस्ट में आपको इंटरनेट का हिंदी नाम बताने वाले है.

तकनीकी और भाषाई स्तर पर देखें तो इंटरनेट को हिंदी में अंतरजाल कहा जाता है यानी की एक ऐसा सूचनाओं का भंडार जहां पर आपको बहुत सी समस्याओं का हल मिल जाए.

भारत में इंटरनेट के लिए बहुत समय तक हिंदी भाषा में इंटरनेट शब्द ही इस्तेमाल किया जाता रहा लेकिन कुछ समय बाद इसके लिए एक नया शब्द अंतरजाल निर्मित किया गया जो कि भारतीय भाषा के पुराने शब्द इंद्रजाल के आधार पर बनाया गया था.

इंटरनेट की परिभाषा क्या है​

इंटरनेट असल में एक ग्लोबल वाइड एरिया नेटवर्क होता है जो कि दुनिया भर की जो कंप्यूटर सिस्टम है उसे आपस में कनेक्ट करता है.

आपको हम बता दे इंटरनेट में बहुत से high-bandwidth data lines होते हैं जो कि इंटरनेट का backbone कहलाते हैं आपको यदि इंटरनेट के साथ कनेक्ट होना है तो फिर आपके पास इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर का access होना चाहिए.

ज्यादातर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान करते हैं वही cable, DSL, Fiber कनेक्शन के जरिए भी इंटरनेट के साथ कनेक्ट किया जाता है.

आप यदि मोबाइल में इंटरनेट का यूज करते हैं तो फिर आप किसी भी सेल्यूलर डाटा टावर के साथ कनेक्ट होते हैं और वह सेल्यूलर डाटा टावर किसी न किसी इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के साथ जुड़ा हुआ होता है.

इंटरनेट कैसे काम करता है

इंटरनेट क्या है इंटरनेट में कंप्यूटर एक दुसरे के साथ जुड़े होते हैं जो की असल में gateways के द्वारा Internet Backbone के साथ जुड़े होते है वहीँ सभी कंप्यूटर इंटरनेट पर एक दुसरे के साथ communicate करते हैं TCP/IP के माध्यम से जो की एक Basic Protocol (i.e set of rules) होता है.

TCP/IP (Transmission Control Protocol / Internet Protocol) manage करते हैं Internet में हो रहे सभी transmission को फिर चाहे वो data/file/document कुछ भी क्यूँ न हो लेकिन इसे करने के लिए उन्हें उस data/file/documents को छोटे छोटे parts में तोडना होता है जिन्हें की packets या datagrams कहा जाता है.

TCP और IP का Functions क्या है

TCP का काम होता है की ये संदेशों को छोटे छोटे पैकेट में break करता है जिन्हें की इंटरनेट में transmit किया जाता है और फिर बाद में उन्हें reassemble भी किया जाता है.

IP का काम होता है की ये Handle करता है प्रत्येक part के address part को जिससे की data को सही address तक भेजा जा सके प्रत्येक gateway नेटवर्क का इस address को check करता है ये देखने के लिए की कहाँ message को forward किया जा रहा है.

इंटरनेट के प्रकार कितने हैं

इंटरनेट क्या है आपको यह जानने की बड़ी इच्छा होगी कि इंटरनेट कितने इलेक्ट्रॉनिक उपकरण में चल सकता है या फिर इंटरनेट के कितने प्रकार हैं जो पर्सनल इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस में चल सके तो अब हम इस पर बात कर लेते हैं कि इंटरनेट के कितने प्रकार हैं.

Dial-Up Connection (Analog 56k) नेटवर्क क्या है

Dial-Up Connection का Access बहुत ही सस्ता पड़ता है लेकिन इसमें स्पीड बहुत ही कम मिलता है आपको हम बता दें Dial-Up Connection किस तरह का होता है.

आपको हम बता दे Dial-Up Connection एक टेलीफोन लाइन के साथ जुड़ा हुआ होता है जिसका कनेक्शन हमें अपने कंप्यूटर में लगाना होता है तभी हम इंटरनेट को अपने कंप्यूटर में चला सकते हैं.

एक मॉडेम कनेक्ट होता है इंटरनेट के साथ एक बार कंप्यूटर डायल करता है एक फ़ोन नंबर इसमें एनालॉग सिग्नल को परिवर्तन किया जाता है डिजिटल में via मॉडेम के और फिर उसे भेजा जाता है एक लैंड-लाइन सेवा में एक सार्वजनिक टेलीफोन नेटवर्क के द्वारा टेलीफोन लाइन बहुत से गुणवत्ता के हो सकते हैं.

आपको हम बता दे लेंड लाइन कनेक्शन भी कभी कबार ख़राब भी हो सकती है इसमें नियमित रूप से लाइनें काफी हस्तक्षेप का अनुभव करती हैं और ये इसकी गति को प्रभावित करती है.

जो की करीब 28K से लेकर 56K तक होती है चूँकि एक कंप्यूटर या दुसरे डिवाइस शेयर करते हैं वहीँ समान टेलीफोन लाइन के इसलिए दोनों एक समय में सक्रिय नहीं हो सकते हैं.

केबल नेटवर्क कनेक्शन क्या है

केबल कनेक्शन में आपको इंटरनेट का स्पीड काफी ज्यादा मिलता है आमतौर पर बड़ी शॉप या ऑफिस में केबल कनेक्शन ही लगाया जाता है.

आपकी जानकारी के लिए बता दें केबल कनेक्शन में भी आपको एक केबल मॉडेम लेना होता है क्योंकि आप केबल कनेक्शन में इंटरनेट को तभी ऑपरेट कर सकते हैं जब उसके साथ एक केबल मॉडेम हो.

केबल कनेक्शन में आपको स्पीड का जो रेंज होता है वह 512kb से लेकर 20 Mb तक का मिल सकता है केबल कनेक्शन में डाउनलोड और अपलोडिंग का भी अलग-अलग आपको स्पीड मिल जाता है.

DSL नेटवर्क कनेक्शन क्या है

DSL एक तार से जुड़ा होता है जो की डेटा को संचारित करता है traditional copper टेलीफोन लाइन के माध्यम से जो की पहले से ही स्थापित होते हैं घरों और व्यवसायों में DSL का full form होता है Digital Subscriber Line ये एक ऐसा इंटरनेट कनेक्शन होता है जो की हमेशा ऑन होता है.

आपको हम बता दे DSL 2 लाइन का इस्तमाल करता है जिससे की आपका फ़ोन जो है वो बिलकुल ही फ्री होता है जब के आपके कंप्यूटर कनेक्शन का चार्ज होता है.

DSL सर्विस की speed और उपलब्धता निर्भर करती है की आपका घर या बिज़नेस कितनी दूरता में है आपके पास वाले टेलीफोन कंपनी facility से DSL इस्तमाल करता है एक router का data को transport करने के लिए और इसकी connection speed की range निर्भर करती है service के ऊपर जो की करीब 128K से लेकर 8 Mbps के बीच होती है.

फाइबर नेटवर्क कनेक्शन क्या है

फाइबर कनेक्शन में fast-fiber optic cables directly आपके घर या office तक जाती है और आपको एक ज्यादा stable, efficient और reliable connection प्रदान करती है hybrid copper और fibre systems की तुलना में ये broadband speed up to 1Gbps तक सपोर्ट करने में सक्षम होती है.

वायरलेस नेटवर्क कनेक्शन क्या है

वायरलेस नाम से ही मालूम पड़ता है कि इसमें केबल या टेलीफोन लाइन की आवश्यकता नहीं पड़ती है आप इसे वाईफाई के नाम से भी जानते हैं.

आपकी जानकारी के लिए हम बता दें वाईफाई कनेक्शन में इंटरनेट को कनेक्ट करने के लिए radio-frequency का इस्तेमाल होता है जिसमें आपको 5 Mbps से लेकर 20 Mbps तक की स्पीड मिल सकती है.

सैटेलाइट नेटवर्क कनेक्शन क्या है

सैटेलाइट नेटवर्क में आमतौर पर इंटरनेट का स्पीड थोड़ा सा कम रहता है क्योंकि धरती से लेकर orbit तक सिग्नल को पहुंचाने में काफी समय लगता है और इसमें काफी distance भी है.

हालांकि फिर भी इसमें आपको 2 Mbps तक का स्पीड मिल जाता है और अब दुनिया के बहुत सारे वैज्ञानिक इस शोध में भी लगे हुए हैं कि सेटेलाइट के द्वारा पूरी दुनिया में इंटरनेट कनेक्शन दिया जाए.

आपकी जानकारी के लिए में बता देना चाहता हूं कि भारत भी सैटेलाइट नेटवर्क में पीछे नहीं है और उसके पास भी एक बढ़िया नेविगेनशन सेटेलाइट सिस्टम आने वाले कुछ समय में होगा

भारत भी सैटेलाइट नेटवर्क की दौर में आने वाले कुछ समय में ही 5 सैटेलाइट लॉन्च करने वाला है और यहां तक कि 1 जुलाई 2013 को इसके लिए एक सेटेलाइट को लांच भी कर चुका है.

मोबाइल इंटरनेट कनेक्शन क्या है

आज के समय में हर किसी के पास स्मार्टफोन है और स्मार्टफोन में इंटरनेट का ऑप्शन जरूर होता है और आज के समय में तो अब 4G इंटरनेट का जमाना आ चुका है.

आने वाले कुछ समय में 5G नेटवर्क भी आने वाला है लेकिन यहां पर में मोबाइल इंटरनेट के बारे में इतनी बात नहीं करने वाला हूं क्योंकि आप सभी को मोबाइल इंटरनेट के बारे में पता ही है क्योंकि आप भी इसका यूज हर दिन करते ही होंगे.

इंटरनेट को कैसे चलाया जाता है​

हम यदि इस पोस्ट में यही बात ना करें कि इंटरनेट को हम मोबाइल, टेबलेट, कंप्यूटर में कैसे चला सकते हैं तो फिर यह पोस्ट की जानकारी थोड़ी सी अधूरी सी लगेगी तो चलिए हम बात कर लेते हैं कि इंटरनेट को कैसे चला सकते हैं.

मोबाइल में इंटरनेट को कैसे चलाएं

मोबाइल या टेबलेट में आप 2 तरीको से इंटरनेट को चला सकते हैं एक तो है कि आप सेल्यूलर नेटवर्क के जरिए इसमें चला सकते है इसके लिए आपके मोबाइल में किसी भी नेटवर्क कंपनी का सिम कार्ड डालना होगा जैसे कि हमारे भारत में जिओ, आइडिया, एयरटेल, वोडाफोन कंपनियां है.

आप यदि सिम कार्ड के जरिए अपने मोबाइल में इंटरनेट चलाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको इन कंपनियों से प्लान को खरीदना होगा आज के समय में 4G प्लान है और आप 3 महीने के हिसाब से 4G प्लान खरीद सकते हैं.

आप जब कोई प्लान का रिचार्ज करगे तो उसके बाद आपके मोबाइल में जो सिम कार्ड लगा हुआ है उसमें इंटरनेट कनेक्शन एक्टिव हो जाएगा तो उसके बाद आप डाटा को ऑन करके अपने मोबाइल में इंटरनेट को चला सकते हैं.

मोबाइल या टेबलेट में आप वाई-फाई के जरिए भी इंटरनेट को चला सकते हैं इसके लिए आपके आस-पास कोई भी वाईफाई नेटवर्क होना जरूरी है तभी आप उसका इस्तेमाल करके अपना मोबाइल, टेबलेट में इंटरनेट को चला सकते हैं.

आपको पता ही होगा कि आपके मोबाइल, टेबलेट में वाईफाई का ऑप्शन होता है और यदि आप वाईफाई नेटवर्क के द्वारा इंटरनेट को चलाना चाहते हैं तो आप वाईफाई ऑन करेंगे और आपके आस-पास जो भी वाई-फाई नेटवर्क होगा और ओपन होगा तो आप उससे इंटरनेट को चला सकते हैं.

कंप्यूटर में इंटरनेट को कैसे चलाएं

कंप्यूटर में आप 2 तारीको से इंटरनेट को चला सकते हैं एक तो तरीका है कि आप वाईफाई के द्वारा कंप्यूटर या अपने लैपटॉप में इंटरनेट को चला सकते हैं या फिर आप कोई भी ब्रॉडबैंड कनेक्शन लेकर इंटरनेट को अपने कंप्यूटर में चला सकते हैं.

यहां पर में बात करूं वाईफाई की तो आप अपने स्मार्टफोन के जरिए भी कंप्यूटर में इंटरनेट चला सकते हैं इसके लिए आप अपने स्मार्टफोन का हॉटस्पॉट ऑन करके कंप्यूटर में इंटरनेट को चला सकते हैं.

और ब्रॉडबैंड की बात करें तो उसके लिए आपको अपने कंप्यूटर या लैपटॉप में केबल के द्वारा ही आप कंप्यूटर में इंटरनेट को चला सकते हैं.

इंटरनेट से कौन-कौन से लाभ हो सकते हैं

आधुनिक दुनिया में इंटरनेट के बहुत फायदे हैं आप इंटरनेट के जरिए बहुत कुछ कर सकते हैं यहां तक कि आप इंटरनेट से पैसा भी कमा सकते हैं यहां पर में कुछ पॉइंट आपको बता रहा हूं जो इंटरनेट के फायदे हैं.

इंटरनेट के जरिए आप घर बैठे पैसा कमा सकते हैं

जी हां आपने बिल्कुल सही सुना है इंटरनेट का जो सबसे बड़ा फायदा है कि आप घर बैठे इंटरनेट से पैसा कमा सकते हैं यहां पर में आपको एक पोस्ट का लिंक दे रहा हूं जिसमें विस्तार के साथ बताया गया है कि आप इंटरनेट के जरिए कैसे पैसा कमा सकते हैं.

इंटरनेट के माध्यम से आप किसी को भी संदेश कुछ ही मिनटों में भेज सकते हैं

आज से कल्पना कीजिए 20 से 21 साल पहले यदि हमें किसी को संदेश भेजना होता था तो वह संदेश पहुंचने में 15 से 20 दिन लगते थे लेकिन जब से इंटरनेट आया है यह काम बहुत ही आसान हो चुका है.

अब हमें किसी को भी कोई भी संदेश भेजना होता है तो हम कुछ ही मिनट के अंदर इंटरनेट के माध्यम से भेज सकते हैं.

इंटरनेट से हम किसी भी खबर को तेजी से लोगों तक पहुंचा सकते हैं

जी हां आपने बिल्कुल सही सुना हम इंटरनेट के जरिए कोई भी खबर कुछ ही मिनटों के अंदर काफी लोगों तक पहुंचा सकते हैं इसके लिए इंटरनेट पर बहुत सारी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट हैं.

यहां पर में आपको कुछ टॉप की सोशल मीडिया वेबसाइटों की जानकारी दे रहा हूं.
  1. Facebook
  2. Twitter
  3. LinkedIn
  4. YouTube
  5. Instagram
  6. WhatsApp

इंटरनेट के जरिए आप घर बैठे शॉपिंग कर सकते हैं

अब आपको शॉपिंग करने के लिए दुकान पर जाने की कोई आवश्यकता नहीं है आप घर बैठे ही इंटरनेट के माध्यम से शॉपिंग कर सकते हैं इसके लिए बहुत सारी इंटरनेट पर वेबसाइट उपलब्ध हैं जिनमें से में आपको टॉप की वेबसाइट के बारे में यहां पर बता रहा हूं.

टॉप शॉपिंग वेबसाइट
  1. AMAZON.IN
  2. Flipkart.com
  3. Snapdeal.com
इंटरनेट से आप मनोरंजन कर सकते हैं

आपको कोई मूवी देखनी है या फिर गेम खेलना है ऑनलाइन तो वह भी आप इंटरनेट पर कर सकते हैं इंटरनेट पर मनोरंजन के बहुत सारे ऑप्शन से आपको कोई भी वीडियो देखना है कॉमेडी वीडियो देखना है तो आप यूट्यूब पर देख सकते हैं.

या फिर और भी बहुत सारी ऐसी वेबसाइट है जहां से आप मूवी, वीडियो, गाने डाउनलोड कर सकते हैं.

यहां पर तो सिर्फ हमने इंटरनेट से होने वाले फायदों के बारे में ही बात की है लेकिन इंटरनेट के नुकसान भी है तो चलिए अब हम उस पर भी रोशनी डाल लेते हैं.

इंटरनेट से होने वाले नुकसान

आप यदि यह सोच रहे हैं कि इंटरनेट से सिर्फ फायदा ही फायदा हो सकता है तो फिर आप गलत सोच रहे हैं क्योंकि यदि किसी वस्तु में फायदा है तो उसमें नुकसान भी जरूर होता है और इंटरनेट में भी आपको नुकसान हो सकता जिसके बारे में हम यहां पर बात करने वाले है.

इंटरनेट से हैकिंग का खतरा

इंटरनेट पर सबसे बड़ा जो नुकसान है वह हैंकिंग का है जी हां इंटरनेट पर आपका डाटा हैक हो सकता है यदि आप इंटरनेट पर सावधानी नहीं बरतेगे तो आपका भी डाटा हैक हो सकता है.

हैंकर अक्सर इंटरनेट का गलत इस्तेमाल करते हैं और इस आधुनिक दुनिया में अब सब कुछ ऑनलाइन हो गया है तो ऐसे में आपके बैंक में जमा की गई पूजी का भी इंटरनेट के जरिए हैकिंग का खतरा रहता है.

इंटरनेट पर हैकिंग से बहुत सारी हानि हो सकती है लेकिन अब हम उसकी डिटेल में नहीं जाते हैं आपको सिर्फ यही बता सकते हैं कि इंटरनेट पर हैकिंग संभव है और इससे आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है.

इंटरनेट की लत

युवा वर्ग इंटरनेट का बहुत ही इस्तेमाल करता है एक तरह से उन्हें इंटरनेट की लत लग जाती है लेकिन यह बहुत ही बुरी बात है इससे आपका काफी समय बर्बाद होता है और आप दूसरे कोई काम नहीं कर पाते हैं और सारा दिन इंटरनेट पर ही आप रहते हैं.

आपको यदि इंटरनेट की लत लग गई है तो इससे आपको बहुत सारे नुकसान हो सकते हैं आपका दिमाग सोचना बंद कर देता है आपको 24 घंटे इंटरनेट के बारे में ही सोचते रहते हैं.

इंटरनेट पर गलत इंफॉर्मेशन डालना

अक्सर लोग मजाक में अपने दोस्तों या करीबियों के साथ ऐसा मजाक कर देते हैं जिससे उनकी पूरी लाइफ बर्बाद हो जाती है मेरा कहने का मतलब यह है कि सोशल मीडिया पर आप कुछ ऐसी तस्वीरें अपने दोस्तों और करीबियों की अपलोड कर देते हैं और फिर वो तस्वीरें वायरल हो जाती है तो आपके दोस्तों को इससे काफी नुकसानी झेलनी पड़ती है.

ऐसा भी होता है कि आप किसी दोस्त का गलत वीडियो एमएमएस बना लें और उसे नेट पर अपलोड कर दे उसके बाद उसे काफी ही परेशानियां झेलनी पड़ती है.

इंटरनेट इन नुकसान ओ के अलावा भी बहुत सारे नुकसान सकते हैं और मेरी मां ने तो आपको अपने बच्चों को इंटरनेट से दूर ही रखना चाहिए और कम उम्र में उन्हें इंटरनेट के बारे में जानकारी नहीं देनी चाहिए.

मुझे पूरी उम्मीद है कि आपको हमारी यह पोस्ट जरूर पसंद आई होगी और आपको इंटरनेट क्या है इस सवाल का जवाब भी अब मिल चुका होगा फिर भी यदि हमारे से इस पोस्ट में कोई गलती हो गई हो या फिर कोई जानकारी छूट गई हो तो इसके बारे में आप जरूर हमें बता सकते हैं.

इंटरनेट के बारे में जितना लिखे उतना कम है क्योंकि यह इतना विशाल है और इसमें इतनी जानकारियां है कि एक पोस्ट में इसके बारे में सारी जानकारी दे पाना थोड़ा सा मुश्किल है.

आपको लगता है कि इस पोस्ट में इंटरनेट के किसी विषय पर कोई बात नहीं की गई है तो फिर आप हमें कमेंट में बता सकते हैं.
 

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