Maher waterfall Gaya: दुनिया में कई रहस्यमयी (Mysterious) चीजें हैं, जिनका जवाब वैज्ञानिकों के पास भी नहीं है। ऐसा ही एक पेड़ बिहार के गया जिला से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर गया-रजौली स्टेट हाईवे-70 में टनकुप्पा प्रखण्ड के मेहर गांव के पास है।
पहले ये इलाका नक्सलियों का गढ माना जाता था जिसके कारण लोगों का आना जाने में कतराते थे।लेकिन अब यहाँ लोगों का हुजूम उमड़ रहा है जिस तरह लोग ककोलत नवादा झरना नहाने जाते है।उसी तरह गया के महेर (Maher) पहाड़ पर लगे एक गूलर के पेड़ है जिससे निकलते पानी को देखने और नहाने आते है जिसमें से अपने आप पानी निकलता है हैरानी वाली बात यह है कि पानी कहां से आता है और ये क्यों नहीं सूखता है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। माना जाता है कि पेड़ से निकलने वाले पानी को पीते ही चर्म रोग समेत दूसरी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।इस पेड़ की खासियत यह है कि इससे लगातार पानी निकलता रहता है। स्थानीय लोगो को याद भी नहीं है की इसकी सुरुआत कब हुई थी ।लेकिन जिसने भी इस झरना को देखा यकीन कर पाना मुश्किल था।बताते है ये पानी 365 दिन पेड़ के टहनी से निकलते रहता है। वन विभाग ने झरने के पानी को ठहराव के लिए पहाड़ की तराई में एक बड़ा तलाब भी बनवाया है। झरने के ऊपर एक अति प्राचीन भगवान शिव-पार्वती मंदिर है।हालांकि महेर झरना जाने वाले सड़क जर्ज़र है।इसलिए लोगो को परेशानी होती है झरना तक पहुंचने के लिए।स्थानिय लोगों की सरकार से माँग है की सरकार इसे पर्यटन स्थल के तौर पर बिकसित करें।
पहले ये इलाका नक्सलियों का गढ माना जाता था जिसके कारण लोगों का आना जाने में कतराते थे।लेकिन अब यहाँ लोगों का हुजूम उमड़ रहा है जिस तरह लोग ककोलत नवादा झरना नहाने जाते है।उसी तरह गया के महेर (Maher) पहाड़ पर लगे एक गूलर के पेड़ है जिससे निकलते पानी को देखने और नहाने आते है जिसमें से अपने आप पानी निकलता है हैरानी वाली बात यह है कि पानी कहां से आता है और ये क्यों नहीं सूखता है इसका जवाब किसी के पास नहीं है। माना जाता है कि पेड़ से निकलने वाले पानी को पीते ही चर्म रोग समेत दूसरी बीमारियां ठीक हो जाती हैं।इस पेड़ की खासियत यह है कि इससे लगातार पानी निकलता रहता है। स्थानीय लोगो को याद भी नहीं है की इसकी सुरुआत कब हुई थी ।लेकिन जिसने भी इस झरना को देखा यकीन कर पाना मुश्किल था।बताते है ये पानी 365 दिन पेड़ के टहनी से निकलते रहता है। वन विभाग ने झरने के पानी को ठहराव के लिए पहाड़ की तराई में एक बड़ा तलाब भी बनवाया है। झरने के ऊपर एक अति प्राचीन भगवान शिव-पार्वती मंदिर है।हालांकि महेर झरना जाने वाले सड़क जर्ज़र है।इसलिए लोगो को परेशानी होती है झरना तक पहुंचने के लिए।स्थानिय लोगों की सरकार से माँग है की सरकार इसे पर्यटन स्थल के तौर पर बिकसित करें।