जैन धर्म का इतिहास (Jain dharm ka Itihas)
- जैन धर्म के संस्थापक एवं प्रथम तीर्थकर ऋशभदेव थे, जैनधर्म के 23 वे तीर्थकर पाशर्वनाथ थे !
- महावीर स्वामी जैन धर्म के 24 वे एवं अंतिम तीर्थकर हुए !
- इनका जन्म 540 ई. पूर्व में कुण्डग्राम (वैशाली) में हुआ था !
- इनके पिता सिद्धार्थ ज्ञातृक कुल के सरदार थे !
- महावीर स्वामी का की पत्नी का नाम यशोदा एवं पुत्री का नाम अनोज्जा प्रियदर्शनी था !
- इनका बचपन का नाम वर्द्धमान था !
- इन्होने अपना उपदेश प्राकृत [ अर्धमागधी ] भाषा में दिया !
- महावीर के अनुयायियों को मूलतः निग्रंथ कहा जाता था !
- इनके प्रथम अनुयायी उनके दामाद जामिल बने !
- महावीर ने अपने शिष्यों को 11 गणधरो में विभाजित किया था !
- इनके त्रिरत्न है – 1. सम्यक दर्शन 2. सम्यक ज्ञान 3. सम्यक आचरण !
- इस धर्म में ईश्वर की मान्यता नहीं है !
- महावीर पुनर्जन्म एवं कर्मवाद में विश्वास करते थे !
- जैन धर्म ने अपने आध्यात्मिक विचारो को सांख्य दर्शन ग्रहण किया !
- इस धर्म मानने वाले कुछ राजाओ के नाम – उदयिन , चन्द्रगुप्त मौर्य , खारवेल, चंदेल शासक !
- खजुराहो में जैन मंदिरो का निर्माण चंदेल शासको द्वारा किया गया !
- जैन तीर्थकरों की जीवनी भद्रबाहु द्वारा रचित कल्पसूत्र में है !
- जैन धर्म में आत्मा की मान्यता है !
बौद्ध धर्म का इतिहास (Bodh dharm in hindi)
- बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध थे इन्हे एशिया का ज्योतिपुज्ज कहा जाता है !
- गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई. पूर्व में कपिलवस्तु के लुम्बिनी नामक स्थान पर हुआ था !
- इनके पिता शुद्धोधन शाक्य गण के मुखिया थे !
- गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था !
- इनका विवाह 16 वर्ष की अवस्था में यशोधरा साथ हुआ !
- इनके पुत्र का नाम राहुल था !
- सांसारिक समस्याओ से व्यवस्थित होकर सिद्धार्थ ने 29 वर्ष की अवस्था में गृह-त्याग किया !
- जिसे बौद्ध धर्म में महाभिनिस्क्रमण कहा गया है !
- ग्रह-त्याग करने के बाद सिद्धार्थ ने वैशाली के अलारकलाम से सांख्य दर्शन की शिक्षा ग्रहण की !
- अलारकलाम सिद्धार्थ के प्रथम गुरु हुए ! अलारकलाम के बाद सिद्धार्थ ने राजगीर के रुद्रकरामपुत्त से शिक्षा ग्रहण की !
- ज्ञान प्राप्ति के बाद सिद्धार्थ बुद्ध के नाम से जाने गए और वह स्थान बोधगया कहलाया !
- बुद्ध ने अपना प्रथम उपदेश सारनाथ में दिया जिसे बौद्ध ग्रंथो में धर्मचक्रप्रवर्तन कहा गया है !
- गौतम बुद्ध ने अपने उपदेश जनसाधारण की भाषा पालि में दिए !
- बुद्ध ने अपने उपदेश कौशल, वैशाली, कौशाम्बी व अन्य राज्यों में दिए !
बौद्ध धर्म से सम्बन्धित
- सर्वाधिक उपदेश कौशल देश राजधानी श्रावस्ती में दिए !
- इनके प्रमुख अनुयायी शासक थे – बिम्बिसार, प्रसेनजित व उदयिन !
- बौद्धधर्म के बारे में हमे विशद ज्ञान त्रिपिटक – विनयपिटक, सूत्रपिटक, अभिदम्भपिटक से प्राप्त होता है !
- तीनो पिटक की भाषा पालि है !
- बौद्ध धर्म मूलतः अनीश्वरवादी है इसमें आत्मा की परिकल्पना भी नहीं है !
- इस धर्म में पुनर्जन्म की मान्यता है !
- तृष्णा को क्षीण हो जाने की अवस्था को ही बुद्ध ने निर्वाण कहा है !
- ”विश्व दुःखो से भरा है” का सिंद्धान्त बुद्ध ने उपनिषद से लिया !
- बुद्ध के अनुयायी 2 भागों में विभाजित थे – 1. भिक्छुक 2. उपासक !
- बौद्ध धर्म के त्रिरत्न है – बुद्ध , धम्म एवं संघ !
- अनीश्वरवाद के सम्बन्ध में बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म से समानता है !
- भारत में उपासना की जाने वाली प्रथम मूर्ति सम्भवतः बुद्ध की थी !
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