Ladkiyon Ki Zindagi Aasan Nahi Hoti | Monika Singh | Poetry

Ladkiyon Ki Zindagi Aasan Nahi Hoti | Monika Singh | Poetry


इस कविता के बारे में :

इस काव्य ‘लड़कियों की ज़िन्दगी आसान नहीं होती‘ को G Talks के लेबल के तहत मोनिका सिंह ने लिखा और प्रस्तुत किया है।

*****

भाई की लाड़ली है और है

हर फ़िक्र से अनजान

माँ का सपना और है

पिता का अभिमान


***

पर क्या जानते है आप की नन्ही

सी इन परियों की

एक दायरे से बाहार कभी उड़ान नहीं

होती और जितना सोचते है हम

लड़कियों की ज़िन्दगी उतनी

आसान नहीं होती


***

जन्म लेते ही माँ इनके शादी

के गहने जुटाने लगती है

क्या सही है क्या गलत हर बात

पर समझाने लगती है

देखो तुम लड़की हो अपना ध्यान रखना

ज़माने को बदलना

मुमकिन नहीं इसलिए कपड़ो का
ख़ास

ख़याल ऱखना

सुनो किसी की बातो में मत आना

और कुछ भी गलत लगे


***

तो सबसे पहले आकर मुझे बताना

ज़माने के साथ चलना इन्हे बेशक

सिखाया जाता है

पर साथ ही एक दायरा भी

समझाया जाता है

खुद की ही जन्मी दुनिया में खुद

ही मेहफ़ूज़ नहीं होती

और जितना सोचते है हम

लड़कियों की ज़िन्दगी उतनी

आसान नहीं होती


***

बचपन से ही कभी रूप,

कभी रंग, कभी व्यव्हार

को लेकर टोकि जाती है

तुम अकेले कैसे करोगी, कहा रहोगी,

के न जाने कितने अफसरों से रोकी जाती है

कहने को लड़को के बराबर है

आज पर मौका मिलते ही आँखे इनपे

ही सेकी जाती है


***

कभी जन्म से पहले कभी हवस का

शिकार बन फिर कूड़े में फेकि जाती है

गलतियां कई नज़रअंदाज़ करती है

बेशक पर नज़रिये से कभी ये किसी

के अंजान नहीं होती

और जितना सोचते है हम

लड़कियों की ज़िन्दगी उतनी

आसान नहीं होती


***

एक घर में बचपन बीते और दूसरे

में जीवन बिताना पड़ता है

माँ, भाई, बहन, पापा, का प्यार
मानो

एकदिन में भूलना पड़ता है

एक हाथ से कई रिश्ते छूटे और

दूसरा हाथ कई रिश्तो के लिए बढ़ाना पड़ता है

कई बार मन मिले न मिले पर


***

उम्रभर बेमन ही हर बंधन निभाना पड़ता है

किसी एक शख्स की खातिर ये अपनी

पूरी ज़िन्दगी बदल लेती है

फिर भी इनकी उम्र भर अपनी

कोई अलग पहचान नहीं होती

और जितना सोचते है हम

लड़कियों की ज़िन्दगी उतनी

आसान नहीं होती


***

बात बात पे आंखे इनकी गीली होती है

बेवजह बेतुकी बातो पर ये अक्सर रोती है
हाँ

को ना, और ना को हां कहती है

मुँह से कुछ कहे ना कहे पर

बात सारी मनवाती है

बाते ये खुद की अपने तक रख नहीं पाती है


***

बस तुझे बता रही हूँ किसी को कहना मत

कह फिर सबको बताती हैं

आदतों में गलतियां कई शुमार है बेशक

पर नियत इनकी कभी बईमान नहीं होती

और जितना सोचते है हम

लड़कियों की ज़िन्दगी उतनी आसान नहीं होती


***

साल में सेकड़ो बार इन्हे देवी बना पूजा जाता है

फिर महीने के उन दिनों में ना जाने

कियूं अलग सोचा जाता है

बहोत से रिवाज़ बने है इन दिनों के लिए

पर अफ़सोस इस दर्द पर किसी

का ध्यान नहीं जता है


***

लड़की है ठीक से काम ना कर पायेगी

कभी बीमारी, कभी फॅमिली तो कभी

कुछ और बहाना बनाएगी

भगवान का दिया हर दर्द सराखों पर

पर ज़माने तेरी ये सोच बर्दाश्त नहीं होती

और जितना सोचते है हम

लड़कियों की ज़िन्दगी उतनी आसान नहीं होती

*****
 

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