हम आपके लिए मशहूर तुर्की ड्रामा “अर्तुग्रुल ग़ाज़ी” के कुछ बेहतरीन कोट्स हिंदी में लेकर आए हैं। अगर आपको हमारी कोशिश पसंद आए और ऐसा कंटेंट और पढ़ना चाहें तो हमें कमेंट करके ज़रूर बताएँँ और इस पोस्ट को अपने दोस्तों के साथ शेयर करें..।





ईमान की ताकत के आगे,फौलाद भी कमज़ोर पड़ जाता है..।
ज़ुल्फिकार से अच्छी ना कोई तल्वार है,ना अली से बड़ा कोई बहादुर ज़मीन पर..।
दुश्मन हमें हर वक्त,चौंकन्ना रखेगा, बेदार रखेगा..।
हमें जब आप जैसे दोस्तों का साथ मुयस्सर है,तो दुश्मन हम पर कैसे खौफदारी कर सकता है..।
कबूतर कितना भी तेज़ उड़े,शेर के पंजे से कभी बचकर नहीं जा सकता..।
मैंने ज़िंदगी में हज़ारों मुश्किलें देखी हैं, और ईमान की ताकत से उनका मुकाबला किया है।
झूठा इल्जा़म सच्चे आदमी को सुरखुरू करता है, ईमान को मज़बूत करता है।
अल्लाह अजीज़ भी है और मुन्तकिल भी।
मेहमान तो वही अच्छे जो बताकर पहुँचें।

बड़े बड़े बहादुर इश्क से डरते हैं,वजूद को पारा पारा कर दें तो भी ऐसीअज़ीयत ना होगी।
वो दिल जिसमें सरदारी के लिए लालच आ जाए,जंग के काबिल नहीं रहता..।
ये लालच एक बार खून में सलाहियत कर जाए अगर,तो समझो खुद को धकेल दिया अंगारों में..।
हम लोग अपनी ही जमीनों पर रहमदिली की कीमत चुका रहेे हैं ,इन गद्ददारों को पाल कर।
-Ertugrul
हम तुर्क मासूमों की उम्मीद बनना चाहेंगे.।
रात मुसलमानों के लिए पर्दे की तरह है.।
अल्लाह का मेहमान अपने साथ दस नेमतें लाता है वो एक खाता है और नौ हमारे लिए छोड़ता है।
सरदार के बोलने के बाद कोई कैसे बोल सकता है।
जिसके साथ अल्लाह हो, उसे कोई अफ़सोस नहीं.।
अगर लोहे को पिघलाया ना जाए, तो वो कभी तलवार नहीं बनती।
-Artuk Bey
तलवार चलाने के लिए एक बहादुर की ज़रूरत होती है। बहादुर को रियासत की और रियासत को एक हाकिम की ज़रूरत होती है और खान के लिए उनके असूल और रिवायात.।
-Artuk Bey
कानून रियासत की जान है।
-Artuk Bey
जिस तरह पहाड़ अपनी जगह कायम रहता है,एक सरदार कबीले को मोहताईद रखता है।
-Artuk Bey
एक बिखरा हुआ पानी नहीं बल्कि एक गहरा पानी आपको डुबाता है।
-Artuk Bey
कबीले के लिए सरदार तलवार के ज़ोर पर नहीं,बल्कि अपनी जु़बान की बुनियाद पर मुन्तखिब किया जाता है..।
-Sulayeman Shah
एक सरदार का फर्ज़ है कि फितनों को उबरने से पहले ही दबा दे..।
-Sulayeman Shah
इंसाफ करने के लिए तकलीफें भी उठानी पड़ती हैं..।
-Hayma Hatun
ना अपने मुकाम से गिरना और नाबिसात से बढ़कर अहद अपनी जान पर लेना..।
-Hayma Hatun
जो माफ नहीं करता, उसे भी माफ नहीं किया जाता।
-Hayma Hatun
दिल की गहराइयों में पलता रहने दो अपने इंतकाम को, मगर इसे अपने मकसद की राह का पत्थर ना बनने देना कभी..।
-Paithrozo
दुश्मनों की ताकत का अन्दाज़ालगाना एहमकों का काम है..।
-Titush
इंतेकाम मेरा है, मैं अपने हाथों से लूँगा..।
-Titush
ना आगाज़ का इल्म है,ना मन्ज़िल की खबर..।
-Ibn-ul-Arabi
किस्मत का क्या पता,कब कहाँ ले जाए..।
-Ibn-ul-Arabi
जब सूरज चमक रहा है,
तो और किसी शह से क्या लेना..।
-Ibn-ul-Arabi
अपना राज़ अपने सीने में रखने वाला खुद भी
चैन से रहता है और उसका राज़ भी। तो राज़ खुदराज़दार की हिफाजत करता है..।
-Ibn-ul-Arabi
परिंदे हमेशा अपने हमजायों के साथ रहते हैं, शाहीन शाहीनों के साथ, कौए कौओं के साथ।
-Ibn-ul-Arabi
ये दुनिया एक मदरसा है फरज़ंद, यहाँ हर कोई
तालिबे-इल्म है, और आलिम सिर्फ एक – अल्लाह।वो सिर्फ अपने खास बंदों को ही मुख्तलिफ इम्तिहानों से गुज़ारता है।
-Ibn-ul-Arabi
कहर और लुत्फ ,रहमत और भलाई सब उसकी ही तरफ से है।
-Ibn-ul-Arabi
इम्तिहान के दौरान तरह-तरह की मुश्किलें भी झेलनी पड़ती हैं, तभी सबसे बड़े बहादुर कहलाओगे..।
-Ibn-ul-Arabi
अल्लाह को तवक्कुल पसंद है, जल्दबाज़ी नहीं..।
-Ibn-ul-Arabi
अगर कोई शख्स खाई में गिर जाए ,तो अल्लाह पर भरोसा करके उससे बाहर निकलने का रास्ता ढूँढना ही तवक्कुल है..।
-Ibn-ul-Arabi
बाज़ लोगों का इम्तिहान बहुत सख्त होता है, और उनका रुक कर बैठना सही नहीं होता..।
-Ibn-ul-Arabi
अल्लाह बंदे के जाहिर को नहीं, बातिन को देखते हैं।
-Ibn-ul-Arabi
बड़े ख्वाबों के लिए बड़ी कुर्बानियाँ देनी पड़ती हैं।
-Ibn-ul-Arabi
कमाल सब्र की कोख से फूटता है।
-Ibn-ul-Arabi
सब्र से अच्छी कोई छाँव नहीं है इस दुनिया में।
-Ibn-ul-Arabi
जो बीज मौसम की सर्दियाँ बर्दाश्त नहीं कर सकता,वो कभी फल नहीं ला सकता।
-Ibn-ul-Arabi
आबे हयात सिर्फ उसे मिलेगा जिसेईमान की तलब होगी।
-Ibn-ul-Arabi
ईमान उम्मीद का सबब होता है।
-Ibn-ul-Arabi
कोई शख्स हर जाइज़ नाजायज तरीका इख्तियारकरके भी किसी सरज़मीन का वारिस नहीं बन सकता।
-Ibn-ul-Arabi
जो हालात-ए-जंग में भी नफ्स पर काबू रखे,मुल्क-ए-खुदा का मालिक यकीनन वही होगा।
-Ibn-ul-Arabi
अपने वतन की मोहब्बत ईमान का हिस्सा है।
-Ibn-ul-Arabi
बख्शीश के लिए माफ़ी का हक़दार होना ज़रूरी है..।
-Ibn-ul-Arabi
हम लोग अपने हथियार और अपना वजूद, दुश्मन से टकराने के लिए हर वक्त तैयार रखते हैं, दुनिया के लालच के लिए नहीं। शहादत के अलावा और कोई मक़सद नहीं हमारा।
-Turgut Alp
शायद बात नहीं समझे तुम वक़्त ज़ाया कर रहे हो अपना, अगर हम दौलत के लालच में लड़े तुम्हारे लिए तो हमारी तलवारें जंगालूत हो जाएंगी ,बहादुरी खो बैठेंगे हम अपनी।
-Dogan Alp
हम एक ऐसे बहरीन जहाज़ पर सवार हैं जिसका बादबान ही नहीं, अल्लाह रहम करे हम पर। -Turgut Alp
एक ऐसा लश्कर चाहता हूँ जो रूस से फारिस के शहरों तक होनेवाली हर बर्बरियत और ज़ुल्म का इंतकाम ले ।
-Ertugrul
ज़ुल्म को रोकना, ये हमारा मक़सद ए हयात है।
– Turgut Alp
जो ज़ुल्म के खिलाफ डट जाये वो ही सच्चा तुर्क है।
-Ertugrul
मज़लूमों की आवाज़ बनेंगे तो ही तुर्क कहलाएंगे।
-Ertugrul
चाहे पहाड़ खोद डालें और उन पहाड़ों को जिन्दान बना डालें, अल्लाह के नूर को कोई नहीं रोक पाएगा।
-Ertugrul
ईमान है मेरा की मौत का वक़्त मुक़र्रर होता है,मौत तो खुद ज़िन्दगी की मुहाफ़िज़ है।
- Ertugrul
ये उस रब की ज़ात है जो सब करती है। देखती है और हमें दिखाती है, जीना बख्शती है और फना भी कर डालती है वो। हम इंसान तो बस उसके इद्दतगुज़ार हैं।
– Gani Bhai
एक बहादुर की निगाह बुज़दिल की तलवार से ज़्यादा तेज़ होती है।
- Ertugrul
तलवार पकड़ने के लिए हिम्मत चाहिए होती है और घोड़े को मोहब्बत से सधाया जाता है और एक जवान अपने ईमान से सिपाही बनता है।
– Deli Demir
मंज़िल जितनी अज़ीम हो रास्ते उतने ही मुश्किल होते हैं।
– Gani Bhai
दो ऐसेे जंगजू कबाइल जिनमें बहादुर और बेबाक सिपाही मौजूद हों, उनके दरमियाँ एक छोटी सी चक्खलिश बड़ा ख़लफिशान बन सकती है।- Sardar khushnood
इश्क ही तो है, जिसपे जान पर बनी रहती है और एक मुर्दा जिस्म में ये जान भी लाता है।- Gani Bhai Gaarwaleजो जाँच ना रखे, वो गुमराह हो सकते हैं,जो चौकन्ना ना हो, वो शिक़स्त खा सकता हैऔर जो गुमराह हो वो तंगनज़र हो जाता हैऔर एक कतरे में डूब जाता है।
– Ertugrul






ईमान की ताकत के आगे,फौलाद भी कमज़ोर पड़ जाता है..।
ज़ुल्फिकार से अच्छी ना कोई तल्वार है,ना अली से बड़ा कोई बहादुर ज़मीन पर..।
दुश्मन हमें हर वक्त,चौंकन्ना रखेगा, बेदार रखेगा..।
हमें जब आप जैसे दोस्तों का साथ मुयस्सर है,तो दुश्मन हम पर कैसे खौफदारी कर सकता है..।
कबूतर कितना भी तेज़ उड़े,शेर के पंजे से कभी बचकर नहीं जा सकता..।
मैंने ज़िंदगी में हज़ारों मुश्किलें देखी हैं, और ईमान की ताकत से उनका मुकाबला किया है।
झूठा इल्जा़म सच्चे आदमी को सुरखुरू करता है, ईमान को मज़बूत करता है।
अल्लाह अजीज़ भी है और मुन्तकिल भी।
मेहमान तो वही अच्छे जो बताकर पहुँचें।


बड़े बड़े बहादुर इश्क से डरते हैं,वजूद को पारा पारा कर दें तो भी ऐसीअज़ीयत ना होगी।
वो दिल जिसमें सरदारी के लिए लालच आ जाए,जंग के काबिल नहीं रहता..।
ये लालच एक बार खून में सलाहियत कर जाए अगर,तो समझो खुद को धकेल दिया अंगारों में..।
हम लोग अपनी ही जमीनों पर रहमदिली की कीमत चुका रहेे हैं ,इन गद्ददारों को पाल कर।
-Ertugrul
हम तुर्क मासूमों की उम्मीद बनना चाहेंगे.।
रात मुसलमानों के लिए पर्दे की तरह है.।
अल्लाह का मेहमान अपने साथ दस नेमतें लाता है वो एक खाता है और नौ हमारे लिए छोड़ता है।
सरदार के बोलने के बाद कोई कैसे बोल सकता है।
जिसके साथ अल्लाह हो, उसे कोई अफ़सोस नहीं.।
अगर लोहे को पिघलाया ना जाए, तो वो कभी तलवार नहीं बनती।
-Artuk Bey
तलवार चलाने के लिए एक बहादुर की ज़रूरत होती है। बहादुर को रियासत की और रियासत को एक हाकिम की ज़रूरत होती है और खान के लिए उनके असूल और रिवायात.।
-Artuk Bey
कानून रियासत की जान है।
-Artuk Bey
जिस तरह पहाड़ अपनी जगह कायम रहता है,एक सरदार कबीले को मोहताईद रखता है।
-Artuk Bey
एक बिखरा हुआ पानी नहीं बल्कि एक गहरा पानी आपको डुबाता है।
-Artuk Bey
कबीले के लिए सरदार तलवार के ज़ोर पर नहीं,बल्कि अपनी जु़बान की बुनियाद पर मुन्तखिब किया जाता है..।
-Sulayeman Shah
एक सरदार का फर्ज़ है कि फितनों को उबरने से पहले ही दबा दे..।
-Sulayeman Shah
इंसाफ करने के लिए तकलीफें भी उठानी पड़ती हैं..।
-Hayma Hatun
ना अपने मुकाम से गिरना और नाबिसात से बढ़कर अहद अपनी जान पर लेना..।
-Hayma Hatun
जो माफ नहीं करता, उसे भी माफ नहीं किया जाता।
-Hayma Hatun
दिल की गहराइयों में पलता रहने दो अपने इंतकाम को, मगर इसे अपने मकसद की राह का पत्थर ना बनने देना कभी..।
-Paithrozo
दुश्मनों की ताकत का अन्दाज़ालगाना एहमकों का काम है..।
-Titush
इंतेकाम मेरा है, मैं अपने हाथों से लूँगा..।
-Titush
ना आगाज़ का इल्म है,ना मन्ज़िल की खबर..।
-Ibn-ul-Arabi
किस्मत का क्या पता,कब कहाँ ले जाए..।
-Ibn-ul-Arabi
जब सूरज चमक रहा है,
तो और किसी शह से क्या लेना..।
-Ibn-ul-Arabi
अपना राज़ अपने सीने में रखने वाला खुद भी
चैन से रहता है और उसका राज़ भी। तो राज़ खुदराज़दार की हिफाजत करता है..।
-Ibn-ul-Arabi
परिंदे हमेशा अपने हमजायों के साथ रहते हैं, शाहीन शाहीनों के साथ, कौए कौओं के साथ।
-Ibn-ul-Arabi
ये दुनिया एक मदरसा है फरज़ंद, यहाँ हर कोई
तालिबे-इल्म है, और आलिम सिर्फ एक – अल्लाह।वो सिर्फ अपने खास बंदों को ही मुख्तलिफ इम्तिहानों से गुज़ारता है।
-Ibn-ul-Arabi
कहर और लुत्फ ,रहमत और भलाई सब उसकी ही तरफ से है।
-Ibn-ul-Arabi
इम्तिहान के दौरान तरह-तरह की मुश्किलें भी झेलनी पड़ती हैं, तभी सबसे बड़े बहादुर कहलाओगे..।
-Ibn-ul-Arabi
अल्लाह को तवक्कुल पसंद है, जल्दबाज़ी नहीं..।
-Ibn-ul-Arabi
अगर कोई शख्स खाई में गिर जाए ,तो अल्लाह पर भरोसा करके उससे बाहर निकलने का रास्ता ढूँढना ही तवक्कुल है..।
-Ibn-ul-Arabi
बाज़ लोगों का इम्तिहान बहुत सख्त होता है, और उनका रुक कर बैठना सही नहीं होता..।
-Ibn-ul-Arabi
अल्लाह बंदे के जाहिर को नहीं, बातिन को देखते हैं।
-Ibn-ul-Arabi
बड़े ख्वाबों के लिए बड़ी कुर्बानियाँ देनी पड़ती हैं।
-Ibn-ul-Arabi
कमाल सब्र की कोख से फूटता है।
-Ibn-ul-Arabi
सब्र से अच्छी कोई छाँव नहीं है इस दुनिया में।
-Ibn-ul-Arabi
जो बीज मौसम की सर्दियाँ बर्दाश्त नहीं कर सकता,वो कभी फल नहीं ला सकता।
-Ibn-ul-Arabi
आबे हयात सिर्फ उसे मिलेगा जिसेईमान की तलब होगी।
-Ibn-ul-Arabi
ईमान उम्मीद का सबब होता है।
-Ibn-ul-Arabi
कोई शख्स हर जाइज़ नाजायज तरीका इख्तियारकरके भी किसी सरज़मीन का वारिस नहीं बन सकता।
-Ibn-ul-Arabi
जो हालात-ए-जंग में भी नफ्स पर काबू रखे,मुल्क-ए-खुदा का मालिक यकीनन वही होगा।
-Ibn-ul-Arabi
अपने वतन की मोहब्बत ईमान का हिस्सा है।
-Ibn-ul-Arabi
बख्शीश के लिए माफ़ी का हक़दार होना ज़रूरी है..।
-Ibn-ul-Arabi
हम लोग अपने हथियार और अपना वजूद, दुश्मन से टकराने के लिए हर वक्त तैयार रखते हैं, दुनिया के लालच के लिए नहीं। शहादत के अलावा और कोई मक़सद नहीं हमारा।
-Turgut Alp
शायद बात नहीं समझे तुम वक़्त ज़ाया कर रहे हो अपना, अगर हम दौलत के लालच में लड़े तुम्हारे लिए तो हमारी तलवारें जंगालूत हो जाएंगी ,बहादुरी खो बैठेंगे हम अपनी।
-Dogan Alp
हम एक ऐसे बहरीन जहाज़ पर सवार हैं जिसका बादबान ही नहीं, अल्लाह रहम करे हम पर। -Turgut Alp
एक ऐसा लश्कर चाहता हूँ जो रूस से फारिस के शहरों तक होनेवाली हर बर्बरियत और ज़ुल्म का इंतकाम ले ।
-Ertugrul
ज़ुल्म को रोकना, ये हमारा मक़सद ए हयात है।
– Turgut Alp
जो ज़ुल्म के खिलाफ डट जाये वो ही सच्चा तुर्क है।
-Ertugrul
मज़लूमों की आवाज़ बनेंगे तो ही तुर्क कहलाएंगे।
-Ertugrul
चाहे पहाड़ खोद डालें और उन पहाड़ों को जिन्दान बना डालें, अल्लाह के नूर को कोई नहीं रोक पाएगा।
-Ertugrul
ईमान है मेरा की मौत का वक़्त मुक़र्रर होता है,मौत तो खुद ज़िन्दगी की मुहाफ़िज़ है।
- Ertugrul
ये उस रब की ज़ात है जो सब करती है। देखती है और हमें दिखाती है, जीना बख्शती है और फना भी कर डालती है वो। हम इंसान तो बस उसके इद्दतगुज़ार हैं।
– Gani Bhai
एक बहादुर की निगाह बुज़दिल की तलवार से ज़्यादा तेज़ होती है।
- Ertugrul
तलवार पकड़ने के लिए हिम्मत चाहिए होती है और घोड़े को मोहब्बत से सधाया जाता है और एक जवान अपने ईमान से सिपाही बनता है।
– Deli Demir
मंज़िल जितनी अज़ीम हो रास्ते उतने ही मुश्किल होते हैं।
– Gani Bhai
दो ऐसेे जंगजू कबाइल जिनमें बहादुर और बेबाक सिपाही मौजूद हों, उनके दरमियाँ एक छोटी सी चक्खलिश बड़ा ख़लफिशान बन सकती है।- Sardar khushnood
इश्क ही तो है, जिसपे जान पर बनी रहती है और एक मुर्दा जिस्म में ये जान भी लाता है।- Gani Bhai Gaarwaleजो जाँच ना रखे, वो गुमराह हो सकते हैं,जो चौकन्ना ना हो, वो शिक़स्त खा सकता हैऔर जो गुमराह हो वो तंगनज़र हो जाता हैऔर एक कतरे में डूब जाता है।
– Ertugrul