कान्हा के लिए होली पर राधा की शायरी

कान्हा के लिए होली पर राधा की शायरी


दोस्तों इस पोस्ट को पूरा पढ़े , इसमें भारत के मुख्य त्योहारों में से एक होली के शुभ अवसर पर राधा जो कान्हा की दीवानी थी उनके द्वारा कान्हा के लिए बहोत ही खूबसूरत होली के शायरिओं वर्णन किया गया है जिनकी जानकारी होने पर आप होली के परम्परागत त्यौहार पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को खूबसूरत होली की शुभकामानएं दे सकते हैं।

बड़ी जलन सी होती है,
अगर रंग लगाए कोई और उसे,
उस पर बस मेरा ही हक़ है,
क्यों छेड़े कोई दूजा और उसे,


Badi Jalan Si Hoti Hai hai,
Agar Rang Lagai Koi Aur Use,
Us Par Bas Mera Haq Hai,
Kyou Chede Koi Dooja Aur Use

होली के इस अवसर पर,
मैं जमकर कान्हा को रंग लगाउंगी,
लाल गुलाल से उसे सजाकर,
फिर रास रासने जाऊंगी।


Holi Ke Is Avsar Par,
Mai Jamkar Kanha Ko Rang Lagaungi,
Lal Gulal Se Use Sajakar,
Phir Ras Rasane Jaungi.

मेरे मन का सौदागर है वो,
मैं जन्म जन्म से उसकी ही दीवानी हूँ,
यूं रंग गई हूँ उसके रंगों में,
मैं प्रेम की अमिट निशानी हूँ।


Mere Man Ka Saudagar Hai Vo,
Mai Janm – Janm Se Uski Hi Diwani Hoo,
You Rang Gai Uske Rngo Me,
Mai Prem Ki Amit Nishani Hoo.

ना भूल सके कान्हा मुझको,
ऐसे प्रेम रंग लगाउंगी,
रंगरसिया के गुलाली चेहरे को देखकर,
शर्म से लाल हो जाऊंगी।


Naa Bhool Sake Kanha Mujhko,
Aise Prem Rang lagaungi,
Rangrasiya Ke Gulali Chehre Ko Dekhkar,
Sharm Se Lal Ho Jaungi.

ऐ कान्हा तू छुपके आना,
ना रंग दे कोई और तुझे,
रंग गुलाल लिए इंतज़ार है तेरा,
एक तू ही तो है पसंद मुझे।


Aye Kanha Tu Chupke Aana,
Na Rang De Koi Aur tujhe,
Rang Gulal Liye Intzar Hai Tera,
Ek Tu Hi To Hai Pasand Mujhe.

कान्हा ने ऐसा रंग लगाया,
मैं तो रंग गई उसके ही रंग में,
बावरी हो गई प्रेम में उसके,
चल पड़ी छोड़ सब उसके ही संग में।


Kanha Ne Aisa Rang Lagaya,
Mai To Rnag Gai Uske Hi Rang Me,
Bawari Ho Gai Prem Me Uske,
Chal Padi Chod Sab Uske Hi Sang Me.
 

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