Hello दोस्तों ! इस पोस्ट में हम Integration testing के बारें में बात करेगे, तथा यह क्या और क्यों होती है इसके बारें में भी बात करेगे, तो चलिए शुरू करते है:-
Integration testing सॉफ्टवेर टेस्टिंग की एक विधि है जिसमें दो या दो से अधिक सॉफ्टवेर units या modules को एक साथ combine किया जाता है तथा एक समूह में उनकी टेस्टिंग की जाती है।
Integration टेस्टिंग को एक integration टेस्टर के द्वारा perform किया जाता है। यह टेस्टिंग unit testing के बाद तथा validation testing के पहले की जाती है. जब unit testing कर ली जाती है तो प्रत्येक unit को एक-एक करके integrate किया जाता है और यह क्रिया तब तक चलती है जब तक कि सारें units को integrate नही कर लिया जाएँ।
इस integration testing में किसी एक unit को तब तक integrate नही किया जा सकता है जब तक कि सभी units तैयार ना हों।
यह testing बहुत ही risky होती है क्योंकि अगर हमने सही तरीके से documentation नही किया तो इसमें failure होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस testing का advantage यह है कि यह छोटे systems के लिए सुविधाजनक है।
इसका disadvantage यह है कि इसमें faults तथा bugs को ढूढ़ पाना बहुत ही मुश्किल होता है अगर कोई fault मिल भी जाता है तो fault के होने का मुख्य कारण का पता लगाना बहुत ही hard हो जाता है तथा इस testing में बहुत ही समय लग जाता है।
What is Integration Testing?
इस testing का मुख्य उद्देश्य integrated units के मध्य bugs तथा faults को खोजना है तथा units के मध्य कार्य, performance तथा विश्वसनीयता को identify करना है।Integration testing सॉफ्टवेर टेस्टिंग की एक विधि है जिसमें दो या दो से अधिक सॉफ्टवेर units या modules को एक साथ combine किया जाता है तथा एक समूह में उनकी टेस्टिंग की जाती है।
Integration टेस्टिंग को एक integration टेस्टर के द्वारा perform किया जाता है। यह टेस्टिंग unit testing के बाद तथा validation testing के पहले की जाती है. जब unit testing कर ली जाती है तो प्रत्येक unit को एक-एक करके integrate किया जाता है और यह क्रिया तब तक चलती है जब तक कि सारें units को integrate नही कर लिया जाएँ।
Integration testing approach
Integration testing की बहुत सी approaches है उनमें से ये कुछ निम्न है:-- Top-down approach
- Bottom-up approach
- Big bang approach
Top-down approach
इस integration testing में top level के integrated units को सबसे पहले test किया जाता है तथा उसके बाद उसके निचे वाले sub-units को test किया जाता है।Bottom-up approach
इस integration testing में सबसे पहले bottom level के sub-units को test किया जाता है तथा उसके बाद ऊपर के मुख्य units को test किया जाता है।Big bang approach
इस प्रकार की testing में सभी units को एक साथ integrate कर लिया जाता है तथा इसके बाद एक समूह में सभी को test कर लिया जाता है।इस integration testing में किसी एक unit को तब तक integrate नही किया जा सकता है जब तक कि सभी units तैयार ना हों।
यह testing बहुत ही risky होती है क्योंकि अगर हमने सही तरीके से documentation नही किया तो इसमें failure होने का खतरा बढ़ जाता है।
इस testing का advantage यह है कि यह छोटे systems के लिए सुविधाजनक है।
इसका disadvantage यह है कि इसमें faults तथा bugs को ढूढ़ पाना बहुत ही मुश्किल होता है अगर कोई fault मिल भी जाता है तो fault के होने का मुख्य कारण का पता लगाना बहुत ही hard हो जाता है तथा इस testing में बहुत ही समय लग जाता है।