Science ने कितनी तरक्की कर ली है अब इंसान चाँद से लेकर मंगल तक पहुंच गया है space की जानकारी ले ली है परन्तु क्या हम अपनी पृथ्वी के बारे में जानते है ,हम अपनी पृथ्वी के बारे में जितना जानते है वो सिर्फ उसका 10% ही है शायद उससे भी कम हो। धरती के अंदर ऐसे अनगिनत रहस्य छुपे है जिनका हमे आज तक पता नहीं चला है।
1070 दशक के आसपास space और धरती की जानकारी पाने की होड़ सी लग गई थी इसी होड़ में Russia ने कुछ ऐसे कर दिया की लोग हैरत में पड़ गए, Russia इस कारनामे ने धरती के कई रहस्य खोले।
परन्तु क्या आपको पता है यह थ्योरी बस एक assumption पर आधारित है , ये एक अनुमानित जानकारी है इसके अंदर Actual में क्या है किसी को नहीं पता ,Russia ने 1970 दशक के आसपास धरती की जानकारी के लिए एक गढ्ढा खोदना सुरु किया जब उसने गढ्ढे को खोदना सुरु किया तो 3 या 4 KM में ही उसे हैरत अंगेज चीजे मिलनी सुरु हो गई जब उसने 7 KM तक खोदा तो उसे पानी के अंश मिले तो वैज्ञानिक ये देखकर हैरान हो गए की इतना निचे पानी कैसे मिल सकता है।
उनके अनुमान से ये hydrogen और ऑक्सीजन के चलते बना था, फिर उन्होंने जैसे जैसे खोदना चालू किया तो उन्हें बहुत सी अद्भुत चीज़ो का पता चला परन्तु उन लोगो खुलकर कुछ बताया नहीं, जब 12 km तक पहुंचे तो उन्हें गैस मिली जैसे हीलियम ऑक्सीजन नाइट्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड इसके अलावा भी कुछ गैस मिली परतु वे हैरान तब हुए जब उन्हें माइक्रोब्स यानि सूक्ष्म जीव मिले उन्हें ये देख कर हैरानी हुयी की धरती के नीचे इतनी गर्मी में ये live formation कैसे हो रहा है , उन्होंने वह मिलने वाले rocks यानी चट्टानों की जाँच की तो पता चला वो 2 बिलियन वर्ष पुराने है लगभग 2800000000 वर्ष पुराने थे, इस गढ़े की खुदाई लगातार 19 वर्षों तक चली तब जाकर 12 km की खुदाई हो पाई जो कि इसके inner core की गहराई का 1% भी नहीं है अब जरा सोचिए 12 km की गहराई को खोदने में 19 साल लग तो आगे खोदने में कितने साल लगते।
19 वर्ष तक इसकी खुदाई करने के बाद अचानक 1994 में इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया उन्होंने साफ साफ तो नहीं कहा की इस प्रोजेक्ट क्यों बंद किया जा रहा है परंतु उन्होंने जो बताया वो reason प्रोजेक्ट बंद करने के लिए काफी था।
कुछ लोगो का मानना था की उन्हें जो कुछ भी मिला, उसके रहस्य को छुपाने के लिए उस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया ,
कुछ तो ये भी कहते है की उस गढ्ढे से इंसानी चीखने चील्लाने की आवाज़े आने लगी थी , जिससे उन्हें निचे नरक लोक होने का अनुमान लगा तो उन्होंने उसे बंद कर दिया इसीलिये इस door of hell या नरक का द्वारा भी कहते है , अब आप में से कुछ लोग इस थ्योरी को नहीं मानेगे परन्तु इतने निचे किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज़ कहा से आ सकती है , अब जो भी था Russian government कुछ तो छुपा रही थी संभवतः ये भी एक कारण हो सकता हो।
अब इस गढ्ढे की हकीकत क्या है ये तो बस उस जानकारी पर ही है ,जो जानकारी disclosed किया गया था बाकि तो सिर्फ assumption है परन्तु जो भी हो उस गढ्ढे को फिर दोबारा नहीं खोला गया , कुछ तो राज़ छुपा था उस गढ्ढे जिसे Russian government छुपाना चाहती है, आप इस गढ्ढे को देखना भी चाहते है तो देख नहीं सकते रुस्सियन गोवेर्मेंट ने इसे permanently 1994 में sealed कर दिया था।
निष्कर्ष – हमारा मकसद सिर्फ आप तक कोला सुप्परदीप बोरहोल की जानकारी पहुंचना था मानना न मानना आप पर निर्भर करता है , आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में टिपण्णी कर के बता सकए है।
1070 दशक के आसपास space और धरती की जानकारी पाने की होड़ सी लग गई थी इसी होड़ में Russia ने कुछ ऐसे कर दिया की लोग हैरत में पड़ गए, Russia इस कारनामे ने धरती के कई रहस्य खोले।
Kola Supperdeep Borehole दुनियां का अबतक का सबसे बड़ा गढ़ा
जैसा की हमें बचपन में पढ़या गया था की हमारी धरती के अंदर 5 कोर या लेयर मिलते है जो की इस प्रकार है- Crust
- upper mantle
- Mantle
- Inner mantle
- Inner core
परन्तु क्या आपको पता है यह थ्योरी बस एक assumption पर आधारित है , ये एक अनुमानित जानकारी है इसके अंदर Actual में क्या है किसी को नहीं पता ,Russia ने 1970 दशक के आसपास धरती की जानकारी के लिए एक गढ्ढा खोदना सुरु किया जब उसने गढ्ढे को खोदना सुरु किया तो 3 या 4 KM में ही उसे हैरत अंगेज चीजे मिलनी सुरु हो गई जब उसने 7 KM तक खोदा तो उसे पानी के अंश मिले तो वैज्ञानिक ये देखकर हैरान हो गए की इतना निचे पानी कैसे मिल सकता है।
उनके अनुमान से ये hydrogen और ऑक्सीजन के चलते बना था, फिर उन्होंने जैसे जैसे खोदना चालू किया तो उन्हें बहुत सी अद्भुत चीज़ो का पता चला परन्तु उन लोगो खुलकर कुछ बताया नहीं, जब 12 km तक पहुंचे तो उन्हें गैस मिली जैसे हीलियम ऑक्सीजन नाइट्रोजन कार्बन डाइऑक्साइड इसके अलावा भी कुछ गैस मिली परतु वे हैरान तब हुए जब उन्हें माइक्रोब्स यानि सूक्ष्म जीव मिले उन्हें ये देख कर हैरानी हुयी की धरती के नीचे इतनी गर्मी में ये live formation कैसे हो रहा है , उन्होंने वह मिलने वाले rocks यानी चट्टानों की जाँच की तो पता चला वो 2 बिलियन वर्ष पुराने है लगभग 2800000000 वर्ष पुराने थे, इस गढ़े की खुदाई लगातार 19 वर्षों तक चली तब जाकर 12 km की खुदाई हो पाई जो कि इसके inner core की गहराई का 1% भी नहीं है अब जरा सोचिए 12 km की गहराई को खोदने में 19 साल लग तो आगे खोदने में कितने साल लगते।
Reason behind the closing project, क्यों इस प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा
19 वर्ष तक इसकी खुदाई करने के बाद अचानक 1994 में इस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया उन्होंने साफ साफ तो नहीं कहा की इस प्रोजेक्ट क्यों बंद किया जा रहा है परंतु उन्होंने जो बताया वो reason प्रोजेक्ट बंद करने के लिए काफी था।
- उनके मुताबिक यहाँ की गर्मी १०० डिग्री सेल्सियस होनी चाहिए थी परतु उनके उम्मीद से परे यहाँ की गर्मी 180 डिग्री सेल्सियस थी इस temperature में काम करना नामुमकिन सा था , जहाँ 100 डिग्री पर पानी ख़ौलाने लगता है 180 डिग्री में काम करना तो नामुकिन था ही ।
- जैसे गहराई बढ़ती जा रही थी, वैसे वैसे धरती के dencity यानि घनत्व भी बढ़ता जा रहा था जिसके खुदाई करना मुश्किल हो गया था ये गधा लगभग १२६२ मीटर गहरा था
- इस प्रोजेक्ट को करने में बहुत ही ज्यादे पैसे खर्च हो रहे थे जिसके चलते इस प्रोजेक्ट को बंद करना पड़ा था।
पताल लोक या नरक लोक के सबूत, इस गढ्ढे से सुनाई देती है चीखें
कुछ लोगो का मानना था की उन्हें जो कुछ भी मिला, उसके रहस्य को छुपाने के लिए उस प्रोजेक्ट को बंद कर दिया गया ,
कुछ तो ये भी कहते है की उस गढ्ढे से इंसानी चीखने चील्लाने की आवाज़े आने लगी थी , जिससे उन्हें निचे नरक लोक होने का अनुमान लगा तो उन्होंने उसे बंद कर दिया इसीलिये इस door of hell या नरक का द्वारा भी कहते है , अब आप में से कुछ लोग इस थ्योरी को नहीं मानेगे परन्तु इतने निचे किसी के चीखने चिल्लाने की आवाज़ कहा से आ सकती है , अब जो भी था Russian government कुछ तो छुपा रही थी संभवतः ये भी एक कारण हो सकता हो।
अब इस गढ्ढे की हकीकत क्या है ये तो बस उस जानकारी पर ही है ,जो जानकारी disclosed किया गया था बाकि तो सिर्फ assumption है परन्तु जो भी हो उस गढ्ढे को फिर दोबारा नहीं खोला गया , कुछ तो राज़ छुपा था उस गढ्ढे जिसे Russian government छुपाना चाहती है, आप इस गढ्ढे को देखना भी चाहते है तो देख नहीं सकते रुस्सियन गोवेर्मेंट ने इसे permanently 1994 में sealed कर दिया था।
निष्कर्ष – हमारा मकसद सिर्फ आप तक कोला सुप्परदीप बोरहोल की जानकारी पहुंचना था मानना न मानना आप पर निर्भर करता है , आपको यह जानकारी कैसी लगी हमें कमेंट बॉक्स में टिपण्णी कर के बता सकए है।
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