कौन थी रानी राशमणि जिसने कलकता शहर को बशया था।
रानी राशमणि के बारे मे जानने से पहले ये जानना जरूरी है की उन्होंने देश के लिये क्या क्या किया।
रानी राशमणि कैवर्त जाति की थी जो आजकल अनुसूचित जाति में शामिल है।
क्या दलित नेताओं को रानी राशमणि को नायिका नहीं बनाना चाहिए था....?
नहीं ये नेता तो सिर्फ वोट के भूखे महान हस्तियों के परिवार को या उन्हे इस देश मे सम्मान नहीं मिलता, चाहे वो चंद्रशेखर आज़ाद की माँ हो या नेता जी सुभाष चंद्र बॉस के परिवार हो या झाँसी की रानी के पुत्र हो या तात्या टोपे के परिवार वाले हो वो या तो ग़रीबी में जिये या आज़ भी उनके वंशज ग़रीबी मे ही जी रहे है, परन्तु उन्हे इस देश में सम्मान नही मिला लेकिन देश के गद्दार आज़ ऐसो आराम से हैं चाहें वो झाँसी की रानी के साथ किये गद्दार सिंधिया परिवार हो या भगत सिंह के खिलाफ़ गवाही देने ग़द्दार वे सभी आज़ शानों शौकत से रह रहे है इस देश मे।
रानी राशमणि के बारे मे जानने से पहले ये जानना जरूरी है की उन्होंने देश के लिये क्या क्या किया।
- हावड़ा में गंगा पर पुल बनाकर कलकत्ता शहर बसाया
- अंग्रेजों को ना तो नदी पर टैक्स वसूलने दिया और ना दुर्गा पूजा की यात्रा रोकने दिया
- कलकत्ता में दक्षिणेश्वर मंदिर बनवाया
- कलकत्ता में गंगा नदी पर बाबू घाट, नीमतला घाट बनवाया
- श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर का पुनरोद्धार करवाया
- मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि की दीवार बनवाई
- ढाका में मुस्लिम नवाब से 2000 हिंदुओं की स्वतंत्रता खरीदी
- रामेश्वरम से श्रीलंका के मंदिरों के लिए नौका सेवा शुरू किया
- कलकत्ता का क्रिकेट स्टेडियम इनके द्वारा दान दी गई भूमि पर बना है।
- सुवर्ण रेखा नदी से पुरी तक सड़क बनाया
- प्रेसिडेंसी कॉलेज और नेशनल लाइब्रेरी के लिए फंड दिया
इन महान हस्ती का नाम रानी_राशमणि है
ये कलकत्ता के जमींदार की विधवा थी। 1793 से 1863 तक के जीवन काल में रानी ने इतना यश कमाया है कि इनकी बड़ी बड़ी प्रतिमाएं दिल्ली और शेष भारत में लगनी चाहिए थी।रानी राशमणि कैवर्त जाति की थी जो आजकल अनुसूचित जाति में शामिल है।
क्या दलित नेताओं को रानी राशमणि को नायिका नहीं बनाना चाहिए था....?
नहीं ये नेता तो सिर्फ वोट के भूखे महान हस्तियों के परिवार को या उन्हे इस देश मे सम्मान नहीं मिलता, चाहे वो चंद्रशेखर आज़ाद की माँ हो या नेता जी सुभाष चंद्र बॉस के परिवार हो या झाँसी की रानी के पुत्र हो या तात्या टोपे के परिवार वाले हो वो या तो ग़रीबी में जिये या आज़ भी उनके वंशज ग़रीबी मे ही जी रहे है, परन्तु उन्हे इस देश में सम्मान नही मिला लेकिन देश के गद्दार आज़ ऐसो आराम से हैं चाहें वो झाँसी की रानी के साथ किये गद्दार सिंधिया परिवार हो या भगत सिंह के खिलाफ़ गवाही देने ग़द्दार वे सभी आज़ शानों शौकत से रह रहे है इस देश मे।
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