Opinions of foreigners about India: भारत देश के बारे मे के बारे में विदेशियों की राय

भारत एक ऐसा देश हैं जिसकी संस्कृति सबसे पुरानी हैं, आज से हजारों वर्ष पहले जब लोग पशु के समान जीते थे,भारत मे शिक्षित लोग हुआ करते थे, भारत मे सबसे पुराने विश्वविद्यालय तक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालय, और विक्रमशिला विश्वविद्यालय थे, जो आज खंडहर बने हुवे हैं, परंतु आज़ भी ये खंडहर अपनी भाब्यता को बयाँ करते हैं, आदि काल मे भारत ही पूरे विश्व का शिरोमणि हुआ करता था, परंतु विदेशी आक्रमणकारियों के छल कपट और और अत्याचार से भारत का विकाश ठेहर सा गया था, परंतु कुछ वीर सपूतों के कारण भारत पुनः खड़ा हो रहा हैं, इन्ही वीरों ने विदेशों भी अपनी वीरता की गाथा का छाप छोड़ा हैं। आइये जानते हैं हमारी मातृभूमि भारत देश के बारे मे विदेशियों की राय।

भारत देश के बारे मे के बारे में विदेशियों की राय​

अलबर्ट आइन्स्टीन - हम भारत के बहुत ऋणी हैं, जिसने हमें गिनती सिखाई, जिसके बिना कोई भी सार्थक वैज्ञानिक खोज संभव नहीं हो पाती।

रोमां रोलां (फ्रांस) - मानव ने आदिकाल से जो सपने देखने शुरू किये, उनके साकार होने का इस धरती पर.. कोई स्थान है, तो वो है भारत।

हू शिह( चीन) - सीमा पर एक भी सैनिक न भेजते हुए भारत ने बीस सदियों तक सांस्कृतिक धरातल पर चीन को जीता और उसे प्रभावित भी किया।

मैक्स मुलर (जर्मनी) अर्थशास्त्री- यदि मुझसे कोई पूछे की किस आकाश के तले मानव मन अपने अनमोल उपहारों समेत पूर्णतया विकसित हुआ है, जहां जीवन.. की जटिल समस्याओं का गहन विश्लेषण हुआ और समाधान भी प्रस्तुत किया गया, जो उसके भी प्रसंशा का पात्र हुआ जिन्होंने प्लेटो और कांट का अध्ययन किया, तो मैं भारत का नाम लूँगा।

मार्क ट्वेन- मनुष्य के इतिहास में जो भी मूल्यवान और सृजनशील सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत में है। आर्थर शोपेन्हावर - विश्व भर में ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जो उपनिषदों जितना उपकारी और उद्दत हो। यही मेरे जीवन को शांति देता रहा है, और वही मृत्यु में भी शांति देगा।

हेनरी डेविड थोरो - प्रातः काल मैं अपनी बुद्धिमत्ता को अपूर्व और ब्रह्माण्डव्यापी गीता के तत्वज्ञान से.. स्नान करता हूँ, जिसकी तुलना में हमारा आधुनिक विश्व और उसका साहित्य अत्यंत क्षुद्र और तुच्छ जान पड़ता है।

राल्फ वाल्डो इमर्सन - मैं भगवत गीता का अत्यंत ऋणी हूँ। यह पहला ग्रन्थ है जिसे पढ़कर मुझे लगा की किसी विराट शक्ति से हमारा संवाद हो रहा है। विल्हन वोन हम्बोल्ट- गीता एक अत्यंत सुन्दर और संभवतः एकमात्र सच्चा दार्शनिक ग्रन्थ है जो किसी अन्य भाषा में नहीं। वह एक ऐसी गहन और उन्नत वस्तु है जिस पर सारी दुनिया गर्व कर सकती है।

एनी बेसेंट -विश्व के विभिन्न धर्मों का लगभग ४० वर्ष अध्ययन करने के बाद मैं. इस नतीजे पर पहुंची हूँ की हिंदुत्व जैसा परिपूर्ण, वैज्ञानिक, दार्शनिक और अध्यात्मिक धर्म और कोई नहीं। इसमें कोई भूल न करे बिना हिंदुत्व के भारत का कोई भविष्य है। हिंदुत्व ऐसी भूमि है जिसमे भारत की जड़े गहरे तक पहुंची है, यदि हिन्दू ही यदि हिंदुत्व की रक्षा नही करेंगे, तो कौन करेगा? अगर भारत के सपूत हिंदुत्व में विश्वास नहीं करेंगे तो कौन उनकी रक्षा करेगा? भारत ही भारत की रक्षा करेगा। भारत और हिंदुत्व एक ही है।
 

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