Greed Is Bad Thing Story Hindiकाअंश: वह खजाने को प्रतिदिन गिना करता था। वह उस बगीचे में इतने बार आया गया कि एक चोर की नजर उसपे पड़ गयी, और वह चोर उसकी जासूसी शुरू कर दिया।…। इस Greed Is Bad Thing Story Hindi को अंत तक जरुर पढ़ें…
एक कंजूस आदमी ने अपने बगीचे में एक गुप्त जगह पर अपना सोना छुपा कर रखा था।
हर दिन वह मौका पाकर अपने खजाने को देखने जाता था, जहाँ खजाना गडा हुआ था वह उस जगह को खोद कर और यह सुनिश्चित करता कि सब कुछ ठीक है।
वह खजाने को प्रतिदिन गिना करता था। वह उस बगीचे में इतने बार आया गया कि एक चोर की नजर उसपे पड़ गयी, और वह चोर उसकी जासूसी शुरू कर दिया।
चोर ने अनुमान लगाया कि कुछ तो किमती चीज़ है जिसे कंजूस आदमी ने बगीचे में छिपा रखा है और जैसे ही चोर ने खजाने को देखा उसने उसी रात चुपचाप खजाना खोद कर चोरी कर लिया।
जब कंजूस आदमी को अपने खजाने की चोरी के बारे में पता चला, तो वह निराशा और दुःख में डूब गया।
वह बहुत ही रोया और अपने बालों को जोर जोर से खीचना शुरू कर दिया। एक राहगीर ने उसकी रोने की आवाज सुनी और उसकी अजीब सी हरकत देख उसे पूछा कि क्या हुआ?
“मेरा सोना! मेरा खजाना!” कंजूस बेतहाशा रोया, और बोला, “किसी ने मुझे लूट लिया है!” मेरा सब कुछ चोरी क्र ले गया।
“आपका सोना! उस गढ़े में! आप इसे वहां क्यों रखे थे? आपने इसे अपने घर में क्यों नहीं रखा, जहाँ आप आसानी से इसकी देख भाल और उपयोग कर सकते थे, जब भी आपको कोई महंगी चीजें खरीदनी की जरूरत होती आप इससे से खरीद लेते?”
“सोने को खर्च!” कंजूस गुस्से से चिल्लाया। ” मैंने कभी अपना सोना नहीं छुआ।” मैंने इसमें से कुछ भी खर्च करने का कभी सोचा भी नही।”
अजनबी ने एक बड़ा पत्थर उठाया और उसे गड़े में फेंक दिया।
फिर अजनबी ने कंजूस आदमी से कहा “अगर ऐसा ही है, तो “उस पत्थर को मिटी से ढँक दो।” यह आपके लिए उतना ही मूल्यवान होगा जितना की आपका खजाना ! “
नैतिक: बचत, बुद्धिमानी और उचित रूप से खर्च करना एक अच्छी आदत है यदि आप इसे एक अच्छे उद्देश्य के लिए करते हैं।
एक कंजूस आदमी ने अपने बगीचे में एक गुप्त जगह पर अपना सोना छुपा कर रखा था।
हर दिन वह मौका पाकर अपने खजाने को देखने जाता था, जहाँ खजाना गडा हुआ था वह उस जगह को खोद कर और यह सुनिश्चित करता कि सब कुछ ठीक है।
वह खजाने को प्रतिदिन गिना करता था। वह उस बगीचे में इतने बार आया गया कि एक चोर की नजर उसपे पड़ गयी, और वह चोर उसकी जासूसी शुरू कर दिया।
चोर ने अनुमान लगाया कि कुछ तो किमती चीज़ है जिसे कंजूस आदमी ने बगीचे में छिपा रखा है और जैसे ही चोर ने खजाने को देखा उसने उसी रात चुपचाप खजाना खोद कर चोरी कर लिया।
जब कंजूस आदमी को अपने खजाने की चोरी के बारे में पता चला, तो वह निराशा और दुःख में डूब गया।
वह बहुत ही रोया और अपने बालों को जोर जोर से खीचना शुरू कर दिया। एक राहगीर ने उसकी रोने की आवाज सुनी और उसकी अजीब सी हरकत देख उसे पूछा कि क्या हुआ?
“मेरा सोना! मेरा खजाना!” कंजूस बेतहाशा रोया, और बोला, “किसी ने मुझे लूट लिया है!” मेरा सब कुछ चोरी क्र ले गया।
“आपका सोना! उस गढ़े में! आप इसे वहां क्यों रखे थे? आपने इसे अपने घर में क्यों नहीं रखा, जहाँ आप आसानी से इसकी देख भाल और उपयोग कर सकते थे, जब भी आपको कोई महंगी चीजें खरीदनी की जरूरत होती आप इससे से खरीद लेते?”
“सोने को खर्च!” कंजूस गुस्से से चिल्लाया। ” मैंने कभी अपना सोना नहीं छुआ।” मैंने इसमें से कुछ भी खर्च करने का कभी सोचा भी नही।”
अजनबी ने एक बड़ा पत्थर उठाया और उसे गड़े में फेंक दिया।
फिर अजनबी ने कंजूस आदमी से कहा “अगर ऐसा ही है, तो “उस पत्थर को मिटी से ढँक दो।” यह आपके लिए उतना ही मूल्यवान होगा जितना की आपका खजाना ! “
नैतिक: बचत, बुद्धिमानी और उचित रूप से खर्च करना एक अच्छी आदत है यदि आप इसे एक अच्छे उद्देश्य के लिए करते हैं।