संस्कृत अनुवाद सीखने का पहला अभ्यास

संस्कृत अनुवाद सीखने का पहला अभ्यास


संस्कृत भाषा को अति सरल,सुबोध बनाने के लिए हम आपको इन अभ्यासों के जरिए आसानी से संस्कृत बोलना और अपनी प्रतिदिन की दिनचर्या में संस्कृत भाषा का प्रयोग कुछ इस तरह से करे।

संस्कृत अनुवाद सीखने का पहला अभ्यास

(क) सः (वह), तौ (वे दोनों), ते ( वे सब), भवान् (आप, पुंलिंग), भवती (आप, स्त्रीलिंग), (सर्वनाम शब्द)। रामः (राम), ईश्वरः (ईश्वर या स्वामी), बालकः (बालक), मनुष्यः (मनुष्य), नरः (मनुष्य), ग्राम: (गाँव), नृपः (राजा), विद्यालयः (विद्यालय)। (१३) । (ख) भू (होना), पठ् (पढ़ना), लिखु (लिखना), हस् (हँसना), गम् (जाना), आगम् (आना) । (६) । (ग) अत्र ( यहाँ), इह (यहाँ), यत्र (जहाँ.), तत्र (यहाँ), कुत्र (कहाँ), क्व (कहाँ) । (६)

सूचना- 1. शब्दकोष के लिए ये संकेत स्मरण कर लें :

(ये संकेत सभी अभ्यासों के लिए हैं।)

(क) – संज्ञा या सर्वनाम शब्द। (ग) अव्यय या क्रियाविशेषण

(ख) = धातु या क्रिया शब्द। ( घ) विशेषण शब्द।

2. (क) चिह्न – (अर्थात् लकीर) ‘तक’ अर्थ का बोधक है। जैसे, 1-10 अर्थात् 1 से 10 तक। राम-विद्यालय, राम से विद्यालय तक के शब्द।

(ख) ‘वत्’ अर्थात् तुल्य, सदृश। जैसे—’रामवत्’ अर्थात् राम के तुल्य रूप चलेंगे। ‘भवतिवत्’ अर्थात् भवति के तुल्य रूप चलेंगे।

3. (क) राम-विद्यालय, रामवत् अर्थात् राम शब्द से विद्यालय शब्द तक के रूप राम शब्द के तुल्य चलेंगे।

(ख) भू–आगम्, भवतिवत्

व्याकरण (लट् परस्मैपद, कर्तृवाच्य)​

1.राम: रामौ रामा: प्रथमा (कर्ता) -संक्षिप्तरूप अः औ आः प्रo

रामम् रामौ रामान् द्वितीया (कर्म)-अकारान्तु पुं० अम् औ आन् द्वि०

संक्षिप्तरूप शब्द के अन्त में लगेंगे। जैसे, बालकः बालकौ बालकाः, बालकम् आदि।

2.’भू’ धातु ‘लट्’ लकार (वर्तमानकाल)

भवति भवतः भवन्ति प्रथम पुरुष – संक्षिप्तरूप अति अतः अन्ति प्र० पु०

संक्षिप्तरूप अन्त में लगाकर अन्य धातुओं के रूप बनाइए। जैसे-पठति, लिखति, हसति, गच्छति, आगच्छति आदि। लट् आदि में गम् को गच्छ हो जाता है। लट् वर्तमानकाल ।

नियम

नियम 1. कर्ता के अनुसार क्रिया का वचन और पुरुष होता है। जैसे-सः पठति

कर्ता प्रथमपुरुष एकवचन है तो क्रिया भी प्रथमपुरुष एकवचन होगी।

नियम 2.’भवत्’ (आप) शब्द के साथ सदा प्रथमपुरुष आता है।

नियम 3.- तीनों लिंगों में धातु का रूप वही रहता है।

नियम 4.- कर्ता में प्रथमा होती है और कर्म में द्वितीया होती है।

नियम 5.- (अपदं न प्रयुञ्जीत) बिना प्रत्यय लगाये शब्द या धातु का प्रयोग न करें। रामः पठति, प्रयोग होगा। राम पठ्, नहीं।

नियम 6.एक अर्थवाले (पर्यायवाची) शब्दों में से एक शब्द का ही प्रयोग करें।

1. (उदाहरण वाक्य )

1.वह पढ़ता है- सः पठति ।

2. वे दो पढ़ते हैं (पढ़ रहे हैं) – तौ पठतः ।

3. वे सब पढ़ते हैं-ते पठन्ति।

4. आप यहाँ आते हैं-भवान् अत्र आगच्छति।

5. आप दोनों हँसते हैं- भवन्तौ हसतः ।

6. आप सब जाते हैं- भवन्तः गच्छन्ति

7. आप लिखती हैं- भवती लिखति।

8. वहाँ क्या हो रहा है? तत्र किं भवति ?

2. (संस्कृत बनाओ )

1. वह लिखता है।

2.वह गाँव को जाता है।

3.वह आताहै।

4.बालक पढ़ता है।

5. राम लिखता है

6.मनुष्य हँसता है।

7. राजा यहाँ आता है।
 

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